जानें दिमाग की ये चौकाने वाली बातें | Know these surprising things of the mind

हमारे दिमाग को हम डस्टबिन की तरह कुछ भी डालने के लिए प्रयोग ना करें , क्योंकि है यह बहुत ही कीमती वृक्ष हमारे पूरे जीवन के लिए होता है इसलिए सदैव इसमें कीमती बीजों को , ख्वाबों के विचारों के बीज ही इसमें डालें।

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जिस तरह हमारे शरीर को रोज खाने की जरूरत होती है उसी तरह हमारे दिमाग को भी हर रोज कुछ अच्छे विचारों की जरूरत होती है ।(अच्छे विचार) ।अगर हम अपने शरीर को रोज सड़े गले खाने देंगे तो हमारा शरीर जैसे बीमार हो जाता है, उसी तरह विचारों की खुराक अपने मस्तिष्क को हमें अच्छा देना चाहिए, जीससे हमारा शरीर और मस्तिष्क स्वस्थ दोनो स्वस्थ रहता है।

जो कुछ भी हम सोचते हैं उसी की तरफ हम खींचे चले जाते हैं। हमारा दिमाग एक रेडियो की तरह ब्रह्मांड को सिग्नल भेजता है ,और रिसीव भी करता है ।जैसा विचार जैसी सोच की भावना हम आगे भेजते हैं, वैसे ही सिग्नल को हम रिसीव करते हैं। इसलिए हमें अधिक से अधिक पॉजिटिव चीजों के बारे में ही सोचना चाहिए।

जैसा हम सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं इसलिए किसी भी वस्तु को लगातार पकड़कर ना रखें।

हम दिमाग को सकारात्मक विचार बार बार दें | Know these surprising things of the mind

हमारा दिमाग वह सब कुछ कर सकता है जैसा वह सोच सकता है ।हमें जो चीज चाहिए जो स्थिति चाहिए जो परिस्थिति चाहिए, हमें उसी पर अपने दिमाग को सिग्नल या सुझाव देने चाहिए, ताकि दिमाग वही चीज हमारे सामने प्रस्तुत कर सके और वह वस्तु हमें खुशियां दे सके। इसके लिए हमें अपने दिमाग में सोचने के तरीके, उसके शब्द और विचार कैसे हो उसे सीखना और योजना बना कर मस्तिष्क को याद दिलाना अति आवश्यक है।

हमारा दिमाग उन चीजों पर हरकत करता है उन चीजों पर फोकस करने लगता है जो शब्द के द्वारा हम अपने दिमाग को बताते हैं अतः हमें अपने शब्दों का इस्तेमाल भी बहुत ही सूझबूझ से करना चाहिए। उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए जो हम हकीकत में होते हुए देखना चाहते हैं।

हमारा दिमाग किसी शब्द का मतलब नहीं जानता हमारा दिमाग उन शब्दों को जो हम अपने मुख से बार-बार बोलते हैं उसी पर अपनी सोच और दिशा बनाने लगता है। जैसा हम उच्चारण करते हैं ,वह शब्द चाहे सही हो गलत हो इससे हमारे दिमाग को कोई मतलब नहीं रहता। अतः हमें हमारे शब्दों का उच्चारण सूझ बूझ कर करना चाहिए, क्योंकि हम जिस चीज पर फोकस करते हैं वही सोचते हैं, वही बोलते हैं ,और वही चीज जीवन में बढ़ती चली जाती है और वही हमारे सामने प्रस्तुत हो जाती है।

हमारी सोच ,हमारी फीलिंग या भावना फिर शब्द फिर क्रिया या एक्शन इसके बाद परिणाम या रिजल्ट यही है हमारे दिमाग का काम

प्राणायाम करें

हमारे दिमाग को क्लीनिंग करने के लिए हमें योग और प्राणायाम अपने जीवन में जरूर रखने चाहिए इस क्रिया के द्वारा जब हम ऑक्सीजन को अंदर भेजते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर आता है, तो इस दौरान हम अपने मन मस्तिष्क को अच्छी तरह क्लीन कर पाते हैं । अपने दिमाग के नकारात्मक विचारों को बाहर कर पाते हैं ,जो हमारे दिमाग को ऊर्जा देता है।

किसी भी कार्य को शुरू करने के पहले हैं हम एक लंबी सांस खींचकर सर्वप्रथम अपने मस्तिष्क को जागरूक कर सकते हैं और इस आदत को हमें बनाने की जरूरत है। इस किया से हमारा मस्तिस्क अन्य विचारों से अलग हो काम करने को तैयार हो जाता है।

