जब हिम्मत टूटे तब क्या करें ?
चुनौती और प्रॉब्लम क्या है
चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा है या यूं कहें कि यह जीवन ही चुनौतियों का घर है इसलिए इन चुनौतियों और संघर्ष को जानना और इन चुनौतियों के समय को प्रयोग करना भी सीखना भी आवश्यक है
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डट कर सामना करें
चुनौतीयां का सामना डट करें और जान लें यह सफलता का एक प्रोसेस है।हर उत्पन्न हुई परिस्थिति को बारीकी से समझें और फिर अपना निर्णय लेकर काम आगे बढ़ाते रहें।
सकरात्मक सोच
अपनी सोच को हर हाल में पॉजिटिव बना कर रखें।हम परिस्थिति को कैसे लेते हैं, उस पर ही परिणाम आता है। एक ही स्थिति किसी के लिए सकारात्मक और किसी के लिए चुनौतियां या नकारात्मक हो सकती है यह हमारे देखने के नजरिए पर निर्भर करती है इसलिए हम उत्पन्न हुई परिस्थिति के सकारात्मक नजरिए को खोजें और उस परिस्थिति को सुलभ बनाएं
हम हिम्मत हार नहीं सकते
ऐसा भी मन को बताएँ की हम कई बार परिस्थिति को देखकर जो सोच रहे हैं कि अब हमारे वश में कुछ नहीं,यह सोच हमारी गलत होती है हमें हर हाल में अपने मन को यह बात बतानी चाहिए कि हम हार नहीं सकते,हमें डटे रहना है संघर्ष करना है, और अपने मन को मजबूत बनाकर अपने काम को करते रहना है,यही संसार का नियम है।
अपने लक्ष्य और बातों पर स्पस्ट और क्लीयर रहे
जब किसी चुनौती भरी परिस्थिति का निर्माण हो तब हम हमेशा इस बात को ध्यान रखें कि निर्माणाधीन परिस्थिति में हमें क्या करना है और आगे किस दिशा में जाना है। लक्ष्य स्वरूप उसे योजनाबद्ध तरीके से बना ले क्योंकि ऐसी परिस्थिति में जितना हम क्लियर रहते हैं हमें निर्णय लेने में उतनी ही आसानी होती है और हमारा मनोबल भी बना रहता है
अपने अकेले पन को दूर करें
चुनौती भरी परिस्थिति में जब हमारे सभी रिश्तेदार और हमारे नजदीकी लोग भी हमसे दूर हो जाते हैं और ऐसी परिस्थिति में हम जब खुद को अकेला महसूस करें तो स्वयं पर भी साथ-साथ काम करते रहें। अपने शरीर, स्वास्थ्य तन और मन को निरंतर चार्ज करने के लिए अपने अकेलेपन में हम संगीत से जुड़े,कोई मूवी देखें, व्यायाम करें, और नए नए सलाहकारों से अपनी चुनौतियां की चर्चा करें।
परिस्थितियां अस्थाई
हमेशा याद रखें हमारी चुनौतियां अस्थाई हैं
जैसे अच्छे दिन नहीं रहे वैसे हमारे यह दिन भी नहीं रहेंगे ऐसा अपने मन को समझाएं और बताएं इससे हमारा मनोबल बना रहता है और हम शांत और खुश रह पाते हैं इस ज्ञान के प्रभाव से हम वर्तमान परिस्थिति में काम भी कर पाते हैं
तुलना करने से बचें
चुनौतियों के समय दूसरों से स्वयं की तुलना करना हमारी स्थिरता को और कम करता है।यह सारी परिस्थितियां हमारे भाग्य और प्रारब्ध का फल होती हैं।वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बताएं तो इन परिस्थितियों का निर्माण हमारे अज्ञान की वजह से भी होता है। इसलिए ऐसी परिस्थिति में किसी सफल व्यक्ति से तुलना करके अपने मन को कोई ऐसा गलत संदेश ना दें या स्वयं को कमजोर महसूस न करें। हमारे ज्ञान और अज्ञान के वजह से ही सुख-दुख की परिस्थितियां उत्पन्न होती है।
अपनी डायरी यानी ड्रीम बुक को जीवनसाथी की तरह साथ रखें
