What is the Glory of Ram’s Name? | राम के नाम की महिमा क्या है?

What is the Glory of Ram’s Name? | राम के नाम की महिमा क्या है? राम नाम की महिमा अपरंपार है,जिसे शब्दों में बयां करना असंभव सा है,फिर भी संतों और गुरु के श्री मुख से कथा के के माध्यम से जो मैंने अपने जीवन में अनुभव किया है, आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हुँ,राम का नाम कल्पवृक्ष और कलयुग में ब्रह्मास्त्र की तरह हर असंभव को संभव बनाने वाला है।यह चारों दिशाओं में मंगल करने वाला और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला,ज्ञान वैराग्य और भक्ति को प्राप्त कराने वाला मंत्र है। 

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संपूर्ण शास्त्रों को इस राम नाम के प्रभाव से हम जान सकते हैं। राम का नाम इस लोक और परलोक दोनो में हमारा कल्याण करने वाला है। भगवान के नाम जप का यह दफ्तर हर समय खुला रहता है,सिर्फ हम उनसे यह प्रार्थना करें,कि वो हमको उनके नाम को जप करने का सामर्थ प्रदान करें और शक्ति दे।

जिस तरह संसार के घर मकान फैक्ट्री लगातार बढ़ते रहते है,फिर भी हमको और मिल जाए, हम लोभ करते हैं,उसी तरह ही हम भगवान के नाम को और जप सके,इसका हमको लोभ होना चाहिए,क्योंकि यह इस लोक में भी काम आता है,और परलोक में भी हम इस धन को साथ ले जा पाते है। राम का नाम हमारे जीवन का आधार है, ,क्योंकि इस संपत्ति की नींव से अगर जीवन की शुरुआत होती है तो हमारा यह जीवन भी सुधर जाता है, और अगला जन्म भी सुधरता है। 

अगर राम नाम को जप नहीं पाते तो

यह भी जान ले हालांकि इस राम नाम को जपना प्रभु की कृपा के बिना संभव नहीं , जैसे बच्चे प्रारंभ में स्कूल जाना पसंद नहीं करते फिर भी माता-पिता उन्हें जबरदस्ती स्कूल की बस में डालते हैं और स्कूल भेजते हैं,और फिर धीरे-धीरे बच्चों को यह आदत पड़ जाती है,फिर उन्हें मजा आने लगता है,उसी तरह नाम जप के लिए भी अपने मन को समझा बूझकर बार-बार हमें,उसे इस काम में लगाना पड़ता है,फिर धीरे-धीरे जब रस आने लगता है,तब हम स्वयं ही इस नाम को जपने लगते हैं। वैसे ही है, सकारात्मक आदत प्रयास करके डालनी पड़ती है और नकारात्मक आदतें अपने आप लग जाती है

राम नाम एक संपति

राम नाम के प्रभाव से हमारी बाकी सारी सांसारिक संपत्ति के साथ पारलौकिक संपत्ति भी बढ़ती है,राम नाम की संपत्ति जब जीवन में बढ़ती है तो, हमें चिंतामुक्त  होते हैं,इसे कोई चुरा नहीं सकता, सांसारिक धन की तो हमें सुरक्षा व्यवस्था करनी पड़ती है किंतु यह स्वयं में ही अलौकिक है जिसे कोई चुरा नहीं सकता छीन नहीं सकता। 

नाम जपने का यह रहस्य

एक बार भी राम नाम यदि किसी के मुंह से निकलता है तो उसे तीन बार भगवान शंकर स्वयं प्रणाम करते हैं। इस राम नाम का गुण और रहस्य यह भी है कि इससे हमें धर्म अर्थ काम मोक्ष और इस संसार के सभी सांसारिक सुख समृद्धि यश कीर्ति और लक्ष्मी शांति विश्राम और खुशी की भी प्राप्त हो जाती है। भगवान के नाम जप का एक रहस्य यह भी है,की नाम जपने वाले के पास भगवान स्वयं पहुंच जाते हैं,

