About Us

NIRMAL TANTIA

(Author)

OUR MISSION

” All human in world should be happy under the dream “

आत्मनिर्भर भारत और विश्वगुरु भारत

AUTHOR BIO

ON BLOG SINCE 2020

Gender

Male

Industry

Human Resource

Occupation

Business

Location

Kolkata

Interest

To Do Something For Human By Gyan And Happiness And Reading Books

Favorite Books

Secret-Rhonda Bryne

Mission

Making every Individual Happy!

मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा और अदृश्य शक्तियों द्वारा दिया गए इस तोहफे ने अचानक से मुझे सत्संग और कथा श्रवण से भी जोड़ दिया जहां रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा, नए नए अनुभव मिलते रहे, और फिर धीरे-धीरे मुझे पुस्तकों को पढ़ने में भी रुचि हो गई और मैं नई नई पुस्तकें पढ़ने लगा नित नया अनुभव प्राप्त करने लगा।
एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं किस तरह से अपनी जीवन चर्या में थोड़ा परिवर्तन करके वे प्रसन्नता से जीवन जी सकते हैं । इन ब्लॉक का उद्देश्य पृथ्वी पर जन्मे हर मानव को खुशियों के रहस्य के बारे में बताना है। हर मानव के लिए बनाया गया मेरा ब्लॉग विश्व में किसी भी प्राणी को जीवन की खुशी के रहस्य बताने के लिए संदेश है।
हमारी वेबसाइट का प्रमुख उद्देश्य है हर मानव में सुख ,शांति ,समृद्धि, धन, सफलता और खुशियां प्राप्त हो और वह अपने जीवन में खुशी के रहस्य को जानकर अपना जीवन निर्माण कर सकें।
इस ब्लॉग के जरिए मैंने खुशियों के लिए जीवन के रहस्य को बताया है कि कैसे हम छोटे-छोटे अपने जीवन के तौर-तरीकों में परिवर्तन कर खुश रह सकते हैं किस तरह जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को संजोग कर अपने जीवन में आनंद प्राप्त कर सकते हैं।
खुशी के ऊपर लिखने की प्रेरणा और अपने जीवन का उद्देश्य मैंने इसे तब बनाया जब ये जाना। 2019 की एक सर्वे में पढ़ा कि भारत आज भी 156 देशों में खुशी के मामले में 140 वे स्थान पर है, जबकि फिनलैंड प्रथम, नॉर्वे दूसरे ,और डेनमार्क पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर है उसी दिन मैंने यह निर्णय लिया कि मैं भारत को इस श्रेणी में प्रथम और विश्व गुरु बनाऊंगा और पूरे विश्व को खुशियों के मंत्र दूंगा।

                                                                             धन्यवाद

                                                                                                                                                 निर्मल टांटिया

 

Exit mobile version