चुनौतियों के समय अदृश्य शक्तियों की या ब्रह्मांड की कृपा और उपलब्धियों को नोट करना शुरू करें,जो हमें प्राप्त हैं। उस प्राप्त परिस्थिति के लिए ब्रह्मांड का आभार प्रकट करें। इसके लिए हम एक नोटबुक या डायरी रखें जिसमें समय-समय पर हम अपने वर्क, अतीत की गलतियां वर्तमान की निर्माणाधीन परिस्थितियां लिखें और उसके अनुरूप क्या क्या कदम उठाने हैं उसे नोट करें।सारांश में यह कहना चाहता हूं जब हम पेपर और कलम के माध्यम से अपने चुनौतियों का हल खोजते हैं तो यह काफी आसान हो जाता है। हम अपने गंतव्य तक भी आसानी से पहुंच जाते हैं।
समय अनुसार स्वयं में बदलाव लाएं
समय के साथ अपने जीवन को बदलें ।
जीवन में उतार चढ़ाव की परिस्थितियां बनती ही रहती है, इन परिस्थितियों में परिस्थिति के अनुसार अपने जीवन को बदलते रहे।बदली हुई परिस्थितियों को स्वीकार करें और उसके अनुरूप अपने आगे के जीवन को बनाएं।
पढ़ना जारी रखें
अपने जीवन में बड़ी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वालों की जीवनी पढ़ें।
जिन लोगों ने भी जीवन में सफलता पाई है उनके जीवन में कठिन चुनौतियां उन्होंने निश्चित रूप से झेली है।इन परिस्थितियों को उन्होंने कैसे सामना किया है,यह हमें आसानी से उन लोगों की जीवनी को पढ़ने से मालूम पड़ जाता है इसलिए हम जरूर पढ़ते रहे।इसके अलावा हम अपने मनोरंजन के लिए भी किताबें पढ़ सकते हैं इन किताबों के पढ़ने से हमारे मस्तिष्क में रसायनिक बदलाव आते हैं जिससे हम स्वयं को ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं।
प्रार्थना
प्रार्थना ईश्वर से हमारा सीधा संबंध है प्रार्थना को दिन भर का नित्य कर्म मान कर तीन बार करना शुरू करें इसे सूर्योदय दोपहर और सूर्यास्त के समय करना शुरू करें सूर्य को प्रणाम करें और आंख बंद करके उन्हें अपनी सभी चुनौतियों को बताएं और उन्हीं से अपने अंतः करण में समाधान पूछें। ऐसा कुछ दिन तक लगातार करने से निश्चित रूप से हमें चुनौती से निकलने का रास्ता मिल ही जाता है
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अपने सारे विकल्प लिखें
अपनी चुनौतियों को कागज कलम द्वारा लिखें कागज कलम के माध्यम से सारे विकल्पों को जो जो इस परिस्थिति में किए जा सकते हों लिख डालें उसके बाद इस बात का चिंतन करें कि इस परिस्थिति में क्या सबसे अच्छा हो सकता है और क्या सबसे बुरा हो सकता है और इस परिस्थिति से निकलने के लिए के लिए हम इस बुरे परिणाम की स्थिति को भी झेलने को तैयार हैं। इस तरह विकल्प पर गौर करके आसानी से पन्नों पर उसका समाधान खोज सकते हैं।
स्वास्थ्य रूपी धन को संभाल कर रखें
इस परिस्थिति में भी अपने स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद और समय पर भोजन का पूरा ध्यान रखें चुनौतियां तो आती और जाती रहेंगी किंतु स्वास्थ्य पर किसी तरह का प्रश्न चिन्ह सारी जिंदगी के लिए हमें दुखी करेगा इसलिए अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और इन परिस्थितियों में भी योग व्यायाम प्राणायाम और कुछ न कुछ शारीरिक क्रिया करते रहे जिससे कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है, हमें चुनौतियों से संघर्ष की शक्तियां मिलती है।इन परिस्थिति में ज्यादातर हम शारीरिक काम करना बंद कर देते हैं जिससे हमें मानसिक परेशानियां उत्पन्न हो जाती है अगर कुछ संभव ना भी हो तो दिन में दो बार कुछ किलो मीटर पैदल जरूर चलें
कुछ भी असंभव नहीं
