जीत हमारी – जीतना क्या है? | हमारी जीत कैसे आत्मविश्वास और खुशी देती है | How our victory gives confidence and happiness.

जब इंसान अपने काम को इस सोच के साथ करता है की, उसे सिर्फ जीना नहीं, बल्कि जीवन में जीतना है,कुछ बड़ा करना है, वह बार बार हार के बावजूद, फिर गलतियों से सीखकर अपने काम को करता है। अपनी हार का सामना करते हुए भी ,चाहे जो भी हो,बार बार करता है, और सफल होकर ही रहता है तो परिणामस्वरूप उसकी जीत हो ही जाती है।

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हमें जीतने के लिए अपने विचारों में जीत के बीज बोने पड़ते हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है ,जीत के विचार को मन में बनाए रखना।जीत के लिए,अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बार-बार उस कार्य को करना पड़ता है ,और उत्साह तथा जोरदार ढंग से अपनी असफलता से सीख कर बार बार करना होता है।

जीतने वाला जिद्द करता है।

जीतने के लिए हमें बार-बार जिद करने की आवश्यकता है। जीतने वाला बार बार अपने मन में कल्पना करता है, हम जीतेंगे, हम जीत रहे हैं, और वह निशचित् जीत ही जाता है।

जितने के लिए क्या करें?

जीत के लिए हमें अपने गुणों को निखारने की आवश्यकता होती है, क्योंकि हमारी काबिलियत ही हमारी जीत तय करती है। हमें स्वयं को और बेहतर बनाएं, अच्छी आदतों को बनाएं, कार्य को योजना बनाकर,योजनाबद्ध ढंग से करें।

पूरा ध्यान काम पर दें।

हमें जीतने के लिए 100% फोकस अपने कार्य पर देना चाहिए, अपने कार्य को पहले से और बेहतरीन तरीके से करना चाहिए। जीतने वाला भाग्य से ज्यादा अपने कार्य में सर्वश्रेष्ठ देकर लक्ष्य तक पहुंच ही जाता है।

अपने काम से ही प्यार।

जीतने के लिए अपने कार्य से प्रेम करने की जरूरत है क्योंकि अपने कार्य को प्यार करने से ऊर्जा शक्ति बढ़ती है,कार्य क्षमता बढ़ती है, और कार्य को सिर्फ कार्य मान कर करने से हमें थकान महसूस होने लगती है।

जीतने के लिए हमें अपने मस्तिष्क के धरातल को पूरी तरह से तैयार करना होता है ,और हमें यह सोचना होता है कि, मैं जीत के लिए ही खेल रहा हूं,जीत ही मेरा लक्ष्य है। मैं हार से बचने के लिए नहीं खेल रहा, बल्कि जीतने के लिए खेल रहा हूं।

जीतने के लिए हमें अवसर को पहचानने की आवश्यकता होती है ,उन रास्तों को पहचानने की आवश्यकता होती है जो हमें जीत दिलाएगा।

जितने वाले हमेशा समाधान की ओर देखते हैं।

जीतने वाला हमेशा समाधान का हिस्सा होता है, जीतने वाले के पास हमेशा कोई ना कोई योजना या जीवन का उद्देश्य होता है। जीतने वाला मनुष्य हमेशा यही कहता है, कि मैं यह काम कर सकता हूं। जीतने वाले मनुष्य के पास हर चुनौती का कोई ना कोई समाधान निश्चित रूप से उपलब्ध रहता है।जीतने वाला हमेशा यह कहता है, कि कठिन होने के बावजूद भी यह काम हो जाएगा।

जीतने वाला व्यक्ति अपनी गलती को स्वीकार करता है। वह अपनी हर भूल की जिमेदारी को तत्परता से खुद स्वीकार करता है।

जीतने वाला व्यक्ति वचनबद्ध होता है। वह अपने सभी निर्णय को प्रयोग करता है।

जीतने वाले व्यक्ति में कामयाबी के सपने होते हैं। वह जीत को सपने की तरह देखता है, जो उसे जीत की और अग्रसर करती है, उसे उससे प्रेरणा मिलती है ,उत्साह मिलता है, और वह अपने कार्य को पूर्ण कर जीत की और आगे बढ़ता है।

जीतने वाला व्यक्ति सदैव जीवन में यह कहता है कि मुझे कुछ करना है, उनमें जीतने का जुनून और जिद होती है।

जीतने वाले अपने क्षेत्र के नेता होते हैं ।जीतने वाले को हर परिस्थिति में लाभ ही लाभ महसूस होता है ।जीतने वाला व्यक्ति में हर परिस्थिति में संभावना को खोजने की आदत होती है।

जीतने वाला व्यक्ति सिर्फ स्वयं के लिए नहीं बल्कि अपने से जुड़े सभी लोगों के प्रति भी जीत सुनिश्चित करता है।

