डायरी क्या है? | डायरी कैसे लिखें? | जीवन में डायरी का महत्व | Importance of diary in life

diary ( डायरी) वस्तु के दृष्टिकोण से दैनिक पुस्तिका नोटबुक या किताब है जिसमें प्रत्येक पन्ने में साल की 365 दिन के तारीख लिखी होती है और उसके नीचे कुछ खाली जगह होती है जहां पर हम अपने कुछ योजना या कार्यों को लिख सकते हैं।

उपयोग की दृष्टि से डायरी एक पुस्तिका ,नोटबुक है जिसमें हम दैनिक क्रियाकलापों अपने दिनभर की कार्य योजना अपने अनुभव, भविष्य की कुछ विचार या कार्य आदि को हम लिख कर रखते हैं। जिन्हें हम भूलना नहीं चाहते, ऐसे विचारों को हम दिमाग में नहीं रखते ,बल्कि इसे अपनी डायरी में नोट करते हैं। आगे भविष्य में कोई कार्य करना है तो उस तारीख की जगह पर भी हम अपने कार्यक्रम को लिखकर ना भूलाने के लिए ही इस डायरी का उपयोग करते हैं।

डायरी यूं कहे तो एक ऐसा दस्तावेज या हथियार है जिसे जिसमें हम अपने जीवन के तमाम ऐसे विचारों को भी लिख कर रखते हैं ,जिन्हें हम अन्य किसी के साथ शेयर नहीं कर सकते या बता नहीं सकते उन विचारों को भी उस में लिखकर स्टोर रखते हैं, अपने मन को हल्का करते हैं। यह किसी दूसरे के पढ़ने के लिए नहीं होती ,यह हमारी अपनी होती है जिसमें हम अपने ही विचार अपनी ही बातों को लिखते हैं ,ताकि हम उन्हें याद रख सके उसे भुला न सके।

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डायरी का महत्व क्या करती है

हमको यह स्कूल के दिनों से दी गई, हमसे लिखवाई गई, किंतु इसे लिखने का महत्व, हम समझ नहीं पाए ।क्यों लिखते हैं, यह जान नहीं पाए ,क्या लाभ है, जान नहीं पाए। यह एक ऐसा अस्त्र है ,जो हमारे पूरे जीवन को संजोकर रख सकता है। हमारे लक्ष्य निर्माण में लाभदायक हो सकता है। हमारे जीवन को आगे बढ़ाने उन्नति करने के लिए काफी लाभदायक हो सकता है।

डायरी के माध्यम से हम भूलने से बचते हैं।

डायरी हमारे सच्चे मित्र की तरह होती है, जिसमें हम अपने पूरे अनुभव को जब लिखते हैं तो हमें आत्मग्लानि की अनुभूति होती है हमें अपनी गलती का एहसास होता है तब हम हमारे विचारों को परिवर्तन कर सुधार की दिशा में काम कर पाते हैं। डायरी लिखने से हमारे संकल्प मजबूत होते हैं। धीरे-धीरे हमारे अंदर एक लेखक की सी अनुभूति होने लगती है ,और हम प्रसन्नता महसूस करते हैं।

डायरी रखने की आदत से हम वस्तु, घटनाओं ,लक्ष्य ,स्थान ,और व्यक्तियों की सूची बनाकर काफी हद तक अपने तनाव को हटा सकते हैं। हमें यह देखकर हैरानी होगी इसमें लिखित रूप से हमारा सारा कार्य योजनाबद्ध तरीके से लिखा होने से हम सभी कार्य को तथा विशेष कर उन कार्यों को जो हम बहुत समय तक टाल टाल मटोल करते रहते हैं वह भी पूरा कर लेते है। हमें उन कार्य को भी पूर्ण करने तक, पहुंचने में सहायता मिलती है जिन्हें हम परेशानी का रूप मानते हैं।

डायरी लिखने की आदत अगर हमारे जीवन में पड़ती है तो हम अपने नकारात्मक विचारों को उसमें उतार कर या लिख कर अपने मन को हल्का कर पाते हैं, और प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

डायरी क्यों लिखें ?

