सत्य – किसे कहते हैं ? | Truth Who is it | खुशी सत्य के संग से|

यह शब्द अपने आप में व्यापक है और विचार करने से भी यही समझ में आता है यह इस सृष्टि को चलाने वाले किसी मालिक का नाम है। जिसे हम भगवान ,ईश्वर, अल्लाह, गॉड ,आदि अनेक नामो से जानते हैं। जो सत्य है वही नितय है, वही अमृत है, वही पूर्ण है।

हिंदू सनातन धर्म में 18 पुराणों के रचयिता वेदव्यास जी ने परम सत्ता का नाम सत्य ही बताया है।

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सत्य से जान पहचान वाले मनुष्य की पहचान|

इस सत्य को जानने वाला मनुष्य शोक, और मोह को लांघ कर निर्भय और प्रसन्न होकर इस संसार सागर में विचरण करता है। वह सदा सदा के लिए अभय हो जाताहै। उसकी बुद्धि सम हो जाती है ।उसके मनवाणी और शरीर से होने वाले सभी कर्म सत्य, नजर आते हैं, और उसका आचरण देखकर सभी मनुष्य उसे ही अपनाने लगते हैं।

सत्य जिसे देखा नहीं जा सकता ,जिसे कहा नहीं जा सकता, बोला नहीं जा सकता ,और जिसकी सत्ता हर समय, हर काल में ब्रह्मांड में विद्यमान है। सत्य का कोई रूप नहीं ,सत्य सिर्फ सत्य है, सत्य को सिर्फ जाना ,और अनुभव किया जा सकता है।

सत्य में बड़ी अद्भुत शक्ति है। पृथ्वी पर सभी धर्मों में सत्य को—- अदृश्य शक्ति, धर्म, भगवान, परमात्मा,ईश्वर, और अल्लाह और अनेकों नाम से जाना जाता है। यह मिट नहीं सकता ,मिटाया नहीं जा सकता, छुपाया नहीं जा सकता, और यह हमें स्वतंत्रता समृद्धि खुशहाली प्यार और खुशियां, तथा हम जो भी चाहें वही देने की सर्वोच्च शक्ति भी रखता है।

चूँकी हम सब मानव इस सत्य के अंश हैं और इस सत्य के रूप में अदृश्य शक्तियों द्वारा ही इस ब्रह्मांड का संचालन होता है, इसलिए हम इंसान चाहे जैसे भी हों हमें सत्य ही पसंद आता है ,हम सब सत्य ही चाहते हैं , सत्य को पसंद करते हैं, सच्चे इंसान का ही हम साथ चाहते हैं।

सत्य तीनों काल भूतकाल, वर्तमान, और भविष्य काल में उपलब्ध रहता है, प्रमाणिक रहता है, जिसे कोई बदल नहीं सकता।

सत्य उस परमात्मा का नाम, परमात्मा की परम सता है ।उसकी सत्ता ही तीनों कालों में उपलब्ध रहती है ,बाकी तो धरती ,आकाश ,हमारा अस्तित्व भी वर्तमान काल में तो है ,भूतकाल में नहीं था और आगे भविष्य काल में भी नहीं रहेगा।

सत्य बोलने से सिर्फ उस समय डर लगता है ,लेकिन नहीं बोलने से हर समय डरना पड़ता है।

सत्य की बहुत ताकत होती है।उसे बोलकर इंसान तुरंत अपना कल्याण कर सकता है।हर समय के डर से मुक्त करा कर, खुशी खुशी आगे के जीवन का मार्ग खोल सकता है।

सत्य बोलने से सभी चुनौती का समाधान

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सत्य की शरण से तत्काल दुखों से मुक्ति और भविष्य का सुख।

हम सत्य बोल कर सभी चुनौती का समाधान निकाल सकते हैं।सत्य के सामने चुनौतियों को घुटने टेकने पड़ते हैं।

सत्य कभी छिपता नही, मिटता नहीं।

इस सत्य को कोई छिपा और मिटा नही सकता ।यह स्वतः ही प्रमाणिक होता है।

सत्य बोलने से इंसान मुक्त हो जाता है।

इसका सहारा लेने से इंसान के मन से कष्ट की मुक्ति होती है। उसके मन में एक हल्का पन लगता है, शांति महसूस होती है और कुछ काल के बाद वही शांति बदल कर खुशियों ,में परिवर्तित हो जाती है। सत्य का सहारा लेने से उसकी कीमत हमें परिणाम में हमें पहले चुकानी पड़ती है, और आनंद हम बाद में ले पाते हैं।

इस सत्य की कीमत पहले और परिणाम या नंद बाद में

सत्य के लाभ

सत्य और असत्य की लड़ाई में सत्य हमेशा अकेला खड़ा दिखाई देता है और असत्य के पीछे हजारों मूर्ख लोगों की फौज होती है ।

सत्य हमें कभी कमजोर होने नहीं देता। हम और ताकत से भरे हुए परमाणु बम की तरह शक्तिशाली बन जाते हैं।

सत्य की डोर पकड़ने से हमारे रिश्ते भी मजबूत बनते हैं, हम सब में आपस में विश्वास बना रहता है एक दूसरे की हम जरूरत बने रहते हैं।