हमेशा भरोसा रखें इस ब्रह्मांड में सब कुछ संभव है जब वह दिन नहीं रहे तो यह भी दिन नहीं रहेंगे। स्थितियां निरंतर बदलती रहती है।अपने मन को इस तरह दृढ़ विश्वास दिलाते रहे और हर हाल में प्रसन्न रहें
जीवन एक संघर्ष है
जीवन एक संघर्ष है और यह संघर्ष हर मानव को करना पड़ता है, स्थितियों और परिस्थितियों का निर्माण कभी हमारे अनुकूल और कभी प्रतिकूल भी होता है ऐसी स्थिति में संतुलित रहना जरूरी है।इस मस्तिष्क के संतुलन का तरीका भी सीखें
चुनौती को अवसर बनाएं
प्रत्येक चुनौतियां कुछ न कुछ नए अवसर का निर्माण करती है। यह परिस्थितियां हमारी कुछ पुरानी गलतियों का सुधार करती हैं, इसलिए इन परिस्थितियों का हर हाल में सदुपयोग करना और इन परिस्थितियों में सदैव आगे का समाधान और अवसर खोजना अच्छे विकल्प हो सकते हैं। परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो हार ना माने।
हर चुनौती जिंदगी में परिवर्तन के लिए आती है
कल को हम जानते नहीं इसलिए वर्तमान में जियें
हमारा अतीत हमारे लिए कुछ नहीं कर सकता भविष्य हमने देखा नहीं अब वर्तमान सिर्फ हमारे हाथ में है इसलिए वर्तमान की परिस्थितियों और समय का सदुपयोग करें जिससे हमारा भविष्य उज्जवल बन सके
असली वजह जाने
इन परिस्थितियों से निकलने के लिए इसकी असली वजह को जानने का प्रथम प्रयास करें
हमारी चुनौती की परिस्थितियों का समाधान जानने के लिए इन परिस्थितियों को गहराई से समझने का प्रयास करें।कहां भूल हो रही है उसमें सुधार का प्रयास करें।इन परिस्थितियों में और क्या-क्या किया जा सकता है उसे जानने का प्रयास करें इस तरह हम आसानी से समाधान की ओर जा सकते हैं
कुछ चीजों को कुछ समय के लिए बंद भी करें
इन परिस्थितियों से निकलने के लिए हम उन बातों को भी गौर करें जो इस परिस्थिति में हमें अतिरिक्त दबाव में डाल रही हो कोशिश करके उन आदतों को छोड़ें
अपने अटके हुए विचारों से आगे बढ़े। नकारात्मक लोगों को छोड़ें और हर हाल में अपने लक्ष्य पर डटे रहे
खुद पर काम करें
परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो ऐसी स्थितियों में भी हम स्वयं पर काम करते रहे जिससे हमारा आत्मविश्वास और संकल्प दृढ़ होता है। इसके लिए हम खूब सज धज कर रहे,चेहरे पर मुस्कुराहट का आभूषण बनाए रखें।सब को मान सम्मान देने की आदत रखें और वाणी में विनम्रता रखें।
भय से दो दो हाथ डट कर मुकाबला करें
ऐसी परिस्थितियों में मूल रूप से अपनी कमियों को जानकर प्रकट हुए भय का डटकर सामना करें। अपनी अज्ञानता और भूल को अपने सलाहकारों से साझा करें। सत्य को स्वीकार करें,झूठ बोलने से बचें। सत्य की सदैव जीत होती है। सत्य बोलने से एक बार ही डर लगता है किंतु हमारा भविष्य हमेशा के लिए अनुकूल और खुशहाल हो जाता है
इस समय अपनी किसी स्किल पर भी काम करें
ऐसी परिस्थितियों के निर्माण होने से ऐसा भी देखा जाता है कि हमारे पास प्रचुर समय होता है ऐसे खाली समय का भी हम सदुपयोग करें और जरूरत पड़ने पर किसी कला में मास्टरी हासिल करें। इस खाली समय में कला सीखने से भविष्य में हमें कहीं न कहीं लाभ ही पहुंचता है
नकारात्मक लोगों से दूर रहें
इस चुनौती भरी परिस्थिति में इस बात का विशेष ध्यान रखें की ऐसे समय में कुछ नकारात्मक लोग जो हमारे मनोबल को गिराते हों उनसे दूर ही रहे।अच्छे और ज्ञानी मित्र जो हमारे सुख-दुख को और हमारी परिस्थिति को समझते हो उनके साथ ही रहें। सकरात्मक लोगों का ही संग करें।
