सुबह की सैर के क्या फायदे हैं | What are the benefits of early morning excursions?
प्रातः काल के समय जब सारी प्रकृति शक्तियाँ सक्रिय रहती हैं और यह सर्वप्रथम पृथ्वी से जुड़ती है ,तब इस समय का हम कैसे सदुपयोग कर सकते हैं, उस पर कुछ विचार।
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हमारा शरीर पंच तत्व से बना है।
आकाश, वायु, अग्नि ,जल, भूमि इन पांच तत्वों से बना हमारा शरीर 4:30 से 5:30 के बीच बहुत ही सक्रिय होकर इन तत्वों से ऊर्जा की प्राप्ति कर, हमें जीवन में आनंद और प्रसन्नता दे सकता है, साथ ही हमारा शरीर :- निरोग ,तेजस्वी और फुर्तीला भी इन शक्तियों से जुड़ कर बना रहता है। प्रकृति से बना शरीर इस समय प्रकृति के संग रहकर इसका भरपूर लाभ ले सकता है। इस समय सभी सात्विक शक्तियां वातावरण में अपनी तेजस्वी ऊर्जा के संग विद्यमान रहती हैं।
सेहत इंतज़ार नहीं करती।
जिंदगी में हर चीज इंतजार कर सकती है ।कोई मित्र मिलने आया है तो वह इंतजार कर सकता है, कोई मीटिंग हो तो लोग वहां अपना इंतजार कर सकते हैं ,कोई बहुत जरूरी लेटर भी अगर मेल बॉक्स में पड़ा हो तो वह इंतजार कर सकता है, पर हमारी सेहत किसी भी परिस्थिति और हमारे किसी भी जरूरी कार्य का इंतजार नहीं करती।
अगर हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देंगे ,हम स्वयं भी किसी का इंतजार करने लायक नहीं होंगे ,और मेरा तो यह मानना है ,यह समाज ,परिवार भी तभी तक हमारा इंतजार करता है, जब तक हमारा स्वास्थ्य और शरीर साथ देता है।इस लिए स्वास्थ्य के निर्माण के लिए हमें सुबह जल्दी जग कर प्रातः कालीन भ्रमण के शुभ अवसर का प्रकृति के संग का खूब लाभ उठाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य पर काम करना चाहिए,समय देना चाहिए।
याद रखें जिसे अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए समय नहीं मिलता उसे बीमारी के लिए समय निकालना पड़ता है! और वो उस समय अकेला होता है!
योग नही तो भोग नहीं !
प्रात काल की अमृत बेला के दौरान हम अपने शरीर से कुछ योग भी जरूर करें और अपने शरीर को स्वस्थ रखें।भ्रमण ,योग और प्राणायाम तथा व्यायाम का मिश्रण सचमुच हमारी यह आदत हमारे जीवन में कमाल कर सकती हैं।
इसी तरह इस प्रातः काल प्राणायाम के द्वारा भी हम अपने सांसों का आवागमन सटीक और नियमित रूप से करके प्रसन्नता का अनुभव कर अपने स्वास्थ्य को ठीक रख पाते हैं।
इन किया के द्वारा शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है,और जिससे हमारे मस्तिस्क की तीव्र गति वाले विचारों को भी हम नियंत्रित कर पाते हैं।
प्राणायाम के द्वारा हम अपने मन पर अतिरिक्त दबाव पड़ने की क्रिया को रोकते हैं, और खुशी का अनुभव करते हैं।
इस तरह खुशियां हमारे जीवन में नित्य के प्रातः कालीन भ्रमण ,प्राणायाम, योग व्यायाम के द्वारा आ सकती हैं इस पर हमें काम करना चाहिए ।कुल मिलाकर इस दौरान हमारे सांस, मांस पेशी, मन और मस्तिष्क सभी गतिशील होते हैं और हम खुशी को महसूस करते हैं ।
इस समय अपने स्वास्थ्य पर सकारात्मक विचार प्रकृति को भेजें
प्रातः काल अपने मस्तिष्क को जो विचार हम शब्दों के द्वारा बोल कर सिग्नल देते हैं ,हमारा मस्तिष्क उनको सत्य करने में लग जाता है, इसलिए हमें रोज अपने स्वास्थ्य के लिए कुछ अनमोल शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। हमें ब्रह्मांड में यह विचार भेजने चाहिए, मैं स्वस्थ हूं ,मेरा शरीर स्वस्थ है, मैं रोज प्रातः काल की शक्तियों से जुड़ता हूं, मैं प्रसन्न हूं,आदि।
हम यह अच्छी तरह समझ लें स्वास्थ्य को नजरंदाज कर कमाया धन आप अपने डॉक्टर के लिए कमा रहे हैं।प्रथम धन हमारा स्वास्थ्य धन है। बड़े भाग्य से पाया यह मनुष्य शरीर अनमोल है और यह शरीर स्वस्थ रहता है ,तभी हम खुशियां और आनंद ले सकते हैं।
Thank you friends
jai sree krishna…….