सत्य बोलने वाला व्यक्ति लंबी आयु को प्राप्त करता है, क्योंकि उसे अपने मस्तिष्क में किसी चीज का भय नहीं रहता वह हमेशा शांत रह पाता है ।सुखी और सरल जीवन जीता है, और अपनी शांति और खुशियां अपने जीवन में बनाए रखता है।

सत्य बोलने वाले व्यक्ति पर उससे जुड़े लोग उस पर पूरा विश्वास करते हैं। उसका मान करते हैं। उसके साथ खड़ा होना चाहते हैं।

सत्य बोलने वाला व्यक्ति, सत्य के साथ रहने वाला व्यक्ति सदैव सुकून की नींद सोता है, किसी तरह का तनाव उसके साथ नहीं रहता । वह नींद का आनंद प्राप्त करता है जिसकी वजह से उसके शरीर में सदैव फुर्ती बनी रहती है ,और वह खुशियों का अनुभव करता है।

सत्य को धारण करने वाले व्यक्ति के शरीर के सभी अंग प्रत्यंग अच्छी तरह कार्य करते हैं जिसकी वजह से वह सदैव निरोग रहता है ,मन में प्रसन्नता बनी रहती है ,और जीवन का सच्चा आनंद ले पाता है।

जब जब यह मानव अपने आपको सत्य से दूर करता है, अपने जीवन में संकट खड़े कर लेता है, और अपनी खुशियों से ही सौदा कर बैठता है

सत्य बोलने वाला ,उसके महत्व को जानने वाला व्यक्ति का आत्मविश्वास, उसका चाल चलन और उसके गुण देख कर दूसरे प्रभावित होते हैं। वह हर जगह अपनी छाप छोड़ता है, जिससे आत्मबल निरंतर बढ़ता रहता है।

सच बोलने वाला वाला व्यक्ति निर्भय होकर जीता है ।सत्य बोलने से उसकी ताकत निरंतर बढ़ती रहती है उसकी शक्ति का प्रभाव और आभामंडल निरंतर बढ़ता रहता है।

सत्य को कभी याद नहीं रखना पड़ता क्योंकि सत्य तो सत्य ही है और इस आदत की वजह से उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। और 1 झूठ को छुपाने के लिए उसे सैकड़ों झूठ और बोलने पड़ते हैं , हर समय डर लगा रहता है।

सत्य एक जीवन शैली

सत्य असल में जीने का एक तरीका है ,यह सीखने और बताने का कोई तत्व नहीं है ।सत्य की वजह से हम जीवन को शांतिपूर्वक जी पाते हैं।अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का सामना हम डट कर कर पाते हैं क्योंकि सत्य हमेशा हमारे साथ होता है।

सत्य का साथ देने के लिए हजारों लोग खड़े हो जाते हैं और झूठ सदैव अकेला पड़ जाता है

झूठ बोलकर कर जीतने से अच्छा है सच बोल कर हार जाना क्योंकि यह जीत अनंत काल के लिए प्रसन्नता देती है।

सत्य की शरण रहें।

सत्य तो निरंतर विद्यमान है, और इसकी ही सत्ता हर काल में मौजूद है इसलिए जो सत्य के साथ रहते हैं वह निश्चित ही इस संसार से तैरकर पार हो जाते हैं। हमारे जीवन की चुनौती यदि सत्य के संग रहे तो वह किसीभी तरह की चुनौती से हमें पार लगा देती है, और अपनी खुशियों और अपने लक्ष्य तक व्यक्ति पहुंच ही जाता है।

पूर्व कर्मों के प्रारबद्धवश हर व्यक्ति के जीवन में सुख ,दुख, मान, अपमान, सभी परिस्थितियां आती है किंतु सत्य से जुड़े इंसान हर स्थिति में समान भाव से डटे रहते हैं और इस संसार सागर को सुगमता से पार कर लेते हैं।

जीवन में जीतने के लिए सदैव सत्य के साथ खड़ा होना पड़ता है। सत्य बोलने वाले व्यक्ति की सफलता निश्चित रहती है। उसकी प्रसन्नता बनी रहती है, वह असंभव से कार्यों को भी संभव कर पाता है।

सत्य के साथ जुड़े व्यक्ति में हजार शेर का बल आ जाता है ।उसमें तेज बढ़ जाता है ।वह सूर्य की तरह चमकता है। समाज में शक्तिशाली बनता है ।समाज का नेतृत्व करता है ।नए नए अवसर नई नई खुशियां उसके जीवन में आती ही रहती हैं,क्योंकि इस संसार में हर मनुष्य सत्य को ही खोज रहा है। हर कार्य को पूर्ण करने के लिए उसे सत्य की ही आवश्यकता होती है। इसलिए सत्य की कीमत कोई नहीं आंक सकता।

सत्य को बोलने, जुड़ने ,और मानने वाले के जीवन में सुख ,शांति, समृद्धि, धन ,सफलता ,ऐश्वर्य ,मान, सम्मान, और खुशियां ही खुशियां उसके साथ खड़ी रहती है

सत्य का नाम

इस कलियुग में सिर्फ नाम की सत्ता

जय श्री कृष्ण

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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