हनुमान जी से मनुष्य ये गुण सीखें

हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर जाने और सीखें हनुमान जी के दिव्य गुण

हनुमान जी का जनम दिन (Hanuman Jayanti ) प्रत्येक वर्ष चैत्र सुदि पूर्णिमा को मनाया जाता है

हनुमान जी एक दिव्य, तेज, शक्ति,चरित्र या स्वभाव का प्रतीक हैं,जो चारों युग में प्रकट हैं

हनुमानजी एक ऐसी शक्ति जिनके जीवन में अनेक चुनौतियाँ आई फिर भी आगे बढ़ते रहे

भगवान राम दरबार के चौकीदार हैं हनुमान जी जो इनसे संबंध बना लेता है आसानी से राम जी से मिल लेता है

हनुमान चलिशा पाठ १ सुने

Table of Contents

हनुमान चालीसा हनुमान जी से जुड़ने का, पंथ मंत्र ग्रंथ तीनों है

हनुमान चालीसा को सिर्फ पढ़ने मात्र से हम हनुमानजी से जुड़ सकते हैं

हनुमानजी से जुड़ने के बाद और किसी देवता की पूजा करना जरूरी नहीं, इनकी शरण से मानव जीवन के सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं

हनुमान जी ने सूर्य से ज्ञान लिया जो यह सिखाता है कि हमें सूर्य अर्घ् जरूर देना चाहिए सूर्य के सम्मुख जरूर जाना चाहिए

हनुमान चलिशा पाठ २ सुने

बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद और आशीर्वाद की शक्ति को सर्वोपरि मानना उनके जीवन से सीखने मिलता है

संवाद की कला में माहिर वे किसी से भी मिलते ही उसे अपना रिश्तेदार सखा या भाई बना लेना उनसे सीखने योग्य बात है

उनके जीवन का एक ही मंत्र रहा आगे राम का काम फिर विश्राम

वे सभी काम राम के हैं जो जीवन में हमें मिले हैं,ध्यान देने की बात है

हनुमान चलिशा पाठ ३ सुने

बड़े लक्ष्य बनाना और उसे हासिल करना हनुमान जी के जीवन से सीखना चाहिए

सिर्फ  राम से आस और कर्म में विश्वास उनके जीवन का उसूल सीखने की आवश्यकता है

हर स्थिति में प्रभु की कृपा का दर्शन, प्रभु विश्वास के बल पर निर्भय होकर डटे रहना भी सीखना चाहिए

राम कथा में प्रेम उनके जीवन का दिव्य गुण है

हनुमान चलिशा पाठ ४ सुने

इसे भी पढ़े:-

Adopt These Things, Your Chances of Success Will Increase | अपनायें यह बातें बढ़ जाएगी सफलता की संभावना

पढ़ाई में मन क्यों लगायें पढ़ाई में अगर मन नहीं लगता है तो अपनायें यह बातें बढ़ जाएगी सफलता की संभावना ( Adopt These Things, Your Chances of Success Will

Read More »

What is Raksha Bandhan | रक्षा बंधन क्या है ?

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई और बहन के पवित्र प्रेम का त्यौहार है यह दो शब्दों से मिलकर बना है,जिसमें रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और बंधन का अर्थ आपसी प्यार

Read More »

Know The Infinite Powers of Thought | जाने विचार की असीम शक्तियां

विचार क्या है। विचार एक ऊर्जा (एनर्जा) है, जो मनुष्य के अंत: करण,यानी हृदय मे प्रकट होती है। जिस प्रकार मन के विकार से काम, क्रोध, लोभ आदि मनोवेग पैदा

Read More »

Reality and Importance of Indian Education System

शिक्षा क्या है 84 लाख योनियों में केवल मनुष्य ही विद्यार्थी है, और शिक्षा का अधिकारी है बाकी अन्य तो सब भोग योनी है केवल मनुष्य योनि ही शिक्षा के

Read More »

