हमारे सफल जीवन और खुशियों के निर्माण में शिक्षा कैसे सर्वोच्च है। | How education is supreme in building our successful life and happiness.
जीवन निरंतर सीखने की प्रक्रिया का नाम है ,और जीवन में इस प्रक्रिया से गुजरने के लिए हमें जिस औजार की आवश्यकता होती है, वह अस्त्र शिक्षा है। शिक्षा के जरिए जीवन में हम सीख कर ,जानकारी एकत्रित कर ,अपनी क्षमताओं का विकास करते हैं, जो कि हर मानव का एक मूलभूत अधिकार है। शिक्षा हर मानव को जरूर जरूर प्राप्त करनी चाहिए।
शिक्षा के द्वारा हमारे मस्तिष्क का विकास होता है ।ज्ञान को समझने की योग्यता हम प्राप्त करते हैं। शिक्षा हमारे जीवन की नींव है ,जो हर बच्चे, हर मानव को जरूर लेनी चाहिए।
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शिक्षा से बढ़ कर कोई धन नहीं।
शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा ,आध्यात्मिक शिक्षा ,उच्च शिक्षा, कई तरह की शिक्षाएं मानव को दी जाती है,जो उसको मानव बनने के लिए बहुत ही आवश्यक होती है ।शिक्षा प्राप्त कर वह जीवन में खुश रह पाता है ,सुखी रह पाता है,समृद्ध हो पाता है, और उन्नत जीवन व्यतीत कर पाता है।
शिक्षा पर अनमोल विचार।
बड़े दुख की बात है देश तो 10 साल में इतना बदल गया, जितना वह 1000 सालों में भी नहीं बदला, किंतु आज भी शिक्षा का कार्यक्रम देश में उतनी गति से नहीं बदल पाया ।वही पुरानी तरह की पढ़ाई का सिस्टम ,और सब्जेक्ट , वही पुरानी नीति ,पुरानी सोच, डिग्री लेने तक ही सिमट कर रह गई हमारी शिक्षा व्यवस्था।
नौकरी प्राप्त कर जीवन गुजारने की सोच तक ही सिमट कर रह गया हमारा जीवन ।हमारी शिक्षा का उद्देश्य,कुछ नया सीख कर,जीवन को खुशहाल बनानेका होना चाहिए। व्यापार करना, और नए रोजगार उत्पन्न कर और लोगों को अपने साथ काम में रोजगार देना, शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए।
हम सीखते रहने से विकसित होते हैं, ज्यादा काबिल बनते हैं,जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव को, सीखे हुए अनुभव के आधार पर पार कर पाते हैं। शिक्षा हमें जीवन में जिम्मेदारियों को लेने का एहसास कराती है तथा उन्हें निभाने के लिए जो कदम उठाने हैं, उसका ज्ञान भी कराती है, जो परिणाम में हमारे जीवन में हमारे आत्म बल और खुशियों का निर्माण करती हैं।
शिक्षा का महत्व किया है।
जीवन में मेरा मानना है शिक्षा जो हम प्राप्त कर रहे हैं ,वह हमें अक्षरों का ज्ञान ,शब्दों और भाषाओं का ज्ञान और मस्तिष्क का विकास कर अंक को प्राप्त करने तक ही रह जाती है।शिक्षा जो हम प्राप्त कर रहे हैं, उससे हम सबको अंक तो कम या ज्यादा मिल ही जाते हैं।
हम जीवन काटने जैसी आर्थिक स्थिति को प्राप्त करने तक तो हम पहुंच जाते हैं ,परंतु जीवन का मूल उद्देश्य सुख ,समृद्धि, सफलता ,धन, समय को सदुपयोग करना, खुशियों को प्राप्त करना,जो हमें सीखने की जरूरत है ,उस पर आधारित शिक्षा को प्राप्त नही कर पाते।हमें हमारी शिक्षा प्रणाली में उस शिक्षा को लाने की जरूरत है , उस पर काम करने की जरूरतहै।
हमें ऐसी शिक्षा– विद्यार्थियों को सिखाने की जरूरत है जिससे उनमें विनम्रता का विकास हो।माता पिता, गुरु के प्रति ,आदर भाव बढ़े, वे उनके अनुभव का सम्मान करें, जिससे उन्हें भी जीवन में खुशियां प्राप्त हो ,और उनका भी जीवन अद्वितीय बने। बच्चे खुश रहना सीखें, जीवन की हर परिस्थितियों से निपटना सीखें।
जीवन में खुशियों के मायने समझें
बच्चो को काबिल बनाने का सबसे बड़ा रहस्य।
प्रश्न करना सिखे|
शिक्षा के दौरान उन्हें यह सिखाया जाना जरूरी है कि वह प्रश्न करें ,जिससे उनके मन में किसी तरह का कोई संशय ना रहे ।वे अपनी अधिकतम ऊर्जा को आगे बढ़ाने,समाधान में,ही लगा सके, खुश रहना सीखें,और अपना विकास कर सके।वे नए नए प्रयोग निडर होकर करें।
उनमें आत्मविश्वास बढ़े|
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आइडिया पर प्रयोग करें|
