विश्व खुशहाली के लिए प्रयोग

हमारा समाज कैसे स्वस्थ बने

हम सब एक सामाजिक प्राणी है और समाज के बिना हम रह नहीं सकते इसलिए हम सबको खुशहाल समाज निर्माण के लिए प्रयास करना चाहिए। खुशहाल समाज से मतलब है,सब एक दूसरे की परवाह करें,एक दूसरे की खुशियों को ध्यान में रखें,एक दूसरे का सहयोग करें, ताकि समाज का प्रत्येक व्यक्ति उन्नति की ओर अग्रसर हो।
प्रगति की ओर जब हम अग्रसर होते हैं तब हम खुशी का अनुभव करते हैं। सबका साथ सबका प्रयास से ही सबका विकास होता है,और समाज में खुशियां फैलती है। समाज का मतलब हम अपने परिवार को ही न आंककर सर्वे भवंतु सुखिनः की भावना को समझे, जहां सबका कल्याण हो,सब की उन्नति हो, सब खुश रहे, इसका प्रयास हो।

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विश्व को खुशहाल बनाने का प्रयास करे

विश्व का प्रत्येक नागरिक सारे विश्व को खुशहाल बनाने का प्रयास करे इसके लिए जिसके पास जो कुछ अच्छा है उसे वह साझा करें। इस अंतरराष्ट्रीय खुशी के अवसर को मानव कल्याण महोत्सव माने।

अच्छे समाज के निर्माण के लिए हर नागरिक के स्वास्थ्य, शिक्षा और आय कैसे बढ़े इसके लिए काम होना चाहिए। समाज में प्यार मान सम्मान और देने की भावना बढ़ने से खुशी बढ़ती है यह ज्ञान जन-जन में फैले,इसकी व्यवस्था पर ध्यान देना आवश्यक है। लोगों में परिवार मित्र रिश्तेदार और समाज से जुड़ना कैसे उनको खुशियों से भर सकता है। किस तरह उनके रहन-सहन से सारा समाज खुशी को अनुभव कर सकता है। सारे विश्व के नागरिक एक दूसरे के सहयोग की भावना को अपना कर्तव्य मानकर सारे विश्व में कैसे खुशियां फैला सकते हैं।

हम स्वयं को स्वतंत्र कैसे बनाएं

किसी भी देश की उन्नति,समृद्धि और खुशहाली वहां के लोगों की शिक्षा के आधार पर देखी जाती है। ऐसा देखा जाता है जितने विकसित राष्ट्र हैं,वहां पर शिक्षा को प्रधानता से महत्व दिया जाता है। और यह भी देखा जाता वहां के सभी लोग शिक्षित होने से वे ही राष्ट्र सारे विश्व का नेतृत्व करते हैं।

यह ब्रह्मांड का नियम है कि जो शिक्षित होते हैं,वही शासन करते हैं।

चूंकि यह  नियम है जहां के लोगों को शिक्षा का महत्व मालूम नहीं वहां के लोगों को  शिक्षित रास्ट्र के यहां काम करना पड़ता है।इसलिए एकमात्र शिक्षा ही आर्थिक स्वतंत्रता और खुशहाली दे सकती है। इसलिए सारे विश्व को शिक्षा की ओर ध्यान देकर सबको शिक्षित करने का प्रयास युद्ध स्तर पर करना चाहिए।

देश की प्रगति के लिए एक बड़ा बजट शिक्षा के लिए बनाना चाहिए।इस शिक्षा के बड़े बजट से जब वहां के प्राणी शिक्षित होते हैं तब वे अपना रोजगार और अपने आय के साधनों को अपनी बुद्धि से ही निर्माण कर लेते हैं।
ऐसा भी देखा जाता है जितने शिक्षित देश है वहां के लोग स्वतंत्र,खुशहाल, प्रसन्न,देखे जाते हैं और वे ही स्वतंत्र होते हैं। बेरोजगारी एकमात्र अशिक्षित होने की वजह से ही देखने में नजर आती है।

