ऑफिस स्ट्रेस या दबाव से कैसे निपटें

अपना जॉब

आजकल संजोग वश कुछ ऐसा दौर चला है सब युवा पढ़ लिखकर सर्विस करने को ही अपना लक्ष्य बनाते हैं,इस सर्विस में युवा पीढ़ी को इस बात को जान लेना चाहिए 365 दिन जिस ऑफिस में वे काम करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें वहाँ किन बातों और परिस्थिति का सामना करना है।

Table of Contents

वर्क कहाँ करें

अपने पसंद के स्थान और अपनी पसंद का काम ही हमें खुशी दे सकता है।हम जो भी काम करें अपने पसंद का ही काम चयन करें,उस स्थान पर ही काम करें जहां काम करने में मन लगता महसूस हो, इससे ऑफिस के काम में भी मन लगेगाऔर स्वयं को भी उत्साहित महसूस करेंगे।अपने काम को अपना कर्तव्य और अपना काम समझ कर करें,इससे सकारात्मकता भी बनी रहेगी और काम में भी खूब मन लगेगा।

सबसे पहले अपने काम का चयन वो ही करें जो हमारी शौक हो और जिससे हम मन लगाकर काम कर सकेंगे।
उसके बाद हम यह देखें कि जिस ऑफिस में हम काम कर रहे हैं वहां हमारा सारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा या नहीं,तभी हम वहां मन लगाकर काम कर सकेंगे।उसके बाद ही हम उस ऑफिस में जॉब करने का निर्णय लें।

अपने जॉब में अनुशासन का जिम्मा स्वयं लें

ऑफिस स्ट्रेस से निपटने के लिए अपनी जिम्मेदारी स्वयं ले।अपने तय समय पर ही ऑफिस पहुंचे और समय से काम को निपटा कर ऑफिस के नियम अनुसार ऑफिस बंद होने के बाद ही ऑफिस से बाहर निकले।ऑफिस के सभी अनुशासन का अपनी जिम्मेदारी समझ कर पालन करें

ऑफिस समय पर ही पहुँचें

हर काम को समय पर ही करने का पूरा प्रयास करें।अपने ऑफिस पहुंचने का समय बिल्कुल सही रखें,क्योंकि आपके अकेले के अनुशासन तोड़ने से पूरे ऑफिस का अनुशासन बिगड़ता है।

अपने कार्य क्षमता को निर्धारित कर एक्स्ट्रा छुट्टी ले

अपने मस्तिष्क की समय सीमा का निर्धारण रखते हुए अपने काम करें। ऑफिस के दबाव से बचने के लिए जरूरत होने पर एक्स्ट्रा छुट्टी ले और अपने मस्तिष्क को विश्राम दे
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कहीं आपका ऑफिस  स्ट्रेस आपके व्यवहार में न झलकने लगे,नहीं तो आपका दबाव और बढ़ सकता है,इस वजह से कहीं आपको अपने काम से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

सीनियर से बात करें

कई बार काम के दौरान कुछ ऐसी चुनौतियां झेलनी पड़ती है जिसके लिए समझ नहीं आता क्या करें क्या न करें ऐसी परिस्थिति में अपने सीनियर से सलाह मशवरा करें और उस चुनौती का सही रास्ता निकालकर अपने मन के बोझ को हल्का करें,जरूरत पड़ने पर अपने घर के किसी रिश्तेदार या मित्र से भी इस विषय में चर्चा करें।मन ही मन दुखी रह कर उस परिस्थिति को झेलते न रहे।

लिस्ट बनाकर योजनाबद्ध तरीके से काम करें

लिस्ट बनाकर ही काम करें।जहां तक बन पड़े अपने काम की नोटबुक बनाकर रखें और अपने सब काम को उस नोटबुक में नोट रखें।इससे काम छूटेगा भी नहीं, क्रमबद्ध तरीके से चलता रहेगा और समय अनुसार सारे काम पूरे हुए नजर आएंगे।योजनाबद्ध तरीके से लिखे रहने से कुछ भी काम छूटेगा नहीं, और काम समय पर पूरा हुआ रहने से आप भी उत्साहित रहेंगे।

इसे भी पढ़े:-

Reality and Importance of Indian Education System

शिक्षा क्या है 84 लाख योनियों में केवल मनुष्य ही विद्यार्थी है, और शिक्षा का अधिकारी है बाकी अन्य तो सब भोग योनी है केवल मनुष्य योनि ही शिक्षा के

Read More »

Friendship Day | Who is Friend

हमारा मित्र वह होता है जिसके साथ हमारा मन मिलता है,जिसकी आदतें हमसे मिलती है,जिसके साथ समय बिताना,जिसकी आदतें और व्यवहार हमको पसंद आता है।अपने मित्र को हम स्वयम चुनते

Read More »

The meaning of skill | स्किल का मतलब

स्किल का मतलब (Meaning of Skill ) है, किसी कौशल को कोई व्यक्ति बेहतर तरीके से करने में सक्षम बनता है। किसी काम में विशेष ज्ञान और क्षमता का होना

Read More »

What Should You Do If Someone Insults You? | कोई अपमानित करें तो क्या करें?

