जीवन में लक्ष्य का महत्व | Importance Of Goals In Life
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लक्ष्य निर्माण के बिना सब बेकार
कमाल की बात है कि जब तक हमारे जीवन का उद्देश्य या हमारा गोल नहीं बनता, हम कहीं नहीं पहुंच सकते।
साधारण सी बात है जीवन में बड़ा कुछ प्राप्त करना है, तो अपना लक्ष्य और अपनी मंजिल, उस तक पहुँचने के समय को तय करना सबसे जरूरी है।
उदाहरण |
१) जैसे जब हम रेलवे की टिकट कटाने जाएं और वहां पर जा कर यह बोले कि हमें टिकट दो, और वह यह पूछे कि कहां की दूं, कौन सी गाड़ी की दूं, कितने बजे की ट्रेन लोगे, और इन सब का जवाब हम यह दें की- कहीं की भी दे दो, कितने बजे की भी दे दो, कोई भी गाड़ी की दे दो, तो वह सब बेकार हो जाएगा। उसी तरह हमारा उद्देश्य या गोल ना होना, हमारे सारी जीवन की सारी योजनाओं को बर्बाद कर देता है।
२) जिस तरह 500 -1000 किलोमीटर की यात्रा के लिए भी हमें सब चीज का पूर्व निर्धारण करना पड़ता है,उसी तरह अपने जीवन को सफल और खुशनुमा बनाने के लिए हमें हर चीज को पूर्व निर्धारण करना पड़ता है।हम क्या करेंगे, कहां जाएंगे, इसके लिए हमें क्या-क्या करना होगा, यह सब कलम कागज के जरिए लिखित, हर समय अपनी आंखों के सामने रखना चाहिए, तभी हम उस लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।
मंजिल की यात्रा के station
१) गोल को प्राप्ति करने के लिए हमारे मस्तिष्क में पहले हम उन विचारों के बीज बोए।
२) फिर उन विचारों को हम कागज कलम के माध्यम से क्रमबद्ध तरीके से लिखें, और जो हमें चाहिए।
३) उसकी तस्वीर अपने इर्द-गिर्द पोस्टर की तरह लगाएं।जब भी हम उधर से गुजरे,उस पोस्टर पर हमारा ध्यान जाए, हम उसे देखें, और पढ़ें। जो हम चाहें हमारी आंखों के सामने और लिखित हों और वो बार बार हमको दिखाई दें, तब हम उसे पूरा कर पाते हैं।
४) इस पोस्टर को लगाने के बाद उससे भी ज्यादा जरूरी है, हम उस पर एक निश्चित समय निर्धारित कर लिखें, किस दिन तक हमें यह प्राप्त करना है।
५) पोस्टर की कॉपी बनाकर उसका चित्र को कई जगह, जहां हम दिन भर में कई बार जाते हों, हर उस जगह तस्वीर के माध्यम से हम ये पोस्टर या चित्र लगाकर रखें, तब हमारे जीवन में गतिशीलता बढ़ती है हम गोल तक पहुँच पाते हैं।
६) अपने खास समर्पित मित्र, भाई या किसी विश्वास पात्र को इस लक्ष्य को बताएं।
७) अपने लक्ष्य पर मासिक मनन चिंतन करें की इस पर क्या हमने किया।
८) उन लोगों के बीच जाकर समय व्यतीत करें, जो हमारे लक्ष्य की ओर जा रहे हो, या जिन्होंने इस लक्ष्य को पाया है, उन लोगों से मिले उनके बीच जाकर समय बिताएँ।
९) प्रातकाल उठने के बाद अपने लक्ष्य को बार-बार दोहराए, अगर संभव हो तो कई बार दिन में और रात्रि में शयन से पहले अपने संकल्प और लक्ष्य को मुंह से बोलें।
गोल को क्रमबद्ध तरीके से लिखें:
अपने जीवन की चाहने वाली चीजों की हम लिस्ट बनाएं, तभी हम उस पर काम कर सकते हैं। कमाल की बात है किसी भी स्कूल या कॉलेज में हमें यह गोल बनाने की कला नहीं सिखाई जाती। हमारी इस वेबसाइट पर आप खुशहाल जीवन निर्माण के अनेक साधनों से जुड़ सकते हैं।
गोल एकदम क्लीयर
हमारा गोल एकदम साफ सुथरा होना चाहिए। एकदम साफ सुथरा गोल ही हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचाता है।
जैसे हम सब पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन कितना यह हमें मालूम नहीं, कब तक यह हमें मालूम नहीं, और इसके लिए क्या-क्या करना होगा, यह भी हमें मालूम नहीं।उसी तरह जब तक हमारा गोल, हमारा समय, और उसके प्रोसेस पर हमें क्लियर सब योजना मालूम ना हो, तब तक हम उस गोल तक नहीं पहुँच सकते।