शिक्षा के साथ स्किल

जिस देश में शिक्षा को महत्व दिया जाता है वहां पर शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट की ओर भी ध्यान दिया जाता है जिससे वहां के लोग स्वयं अपना रोजगार बनाने में सक्षम हो जाते हैं और देश विकसित दिखाई देने लगता है।

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मानसिक और शरीरिक स्वास्थ्य

वहाँ शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए दिमाग के चौंकाने वाले तथ्यों की उनको जानकारी कराई जाती है। किस तरह हमारा मस्तिष्क और उसकी सकारात्मक सोच हमारे जीवन को बनाती है।

लक्ष्य

किस तरह जीवन में लक्ष्य बनाना और उस लक्ष्य पर काम करना हमें खुशहाली देता है

आदत

किस तरह हम कोई क्रिया जो बार-बार करते हैं हमारी आदत बन जाती है जिसके हम परतंत्र हो जाते हैं।हमारी स्वतंत्रता हमसे छिन जाती है इसलिए इन आदत् को भी सबको सिखाना और बताना जरूरी है।  यही आदतें जब हमारे जीवन में अच्छी बनने लगती है तो किस तरह हमारा घर गांव शहर देश और सारा विश्व खुशहाल बनने लगता है।

देश में प्रति व्यक्ति आय कैसे बढे

देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ने के लिए शिक्षा की ओर ध्यान देना ही एकमात्र रास्ता है क्योंकि जहां शिक्षा होती है वही लक्ष्मी और धन का प्राकट्य होता है। ऐसे भी जब हम पढ़ लिख कर काबिल बनते हैं तभी हमारे जीवन में लक्ष्मी और धन का आगमन होता है।

देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ने के लिए वहाँ के लोग अगर कम भी पढ़े लिखे हैं, तो भी उनको स्किल सीखने पर ध्यान देना जरूरी है।हर मानव को एक न एक  कोई गुण ईश्वर जरूर देकर भेजता है और उसी गुण को निखार कर वह स्वयं के लिए रोजगार उत्पन्न कर सकता है,और अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकता है।

हम अपनी खुशी चुनने के लिए जीवन के हर क्षेत्र में कैसे स्वतंत्र बने

स्वतंत्र बनने के लिए सबसे पहले हमारी सोच व्यापार करने की होनी चाहिए, क्योंकि जब हम व्यापार करते हैं तब हम किसी के नौकर नहीं बनते अपनी मन मर्जी से अपने मन का काम को करते हैं, जो हमें खुशियाँ देता है। हम अन्य 10 लोगों को काम भी देते हैं। इस दौरान हम स्वयं को स्वतंत्र महसूस करने लगते हैं। इसलिए जो लोग जीवन में स्वतंत्रता महसूस कर हंसी खुशी से जीना चाहते हैं उन्हें नौकरी की ओर ध्यान न देकर अधिक से अधिक व्यापार की ओर ध्यान देना चाहिए।

व्यापार बढ़ने से उस देश की आर्थिक प्रगति भी होती है,और देश में रोजगार बढ़ते हैं। विदेश मुद्रा का भंडार भी बढ़ता है जिससे देश में आर्थिक खुशहाली आती है। उस देश के लोग स्वयं को स्वतंत्र और खुशहाल महसूस करने लगते हैं।

देश की उन्नति खुशहाल रास्ट्र के लिए जरूरी है

खुशहाल देश के लिए कुछ बातों को ध्यान देना जरूरी है।

वे देश अधिक से अधिक हर देश पर्यावरण की ओर ध्यान दें। वहां अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं जिससे पवित्र हवा और ऑक्सीजन लोगों को मिले, लोग प्रकृति का आनंद ले सकें।

वहां के लोग प्रकृति से प्यार और दोस्ती करें, वृक्षों को अपना मित्र मान उसका पोषण करें, प्रकृति के महत्व को जाने और प्रकृति के सानिध्य में जिंदगी का भरपूर आनंद लेना सीखें।