जीतने वाला व्यक्ति आने वाले कल की, संभावना पर काम करता है।

वाणी में अमृत और तेज

जीतने वाला व्यक्ति सदैव सोचकर सोचता है,और बोलता है। उनकी वाणी में मिठास होती है ,जो उनके अंदर शीतलता और सामने वाले व्यक्ति के अंदर, उनके प्रति आदर की भावना को प्रेरित कर उसे जीत की और ले जाती है। जीतने वाला मनुष्य विनम्र शब्दों में कड़ी बात रखना भी जानता है।

अपनी जीत की योजना बनाता है, तैयारी करता है।

वह हर सहयोगियों का सदैव एहसानमंद रहता है।

वह आत्मविश्वास से भरपूर और खुश रहता है।

वह अपने से जुड़े लोगों में भी खुशियां फैलाता है।

वह खुद को आत्म सुझाव देता है,खुद के लिए,अच्छे और प्रेरणादायक शब्द, अपने मुख से बोल कर अपना आत्म बल बढ़ाता है।

जितने वाला स्वास्थ्य के प्रति जागरूक

जीतने वाला अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहता है।वह नित्य व्यायाम और प्राणायाम के द्वारा अपने शरीर को स्वस्थ रखता है।

वह शरीर को पर्याप्त भोजन द्वारा संतुलित रखता है,क्वालिटी नींद सोता है,जो उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है। यह उसे प्रसन्नता और शांति प्रदान करती है।

जीतने वाला निरंतर सीखता और सलाह लेता है।

जीतने वाला व्यक्ति अपने जीवन में पुस्तकों को पढ़कर तथा सलाहकार से सलाह कर , सदैव सीखता हैऔर सीख कर उन्हें योजना बना कर क्रियान्वित करता है, और सरलता से बड़ी उपलब्धियां हासिल करता है ,और खुश रहता है।

जीतने वाला व्यक्ति अपने जीवन में निरंतर ज्ञानी व्यक्ति का संग करता है ,और उनसे कुछ न कुछ नया सीखने का प्रयास करता है।वह उनका संग करता है जो जीवन में कुछ प्राप्त किए हों या जिनका कोई लक्ष्य है ,या जो कुछ प्राप्त करना चाहते हैं।

जीतने वाला अपनी चुनौतियों को छुपाता नहीं बल्कि उस पर सलाह कर अपनी ऊर्जा को समाधान की और ले जाता है।

अपनी आभा और परसोनालिटी के अनुकूल वस्त्र धारण।

जीतने वाला व्यक्ति अपनी वेशभूषा, अपने परिधान को समय अनुसार व्यवस्थित रखता है और समय और माहौल के अनुसार चयन कर ही धारण करता है ,जो उसके आत्मविश्वास को बढ़ाती है,उसकी जीत को सुनिश्चित करती है।

समय का सदुपयोग और महत्व

जीतने वाला व्यक्ति अपने समय का क्षण क्षण सदुपयोग करता है। वह टाल मटोल और बहाने बनाने से खुद को दूर रखता है और तुरंत हो सकने वाले कार्य को तुरंत ही या निर्धारित समय पर करता है।अपने मन मस्तिष्क को सदैव क्रियाशील रखने के लिए वह अपने आप को व्यस्त रखता है।

प्रशंसा कर, अपना काम करवाना

जीतने वाला व्यक्ति सदैव सामने वाले व्यक्ति को मान सम्मान देता है, उनकी बातों,उनके विचारों को ध्यान से सुनता है ,उस पर चिंतन करता है, उसके बाद ही कोई निर्णय पर पहुंचता है। फिर वह अपने विचार को जब रखता है, तो उसके प्रभाव से वह भी प्रसन्नता महसूस करता है और सामने वाले व्यक्ति भी खुश होते हैं। वह प्रसंशा कर अपना काम करवाना भी जानता है।

जीतने वाला व्यक्ति, सामने वाले व्यक्ति के दिल को जीतने का हुनर जानता है जो उसकी जीत पक्की कर देता है, उसे कामयाबी दिलाता है।उसे प्रसन्नता और खुशियों की ओर ले जाता है। दिलों को जीतने की कला से वह अपने संघर्ष के दिनों में जीत का रास्ता निकाल कर निरंतर आगे बढ़ते रहता है।

असफलता से सिखता है।

जीतने वाला व्यक्ति असफलता से सीखता है। अनजानी चीजों के डर से बचने के लिए उसका सामना करता है, और उस पर पांव रख आगे बढ़ता है, सफल होता है। वह जीतने के लिए भाग्य के भरोसे नहीं बैठता ,क्योंकि वह जानता है की भाग्य भी उन्हीं की मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।

जीतने वाला व्यक्ति जीवन के हर खेल को जीतने के लिए खेलता है।जीतने के लिए वह अपनी और दूसरे की गलतियों से सीखता है ,ऊंचे चरित्र वाले लोगों से संबंध बनाता है । जितना उसे मिलता है, उससे कहीं अधिक वह उनको लौटाने की कोशिश करता है। हमेशा वह दूर की सोचता है और खुश रहता है, अपने जीवन के हर वर्तमान के क्षण में खुश रहता है।

