तुरंत Mood कैसे ठीक करें | how to correct mood instantly

Mood का शाब्दिक अर्थ हमारी मनोदशा से होता है। हमारे मन की दशा पर हमें विशेष ध्यान देना चाहिए। हमारा शरीरिक स्वास्थ्य, हमारी मनोदशा पर ही निर्भर करता है, और वह यह दर्शाता है कि हम कितने स्वस्थ हैं, कितने खुश हैं या कितना हमारा मूड ऑफ है,

हम जीवन को किस नजरिए से देखते हैं, कुल मिलाकर यह सब कुछ हमारे मानसिक स्वास्थ्य के ऊपर निर्भर करता है। हमारा मन छोटी-छोटी बातों पर नाराज या खुश हो जाता है, क्योंकि मन में विचारों की गति हवा से भी तेज चलती है, और यदि हमें इस मूड के बारे में पूरी समझ ना हो तो हम जीवन में खुश नहीं रह सकते।

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Mood off के कारण | how to correct mood instantly

हमारा मूड कई बार, कई कारणों से कई– नई और विचित्र परिस्थितियों के निर्माण से या अचानक किसी अप्रिय घटना के प्रभाव से चिड़चिड़ापन ,अभद्रता ,अकेलापन,और दुखी महसूस करने लगता है। हमारे मन में भारीपन और अवसाद रहने लगता है। इसे हम mood off कहते हैं।

खराब Mood, चेक करें अपनी लाइफ स्टाइल

इस mood को समझने के लिए हमें अपने खराब मूड के सर्वप्रथम कारणों को जानने की कोशिश करनी चाहिए। यह देखना चाहिए कि कहीं हम अपने मित्रों से तो दूर नहीं हो रहे ,कहीं हम देर रात तक जाग कर सवेरे तो देर तक नहीं सो रहे, कहीं हम नाइट शिफ्ट तो नहीं कर रहे ,कहीं हम फिक्र मंद तो ज्यादा नहीं हो रहे, हम कहीं खाने पीने में तो कोई गलती नहीं कर रहे, इससे हमें अपने मूड को ठीक करने के लिए इस मुड़ की दशा और दिशा दिखाई देने लगती है,और हम उस पर काम कर पाते हैं।

Bad mood: जब हम अपनी मानसिक ऊर्जा के स्तर से गिर जाते हैं, तो इसे हम अपना bad mood कह सकते हैं।उस समय हमें किसी माहौल या किसी भी अन्य वस्तु से जुड़ना अच्छा नहीं लगता ।हम अपने मन मस्तिष्क पर कुछ विचारों को पकड़ कर बैठे रहते हैं,जो कि हमारे मूड को बिगाड़ कर रखते हैं। इस समय हम किसी ऐसी चुनौती से घिरे रहते हैं,जिसका हमें कोई निदान नजर नहीं आता,इस दौरान हमें यह सोचना चाहिए यह परिस्थिति हमारे हाथ में है या नहीं।यदि है तो उसके समाधान पर काम करें,और यदि हमारे हाथ में नहीं है, तो उसे हम इसे एक्सेप्ट करें। इससे हमारे मन को सुकून मिलता है।

इस बेड मुड को ठीक करने के लिए हम किसी समझदार व्यक्ति से अपने मूड के बारे में चर्चा करें,उसे अपने मन की बात बताएं,इससे निश्चित रूप से ही हम समाधान पर पहुंच जाते हैं,और अपने मूड को ठीक कर पाते हैं।

चिड़चिड़ा मन (Cranky mood)

