खुशियों का थर्मामीटर जाने आप कितने खुश हैं | happy science for atmanirbhar bharat

हम सभी इस बात को अच्छे से जानते हैं हर पदार्थ को मापने के लिए उसके मापदंड या यंत्र बने हैं, जिसके माध्यम से हम उसकी शक्ति को मापते हैं।

खुशियों का थर्मामीटर जाने आप कितने खुश हैं | happy science for atmanirbhar bharat

हवा के दबाव को बैरोमीटर से, तरल पदार्थ की मात्रा को लीटर, सड़क की लंबाई को किलोमीटर, इसी तरह खुशियों को मापने के लिए अब अपने प्रयास से मैंने एक यंत्र या सूत्र का निर्माण किया है, जिससे हम माप सकते हैं ,हम कितने खुश हैं।

खुशी का संबंध , चूंकि हमारी मनो वृति या सोच से है, और मन पर किसी का नियंत्रण भी नहीं है, ऐसा कोई मीटर या पैमाना अभी तक वैज्ञानिक नहीं बना पाए हैं जिससे माप् सकें की कौन व्यक्ति कितना खुश है।

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आप कितने खुश हैं ये जानने का एक नया सूत्र

हम कितने खुश हैं हमारे जीवन में क्या अच्छी बातें हैं ,और कहां सुधार की आवश्यकता है यह जानने के लिए हर 15 प्रश्नों को सही या गलत के पैमाने से लिखकर अपना जवाब स्वयं ही जाने ,और अपनी खुशियों को मापे।

  • लोगों से मेरा व्यवहार मित्रवत है।

  • मैं जिस स्थिति में हूं कुल मिलाकर खुश हूं।

  • मैं जितना बोलता हूं ,उतना सुनता भी हूं।

  • मैं परिवार से अच्छे संबंधों का आनंद अनुभव करता हूं।

  • मैं किसी के प्रति किसी तरह का द्वेस् या गांठ बांध कर नही रखता ।

  • मैं अपनी हर गलती से सीखने की कोशिश करता हूं।

  • मुझे जो प्राप्त है उसके लिए इस ब्रह्मांड कामनाएं सदैव शुक्रगुजार हूं।

  • मैं दूसरों की बुराई देखने की जगह उनमें अच्छाइयां खोजने की कोशिश करता हूँ।

  • मैं अपने हताश और असफलता के लिए दूसरों पर कभी दोष नहीं लगाता।

  • मैं जिज्ञासु प्रवृत्ति का हूं, नई-नई बातें और अनुभव की तलाश में रहता हूं।

  • कभी-कभी मुझे अकेला रहना भी अच्छा लगता है|

  • जरूरत पड़ने पर मैं अपनी गलती के लिए माफी भी मांग लेता हूं, और किसी की गलती मुझे नजर आती है ,तो उसे क्षमा भी कर देता हूं।

  • मैं अपना ध्यान रखता हूं, अपनी चुनौतियों को मैनेज करना जानता हूं।

  • मुझमें भी कुछ कमियां और खामियां है, इस बात को भी मैं जानता हूं।

खुशियों के thermameter से जांच रिपोर्ट कैसे??

  • अगर आप आपका जवाब १५ से १२ बातों के लिए हां है और आप इसे आप ठीक मानते हैं तो आप संतुष्ट और खुश इंसान हैं ।
  • आप इनमें से आठ से 11 बातों से ही सहमत हैं तो सामान्य खुश इंसान कहे जाएंगे।
  • अगर आप 5 से 7 बातों के लिए ही सहमत हैं तो आप कभी कभी खुश रहते हैं
  • अगर आप 5 से भी कम बातों से सहमत है तो आप खुशी से काफी दूर हैं, खुशी पाने के लिए अपने आप में आप को सुधार लाने की आवश्यकता है।

इसी तरह खुशी का मतलब होता है हम जीवन के प्रति कैसा रवैया अपना अपनाते हैं। इसके लचीलेपन को, परिवर्तन को किस तरह हम स्वीकार करते हैं। उस परिवर्तन को हम अपने जीवन में कीतनी सरलता से अपना सकते हैं। यह हमारी खुशी के थर्मामीटर में खुशी के पैमाने को दर्शाता है ।

इसी तरह दूसरा सूत्र इस बात पर भी निर्भर करता है ,हमारा स्वास्थ्य कैसा है, हमारी आर्थिक स्थिति कैसी है, हमारी मित्रता और हमारा मेलजोल और हमारे संबंध ,समाज में प्रमाणित करते हैं कि हमारी खुशियों का स्तर कितना है।

