मस्तिष्क का रहस्य। | Mastishk Ka Rahasya

आकर्षण का नियम दुनिया का सबसे शक्तिशाली नियम है। हम अपने जीवन में जो भी चीजें देख रहे हैं,उसे हमने कभी न कभी देखा या सोचा है,और वही चीजें जीवन में रूप बनाकर आ रही होती है।इसका मतलब यह है कि मस्तिष्क में हमारे जो भी चल रहा होता है,उसे हम आकर्षित कर रहे होते हैं।

इस दुनिया में सिर्फ 1% लोग 96% धन कमाते हैं,और ऐसा इसलिए होता है कि उन्हें इस खास रहस्य का ज्ञान होता है,जिससे वे अपने मस्तिष्क में दौलत को आकर्षित करते हैं। वे अपने शब्दों का सोच समझकर प्रयोग करते हैं।वे दौलत की प्रचुरता और दौलत के विचारों को सोचते हैं,उनके सारे प्रबल विचार मस्तिष्क के अंदर,दौलत के लिए ही चलते रहते हैं।

आकर्षण का नियम यह भी कहता है कि हम समान चीजों को आकर्षित करते हैं। इसका मतलब होता है जब हम कोई विचार सोचते हैं तो, उस जैसे अन्य विचारों को भी हम अपनी और आकर्षित करते हैं। 

हम अपने दिमाग में यदि किसी भी चीज को देख या सोच सकते हैं तो यह निश्चित है कि हम उसे प्राप्त भी कर सकते हैं।हमारे विचारों द्वारा सोची हुई वस्तु ही साक्षात प्रकट हो जाती है।यह ब्रह्मांड का नियम है,ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते, कि विचार की,फ्रीक्वेंसी रेडियो की तरह होती है जो हम ब्रह्मांड में भेजते हैं ब्रह्मांड,उन्हीं चीजों को हमारे जीवन में भेजता है। 

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क्या और कैसा सोचें | Mastishk ka Rahasya

मानव के रूप में हमारा काम अपने दिमाग में ऐसे ही विचारों को रखना है जिन्हें हम चाहते हैं,और हमें इन विचारों के बारे में भी,स्पष्ट और साफ सुथरा दृस्तिकोंन होना,कि हम क्या चाहते हैं, यह भी बहुत जरूरी है।ऐसा करके हम ब्रह्मांड के महानतम नियमों को सक्रिय करते हैं,जो आकर्षण का है।हम जैसा सोचते हैं,वैसा ही बन जाते हैं।

अगर हम समृद्धि के जीवन की कल्पना करते हैं तो हम इसे आकर्षित करते हैं। हम अच्छे घर,गाड़ी,या जिस चीज की भी कल्पना करते हैं,हमारे जीवन में वही प्रबल विचार चुंबक की तरह उन वस्तुओं को हमारे जीवन में प्रकट कर देते हैं।

इसलिए हमें जो चाहिए उसे हम चित्र रूप में भी अपने सामने हर समय लगाएं,तो वह साक्षात प्रकट हो जाते है।आकर्षण का नियम इस बात को नहीं जानता कि हम किन शब्दों के द्वारा मांग रहे हैं, बस जो शब्द प्रयोग करते हैं, उन्हीं शब्दों के अनुरूप वस्तु ,व्यक्ति को यह मस्तिष्क आकर्षित कर लेता है।इस तरह हमारे मस्तिष्क को अच्छा या बुरा का ज्ञान नहीं होता।

सोच से परिवर्तन की यात्रा

हम सिर्फ अपनी सोच पर ही काम करें अपनी सोच का ही ध्यान रखें,और कुल मिलाकर हम सोच कर ही सोचे।क्यों की हम जो सोचते हैं,उससे भावी जीवन की रचना करते हैं।

प्रकृति के नियमों की तरह यह भी एक तरह का नियम है।विचारों में हम जो सोचेंगे, बोलेंगे, वही काटेंगे और पायेंगे।हमारे विचार बीज की तरह होते हैं,और वे परिणाम ही फसल की तरह हमें जीवन में प्राप्त होते हैं।