अपमान ( Insults ) का मतलब है किसी के मन को गलत बात या व्यवहार कैसा किसी गलत कार्य अथवा बोली के द्वारा ठेस पहुंचाना या सामने वाले व्यक्ति का

Read More »

What to do for Developed India Sankalp Yatra | विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए क्या करें

 विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए क्या करें ( What to do for Developed India Sankalp Yatra )भारत को विकासशील से विकसित देश की ओर ले जाने के लिए जरूरी

Read More »

मल्टी टास्किंग ना करें

शांत और क्रमबद्ध तरीके से काम करते हुए एक बार में कई काम ना करें। इससे आपका मस्तिष्क भी शांत रहेगा और चेहरे पर प्रसन्नता भी बनी रहेगी।

हर काम को लिखित रखें

इसके लिए एक डायरी भी मेंटेन कर सकते हैं। अतिरिक्त दबाव से बचाने के लिए अपने हर एक काम को लिख कर ही रखें जरूरत और महत्वपूर्णता के हिसाब से काम की सूची तैयार करके रखें और सबसे जरूरी काम सबसे पहले करें।ऐसा करने से हम अतिरिक्त दबाव से बच जाते हैं,और प्रमुख काम हमेशा पूरे हुए नजर आते हैं।

अपनी मेज़ टेबल व्यवस्थित रखें

 मेज टेबल कागजात या ऑफिस के समान व्यवस्थित रहने से काम करने मे आसानी होगी,क्योंकि इधर उधर व्यवस्थित रखी चीजों से काम करने में मन नहीं लगता।

अन्य साथियों के साथ रिश्ते

अपने जॉब में अपने साथ काम करने वाले सभी वर्कर से अपने रिश्ते सामान्य बनाकर रखें इससे काम करने में आसानी होगी।

ऑफिस के समय

ऑफिस में टेबल पर बैठेकर अपने काम पर ही पूरा फोकस रखें जब टेबल छोड़कर ब्रेक में इधर-उधर जाए,तभी अपने ऑफिस के बाहर या अपने किसी निजी कार्य को करें।ऑफिस में टेबल पर बैठकर या काम के दौरान किसी तरह के बाहरी काम को ना करें।

बन ठन कर ऑफिस जायें

ऑफिस जब भी आए,बन ठन कर आने का ही प्रयास करें।साफ-सुथरे और व्यवस्थित कपड़े पहनने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।अगर संभव हो तो हाथों पर घड़ी पहनें।अपने जूते या चप्पल जरूर साफ सुथरे रखें।

अपने चेहरे पर मुस्कान बनाकर रखें

हंसते और मुस्कुराते रहने वाले इंसान को हर व्यक्ति पसंद करता है,और हम स्वयं भी खुद में एक सकरात्मकता महसूस करते हैं इसलिए सदैव हंसते और मुस्कुराते रहें। इससे आप सदैव आकर्षित बने रहेंगे

ऑफिस मे मौन और आभारी का व्यवहार

ऑफिस में मौन रहना भी हमारे प्रभाव को बढ़ाता है इसलिए काम के दौरान जरूरत के अनुसार ही बोलें और किसी अन्य साथी या कलीग से मदद लेनी पड़े तो उसका आभार प्रकट करना भी ना भूले।

समय प्रबंधन

लंच और ब्रेक के दौरान आप भले ही काम के प्रेशर से थोड़ा देर से बाहर जाते हो फिर तो काम पर आने का समय निर्धारित रखें, और ब्रेक समय खत्म होते ही अपने चेयर पर पहुंच जाएं।इसी तरह ऑफिस में पहुंचने का समय बिल्कुल निर्धारित रखें और ठीक समय पर ही पहुंचे भले ही आप काम के दबाव से थोड़ा लेट भी निकलते हों तो भी पहुंचने का समय ऐसी सोच बनाकर कि मैं लेट जाता हूं आने का समय आगे पीछे ना होने दें इससे आपका प्रभाव बढ़ता है।

