खुशहाल परिवार की क्या विशेषताएं होती है ? | What are the characteristics of a happy family?

परिवार ,जहाँ कई पीढ़ियों के लोग मिलकर रहते हैं उसे कहते हैं परिवार ।यहाँ रहने वाले सभी सदस्य का एक ही मकसद होता है कि हम शेयरिंग करें ,हम केयरिंग करें, हम क्रिएशन करें, इसीलिए हमें परिवार की जरूरत है।

यहां शेयरिंग का मतलब हम अपनी खुशी को उन लोगों के साथ मिलकर साझा कर पाते हैं ,जो जीवन में सदैव हमारे साथ रहते हैं।

कैरिंग का मतलब हम उन लोगों की परवाह करते हैं जो सदैव हमारे साथ रहते हैं ,जो हमें खुशियां देते हैं, जिनका संग हमें हँसाता है,जो लोग हमारी चिंता करते हैं ।

क्रिएशन का मतलब वह है, परिवार के सदस्य हमारे भविष्य के लिए हमें मार्गदर्शन करते हैं ,और सबके भविष्य के निर्माण के लिए , सब मिल जुल कर रहते हैं ।इन तीनों कारणों से ही परिवार का प्रत्येक सदस्य खुश रहता है ।

परिवार के साथ रहना और खुश रहना आज के इस समय में एक चुनौती है ,फिर भी कुछ परिवारों में यह देखा जाता है कि वह सदैव प्रसन्न रहते हैं ,उनमें कुछ विशेष चीजें देखी जाती है ।परिवार का हर सदस्य अपने परिवार की अहमियत जानता है ,उसके लिए वह कुछ नियम फॉलो करते हैं और खुशहाल दिखते हैं।

खुशहाल परिवार मे आम बात | What are the characteristics of a happy family?

घर में खुशी है तभी बाहर भी खुशी महसूस होती है। हम अपने आप को तभी सफल और खुश महसूस करते हैं, जब हम अपने घर में प्रसन्न रह पाते हैं। सभी परिवार के सदस्याओं में ऐसा देखा जाता है, वे जब भी एक दूसरे से मिलते हैं, बड़ी ही गर्मजोशी के साथ मिलते हैं, गले लगते हैं, हाथ मिलाते हैं, खूब जोर से हंसते हैं, मुस्कुराकर अभिनंदन करते हैं।

इन परिवारों में देखा जाता है, इनमें बर्दाश्त करने की सीमा बहुत अधिक होती है। वे आपस में बातें करते हैं ,चर्चा करते हैं, उसके बाद ही कोई निर्णय लेते हैं। इससे परिवार के सभी सदसय प्रसन्नता महसूस करते हैं। वे कुछ अनकही बात अगर किसी सदस्य के द्वारा कह भी दी जाए तो भी वे सहन कर लेते हैं, पलट कर जवाब नहीं देते ,इससे उनका प्रेम बना रहता है।

इन परिवार के सदस्यों में देखा जाता है ये एक दूसरे को सिर्फ प्रसन्न करने की ही कोशिश करते नजर आते हैं ।यह एक दूसरे की आदत को बताते हैं ,लिखते हैं, और उनमें में जो बातें सामने वाले अन्य सदस्य को प्रसन्नता देंगी, जो उन्हें आदर देंगी ,वैसा ही व्यवहार वे अपने दूसरे सदस्यों के साथ करते हैं। वे इस बात को भी बखूबी जानते हैं कि वह जो करेंगे वही उनके बच्चे देखेंगे ,और वे भी वही करेंगे।

इन परिवार के सभी सदस्यों की आदत होती है ,ये रोज एक घंटा अपने परिवार के साथ व्यतीत करते हैं ,और अगर यह संभव ना हो सके तो हफ्ते में एक दिन की ऐसी योजना बनाते हैं ,जिसमें परिवार के सभी सदस्य 7 या 8 घंटे साथ बैठना, खाना-पीना करना ,और साथ रहने का प्रयास करते हैं।

इन परिवारों में एक चीज और सामान्य देखी जाती है ,ये एक समय का डिनर जरूर साथ में करने का प्रयास करते हैं। शाम के डीनर को सभी सदस्य इकट्ठे हो कर करते हैं। सुबह को यह संभव भी नहीं हो पाता, क्योंकि सबका जाने का निकलने का ,अपने काम में लगने का समय विभिन्न होता है ।ये एक साथ भोजन करके प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