ऐसे काम करें जो हमें खुशी दें
अपनी डायरी में उन कामों की लिस्ट बनाएं जो हमें खुशी देते हैं या चार्ज करते हैं और चुन-चुन कर उन कामों को जबरदस्ती बिना मन के भी करें। इन कामों के करते रहने से हमारा मानसिक संतुलन बना रहता है और हम खुश रह पाते हैं। इस तरह हम नया भी कुछ सीख भी पाते हैं,जिससे ये समय भी आसानी से निकल जाता है। हम निश्चित रूप से चुनौतियों से बाहर भी आ जाते हैं
अपने लिए निर्णय को सही साबित करने की योजना बनाएं
ऐसी परिस्थितियों में हम जो भी निर्णय लें उन्हें सही साबित करने के लिए उस पर दृढ़ बने रहें। कई बार कोई विकल्प बहुत प्रभावी होता हुआ दिखाई दे तो अपने निर्णय को बदलने में भी संकोच ना करें इससे हम आसानी से उस परिस्थिति से आगे बढ़ जाते हैं।
योजना को क्रियांवित करें, परिणाम तभी आयेंगे
कई बार परिस्थितियां जब बिगड़ती है तो हम सोचते ही रह जाते हैं अपने विकल्पों पर काम नहीं करते। ऐसी परिस्थिति में हम अपनी योजना को क्रियान्वित करें, जिससे हमें परिणाम भी नजर आने लगते हैं अन्यथा हम सोच सोच कर ही अपना समय व्यर्थ व्यतीत करते रहते हैं।किसी ने इसके लिए कहा है निर्णय लेना और उसे क्रियान्वित करना ही अपने परिस्थितियों से निकलना है।
हर हाल में सकारात्मक ही बोले
इन परिस्थितियों में हम हर हाल में सकारात्मक और मीठा ही बोले। क्योंकि हमारे शब्द कई बार हमारे बनते कामों को भी बिगाड़ देते हैं। मीठे शब्द का प्रयोग करने से हम भी प्रसन्न रह पाते हैं और सामने वाले व्यक्तित्व ही हमारी बात को मानने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
यह भी गुजर जाएगा
अपने मन की शक्ति को बनाए रखने के लिए हमेशा इस मंत्र को याद रखें कि यह भी गुजर जाएगा और अधिक से अधिक अपना संतुलन बनाए रखें। हर परिस्थिति में अपने मन को बताते रहें कि वह नहीं रहा तो यह भी नहीं रहेगा और खुश रहने का प्रयास करें।
जितना अधिक हो सके शांत रहें
जब हम शांत होते हैं हमारी समझ कई गुना बढ़ जाती है.हमारे निर्णय अच्छे होने लगते हैं। हमारे संबंध भी बने रह जाते हैं। इस चुनौती भरी परिस्थितियों में शांति से कई विकल्प भी हमारे मित्र बन जाते हैं और हम आसानी से इन चुनौती की परिस्थितियों को पार कर लेते हैं,इसलिए इन परिस्थितियों में शांत रहें।
हमेशा याद दिलाएं अपने आप को की आप अपनी चुनौती से बड़े हो
जब हमारा मनोबल गिरने लगे तो यह बात भी याद रखें कि हम हमारी चुनौतियों से कई गुना बड़े हैं यह चुनौतियां जिन्हें देखकर हम इतना भयभीत हो रहे हैं इनका कोई अस्तित्व नहीं है यह कुछ समय के लिए आई है चली जाएंगी और परिवर्तन इस संसार का नियम भी है ऐसा अपने मन को समझा कर अपना मानसिक संतुलन बनाए रखें
कम बोलें
इन परिस्थितियों में कम से कम बोले और अधिक से अधिक सुने जिससे हमें अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का समय मिल जाता है इन परिस्थितियों में कई बार
कुछ अप्रिय सुनना भी पड़े तो उसे भी सहन करें क्योंकि उग्रता और क्रोध से बने हुए काम भी बिगड़ जाते हैं, हमारे मन में विस्मृति उत्पन्न हो जाती है विवेक का नाश हो जाता है।
अपने जीवन में इस आए हुए NO को ऐसे समझें