मनपसंद लंच ब्रेक के दौरान ले

मनपसंद लंच और नाश्ते का हमारे मन पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और पेट भरा होने से काम में मन भी लगता है इसलिए अपना मनपसंद लंच समय पर जरूर करें।अपने लंच या ब्रेक के दौरान आप आसपास के किसी गार्डन में बैठकर भी लंच कर सकते हैं।इस दौरान थोड़ी खुली हवा में रहने का मौका भी हमको मिल जाता है।इस समय हम प्रकृति के बीच थोड़ा प्राणायाम करके या हल्के-फुल्के शारीरिक व्यायाम करके भी  खुद को तरोताजा कर सकते हैं।

फोन को कार्य स्थल पर शांत या कंपन या अलर्ट मोड में रखें

काम के समय अपने फोन को वाइब्रेट मोड पर ही रखें ताकि ऑफिस में अन्य कर्मचारियों को आपके फोन की आवाज से किसी तरह की परेशानी ना हो।

छुट्टी लें

कई बार ऑफिस का काम करते-करते हम काफी थक जाते हैं इसके लिए एक्स्ट्रा छुट्टियां भी लें और इसके लिए हर संभव अपने सीनियर को अग्रिम सूचना दें।इससे ऑफिस का काम भी न रुकेगा या बिगड़ेगा।

चेयर पर बैठे बैठे

अपनी कुर्सी पर बैठे हुए भी हम हाथों या पैरों की उंगलियों को थोड़े थोड़े मूवमेंट करते रहें जिससे हम खुद को तरोताजा महसूस कर सकते हैं।

सुबह सुबह

सुबह-सुबह 10 मिनट ही सही किंतु एक्सरसाइज जरूर करें,इससे हम स्वयं को काफी ऊर्जावान महसूस करा सकते हैं अगर आसपास के गार्डन में किसी तरह की लाफिंग क्लास या योग शिक्षा चलती हो तो उसे भी जरूर जॉइंट करें।

काम के दौरान

काम के दौरान बीच-बीच में थोड़ा पानी जरूर पिए। इससे बेहतर निर्णय लेते रहने की शक्ति मिलती है।हमारे बेहतर निर्णय ही हमें प्रभावशाली बनाते हैं।

ध्यान दें

उपरोक्त चीजों का पूरा ध्यान रखें और जरूरत पड़ने पर अपने सीनियर सलाहकारों से सलाह ले।
अपने टेबल और अपने काम करने के स्थान पर छोटे-छोटे बदलाव करते रहे।बदलाव करते रहे, जैसे उसे साफ करते रहें, कभी मेज पर कोई प्रेरोणादायक लिखकर लगाएं या कभी फूल का गुलदस्ता रखें या कभी किसी रोल मॉडल पुरुष की फोटो लगाएं जिससे ऊर्जा बनी रहती है

किसी भी नशे से बचें

आजकल के ऑफिस के दबाव से युवा पीढ़ी का यह देखने में आता है वे तरह-तरह के नशे करते हैं जिसकी वजह से उन्हें क्षणिक सुख तो प्राप्त होता है किंतु उनका भविष्य बिगड़ जाता है,इसलिए इस तरह के किसी ऑफिस के कलीग का संग न करें, इससे आपका वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित रहेगा।

घर जाकर

ऑफिस का काम निपटाने के बाद फटाफट घर जाकर अगर संभव हो तो कुछ देर फ्री हैंड एक्सरसाइज करें अपने शरीर को 10 से 15 मिनट का समय तरोताजा होने में दें। जरूरत होने पर अपने घर पर छोटी मिनी जिम के सामान लाकर रखें और जहाँ थोड़ी देर अपने शरीर को पुश अप करें।

मनोरंजन

फिर कुछ देर अपने मनपसंद कार्यक्रम टीवी भी देख सकते हैं।इस दौरान इस बात का ध्यान रखें ऐसा कोई कार्यक्रम ना देखते रहें, जिससे सोने में देर हो या जिसकी वजह से दूसरे दिन की नींद पूरी ना होने की वजह से आप थकान महसूस करें। समय से ही सोए और समय से उठें।

परिवार का साथ

रात्रि भोजन परिवार के सभी सदस्य साथ मिल कर करें, इससे युवा पीढी को समय पर घर पहुँचने की चिंता होती है, वे इधर उधर जाने से बचते हैं, और इस समय परिवार के साथ भोजन करने से एक साथ बैठकर एक दूसरे के साथ बातें करने का मौका भी मिल जाता है।

जय श्री कृष्ण

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version