ऐसा भी देखने में आता है कि हम धनी लोगों के संग रहते हैं,तो हम भी धनी बन जाते हैं,और धन प्राप्त करते जाते हैं। हम विद्वान के संग रहने से और बुद्धिमान होते जाते हैं। यह भी आकर्षण के नियम के तहत ही काम करता है।

 

बीज से फसल के रहस्य

आकर्षण का नियम हमारे विचार रूपी बीज और फसल के निर्माण में थोड़ा समय लगाता है।इस वजह से हमें अपने विचारों को संभालने का समय मिल जाता है। परम सत्ता का यह तो शुक्र है कि हमारे विचार तत्काल सच नहीं होते,अगर ऐसा होता तो,मानव के जीवन में क्या होता है,आप समझ ही सकते हैं।

इस लिए हम अपने विचारों के प्रति जागरूक बने।अपने शब्दों का चयन और उसकी बागवानी खूबसूरती से करें।अपने विचार को सावधानी-से ही सोचे ,क्योंकि हम,यहां मास्टर पीस बनकर आए हैं,हम यूनिक हैं,हम समृद्ध हैं,हम परमात्मा की आकर्षक रचना हैंं।

अपने विचारों से अपने मस्तिष्क को विजय दिलाने का एक महत्वपूर्ण तरीका यह भी है हम अपने दिमाग को शांत रखना सीखें। साधना के द्वारा हमारा मस्तिष्क शांत होता है। जितना हम शांत रहने का प्रयास करते हैं उतना ही हम अपने विचारों को नियंत्रित कर पाते हैं। हमारे शरीर में स्फूर्ति भर जाती है। हम अपने विचारों के मालिक होते जाते हैं, फिर धीरे-धीरे हमारे जीवन में नए-नए चमत्कार अपने विचारों के द्वारा ही करने की शक्ति प्राप्त कर लेते हैं।

इसके लिए अच्छा महसूस करना,उतना ही महत्वपूर्ण है।क्योंकि यह अच्छी भावना ब्रह्मांड में संकेत की तरह जाती है। जिससे हम अच्छी चीजों को आकर्षित करने लगते है। हम जितना अच्छा महसूस करते हैं,उतने ही अच्छे लोग और अच्छी स्थिति को अपनी और आकर्षित करते हैं।