Friendship Day | Who is Friend

हमारा मित्र वह होता है जिसके साथ हमारा मन मिलता है,जिसकी आदतें हमसे मिलती है,जिसके साथ समय बिताना,जिसकी आदतें और व्यवहार हमको पसंद आता है।अपने मित्र को हम स्वयम चुनते

Read More »

The meaning of skill | स्किल का मतलब

स्किल का मतलब (Meaning of Skill ) है, किसी कौशल को कोई व्यक्ति बेहतर तरीके से करने में सक्षम बनता है। किसी काम में विशेष ज्ञान और क्षमता का होना

Read More »

छोटा बनकर और झुक कर अपने काम बनाना उनसे सिखा जा सकता है

जब बुद्धि दिखाने का समय आया तो छोटे हुए और जब बल दिखाने के समय बड़े हुए उनसे सीखना चाहिए

जिन जिन को हनुमान ने राम कथा सुनाई उनका प्रभु राम से जरूर मिलन हुआ

हनुमान जी ने खुद भक्त होने के बावजूद भी स्वयं को छुपाया और प्रभु को ही आगे रखा

हनुमान जी ऐसे कथावाचक हुए जिन्होंने सर्वप्रथम विदेश की भूमि यानी लंका में जाकर कथा सुनाई

हनुमान चलिशा पाठ ५ सुने

हनुमान चालीसा इनसे गुरु दीक्षा लेने का मंत्र है

हनुमान जी ऐसे संत हैं जो प्रभु के दरबार में सीधे जीव को पहुंचाने का सामर्थ रखते हैं

अपने भक्तों को छुड़ाने हनुमान जी  स्वयं जाते हैं क्युकि, वे जाने के लिए किसी अन्य देवता की तरह वाहन पर निर्भर नहीं, वे उड़ कर स्वयं तुरंत पहुँच जाते हैं

अस्ट सिधि और नव निधि का वरदान प्राप्त होने की वजह से वे संसार की समस्त सुख – भोग देने का सामर्थ्य रखते हैं

हनुमान को अपने अंतः मन में गुरु बनाएं प्रभु से मिलाप निश्चित हो जाता है

हनुमान चलिशा पाठ ६ सुने

हनुमान चालीसा इनसे गुरु दीक्षा लेने का मंत्र है

हनुमान जी की ताकत उनको याद दिलाने के लिए कवन सो काज कठिन जग माही जो नहीं होय तात तुम पाही ऐसा 7 बार बोल कर अपनी चुनौतियों को उनके सम्मुख रखें

हनुमाजी की ७  परिक्रमा करें

हनुमान जी अपने अमूल्य समय का उपयोग प्रभु का नाम लेकर प्रभु के साथ जुड़ कर रहते हैं क्योंकि नाम में प्रभु स्वयं विराजमान हैं

हनुमान जी की पूँछ पीछे होती है, जिसका अभिप्राय है,उनकी प्रशंसा वहाँ भी होती है, जहाँ वो स्वयं उपस्थित नहीं होते, अर्थात पीछे से होती है

जिनके जिनके जीवन में हनुमानजी आए उन्होंने अपने भक्तों को रामजी से जरूर मिलवाया या राम तक पहुंचाया

इसे भी पढ़े:-

हनुमान चलिशा पाठ ७ सुने

जहां जहां हनुमान जी के चरण पड़े वहां वहां रामकथा निश्चित संपन्न हुई

इस कलिकाल में वही साक्षात हनुमान का स्वरूप है जिसका प्रभु के नाम और कथा में प्रेम है,हमें हनुमान को पहचानने की जरूरत है

हनुमान जी के भक्ति करने से मानव जीवन के चारों पुरुषार्थ धर्म अर्थ काम और मोक्ष अपने आप उस मानव को प्राप्त हो जाते हैं
आइए 7 बार हम हनुमान जी के  परम भक्तों के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें

आओ हनुमान जी की आरती करते है |

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version