What Should You Do If Someone Insults You? | कोई अपमानित करें तो क्या करें?

अपमान ( Insults ) का मतलब है किसी के मन को गलत बात या व्यवहार कैसा किसी गलत कार्य अथवा बोली के द्वारा ठेस पहुंचाना या सामने वाले व्यक्ति का मजाक उड़ाना उसकी इज्जत उतारना या उसे जलील करना यह सब बातें अपमान की श्रेणी में आती है

अपमान की स्थिति कब बनती है

दैनिक जीवन में मान और अपमान जैसी स्थितियां बनती ही रहती है कुछ हमारे पूर्व प्रारबध और कुछ हमारे वर्तमान के कर्म की वजह से यह स्थितियां बनती है कई बार ऐसी स्थिति हमारे जीवन में हमारी अज्ञानता की वजह से भी प्रकट हो जाती है जिन्हें हमें जानना और सीखना चाहिए

Table of Contents

कौन ज्यादातर हमारा अपमान करते हैं

कोई परेशान नकारात्मक या जलन खोर इंसान यह करते हैं ऐसे इंसान जो असुरक्षा की भावना या खुद कुछ नहीं कर पाए वह लोग ऐसा करते हैं, उनमें कुछ समझ नहीं होती

अपमान करते वक्त याद रखें

याद रखें जिस समय हम किसी का अपमान कर रहे होते हैं उसे समय हम अपना सम्मान खो रहे होते हैं

अपमान से बचने के लिए क्या करें

इसे आप पर्सनली ना लें,और शांत रहें,  अपने मन का रिमोट अपने हाथ में रखें, अपने मन को व्यथित होने ना दे,

अपमान का जवाब कैसे दें

उसको एक मानसिक रोगी मान ले अधिक से अधिक चुप रहे,अपनी भूल हो तो उस पर चिंतन करे, इस समय हम बात को दूसरी तरफ ले जाए ,बात बदलने की कोशिश करें

अपमान को कैसे दूर किया जाए

न सदा क्रोध करे, न शांत रहे,अपने विवेक का आदर करें,१ बार या दो बार सामने वाले व्यक्ति को पहले मन ही मन क्षमा कर दे,या वहाँ से हट जाना चाहिए

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शास्त्रीय दृष्टिकोण से

स्वयं को आत्मा माने उनको भी आत्मा मानकर प्रणाम करें,उनकी बात को इग्नोर करें,खुद शांत रहे,विनम्र बने रहे

कुछ परिस्थितियों में मौन रहना ही उचित होता है

इस समय ज्यादा बोलना नहीं चाहिए, कम से कम बोलने से हमें अपने ज्ञान और विवेक शक्ति के प्रयोग द्वारा स्वयं को संभालने की शक्ति मिल जाती है अपना निर्णय लेने की शक्ति और अपनी भूल दिखाई देने लगती है

याद रखें

कोई किसी का अपमान करता है तो वह उसके पास ही घूम कर आता है, इसलिए उस इंसान को दयालुता और विनम्रता से हराये उसे इतना अधिक से अधिक मान सम्मान  दे, और अपने अच्छे व्यवहार से हारने की कोशिश करें

कोई अपना व्यक्ति या परिवार का व्यक्ति अपमान करे तो क्या करें

अपने परिवार या अपना कोई व्यक्ति अपमान करे तो सहन कर ले,अपमान कई बार हमारे कर्मों का फल भी हो सकता है ऐसा लगे तो सहन कर ले,, उनको देखकर हलका मुस्कुराये,उस समय को टाल दें, अपना ध्यान दुसरी तरफ ले जाये। इस वक्त अपनी सहनशीलता का परिचय दे,अगर हम खुद से प्यार करें तो वह आपका अपमान नहीं कर सकेगा।

कुल मिला कर

इस अपमान को खुद याद करके बार बार दुखी न हों,ऐसा शास्त्र बताते हैं निंदक व्यक्ति जीभ से हमको साफ करता है
अगर हम किसी का अपमान करते हैं तो हम समझ ले
प्रसन्नता आप चाहे कितनी भी करो किंतु अपमान सोच समझ कर करना क्योंकि अपमान वो उधार है जो अवसर मिलने पर हर कोई ब्याज सहित चुकता है
जय श्री कृष्णा
धन्यवाद 

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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