आकर्षण लिए ये उपाय करें

  1. हम अपने खाली समय में सुखद यादों को याद करें।भावी घटनाओं की कल्पना करें, मौज मस्ती के पलों को याद करें,सुंदर प्रकृति के विभिन्न रचना को याद करें।
  2. जिस व्यक्ति को आप देखना चाहते हैं,प्राप्त करना चाहते हैं,उसकी छवि बनाकर उसे याद करें।
  3. अपने पसंदीदा संगीत को सुनें।
  4. हमारा ब्रह्मांड हमारा सच्चा मित्र है।यह ब्रह्मांड भव्य है।हर चीज में हमारा साथ देता है।हमारी सफलता के लिए ब्रह्मांड हमें हर तरह से मदद करता है।
  5. इस तरह कल्पना करें कि मैं अपने पत्नी, बच्चों और परिवार के साथ आलीशान फ्लैट में रह रहा हूं। मैं पर्वतारोहण कर रहा हूं।मैं सफारी यात्राओं पर निकला हूं। इस तरह सुखद बातों की कल्पना करें।
  6. मेरा जीवन बहुत आसान है। मेरी जिंदगी बहुत अच्छी है। हर अच्छी चीजें ब्रह्मांड की मेरे लिए है। जब हम हल्का महसूस करें ,तब अच्छी भावनाओं और अच्छे विचारों के द्वारा उन विचारों को दबाएँ,जो हमारे मस्तिष्क में किसी काम के नहीं।
  7. इस ब्रह्मांड को तीव्र गति ही पसंद आती है इसलिए कभी विलंब ना करें, दोबारा ना सोचे।
  8. जब अवसर मौजूद हो, मस्तिष्क और विचारों में याद आये,उस समय हम जो चाहे वह सोचे, तो ब्रह्मांड जरूर, जरूर, जरूर, जरूर ,देता है। अपनी इच्छा और चाहना को बार -बार सोचे,और विश्वास करके बैठ जाएं कि ब्रह्मांड हमें जरूर देगा।
  9. जब यह चीजें प्रकट हों, तो शरीर के रोम-रोम से हम ईश्वर और परम सत्ता को धन्यवाद करें।बार-बार छोटी छोटी चीजों के लिए धन्यवाद करने लगें। इस बात को भी समझ ले कि इस ब्रह्मांड के अंदर हमारी सोची हुई सभी वस्तुएं अदृश्य रूप से विराजमान है। अगर किसी वस्तु की प्राप्ति में कोई देर हो रही है तो इसका मतलब यह है कि हमारी सोच और हमारे ध्यान में उस चीज की कमी है।
  10. किसी पुराने दोस्त से बात करने की तस्वीर को अपने दिमाग में बनाएं।
  11. हमेशा अपने मुख से बोले, मैं खुशकिस्मत हूं,मैं हर समय जीतता हूं,यात्रा पर जाएं तो ऐसा अनुभव करें कि मेरी यात्रा सुखद है,इसका मतलब है कि हम ऐसी शक्तियों और तत्वों को यात्रा पर पहले ही भेज देते हैं,जो हमारी यात्रा को सुखद बनाने की तैयारियां कर देती है।
  12. इसी तरह हम सर्वदा बोले मेरे पास पर्याप्त समय है।जब आपके पास जीवन में खाली समय हो ,उस खाली समय में नई-नई कल्पनाएं करें।
  13. ऐसा सोचे कि,आप रिसोर्ट में घूम रहे हैं, आप गाड़ी में अपने बच्चों के साथ घूम रहे हैं। जिंदगी की हर घटना के बारे में पहले से सोचे।आपके सुखद जीवन की यात्रा में ब्रह्मांड की रोशनी की तरह आगे आकर आपके आगे के जीवन को सुखद बनाएं। ब्रह्मांड को हमारी इच्छाएं को पूरा करने में जरा भी समय नहीं लगता। उसको तो प्रकट करना है।
  14. इसके लिए ₹1 को प्रकट करने में भी वही शक्ति लगती है,जो 100 करोड रुपए प्रकट करने में लगती है।सिर्फ हमारे सोच की प्रकृति कितनी प्रबलता से उस विचार को आकर्षित करती है,उस पर सब कुछ निर्भर रहता है।
  15. हमारा वर्तमान जीवन उन्हीं विचारों का परिणाम है,जो हमने पहले कभी हमने सोचा है।ब्रह्मांड का एक नियम कृतज्ञता का भी है हम जितनी, कृतज्ञता ब्रह्मांड को अपने जीवन में प्राप्त वस्तु या स्थिति की करते हैं, वह उससे दुगनी गति से हमें उससे अच्छी चीजें भेजता है।
  16. हम अपनी पत्नी,बच्चों के काम की तारीफ करें। प्रशंसा में शक्ति है,वह प्रोत्साहित करती है,बिस्तर पर उठते ही ब्रह्मांड को कृतज्ञता का भाव भेजें,कि आज ब्रह्मांड ने नया दिन हमको दिया। उन्हीं चीजों पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान केंद्रित करें,जो आपको ब्रह्मांड ने दे रखी हो।उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करें।इससे हमें हमारी मनचाही वस्तु जल्द मिलने लगती है। जब हमारे दिमाग में मनचाही वस्तु के साथ उसकी तस्वीर उत्पन्न होती है,ऐसी विचार और भावनाएं जागृत होती है की वे चीजें उस समय ही हमें मिल गई है,हमारे पास है,और इन चीजों को देखने से हमारा विश्वास और दृढ़ होता है कि,वह चीजें,हमारे पास ब्रह्मांड ने भेज दी है।
  17. हम उन बातों को सोचे ,जो हम चाहते हैं।किंतु कमाल की बात है,हम उन बातों को सोचते हैं जो हम नहीं चाहते।हम ब्रह्मांड के साथ एक चुंबकीय शक्ति से जुड़े हैं।हम जो सोचते हैं, जो बोलते हैं,उसे ब्रह्मांड सत्य करने लग जाता है।हमारा विश्वास करना, उसके प्रति आदर करना होता है,और हम उस ब्रह्मांड के प्रति जब विश्वास करने लगते हैं,यह चीज हमें प्राप्त हो रही है तब वह चीजें निश्चित रूप से हमारे जीवन में प्रकट होने लगती है।
Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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