“N” माने नेक्स्ट और “O” का मतलब अपॉर्चुनिटी से समझे। इसे ऐसा माने कि हमें कोई नई अपॉर्चुनिटी मिलने वाली है और उसका इंतजार कर खुश होते रहें।
सकरात्मक और सुखद भावना की अनुभूति के लिए नित्य सत्संग जरूर करें
जिस तरह बंद पड़े कमरे में भी कहीं ना कहीं से कचरा आ जाता है उसी तरह हमारे मस्तिष्क में भी रोज कुछ न कुछ ऐसी बात आ ही जाती है जो हमारे मन को असंतुलित करती है। इसके लिए सत्संग को अपने इस चुनौती के समय विशेष समय दें। रोज ज्ञान के द्वारा प्रातः काल 1 घंटे का समय अपने किसी गुरु या सलाहकार के साथ जरूर बिताएं।
मंत्र को भी जरूर जपें
इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अपने किसी गुरु मंत्र या किसी प्रभु के नाम को जपने की आदत डालें। इससे हमारा ध्यान भी एकाग्र होता है और मन में शांति भी मिलती है।
कुछ देर ध्यान जरूर करें
इन परिस्थितियों से निकलने के लिए कुछ देर ध्यान जरूर करें इस ध्यान की अवस्था में मस्तिष्क के मध्य में अपने इष्ट को बैठाएं और अपनी सभी चुनौतियों को उनको बताएं। इससे भी समाधान निश्चित दिखाई देने लगता है।
ऐसा विश्वास रखें जो होता है अच्छे के लिए ही होता है
कई बार मानसिक संतुलन जब बिगड़ने लगे उस समय इस बात का पूरा भरोसा रखें कि इस संसार में जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है निर्माणाधीन सभी परिस्थितियां हमारे कल्याण के लिए ही उत्पन्न होती है और ऐसा सोच कर खुद को बार-बार याद दिला कर अपना मानसिक संतुलन बनाए रखें
सलाहकारों से सलाह करें
अपनी छोटी बड़ी चुनौतियों की स्थिति को अपने सलाहकारों से बार-बार पूछे। जितना हम पूछते हैं,उतनी जल्दी हम इन चुनौती की परिस्थितियों से निकल पाते हैं। पूछने वाला व्यक्ति पूछने के तुरंत बाद ही समाधान पा जाता है ना पूछने वाला व्यक्ति शोक में रहकर ही समय व्यतीत करते रहता है
सकारात्मक सोच ही हमें समाधान दिलाती है
उन बातों को अधिक से अधिक सोचें जो हम चाहते हैं,हकीकत में हो। इन परिस्थितियों में होता उल्टा है हम सोचते उन्हीं बातों को हैं जो हम हकीकत में नहीं चाहते तो इस बात का पूरा ध्यान रखें, हमारी हर सोच सकारात्मक हो।
कहीं घूमने भी जा सकते हैं
चुनौतियों के समय कई बार हम उस माहौल से निकलकर बाहर घूमने भी जाएं तो हम अच्छा महसूस कर सकते हैं प्रकृति के बीच जाकर समय व्यतीत करना हमारे कई समाधान और प्रश्नों का उत्तर दे सकता है।
बीती बातों को न सोचे
बीती बातों या परिस्थिति को अफसोस ना करें
जो बीत गया सो बीत गया।उस बात को बार-बार ना सोचे और उस पर दुखी न हो।
खुश कैसे रहें
इन स्थिति में भी खुश रहना एक कला है इसको भी जानने और सीखने का प्रयास करें
जब हम एक परिस्थिति पर बार बार हंस नहीं सकते तब हम किसी चुनौती पर बार-बार कैसे शोक कैसे कर सकते हैं।
इन परिस्थितियों में जितना हम संतुलित रहते हैं उतना ही आगे जीवन को खुशहाल बना पाते हैं इसलिए खुश रहने की कला और आदत के लिए जो जो चीज हमें करनी है उसे हम करते रहे।
सफलता तक पहुंचने का एक प्रोसेस
चुनौती समाधान और सफलता का एक प्रोसेस है। ना भागना है न रुकना है बस चलते रहना है बस चलते रहें,अपना काम करते रहे।
इस तरह पहाड़ जैसी चुनौती को भी राई बनाएं
इन बातों को ध्यान रखकर हम आसानी से अपने जीवन की चुनौतियां को राई जैसा बना सकते हैं
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण