व्यक्ति अपनी personality कैसे develop करें | How a person develops his personality

प्रत्येक व्यक्ति में सौंदर्य, रूप,बल, भावना, व्यवहार,  ,स्वभाव ,में भिन्नता रहती है और इन सब का मिश्रण  ही पेरसोनालिटी कहलाता है। इन सबका विकास या इन सबका बढ़ना उसके जीवन में पर्सनैलिटी का बढ़ना कहलाता है।

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क्या करें

जीवन में हमें सदैव प्रसन्नता और खुशी की आवश्यकता रहती है ।इसके लिए हम मानव विभिन्न तरह के काम करते हैं। इन कार्यों के  अंतर्गत हमें अपने जीवन में प्रसन्न रहने के लिए और खुद के आकर्षक दिखने के लिए  प्रयत्नशील रहते हैं । किससे हमारा व्यक्तित्व बढ़े,और इसके लिए हम क्या कर सकते हैं ,जो हमें खुशियां, आत्मसम्मान ,और समृद्धि से भर सकता है ,उन पर वे सीखते और चिंतन करते हैं।

कैसे जानें इसको

हमारी पर्सनालिटी दो तरह की होती है हमारे आंतरिक विचार और बाहरी वेशभूषा।  हमारेआंतरिक विचार ,हमारी बोली, और भाषा से प्रकट हो जाते हैं।हमारी वेशभूषा और हमारे बोलने के ढंग ,हमारे रहन-सहन और पहनावे से हमारी बाहरी पर्सनैलिटी का पता चल जाता है।

क्या क्या करें

हमारा शरीर आकर्षक बने, सुंदर बने ,इसके लिए हमें सर्वप्रथम अपने जीवन में गहरी सांस लेने का प्रयास करना चाहिए। गहरी सांस का मतलब जो हम सांस लें , वह हमारे पेट तक पहुंचे और शरीर के सभी कार्बन डाइऑक्साइड तत्वों को बाहर लेकर आए इससे हमारी मस्तिष्क और चेहरे की आभा बढ़ती है।

पर्सनालिटी बढ़ाने की दिशा में जहां तक हो सके हम अधिक से अधिक संयम का जीवन व्यतीत करें क्योंकि इस संयम के जीवन से हमारे शरीर में एक आकर्षण पैदा होता है,जिससे सामने वाला व्यक्ति प्रभावित होता है ,और हम अपने दैनिक जीवन में भी खुशी का अनुभव करते हैं, बलवान और शक्तिशाली बनते हैं।

इस पर्सनैलिटी को बढ़ाने के लिए हम अधिक से अधिक जीवित पदार्थ को शरीर में डालें ।जीवित पदार्थों से मेरा मतलब उन पदार्थों से है जिनमें 70% जल की मात्रा हो जैसे टमाटर, रस, दाल, फल, आदि ।क्योंकि हमारा शरीर 70% जल से बना है और इसे हाईब्रेड करने के लिए जल की ही आवश्यकता बार-बार होती है । हम डेड फुड से बचें, जिसे हम अपने दैनिक जीवन में पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता, आदि के रूप में इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह हमारे शरीर में  काफी समय पचने में लगाते हैं ।इससे हमारे शरीर की  पाचन व्यवस्था  चरमरा जाती है।

शरीर को आकर्षक और पर्सनैलिटी के निर्माण  के लिए हम गहरी नींद लें, और गहरी के साथ-साथ क्वालिटी  नींद ले, इससे हमारे शरीर की आभा और पर्सनैलिटी बढ़ती है।

अपनी पर्सनैलिटी बढ़ाने की दिशा में हम रोज रोज व्यायाम , योग और प्राणायाम जरूर करें । अगर संभव हो तो मालिश के  द्वारा अपने शरीर की सभी मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए हफ्ते या महीने में एक दिन मालिश भी जरूर कराएं।

अपनी पर्सनालिटी बढ़ाने के लिए रोज प्रातकाल हम कुछ देर अपना ध्यान भी रखें, (ध्यान करें) इस क्रिया के दौरान, हम ओम या गायत्री मंत्र का प्रयोग करें इससे हमारी आभामंडल बढ़ती है ।हमारी पर्सनालिटी भी बढ़ती है, और हम अपने आप को आत्मविश्वास से भरा हुआ शांत और ऊर्जा से भरपूर महसूस करते हैं।

पर्सनालिटी को बनाने के लिए हमें अपने शरीर को रोज थकाना चाहिए, जिससे हमारे शरीर से पसीना निकले, इससे हमारे शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलता है और हमारा शरीर आकर्षक बनता है।