डायरी को हम अपना अच्छा साथी वफादार दोस्त मानकर उसमें हम अपने सभी विचार लिखें, तो यह हमें अपार सफलता और खुशियां दे सकता है ।हमारे जीवन के अनमोल क्षण इसमें लिखित होने की वजह से हम बार-बार उसे पढ़ कर आनंदित भी हो सकते हैं। इस डायरी लेखन से हमें पैसों के महत्व को समझने, लापरवाही, को समझने में आसानी हो पाती है हम अपनी भूल को नजरों के सामने देख पाते हैं ,और उसे सुधारने के लिए काम कर पाते हैं।

डायरी तीन तरह की|

१)दैनिक डायरी

प्रत्येक दिन के कार्यों का विवरण लिखने के लिए इस दैनिक डायरी का प्रयोग किया जाता है ।उन बातों को लिखना जो कार्य हो गए हो, या उन बातों को लिखना जो काम हमें भविष्य में करने हो, और उनका निर्णय आज हुआ हो। डायरी उन कार्यों के पूर्ति में काफी कारगर सिद्ध हो सकती है। इसमें रोज आने जाने वाले खर्च और रुपयों को भी लिखा जाता है।

विचार डायरी

हमारे मस्तिष्क में रोज कुछ ना कुछ नये विचार आते रहते हैं।हमारा मन मस्तिष्क विचारों का स्टोर हाउस नहीं होता । इसके लिए हम अपने मन में आए नए विचारों को तुरंत लिख सकते हैं, और उन विचारों का अध्ययन करने का, उस पर चिंतन करने का ,अमल करने का, हमें फिर से सोचने समय मिल जाता है। जिससे हम एक नया मार्ग भी बना सकते हैं।

अपने मन में उत्पन्न होने वाली इच्छाओं को नियमित रूप से हम इसमें लिख सकते हैं। कुछ प्रधान रूप से अखबार या पत्रिका की कटिंग जो हमें भविष्य में हमारे लक्ष्य तक पहुंचने में मददगार हो सकती है, हम इसे भी इसमें चिपका कर रख सकते हैं ।धीरे-धीरे हम देखेंगे हमारी कई इच्छाएं इस डायरी की वजह से पूर्ण होने लगेगी।

अलर्ट और जागृत के लिए अलग अलग रंगों के कलम का प्रयोग |

जो चीज हमें बराबर याद रखनी है उसे हमारे हरे पेन से और जिस चीज से सदैव अलर्ट रहना है उसे हम लाल पेन से लिख सकते हैं। जो हमें याद दिलाने के लिए , सिगनल्स का काम करते हैं।

डायरी में हमारा सारा जीवन

डायरी में हम हमारे उन योजनाओं को भी लिख पाते हैं जिसको हम आने वाले 5 या 10 15 या 20 साल बाद करने की सोच होती है। ये यहां डायरी में लिखित होने से बार बार जब हमारे सामने आती है ,तब उस पर आत्मचिंतन कर हम उस पर काम कर पाते हैं।जो हमें खुशियां देता है।

क्या क्या लिख कर रख सकते हैं।

इस डायरी में हम अपने कांटेक्ट को भी लिख पाते हैं।

इस डायरी में हम अपने जीवन की सेविंग और इन्वेस्टमेंट तथा अपने असेट्स और लायबिलिटीज के बारे में भी लिखकर अपनी आर्थिक क्षमताओं को जान पाते हैं।

हम अपने जीवन में किन-किन बातों से खुश होते हैं उन बातों की एक सूची बनाकर भी अगर इस डायरी में लिख दी जाए तो खाली समय में हमें इस बात को सोचना नहीं पड़ता कि हम क्या करें और क्या नहीं।

डायरी को हमारा मस्तिष्क हमारे दैनिक और भविष्य के कार्यों को याद रखने ,सपोर्ट करने का माध्यम भी हम मान सकते हैं। इसके लिए हम अपने सारे जीवन के बहुमूल्य विचारों को योजनाओं को इस डायरी में लिखित रखें इससे हमारा मस्तिष्क और दिमाग काफी शांति और आराम महसूस करता है