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बिना किसी रोक-टोक के वे नए नए प्रयोग करें, और नई नई कला का विकास करें।
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स्वास्थ्य के महत्व और तरीके जानें|
शिक्षा के दौरान वे अपने स्वास्थ्य के महत्व को समझें और उस पर जीवन में किस तरह जीवन को जीना,वे उसके लिए कैसी दिनचर्या का निर्माण करें,यह उन्हें सीखने की जरूरत है।
जो जीवन शैली उन्हें जीवन में स्वास्थ्य का सुख दे सकती है ,और उन्हें आजीवन खुशियों की प्राप्ति करा सकती है, उसे उन्हें सीखने की जरूरत है।
धन की Value को जानें
पुस्तकों को पढ़ने में उनकी रूचि बने। पुस्तकों को पढ़कर उनसे ज्ञान अर्जित कर सके, और वह विद्या अध्ययन के बाद भी इस पुस्तक पढ़ने की आदत को शुरू रखें, ऐसा हमारी शिक्षा में उन्हें सिखाया जाए।
आज शिक्षा में हमें पाश्चात्य ज्ञान , बाबर हुमायूं ,अकबर और बीरबल का इतिहास तो पढ़ाया जा रहा है ,लेकिन हमारे शिक्षा में अभी भी राम और कृष्ण का चरित्र ,आधुनिक युग के व्यापारिक हस्तियों — जैसे रतन टाटा ,धीरूभाई अंबानी, के नारायण मूर्ति ,वारेन बुफेट, इत्यादि जिन्होंने जीवन में बहुत छोटे छोटे प्रयासों से संघर्ष कर बड़ी उपलब्धियां हासिल की है ,उनके बारे में नहीं बताया, और पढाया जा रहा , शिक्षा नहीं दी जा रही, जिसे देने की आवश्यकता है।ताकि हमारे बच्चे मानसिक स्तर पर तैयार हो, इस मानव जाति के लिए कुछ कर सकें।
समय अनमोल है इसे सोशल मीडिया पर information aur entertainment में बर्बाद ना करें।
समय सोना है | Time is gold and money
शिक्षा में उन्हें समय के अनमोल महत्व को बताना और सिखाना अति आवश्यक है ।इन दिनों बढ़ता मोबाइल का चलन, सोशल मीडिया का चलन, बच्चों के अमूल्य सीखने के समय को नष्ट कर रहा है, यह बात उन्हें सिखाने की जरूरत है।
मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल किस तरह वे अपने व्यवसाय और गुणों को निखारने के लिए करें उन्हें सिखाने की आवश्यकता है ।वे अपने समय का सदुपयोग , अपनी कला, कौशल को निखारने , अच्छी पुस्तक पढ़ने में करें। जीवन में जिसने भी उपलब्धियां हासिल की हैं, पुस्तक पढ़ना उनकी आदत में रहा है और वे अपने समय का सदुपयोग कर अपने जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर उन्होंने खुशियों को प्राप्त किया है।
सकारात्मक सोचना ,क्या सोचना यह भी सिखाया और बताया जाए|
शिक्षा में उन्हें सकारात्मक सोच का महत्व भी बताना अति आवश्यक है। वे नए नए प्रयोग करे ,नई आइडिया सोचें ,उनमें योजना बनाने का हुनर जगे, अवसर को पहचानें।सकारात्मक सोच से मस्तिष्क में असीम ऊर्जा का प्रवाह होता है, मन प्रफुल्लित रहता है, कार्य क्षमता बढ़ती है, उत्साहवर्धक विचार आते हैं जो उसे सफलता, समृद्धि और खुशियो की ओर ले जा सकते हैं।
शिक्षा के दौरान उन्हें जीत और हार के महत्व को बताना भी अति आवश्यक है। उन्हें बताना होगा किसी भी कार्य को करने में वे या तो जीतेंगे या कुछ सीखेंगे। उन्हें अपनी शौक को,कला को,अपने सपनों को अपने लक्ष्य में परिवर्तित कर किस तरह सफलता हासिल की जाए इसका ज्ञान कराना भी अति आवश्यक है, जो उन्हें जीवन में खुशियां देगा ,सफल बनाएगा।उन्हें अपने लक्ष्य को कैसे चुनना है ,यह सिखाना होगा।
सच्चे मित्र को कैसे पहचाने।
शिक्षा के दौरान उनमें आत्मविश्वास कैसे भरें ,वे प्रिय मित्रों का चयन कैसे करें ,कुसंग से कैसे बचें, संग कैसे व्यक्तियों का करें। किस मित्र से सलाह लें।वे अपने पांच मित्र के समान बनते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति उनके पांच मित्रों की आर्थिक संपत्ति की एवरेज होती है।
मित्र हो तो कृष्ण और कर्ण जैसा
निर्भयता के महत्व को कैसे समझें ,खुश कैसे रहें,यह सिखना और बताना अति आवश्यक है जो उन्हें जीवन में कदम कदम पर खुशियों से जोड़ता है।
डर हकीकत में कुछ नही होता कल्पना मात्र होती है।