विचारों में ऊर्जा शक्ति का प्रवाह करने के लिए रोज हम  सत्संग जरूर करें  या श्रवण करें ।इससे हमारा ज्ञान बढ़ता है,  यह सत्संग आईने की तरह हमें अपने दुर्गुणों  को दिखाता है, जिससे हम इन  दुर्गुणों को पहचान कर उसे दूर करने के लिए प्रयास करते हैं।सत्संग से हमारा  मन प्रसन्नता का अनुभव करता है।हम दुर्गुणों को दूर कर पाते हैं तो हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है, और हमारी पर्सनालिटी में भीतर से निखार आता है। विचारों को सुनने से हमारे मन में सकारात्मकता बढ़ती है ,और निरंतर गुणों के भंडार बनते हैं। आज के इस टेक्नोलॉजी के युग में इसे हम यूट्यूब के माध्यम से आसानी से अपने मोबाइल द्वारा भी सुन सकते हैं। इसके अलावा हम अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करें अगर पुस्तकें पढ़ने का हमें समय नहीं मिलता या हमें पसंद नहीं आता तो हम यूट्यूब पर उपलब्ध ऑडियोबुक्स को भी श्रवण कर सकते हैं, इससे भी हमारा ज्ञान बढ़ता है और, हमारे भीतरी विचारों में भी परिवर्तन आता है।हमारा स्वभाव आकर्षक बन पाता है, हम लोगों को पसंद आने लगते हैं।

कम से कम बोलने की आदत डालें, खूब ध्यान पूर्वक सुने और बहुत सोच समझकर ही कुछ बोले। यह आपकी पर्सनालिटी को काफी बढ़ा देता है।

सबसे पहले तो हम अपने बोली में सबसे ज्यादा ध्यान दें हम सदैव सोचकर ही बोले। सदैव मीठा ही बोले ,ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करें ,जो हमें  शीतलता दे, और सुनने  वाले व्यक्ति को भी शीतलता दें। हम बोली और व्यवहार में आप और हम शब्द का ही इस्तेमाल करें यह हमारे व्यक्तित्व को काफी रोचक प्रदर्शित करता है।

हम बातें करने के दौरान , अपनी जानकारी बिना वजह साझा ना करें। अपने पास में नए तथ्य नई नई जानकारी को छुपा कर ही रखें और जरूरत पड़ने पर ही निकाले और साझा करें।

अपनी पर्सनालिटी बढ़ाने के लिए कोई भी व्यक्ति जब हमें पुकारे, तब हम एक बार में उनको रिस्पांस नहीं दे।

प्रत्येक व्यक्ति को अगर संभव हो तो नाम लेकर ही पुकारें। हर व्यक्ति के नाम को याद रखे। प्रत्येक मनुष्य  अपना नाम  सुन काफी प्रसन्न होते हैं, और नाम लेकर पुकारने वाला व्यक्ति उसके लिए यादगार बन जाता है।

हम अपने चेहरे पर मुस्कुराहट का प्रयोग सूझ बुझ से करें। इससे हम किसी को भी आकर्षित करने में सफल हो जाते हैं ,और हमारा चेहरा भी खूबसूरत लगता है ।यह हमारे चेहरे पर आभूषण की तरह होती है।  हमारी मुस्कान हमारे बैंक बैलेंस की तरह होती है जिसका प्रयोग हम थोड़ा सा  मुस्कुराहट रुपी चेक बुक के द्वारा कभी भी उपयोग कर सकते हैं। यह हमारे व्यक्तित्व या पर्सनालिटी में अचूक निखार लेकर आती है। हम कई बार गंभीर रहकर  बिना कुछ बोले भी सामने वाले व्यक्ति की बात को नकार कर भी असहमति प्रकट कर पाते हैं।

पर्सनालिटी को बढ़ाने के लिए हम सदैव अपने ऊपर खिलने वाले ही वस्त्रों को प्रयोग करें। उन्हीं रंगों के वस्त्रों का चयन करें जो हमारे ऊपर खिलते हो ।जैसे माहौल में हमें जाना हो ,उसके अनुरूप कि हम वस्त्र का प्रयोग करें।

हमारे जूते और हमारी घड़ी हमारी पर्सनालिटी में चार चांद लगाने के लिए काफी कारगर सिद्ध होती है। इसमें जूते सदैव साफ-सुथरे पहने और हाथों पर घड़ी का प्रयोग जरूर करें।

वेशभूषा के साथ साथ हम अगर वस्त्रों पर थोड़ी खुशबू का प्रयोग करें तो यह भी हमारी पर्सनालिटी में चार चांद लगा देता है।

आप के निर्णय लेने की क्षमता , निर्णय लेना, और उस पर कार्य करना, और उस दिए गए निर्णय को सही साबित करने के लिए प्रयास करना आपकी पर्सनैलिटी में चार चांद लगा देता है।

जिसकी प्रसोनालिटी जैसी वैसी उसकी समृद्धि ,धन,और सफलता

कुल मिलाकर पर्सनैलिटी के बढ़ने में हमारे रूप ,बल,व्यवहार और स्वभाव का निरंतर योगदान रहता है और इसे हमें सीखने की जरूरत है क्योंकि हर इंसान दूसरे इंसान से प्यार और मान चाहता है, उसी के संग रहना चाहता है जिसमे यह सब गुण दिखाई देते हैं अतः अपनी पर्सनालिटी को निरंतर हमें बढ़ाते रहना चाहिए क्योंकि यह हमें जीवन में प्रसन्नता देता है।

जय श्री कृष्ण

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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