जैसे हम हमारे दिव्य ग्रंथ रामचरितमानस में देखते हैं कि भगवान के नाम को जपने वाली शबरी,और ऋषि मुनि जो की वन में निरंतर भगवान के नाम को जपते रहे, की हम कथाओं के माध्यम से भी सुनते हैं,जो वर्षों तक भगवान के नाम की साधना करते रहे और रामचरितमानस में तो यह भी देखने को मिलता है की जो जो भगवान का नाम लेते रहे वहां स्वयं भगवान जरूर पहुंचे। 

कैसे जपे

ऐसा भी हमारे रामचरितमानस में बताया गया है भाव ,कुभाव,क्रोध,आलस्य या किसी भी भावना से हम राम का नाम लेते हैं तो दसों दिशाओं में अपने आप मंगल होने लगता है,क्योंकि जहर हम किसी भी भाव से पीयें,निश्चित रूप से मरेंगे ही,इस तरह ही राम के नाम का स्वभाव है हम किसी भी भाव से भगवान के नाम को लेते हैं हम तर जाते हैं।इस भगवान राम के नाम को लेने में किसी तरह की कोई दीक्षा लेने की भी जरूरत नहीं बताई गई,इस नाम को हम ठंडी के समय रजाई में घुसकर और घर में  चलते-फिरते खाते पीते कैसे भी लेते रहे यह हमारा कल्याण ही करता है।

राम नाम का प्रभाव

यह राम का नाम असंभव को संभव कर देता है,हमारा भाग्य बदल जाता है,नया भाग्य बनने लगता है। यह हमारे शोक को भी शोक कर देता है,या स्टॉप कर देता है। केवल नाम जप के प्रभाव से हमारे सारे काम पूरे होने लगते हैं, इस राम नाम को जपने से हमारे जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन आने लगता है

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जो राम नाम जपते हैं उन्हें सपने में भी शोक नहीं होता।सोच को भी सोच हो जाती है।संकट के ऊपर संकट आ जाता है।डूबती हुई नौका भी अपने आप किनारे लगती है।प्रतिकूलता अनुकूलता में बदलने लगती है।

राम नाम की शक्ति

सूर्य चंद्रमा अग्नि वायु में जो शक्ति है वह भी भगवान के नाम की है।इस नाम को शिव जपते हैं हनुमान जपते हैं वाल्मीकि और तुलसीदास जी जैसे बड़े कवि  जपते हैं।1000 नाम प्रभु के विष्णु सहस्त्रनाम में बताए गए हैं वह भी भगवान राम के एक नाम के बराबर है। अन्य धर्म में भी बताते हैं कि यह दवा रामबाण इलाज करती है दवा बेचते वक्त भी राम के नाम से उसकी गारंटी दी जाती है। वैसे तो चारों युगों में इस नाम की महिमा बताई गई है और कलयुग में इस नाम के प्रभाव को विशेष बताया गया है अन्य कोई साधन के लिए मानव के पास इस युग में समय नहीं होगा ऐसा भी बताया गया है

वेदों में ऐसी भी मान्यता

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माता पार्वती ने बेलपत्र पर भगवान राम का नाम लिखकर शिव को अर्पित किया और माता पार्वती के नाम में प्रेम होने की वजह से भगवान शंकर ने माता पार्वती को आभूषण रूप में अर्धनारीश्वर के रूप में धारण किया।तीन बार राम नाम का उच्चारण एक बार कृष्ण नाम के तुल्य है।

रामचरितमानस में बताया

हम सोने से पूर्व भगवान का नाम जरूर जपे और सो कर उठने के बाद भी तुरंत भगवान का नाम जपे तो यह सोने और जागने के बीच की सांस उनके नाम जप कि सांस मानी जाएगी।

राम नाम मंत्र नही महामंत्र

इस नाम को सुकदेव,सनक, सननदन सनातन और नारद जैसे आदि मुनि जपते हैं।यह मंत्र नहीं महामंत्र है,जिसे भगवान शिव स्वयं जपते हैं और काशी में इस राम नाम के प्रभाव से मुक्ति देते हैं।