डायरी जीवन का एक ऐसा टूल है जिससे हमारे जीवन के योजनाबद्ध तरीके का पता चल पाता है।

डायरी लेखन हमारी जागरूकता को बढ़ाता है हमारी सोच को भी नियंत्रित करता है, हमें यह भी सिखाता है कि हम क्या सोचे, किस पर सोचे, हमारे टालमटोल की आदत को खत्म करता है। हमारी याददाश्त को मजबूत करता है ,हमारी चुनौती को कंट्रोल करता है, हमारा मार्गदर्शन करता है ।हमारे अतिरिक्त काफी दबाव को कम करता है ।यहां तक की हमारी भय की स्थिति में भी हमारा साथी बन कर हमें मार्ग दिखाता है। इस समय हम अपने अतीत में जाकर देख पाते हैं, सीख पाते हैं, कि कैसे हम पहले इन परिस्थितियों से लड़े हैं ,जो हमारे इस भय को खत्म करता है।

ऐसा भी देखा जाता है जिन जिन लोगों ने जीवन में बड़ा कुछ हासिल किया है, कुछ प्राप्त किया है उन्होंने अपने जीवन की इस साथी , डायरी को सदैव लिखा है।

डायरी में हम खुद के अनुभव लिखते हैं ,और इसे खुद ही बार बार पढ़ते हैं ।इससे हमारी भावनाएं हमारे मानसिक तनाव काफी कम होते हैं ।हमारे अंदर धैर्य की भावनाएं उपजती है, हम अपना मूल्यांकन कर पाते हैं ,हम आत्म निर्भर बन पाते हैं। हमारा अवसाद का जीवन खुशियों में परिवर्तित हो जाता है ,हम अकेले होकर, भी खुश रहने लगते हैं।

डायरी लिखने से हमारी लेखन कला का विकास होता है ।हमारी कल्पना शक्ति, सोचने की शक्ति बढ़ती है ।हमारी स्मरण शक्ति ,याद रखने की शक्ति भी मजबूत होती है। मेरे जीवन की हिस्ट्री को हमें जानने का, टटोलने का अवसर मिलता है,जिससे हम अपने भविष्य को सुधार पाते हैं। चूंकि, यह हमारा जीवन का अनुभव होता है इससे आने वाली पीढ़ी भी प्रेरणा ले पाती है। हम हमारे जीवन में अपने विचारों के साथ खुशी खुशी समय भी बिता पाते हैं।

डायरी लिखना हमें अनुशासन प्रिय बनाता है, आत्मनिर्भर बनाता है। चूंकि हमारे दिमाग में नए नए आइडिया आते जाते हैं, और अगर हमारी डायरी लिखने की आदत होती है ,तो फौरन हम उस आईडिया को डायरी में लिख कर उस पर फिर कभी भी जीवन में अमल कर पाते हैं। ऐसा भी होता है कि कई बार डायरी लिखने की आदत से हमारा जीवन एक सफलता भरा जीवन भी बन जाता है। हम बड़ी सफलता और खुशियां प्राप्त कर पाते हैं।

यह डायरी बांटने की प्रथा हमारे समाज में वर्षों से रही है और इसका उद्देश्य यही रहा है कि हम डायरी लिखने के लिए जागरूक हो। इसलिए नव वर्ष के उपलक्ष में लोग इस डायरी को बांटते हैं। डायरी बांटने वाले इंसान साधारण नहीं होते, वे जीवन को खुशियों से भरा जीने में विश्वास रखते हैं, और खुशी भरा जीवन जीने के लिए उन्हें उनके आसपास भी इस माहौल को निर्माण करने की आवश्यकता होती है इसलिए वे डायरी को बांटते हैं।डायरी को अगर हम नियमित लिखते हैं तो एक न एक दिन यह हमारे जीवन में बड़ा चमत्कार करके दिखा सकती है।

डायरी लिखें और खुश रहें

जय श्री कृष्ण

Thank you univese

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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