दूसरा खुशहाल देश के लिए वहां के देशवासियों के स्वास्थ्य की जिम्मेवारी सरकार स्वयं अपने हाथ में ले जिससे सभी लोग अपना इलाज करा सकें और खुशी से जी सकें।

तीसरी बात शिक्षा का कार्य सरकारी स्तर पर हो और शिक्षा सरकार की तरफ से मुफ्त होनी चाहिए और शिक्षा का प्रबंध समान रूप से सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में होनी चाहिए। इसके लिए जरूरत के अनुसार देशवासियों पर टैक्स लगाया जा सकता है।

इन तीनों बातों के प्रभाव से उस दिन देश की उन्नति,समृद्धि और खुशहाली को कोई नहीं रोक सकता।

लोगों की सोच सकारात्मक बने इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाए। उनकी सोच सकारात्मक बनाने के लिए उनको खुश रहने के खुशी के विज्ञान को पढ़ाया जाए।

इस ज्ञान और मानव जीवन की खुशहाली के अनमोल सूत्र हमारी वेबसाइट में बताए गए हैं। जिन्हें जानने के बाद जीवन में दुख का कोई स्थान नहीं रहता।

खुश रहने का यह विज्ञान बच्चों को उनकी शिक्षा काल के दौरान ही पढ़ाया जाए ताकि वे संपूर्ण जीवन इस नॉलेज और ज्ञान का लाभ उठा सकें।उन्हें परिवार का महत्व, मित्रों का महत्व, लगातार सीखते रहने की आदत,और इसके महत्व से अवगत कराया जाए। जीवन की चुनौतियों से लड़ना सिखाया जाए। शरीर के रख रखाव की व्यवस्था का ज्ञान कराया जाए तभी देश में खुशहाली और समृद्धि आ सकती  है।

कैसे देश के हर नागरिक की आय बढे

कैसे देश के हर नागरिक  की आय बढे और उनमें जरूरतमंद को मदद और दान करने की जागरूकता बढे
जब नागरिकों की आय बढ़ती है तब देखा जाता है कि वह किसी की मदद करने और दान देने के लिए जागरूक होते हैं।जिससे समाज में इस देने की भावना से खुशहाली फैलती है। 

देने की भावना का महत्व जानने से उस परमात्मा की विशेष कृपा से कई गुना प्रकृति स्वयं हमें लौटा देती है और उस व्यक्ति को अपने जीवन में किसी तरह की कोई कमी नहीं होती। वह निरंतर उन्नति समृद्धि की ओर बढ़ता है, और यह भावना देश और समाज में खुशहाली लाती है।

समाज में भ्रष्टाचार खत्म करना

समाज में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए देश के सभी नागरिकों को अपना कर्तव्य समझना जरूरी है। नारी हो चाहे पुरुष  सबको अपनी सुरक्षा करने की जानकारियां शिक्षा के दौरान देनी होगी। देश में बेरोजगारी को शिक्षा के प्रभाव से खत्म करना होगा। जब रोजगार के अवसर बढ़ते हैं,लोगों की आय बढ़ती है लोग अपनी सुरक्षा स्वयं करने के काबिल बनते हैं तब धीरे-धीरे भ्रष्टाचार में अपने आप कमी आती है और वहाँ के लोग स्वयं को स्वतंत्र महसूस करने लगते हैं।

इस तरह कुल मिलाकर इस अंतरराष्ट्रीय खुशियों के महा महोत्सव  पर विश्व खुशहाली के लिए इन तथ्यों पर विशेष रुप से ध्यान देना जरूरी है पर्यावरण, शिक्षा ,सुरक्षा, खुशहाल समाज, और नागरिकों को पूर्ण मानव बनाने की शिक्षा,प्रकृति के प्रति अपने दायित्व को समझना इन बातों पर ध्यान देना जरूरी है।

भारत सारे विश्व खुशहाली की बात करता है  

सर्वे भवन्तु सुखिनः

जय श्री कृष्ण

धन्यवाद राधे राधे

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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