हमारा आत्मसम्मान, हमारी अपेक्षा , हमारी महत्वाकांक्षा, हंसने हंसाने और मुस्कुराने की कला कैसी है। कैसे हम अपने व्यवहार से अपने सम्मुख व्यक्ति को प्रभावित कर पाते हैं हमारा यह स्तर भी हमारी खुशियों का पैमाना तय करता है।

इस तरह के आंकलन से हम अपनी खुशियों के मापदंड को माप सकते हैं और अपनी मन की स्थिति का जायजा ले सकते हैं।

खुशी के मामले में खुशहाल देश का आंकलन कैसे करें |

देश के लोगों की आय ,उनका स्वास्थ्य उनका जीवन जीने का ढंग और उस देश में अपराध की दर से यह परख होती है ,कि वह देश कितना खुशहाल है।

देश के नागरिकों में कितनी बार सकारात्मक और नकारात्मक विचार आते हैं इस बात से भी देश की खुशहाली का पता चलता है।

खुशियों के मामले में भारत की स्थिति

खुशियों के मामले में भारत 2021 में 139 वे स्थान पर है, out of 149 country |blackpink

We have to think twice about our happiness:

Nine conditions for our happiness…..

किसी की सच्ची प्रशंसा ,किसी को गले लगाना नए व्यक्ति से अपनापन होना, अजनबी से बात करता ,अपने सहकर्मियों के लिए कुछ खरीदना, अच्छे काम को बढ़ावा देना दूसरों को अच्छी पुस्तकें पढ़ने देना, बुजुर्गों के पास कुछ समय व्यतीत करना, उनकी बातें सुनना, बच्चों को पढ़ाना, उनकी बातें सुनना ,उनके लिए पिकनिक का आयोजन करना, किसी के लिए कुछ इलाज का प्रबंध कर देना, किसी चुनौती के समय किसी इंसान की मदद करना, किसी कमजोर व्यक्ति को अपनी कार में घुमाना ,अपने पास की पुरानी चीजें जरूरतमंद को दे देना, अपने पुराने मित्र से संपर्क लगातार बना कर रखना भी हमारी खुशियों का पैमाना और स्तर बताता है ।

हमारा स्वास्थ्य, धन, साहस,धैर्य, शालीनता, उदारता, श्रद्धा ,प्यार ,आशा

खुशियों के इसे थर्मामीटर में मापने के बाद किन उपायों द्वारा इस श्रेणी में हैप्पीनेस मीटर को ऊपर लाया जाए इस पर काम किया जा सकता है।

कैसे बढ़ाई जाए शिक्षा में खुशी का स्तर।

इस पैरामीटर को बढ़ाने के लिए स्कूली शिक्षा में ही उन्हें इसकी शिक्षा दी जाए उन्हें हंसने और मुस्कुराने का महत्व बताया जाए इसकी परीक्षा ली जाए और जगह-जगह प्रचार और प्रसार के द्वारा एक हैप्पीनेस के थर्मामीटर को लगाया जाए ताकि इस शिक्षा के द्वारा लोगों में खुश रहने की जागरूकता बने।

One direction: | रोज १% अपने लिए काम करें।

  • हमारे देश में योग व्यायाम प्राणायाम को महत्व दिया जाए।योगगुरु और लाफ्टर ट्रेनर को बढ़ाने के लिए जोर दिया जाये। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाय।
  • लोगों को इस बातों को बताया जाए कि किसी को कुछ देने से खुशियां बढ़ती है।
  • इसके लिए हर ऑफिस हर स्कूल में हर दुकान पर हैप्पीनेस लाइव फॉर humann बोलकर साइन बोर्ड लगाया जाए ।
  • इसे मापने के पैरामीटर को सेट किया जाए । इसको अपनाने के सूत्र बताए जाएं ।इसके लाभ बताए जाए ।
  • सब का अधिकार है इसपर। प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेवारी स्वयं समझे। इस दिशा में जगह जगह चारों तरफ प्रचार बढ़ाया जाए
  • ऑनलाइन इंटरनेट के जरिए पढ़ाई में स्थान दिया जाए ।इसे सब्जेक्ट बनाया जाए।

इस के फार्मूले इस तरह सिखाये जाएँ।

हमारा यह blogs खुशियां ही खुशियां जिसमें विभिन्न तरीकों से खुश रहने के उपाय बताए गए हैं, फॉर्मुले बताए गए हैं, जो कि प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकता है और उसका अंतिम गंतव्य भी है, जिसे वह किसी भी काम को करने के बाद प्राप्त करना चाहता है तो इस खुशियां ही खुशियां ब्लॉग प्रचार प्रसार बढ़ाया जाय।

Thank you

Blogs for all human being:

जय श्री कृष्णा……..

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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