शिक्षा के केंद्रों को हम शहर या गांव से दूर बनाएं जहां पवित्र हवा, धूप, और प्राकृतिक पेड़ पौधों से घिरा स्थान हो ,ऐसे स्थान पर ले जाना भी अत्यंत लाभकारी हो सकता है।
शांत वातावरण में जहां जगह भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो, बच्चे अपने खेलकूद पर भी ध्यान दे सकें, और उनका मानसिक,शारीरिक,और बौद्धिक विकास भी भरपूर हो सके। जो उन बच्चों को उनके भविष्य में खुशियां और स्वास्थ्य दे सकता है।
चुनौती को अवसर बनाना सीखें
शिक्षा के दौरान उन्हें चुनौतियों का सामना करना, अवसर को वे कैसे पहचाने, गलतियों से कैसे सीखें, अपने व्यक्तित्व में नए-नए गुणों का विकास कर कैसे निखार लाएं ,इसका ज्ञान करना होगा ताकि वे आजीवन खुश रह सकें।
सब कहते हैं ध्यान से करना सो इसका भी महत्व जानना जरूरी|
शिक्षा के दौरान हमें बच्चों को ध्यान के बारे में बताना और सिखाना अति आवश्यक है ।इसे मेरी समझ से अति आवश्यक कर देना ,विद्या क्षेत्र में अति आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम होगा।
5 या 10 मिनट का ध्यान करने से भी हमारा आत्म बल बढ़ता है ,हमारे अंदर की शक्तियों का विकास होता है ,हममें निर्णय लेने की शक्ति जगती है, हम अपने अंदर झांक कर देख पाते हैं ,हम कहां हैं, हम क्या कर रहे हैं, और हमें क्या करना चाहिए ,हमारे दिमाग को हम दिशा निर्देश दे पाते हैं ,और बहुत ही प्रसन्नता महसूस करते हैं हमें जीवन के सभी कार्यों को ध्यान पूर्वक करने की आदत पड़ती है।
छुट्टियों को कैसे सदुपयोग करें|
जब बच्चों को छुट्टियां मिले उस दौरान उनके व्यक्तित्व का विकास, आत्मविश्वास का निर्माण, और प्रभावशाली संवाद, इत्यादि विषयों की भी शिक्षा देना अति आवश्यक है। रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली चीजों के बारे में उन्हें जानकारी देना, उन्हें शिक्षा और खुशियां दोनों दे सकता है यह बात उन्हें सीखाने की आवश्यकता है।
क्या खाएं पिएं|
शिक्षा के दौरान हमें अपने बच्चों को क्या खाना या पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, गुणकारी है यह भी बताना अति आवश्यक है ।जैसे प्रातः काल के समय अधिकतर बच्चे दूध पीते हैं लेकिन उन्हें यह बताना आवश्यक है कि प्रातः काल का समय उनके शरीर के लिए फल या उनके रस, दोपहर का समय दही या छाछ, तथा शाम या रात्री का समय दूध ग्रहण करने के लिए सबसे उत्तम है। इसके दूसरी और उन्हें डिब्बे बंद कोल्ड ड्रिंक्स या जूस आदि ना पीने के कारणों को बताना और सिखाना भी आवश्यक है जो उन्हें सारे जीवन उनके स्वास्थ्य के निर्माण के लिए सहायक होगा और वे स्वस्थ रहेंगे और खुश रहेंगे।
नौकर नहीं Entrepreneur बनने के दिमाग की तैयारी करना।
हर बच्चा खास है ,हर बच्चा अपने काबिलियत लेकर जन्म लेता है ,शिक्षापर हर बच्चे का अधिकार है। हमें उस शिक्षा को बढ़ावा देना है जहां हर बच्चा सफल व्यवसाई बनने का सोचें ना की डिग्री लेकर नौकरी को खोजता दिखे । शिक्षा प्रणाली में इसके लिए बदलाव लाना अति आवश्यक है नहीं तो हमारा देश पढ़े-लिखे बेरोजगारों का देश बन सकता है, हम पूरी दुनिया में नौकरी करते हुए देखे जाएंगे।
आने वाला समय ऐसे शिक्षित लोगों को खोजते हुए पाया जाएगा जो विश्व को कुछ लाकर दे सके ,जिनके पास योजनाएं हो, जो जीवन में कुछ कर सकें।देश की शिक्षा सिस्टम में इस पर काम करने की जरूरत है , ताकि हमारा देश समृद्ध हो सके,खुशहाल हो सके, विश्वगुरु बन सके।हमें उस शिक्षा को देना है जो व्यवसाई दे देश को ,हजारों नौकरियां देने का सामर्थ्य रखें, आत्मनिर्भर बने। हमारे बच्चे शिक्षा के साथ-साथ वह सभी कुछ प्राप्त कर सकें जो उन्हें खुशियां दिला सकती हैं। धन्यवाद।
खुशहाली मालिक बनने से मिलेगी
और प्रेरोना के लिए मिस इंडिया हिंदी डुबद् साउथ इंडियन मूवी देखे।
थैंक यू यूनिवर्स
जय श्री कृष्ण…………..
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