क्या गुण दिखते हैं जितने वाले में।

जीतने वाला व्यक्ति हर चीज की कीमत जानता है।सपने देखता है और फौरन उस पर निर्णय लेता है।
जीतने वाला व्यक्ति सदैव धैर्यवान होताहै।अरमान और अपमान की स्थिति में समता के साथ खड़ा रहता है ,औरों की परवाह भी करता है और अपनी जिम्मेवारी खूब समझता है,वह अपनी जीत की और अग्रसर होता है।

जीतने वाला व्यक्ति अपने शब्दों को बहुत सावधानी से प्रयोग करता है। प्रशंसा के किसी भी शब्द को प्रयोग करने में देर नहीं करता।

मुस्कुराकर काम लेना

जीतने वाला व्यक्ति मुस्कुराने का जादू भी जानता है और हर परिस्थिति को अपनी मुस्कान के द्वारा संभालने की कला भी जानता है।वह मुस्कुराकर किसी से कोई भी कार्य को कराने की कला जानता है, और खुशियां बिखेरता है। मुस्कुराहट भरे माहौल में वह हर चर्चा को आसान बनाता है,औरअपनी जीत सुनिश्चित करता है।इसके लिए वह ब्रह्मांड से प्रार्थना, ध्यान, के माध्यम से जुड़ कर ऊर्जा प्राप्त कर तरोताजा और खुश रहता है।

वायदा का पक्का

जितने वाला व्यक्ति अपनी जुबान और अपने वादों का पक्का होता है जो उसे भरोसेमंद बनाता है,यह गुण उसकी जीत को सुनिश्चित करता है, और उसके जीवन में आत्मविश्वास और खुशियां लाता है।

दृढ़ निश्चय वाला

जीतने वाला व्यक्ति अपने कार्य के प्रति दृढ़ निश्चय रखता है ,कार्य की सफलता के लिए दृढ़ निश्चय रखता है। अपनी सफलता के बारे में सकारात्मक विचार को ,अपने मन मस्तिष्क के धरातल पर रखता है। अपनी सफलता को मानसिक चित्र के द्वारा अपने मस्तिष्क में देखता है और मन ही मन कहता है कि, मैं कर सकता हूं, मैं सबसे बेहतर हूं, मैं सफल हूं ,मेरी जीत निश्चित है, और जीत कर रहता है, खुश होता है।

खुद को इनाम देकर खुशी

जीतने वाला व्यक्ति अपनी उपलब्धियों पर स्वयं को पुरस्कृत करता है,अपने मन को खुशियों से भरता है, जिससे उसका चेहरा स्वयं ही अपनी खुशी बयान करता है। खुद को अपनी उपलब्धियों पर पुरस्कृत करने के लिए वह स्वयं के लिए नए कपड़े , अच्छी किताबें , परफ्यूम ,घड़ी खरीदता है ,और अपने स्वयं को आदर देता है ।इस अवसर पर वह अपने खास और अपने जीत में जुड़े सहयोगी लोगों को भी तोहफा देता है और उन्हें पुरस्कृत करता है।

छोटी छोटी जीत का जश्न

अगर हम जीवन में जीतना चाहते हैं तो हमें अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए क्यूंकि यह जीत बड़ी महत्वपूर्ण होती है। जीत की जब हम छोटी-छोटी खुशियों को मनाते हैं ,तो वह जीवन की अगली रेस के लिए ईंधन के रूप में कार्य करती है, नई उर्जा देती है, हमारी कार्य क्षमता को बढ़ाती है, हमारी अगली सफलता को सुनिश्चित करती है।

जश्न या उत्साह वही व्यक्ति मनाता है ,जिसने सचमुच अपने दम पर जीत हासिल की हो, जो जानता है कि इस उपलब्धि के साथ ही मैंने अपने लक्ष्य की ओर एक और कदम बढ़ाया है। अपनी जीत को अपने मित्र और परिवार के साथ उत्सव रूप में मनाता है ,कृतज्ञता जाहिर कर खुश होता है।

जीत मिलने के बाद तो सब हमारे साथ होते हैं, उन लोगों का वह विशेष शुक्रगुजार होता है, जिसने उसे जीत तक पहुंचने के कठिन रास्तों पर कदम कदम पर उसका साथ दिया, उसका मनोबल बढ़ाया, उसे अपने पास उपलब्ध सभी शक्तियों से मदद कर आगे बढ़ाया। इन जीत के पल को यादगार बना कर उसे सफलता,समृधि, धन,यश,और जीत की इस यात्रा में कदम कदम पर साथ दिया, उसके जीवन को खुशियाँ ही खुशियाँ से भरा बनाया।

धन्यवाद

जय श्री कृष्ण…….

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