अपने लक्ष्य पर बार बार दिमाग को ले जाएं

हमारा दिमाग बंदर रूपी जानवर की तरह उछलता और कूदता रहता है। यह एक क्षण के लिए भी रुकता नहीं है। इसलिए इसको एक दिशा में काम कराने के लिए हमें जागरूक रहना होगा  इसका भी ध्यान रखना होगा यह एक विषय पर नहीं सोच कर तुरंत ही दूसरे विषय पर सोचने और काम करने लगता है ,जिस कारण वश हम अपने लक्ष्य पर टिके नहीं रह पाते।

ज्ञान तो हमें इन दिनों गूगल जैसे गुरुओं के पास तुरंत ही मिल जाता है, किंतु उसे हमें अप्लाई ,कैसे करें ,कैसे प्रयोग में लाएं ,इसके लिए हमें अपने दिमाग को दिशा निर्देश देने की जरूरत होती है। इसके लिए हम अपने लक्ष्य से जुड़े व्यक्ति, वस्तु, स्थान या टूल का प्रयोग करना ,हमें अपने दिमाग को बताना है। उन ही शब्द और विचार को अपने दिनचर्या में शामिल करें जो हमें जागरूक रखते हैं,जो हमारे लिए अनुकूल हो।

इस को कंट्रोल करने की आवश्यकता है इसको हमें किसी टूल से जोड़ने की आवश्यकता है ताकि हमें जागरूक रख सके। हम कोई हाथ पर रबड़ बैंड बांध कर रख सकते हैं और जब कभी दिमाग को जगाना हो उससे चोट दे ताकि हमारा दिमाग जागरूक हो जाए दिशा निर्देश और लक्ष्य के अनुसार वह कार्य करे।

अपने दिमाग को फोटो के जरिए याद दिलाएं

टूल के रूप में पोस्टर्स को जहां जहां हम जाते हैं उसके इर्द-गिर्द लगा कर भी रख सकते हैं और यह भी हमारे दिमाग को जागरूक रख हमारे लक्ष्य की याद कराने में कारगर होता है।

मोबाइल के रिंग टोन का उपयोग

हम अपने मोबाइल को भी एक टूल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं इसमें कोई धुन जो 1 घंटे पर बजे ,कोई संगीत ऐसा जो एक 1 घंटे पर बजे, या इसके संग मोबाइल की बैक लाइट जो एक 1 घंटे पर जले और बंद हो , जो आप को जागरूक करें आपको अपने लक्ष्य की याद दिलाएं। हमारे दिमाग को वे याद दिलाएं कि उसका उद्देश्य क्या है उसे जाना कहां है तो यह तकनीक भी अति कारगर सिद्ध हो सकती है।

मस्तिष्क को ध्यान से काम करने की आदत लगाएं

इसमें हमें एक अहम बात और याद रखनी होगी कि हम जिस समय जिस कार्य को करें उसी को ध्यान पूर्वक करें। समय का सदुपयोग करें और हर कार्य को जब हम ध्यान पूर्वक करने लग जाते हैं तो मस्तिष्क को इसकी आदत लग जाती है। और यह आदत निरंतर हमारे जीवन में हमें सफलता और लक्ष्य की ओर ले जाती है। हम अपने दिमाग को दिशा निर्देश दे पाते हैं और खुश रहते हैं।

ध्यान की क्रिया मस्तिष्क का भोजन ही है

हमारे दिमाग को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए सबसे पावरफुल टूल के रूप में हम ध्यान की क्रिया को भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि यह हमारे आत्मा की शक्ति ,हमारे मन की शक्ति, हमारे निर्णय लेने की शक्ति और हमारे दिमाग को सही दिशा निर्देश देने की शक्ति बढ़ा देता है ,और हमारे दिमाग को अचूक स्तर पर ,सफलता के अचूक सर पर ले जाता है ।

हमारा दिमाग ध्यान से सभी ऊर्जा को प्राप्त करता है

हमारा मस्तिष्क हर विचारों को स्टोर करने की जगह नहीं है बल्कि यह नए नए प्रयोग के आने जाने का और प्रयोग को क्रियान्वित करने, तथा योजना बनाने और निर्माण का स्थान है।हम अपने विचारों को कागज पर ही लिख कर स्टोर करें।