राम नाम जप के फायदे

इस नाम जप की प्रभाव से बूरे विचार बंद हो जाते हैं,बुरी बातें हम भूलने लगते हैं,मन की गंदगी निकलने लगती है,चिंता खत्म होती है। इस राम नाम को लिखने से हमारा मन भी एकाग्र होता है। जो लोग राम नाम का लेखन करते हैं वह यह सुनकर खुश हो जाएंगे की आनंद रामायण में राम नाम के लिखने की बहुत विशेष महिमा बताई गई है। वाल्मीकि जी ने उल्टा नाम जपा और उसके प्रभाव से उन्होंने वाल्मीकि रामायण लिख डाली।

राम नाम से चमत्कार

अगर हम जीवन यात्रा में भीतर और बाहर दोनों ओर उजाला चाहते हैं तो अपने मुख के द्वार पर भगवान राम के नाम की  मणि को दीपक के रूप में जलाना चाहिए। 

राम से बड़ा है नाम

राम से बड़ा है भगवान राम का नाम क्योंकि राम ने तो कुछ ही लोगों को मुक्त किया किंतु प्रभु का नाम आज भी लोगों को मुक्त करता है।कलयुग में तो राम नाम कल्पतरु है,और परम,कल्याण करने वाला है। जब समस्त पुण्यों का बैलेंस हमारे जीवन में बढ़ता है,तब यह राम नाम हमारे जीहवा पर आता है,और इससे प्रेम होता है,श्री राम नाम नरसिंह स्वरूप भी है।ध्रुव जी ने ग्लानी से  अपनी माता के वचनों से दुखी होकर सकाम भाव से हरि का नाम जपा और उन्होंने ध्रुव लोक को प्राप्त किया।

कल्युग में राम नाम का विशेष प्रभाव

सतयुग में ध्यान से त्रेता में यज्ञ से द्वापर में पूजन से जो फल मिलता था,कलयुग में वही सिद्धि भगवान राम के इस नाम जप से मिल जाती है। जीवन में हंसी-खुशी और सकारात्मकता से जीने के लिए इस राम नाम के मंत्र को अपनी आदत स्वरूप बनाएं और अपने जीवन में प्राथमिकता दें। 

इस तरह जीवन को जियें,की राम नाम  आपके जीवन में गूंजे,इसके लिए आप अपने फोन में भगवान राम के नाम की रिंगटोन भी लगाएं,राम नाम की महिमा की चौपाइयां भी पढ़ें,जो की रामचरितमानस के बालकांड में बहुत आनंद प्रदान करने वाली है।
 
राम राम के इस रस को अपने जीभ के द्वार पर रखें, क्योंकि राम नाम ही सत्य है राम नाम ही सुखदाई है,समस्त शास्त्रों का सार है,अपने जीवन में राम नाम की खेती करें,जीवन के बीज में अर्थात बाल्यावस्था से ही नाम से प्यार करें,यह राम नाम पत्थरों में भी जान डाल देता है। राम नाम मंत्र नहीं महामंत्र है,मत्रो में यह सिरमोर है,राम नाम का निरंतर जीवन में अभ्यास करना चाहिए,क्योंकि राम नाम ही अपना सच्चा साथी है,

रामनवमी के दिन हमें भगवान राम के पूजा के साथ-साथ भगवान के नाम को धारण करने का संकल्प करना चाहिए।राम नवमी का मतलब यहां नाम से ही समझ आता है।

हम सब राम आएंगे भजनों का आनंद लिए इससे भी हमें यह सीखना है कि राम को हमें अपने जीवन में लाने के लिए उनके नाम को बार-बार उच्चारण करना है उनको जप के माध्यम से पुकारना है। उन्हीं को देखना, सुनना और जपना है, अपने आसपास राम जी की फोटो हमें लगा कर रखनी चाहिए,बार-बार उन्हें प्रणाम भी करना चाहिए।कलयुग में यह भगवान का नाम विशेष प्रभावी है,भगवान राम के नाम को जपने से भगवान के गुण और चरित्र हमारे जीवन में आते हैं,जो हमें प्रभावी और पूर्ण मानव बनाते हैं।

भगवान राम के वे गुण जैसे,उनकी सद्गुण में प्रीति होंना,उनका मीठे वचन बोलना, उनकी दान देने की प्रबल इच्छा,मित्र के साथ कपट रहित व्यवहार करना ,गुरु की शरण जाना, मित्रों और गुरु से सलाह लेना, मन की गहरी शांति का अनुभव,उनका रूपवान, शीलवान,बलवान बनना, यह सब कौन हमारे अंदर भी आते हैं और भगवान के नाम में हमारा प्रेम होता है।