इन परिवारों में एक चीज और आम सी देखी जाती है, ये जब मिलकर बैठते हैं ,एक दूसरे से प्रश्न और उत्तर भी करते हैं, और अपनी सभी चुनौतियों की चर्चा करके समाधान निकाल लेते हैं ,जिससे सभी प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

ये परिवार—— एक दूसरे की प्राइवेसी का भी ध्यान रखते हैं ,वह फेसबुक पर एक दूसरे के फ्रेंड्स नहीं होते ,और जहां तक बन पड़े ,सब एक दूसरे की गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखते हैं ,और ऐसा कर सभी प्रसन्न रहते हैं।

हर हाल में वे वही काम करते हैं, जिससे परिवार की प्रसन्नता बनी रहे।सबके मन में एक दूसरे के प्रति आदर बना रहे, ऐसा ही काम वे सब करते हैं।

इन परिवारों में यह विशेषता भी देखी जाती है, ये एक दूसरे से कुछ नहीं छुपाते, क्योंकि वे जानते हैं, कि परिवार से कुछ छुपाने से इसका परिणाम उन्हें स्वयं ही उठाना पड़ेगा।

इन परिवारों के घर इस तरह बनाए जाते हैं जिसमें किचन ऐसा बना होता है कि परिवार की महिला सदस्य, किचन में रहते हुए भी सब सदस्यों के साथ बातें करती रहती है ,हंसी मजाक करती रहती है, किचन भी संभालती रहती है, और इन परिवारों की महिला सदस्यों भी खूब प्रसन्न रहती है।

ये किसी चर्चा को इस तरह से भी करते हैं, जैसे कोई अपनी सलाह देता है ,फिर वह दूसरे को इस बात को सौंपते हैं ,ओवर टू दूसरे का नाम बोलकर, फिर परिवार के अन्य सदस्य जिस जिसका नाम लिया जाता है उसे ही सुपुर्द किया जाता है जिसके विचार सब सुनते, महसूस करते हैं, जो सब पसंद करते हैं ,जिससे वे सबकी खुशी का ध्यान रख कोई भी कार्य कर पाते हैं।

इन परिवारों की यह खासियत भी होती है यह परिवार के किसी फंक्शन,आयोजन और त्योहार को सब मिल जुलकर मनाना पसंद करते हैं। कोई भी इससे बचने का प्रयास नहीं करता ।सब इसमें किसी भी माध्यम से पहुँचने और जुडने को अपनी जिम्मेदारी समझते हैं ,और प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

इन परिवार में शादी के बाद पति और पत्नी का प्यार भी काफी बढ़ता है ये परिवार के साथ रहकर खूब प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। इनके आपसी रिश्ते भी बहुत मजबूत देखे जाते हैं।

इन परिवारों में आपसी बातचीत के दौरान आवाज को बहुत ही धीमी करके बातें होती है, जिससे बोलने और सुनने वाला दोनों व्यक्ति बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव करता है।

परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे को सदैव इनाम देने का प्रयास करते हैं।ऐसे मौके की तलाश में रहते हैं और सभी एक दूसरे की भावनाओं की भी कद्र करते हैं। एक दूसरे से प्यार करते हैं ,और खुशियां ही खुशियां वहां बनी रहती है।

सभी परिवार के सदस्य कभी कभी साथ डिनर मिलकर भी बनाते हैं और खाते हैं। इस दिन घर के बच्चे, बूढ़े, जवान ,सभी कुछ न कुछ भोजन पकाने के लिए सहयोग करते हैं और एक दूसरे के साथ यह समय बिता कर बहुत आनंदित होते हैं

परिवार में साथ रहकर वे प्रसन्नता का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते। इसके अलावा वे अपने कॉमपलेक्स में रहने वाले लोगों के साथ भी महीने में एक गेट टूगेदर करने का जरूर प्रयास करते हैं। इस दौरान सब मिलजुल कर खाने पीने की व्यवस्था करते हैं और ऐसा करने का उनका उद्देश्य यही रहता है कि वह सब एक दूसरे को जान पाए ।एक दूसरे के बच्चे एक दूसरे को जान पाए ,और ऐसा करके वह बहुत प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

परिवार या मोहल्ले के सामने जब भी कोई चुनौती का ऐसा माहौल आता है तो हर एक परिस्थिति में हर एक सदस्य एक दूसरे को यह बोलकर साहस बढ़ाता है की देख लेंगे, संभाल लेंगे ,और ऐसा सिर्फ बोलने मात्र से सभी को प्रसन्नता और साहस का अनुभव होता है वे आत्मविश्वास से भर कर समाधान भी निकाल लेते हैं।

धन्यवाद

जय श्री कृष्ण

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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