लक्ष्य हमारे जीवन बदलने की शुरुआत
जिस दिन हमारे हाथ में हमारे जीवन के गोल लिखित होते हैं, उसी दिन निश्चित है कि हमारा जीवन परिवर्तित होने लगता है। लक्ष्य डटे रहना दृढ़ता से हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाता है।
प्रारंभिक शुरुआत
इसके लिए हम पहले दिन भर के गोल बनाएं, फिर अगले दिन के गोल, फिर अगले महीने के गोल, फिर अगले साल के गोल, और जब इस तरह छोटे छोटे गोल बनाने की, लक्ष्य बनाकर काम करने की आदत पर काम करने की आदत और उस काम पूरा करने की आदत पर हम सफल होते हैं तो बड़े गोल भी बनाना, और बड़ी सफलता को प्राप्त करना हमारे लिए आसान हो जाता है।
लक्ष्य को मस्तिस्क में
इसके बाद हम रोज अपने विचार और अपने गोल के बारे में अपने मस्तिष्क के धरातल पर कुछ समय के लिए जरूर सोचे, उस विचार को 17:00 से 1 मिनट तक जरूर मतिस्क में बनाकर रखें। इस तरह आसानी से हम लक्ष्य की प्राप्त कर सकते हैं।
लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद की स्थिति की कल्पना
इसके बाद इस 1 मिनट के समय के दौरान मस्तिष्क में अपने लक्ष्य तक पहुंच गए हैं, ऐसा अनुभव करें, और उस समय उस समय हम प्राप्त हुए सफलता की खुशियों के बारे में महसूस करें, इस तरह हम अपने गोल तक और पहुंच में गति ला सकते हैं, उस पर काम कर सकते हैं। जिस तरह गाड़ी में पेट्रोल डालने से गाड़ी चलती है, उसी तरह सकारात्मक भावना पेट्रोल कि तरह लक्ष्य तक पहुंचाने में मित्रवत मदद करती है। उसे महसूस करना हमें प्रेरित करता है, हमें सफलता की ओर ले जाता है।
जब हम इस प्रक्रिया से निरंतर गुजरने लगते हैं। समय यहां गुजारने लगते हैं तब हमारे विचार, हमारी भावनाएं, हमारे इच्छा सब एक होकर ब्रह्मांड से मिल जाती हैं, और ब्रह्मांड को भी अपने साथ कर लेती हैं, और हम तेजी से उस इच्छा को पूर्ण करने के लिए प्रेरित होने लगते हैं, उस पर काम करने लगते हैं। फिर हमारे अंदर उस इच्छा को पूरी करने की आग लग जाती है, और हम उसे पूरा करके ही दम लेते हैं, और निश्चित रूप से पूरा भी कर पाते है।
इस दौरान हमें धैर्य धारण करते हुए लगातार अपनी इच्छा पर काम करते रहना है तभी हम सफल हो सकते हैं।
यात्रा के मित्र
हमारा विश्वास और हमारा सपना भी मित्र बनकर हमारे साथ देने लगते हैं। नये-नये अवसर, और लोगों से हमारा जुडाव होने लगता है, जो हमें सफलता की राह पर मिलने लगते हैं, हमें हमारी मंजिल तक पहुंचा देते हैं।
यात्रा के अनुभव
यह दौरान इस बात को भी ध्यान रखना है कि हम लगातार काम करते रहें। इस दौरान हमें ना डरना है, ना पीछे हटना है क्योंकि ये सफलता के रास्ते के स्टेशन है। ये सफलता के रास्ते के पड़ाव हैं जो हमें इस बात से अवगत कराते हैं कि हमें सुधार कहां करना है, किस तरह अपनी बातों को रखना है, किन बातों से सीखना है, ताकि वह गलती दोबारा न हो, और हम उस डर और रुकावट को उलांघ कर अपने काम को करते रहें, तब हमारा लक्ष्य या मंजिल तक पहुंचना तय हो जाता है।
कुल मिला कर
अब हमारी मंजिल का मिलना तय है। हम अपनी इस सफलता को मनाने की तैयारी भी कर सकते हैं अपने जीवन को खुशियों ही खुशियों के रंग में भर मंजिल पर खुशी मनाते खुद को महसूस कर सकते हैं।
हमारा लक्ष्य यदि महत्वपूर्ण हो तो हमें बहुत से रास्ते और भी दिखाई देने लगते हैं, अगर नहीं तो सिर्फ बहाना दिखाई देता है। जो लक्ष्य में खोकर अपने जुनून से काम करते रहते हैं, उन्हें एक दिन सफलता मिल ही जाती है। अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले कहीं असफलता मिले तो भी हम अपने कार्य की रणनीति बदलें, अपने लक्ष्य को बदलने ना दें।
जय श्री कृष्ण
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