नाम से जुड़ने के नये तरीके

प्रारंभिक अवस्था में अगर हम नाम जप करना चाहते हैं तो हम यूट्यूब वीडियो के साथ भी नाम को बोलने की आदत डाल सकते हैं। इससे हमारा मन इस जप में धीरे-धीरे लग जाता है।प्रत्येक नाम के साथ भगवान स्वयं प्रकट होते हैं,जो हमें दिखाई नहीं देते और यह हमारे ऊपर विशेष कृपा भी कर ही देते हैं।अगर हम इस जप से जुड़ना चाहते हैं और अन्य विस्तृत ज्ञान इस नाम पर प्राप्त करना चाहते हैं ताकि हमारे इस नाम में श्रद्धा और पक्की हो तो कुछ प्रमुख संत महात्माओं का नाम भी बताता हूँ, 

जो कि इसके महत्व को विस्तृत रूप से बताते हैं।जैसे रमेश भाई ओझा,चित्रलेखा जी,जया किशोरी जी,राजेंद्र दास जी महाराज,राघवाचार्य जी महाराज,मुरारी बापू ,श्री राधा बाबा,विजय कौशल जी,मुरलीधर जी महाराज,स्वामी रामदेव,रामसुखदास जी महाराज, पंडित प्रदीप जी महाराज,अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज,देवकीनंदन ठाकुर जी,प्रेमानंद जी महाराज,और ऐसे अनेकों संत हैं शायद जिन्हें मैं भी नहीं जानता इनके मुखारविंद से नाम का महत्व आप यूट्यूब पर भी सुन सकते हैं ताकि आपकी इस नाम के प्रति निष्ठा बने,प्रारंभिक रूप से हम श्री रामचंद्र कृपालु भजमन वाले स्तुति जो कि तुलसीदास जी ने लिखी है अगर हम आरती के स्वरूप में यह करते हैं तो भी भगवान की ओर आकर्षित हो जाते हैं,

भगवान नाम में प्रेम उत्पन्न करने के लिए

नाम जप के साथ-साथ हमें अयोध्या भी दर्शन के लिए जाना चाहिए,उनकी आरती करनी चाहिए,उनकी चौपाइयों को पढ़ना चाहिए,डीपी पर भगवान श्री राम की फोटो लगानी चाहिए,उनके धुन को यूट्यूब के माध्यम से सुनना चाहिए,अपनी छुट्टियों मे रामनवमी के दिन भगवान श्री राम की फोटो का श्रृंगार करना चाहिए,उनके मंदिर जाना चाहिए और दृढ़ निश्चय करना चाहिए मैं उनके नाम को जपुंगा।

उनके उत्सव करने चाहिए,उनकी रथ यात्रा निकालनी चाहिए इस तरह की बातें भी हमारी नाम जप में प्रेम और निष्ठा को बड़ा सकती है।भगवान श्री राम के नाम के जपने से हनुमान जी स्वयं भी बहुत प्रसन्न होते हैं और दीक्षा में हमें भगवान के नाम में प्रेम का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ईस नाम से हमारे मन को गहरी शांति मिलती है,हमारा भगवान राम की कथाओं में प्रेम जागृत होता है और हमारे सभी पाप,ताप भी नष्ट होते हैं।हमारे सभी शोक का तत्काल नाश होता है और हम हंसी खुशी से अपने जीवन को व्यतीत कर पाते हैं

जब करने की बार-बार याद आए

वर्तमान समय में कलयुग में अगर माला रखनी संभव नहीं हो,तो हम सांसारिक कार्य को करते हुए जप मशीन का प्रयोग भी कर सकते हैं,जो कि आजकल कई तरह की मार्केट में उपलब्ध है।यह प्रायः कर मंदिरों की दुकानों तथा ऑनलाइन के माध्यम से भी हमें में मिल ही जाती है।इससे आवाज भी नहीं होती और यह बार-बार हमें भगवान के नाम को जपने की याद दिलाती है। 
जय श्री राम
धन्यवाद
Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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