दिमाग को गाइड करें या निर्देश दें

मानसिक कंडीशनिंग के लिए G Y M jayein

सुख और खुशी की जड़ हमारे दिमाग में होती है हमारा दिमाग सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर की तरह होता है हम अपने मस्तिष्क की जैसी प्रोग्रामिंग करते हैं समय के साथ हम वैसे ही बन जाते हैं सुखी व्यक्ति अपने मस्तिष्क में सुखी रहने की सूची प्रोग्रामिंग करता है और वह सुखी हो जाता है खुश हो जाता है जबकि दुखी आदमी अपने मस्तिष्क को दुखी रहने का ही दिशा निर्देश देता है। हमारा दिमाग उसी चीज पर काम करता है जैसा हम सोचते जैसा उसे राह दिखाते हैं जैसे उसके साथ प्रोग्रामिंग करते हैं। सुख और खुशी का साम्राज्य और उसका प्रोग्राम हमारे विचार और भावना के माध्यम से हमारे मस्तिष्क को संदेश पहुंचा,अपने दिमाग को हमें बार-बार याद दिलाना चाहिए जो हमें चाहिए होता है ।जैसे अगर हम शांति चाहते हैं तो शांतिऔर खुशी चाहते हैं तो खुशी,सुखी होना चाहे तो सुख ।इसके लिए हम बार बार बोलें मैं सुखी हूं,मैं खुश हूं ,इस तरह के विचारों से अपने दिमाग को हर समय याद दिलाना चाहिए।

मस्तिष्क को बार बार याद दिलाएं

मैं क्या चाहता हूं।

यह बार-बार याद दिलाने की तकनीक बहुत ही प्रभावशाली होती है।बार बार बोलें उसे याद दिलाएं हम जो चाहते हैं।

चार्ज your mind

दिमाग को तरोताजा रखने के लिए इसे कसरत कराने की दरकार है इसे नए नए विषय पर कार्य कराने की दरकार है नई नई चुनौतियों में कैसे वह अपने रास्ते बना सकता है इसके लिए इसे उचित विकास देने की दरकार है जिससे इसकी कार्यक्षमता बढ़ती है। हमारा दिमाग नया कुछ सोच पाता है आगे की सोच पाता है जिससे हमारा विकास होता है।

एक्सरसाइज के तौर पर कभी-कभी मॉर्निंग में ब्रश अपने बाएं हाथ से करें।

लैपटॉप या अपने मोबाइल को कभी-कभी बाएं हाथ से प्रयोग करें या चलाएं।

कभी-कभी अगर आप दाएं हाथ से लिखते हैं तो कोई एक लेटर या एक फॉर्मेट बाएं हाथ से लिखें।

प्रातः काल भ्रमण करने को जाएं और इस दौरान कोई मीठा सा म्यूजिक या कोई नई चीज सुनकर मस्तिष्क को सोच विचार के एक्सरसाइज का कराएं।

कुछ नई skill जरूर सीखते रहें। नई भाषा, टेक्नोलॉजी, या music, सीखें। चेस या लुडो खेलें।

उस चीज की कल्पना करें जो असंभव जैसा होता हुआ लगता हो। उस चीज की मूवी बनाएं मस्तिस्क में की वो आप प्राप्त कर रहे हैं।उस प्रोसेस की क्रिया को होते हुए देखें।

कसरत का और 1 तरीका

हम एक और विचार कर सकते हैं कि हम 1 से 10 तक किसी चीज पर विचार करें ,यह कैसे हुआ या यह कैसे हो सकता है तो हम देखेंगे कि एक से पांच तक तो हम सरलता से अपने विचार प्रकट कर देंगे उसके बाद हमें जो 5 से 10 निष्कर्ष निकालने होंगे उसके लिए हमें सोचना होगा और यह हमारी मानसिक कार्य क्षमता का विकास करेगा, निर्णय शक्ति का विकास करेगा, और हम आगे जा सकेंगे।

दिमाग को सदैव तरोताजा रखने के लिए उसे सीखाते रहें उसे ऊर्जा मिलेगी तभी हम प्रसन्न होंगे।

Happy life and happy mind are a two part of coin

हमें अपने शरीर पर परिवर्तन देखने के लिए भी सर्वप्रथम हमें अपने मस्तिष्क पर काम करना होगा जब तक हमारे मस्तिष्क की सोच नहीं बदलेगी , हमारी शारीरिक अवस्था भी नहीं बदल सकती।

जय श्री कृष्ण

संक्षेप में अगर देखा जाए इन आदतोंको जीवन में अपनाना, सीखना अति आवश्यक है ,क्योंकि यह हर क्षेत्र में सफल होने के लिए, जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए बहुत ही आकर्षक टूल होता है । दिमाग को चलाना हमें सिखाने की आवश्यकता है ,तभी हम अपने जीवन में अपने दिमाग के माध्यम से इसका सही उपयोग कर सफल हो सकते हैं ,खुश रह सकते हैं, कुछ प्राप्त कर सकते हैं । यह जीवन में प्राप्त करना,कुछ अजीब करना हमें गजब की खुशियां देता है।

Thank you universe

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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