मन की यह वह अवस्था है,जब हमारा मूड चिड़चिड़ा हो या जब हम अपने मूड को कहीं भी लगा नहीं पाते, हमारा मन विचलित सा रहता है।देखने में यह आता है,हमें उस समय कोई अच्छा नहीं लगता,ऐसी परिस्थिति में हम अपने धैर्य को अपना मित्र बनाएं,और निम्न प्रयोग करें। Cranky मूड के दौरान मार्केट में उपलब्ध हम चॉकलेट या उपलब्ध कई तरह के खट्टे मीठे चूर्ण का प्रयोग करें।इनका उपयोग कर हम तुरंत अपने चिड़चिड़ मूड को परिवर्तित कर सकते हैं।तुरंत अपने मूड को ठीक करने के लिए नींबू पानी, शरबत,जूस,दही,और तरबूज का उपयोग भी काफी कारगर होता है।

मूड को ठीक करने के लिए हम कई बार कई तरह के फल, कुछ मात्रा में छोटे पात्र में इकट्ठे कर फ्रुट सलाद के रूप में,ग्रहण कर भी मूड को ठीक कर सकते हैं।

आहार संबंधित इस मूड की श्रृंखला से यह भी जान ले कि डाइटिंग हमारा मूड बिगाड़ देती है, इसलिए अनावश्यक रूप से डाइटिंग के चक्कर में ना पड़े ,हल्का भोजन या पौष्टिक भोजन जरूर लें। इन सबके द्वारा हम तत्काल अपने मूड को ठीक कर पाते हैं।

 

Mood को ठीक रखने के लिए क्या करें?

अपने मूड को ठीक रखने के लिए हम, स्वयं के लिए समय, स्वयं को समय देने की आदत बनाएं।अपने मन की राह समझे,उसे पोषण दें ,अगर वह गलत राह पर है,तो उसे समझाएं, उसे प्रलोभन दें,इससे हमारा मूड ठीक होता है,और हम प्रसन्न रह पाते हैं।इसके लिए कई बार हमें,इस संसार, इस जीवन, के नियम को भी समझना पड़ता है। यह कैसे काम करता है? क्योंकि कई बार हम ऐसी परिस्थितियों का निर्माण जीवन में देखते हैं,जो हमें हमारे वश में नहीं दिखाई देती,ऐसी परिस्थिति में हम क्या करें।तो इसका जवाब है की हम अपनी स्थिति को या तो accept करें या solve कर उस पर काम करें।

Morning time energy time.

सुबह-सुबह अपने मूड को ठीक करने के लिए व्यायाम करें। यदि आप जीवन पर्यंत खुश रहना चाहते हैं तो नियमित रूप से एक घंटा प्रातः काल पैदल जरूर चले। इससे हमारा हृदय मजबूत होता है ,और मस्तिष्क में खुशी उत्पन्न करने वाले हार्मोन का भी रिसाव होता है। हम मस्तिष्क को भी इन क्रियाओं के द्वारा भरपूर ऑक्सीजन देते हैं और इन क्रियाओं के द्वारा हमारे शरीर की स्टैमिना भी बढ़ती है,शक्ति का सृजन होता है,और शरीर में लचीलापन बढ़ता है। हमारा,मूड खुश होने लगता है।

Music(msbshse)

संगीत का प्रभाव हमारे दिल और दिमाग पर गहरा प्रभाव डालता है।यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है। यह मस्तिष्क में endorfin हारमोंस को बढ़ाता है,जिससे मस्तिष्क सकारात्मक बातें सोचने लगता है।

यदि हम पेशेवर गायक नहीं हों तो भी कोई बात नहीं खराब मूड ठीक करने के लिए बिना सुर के भी आप कोई भी गाना गा सकते हैं। इससे हमारा मूड ठीक होता है,गाना गाने के दौरान हमारे शरीर में कई प्रकार के हार्मोन का निर्माण होता है,जो हमारे मूड को अच्छा करता है।

इस गाने के अलावा हंम किसी गीतों की धुन पर कोई नृत्य भी कर सकते हैं।इस नाचने के दौरान हमारे शरीर से पसीने के द्वारा टॉक्सिन निकल जाते हैं जो हमारे मन मस्तिष्क को,हमारे मूड को ठीक कर नियंत्रित करता है।

धीमी गति से संगीत का सुनना भी कई बार हमारे मूड को ठीक करता है और,ऐसा भी देखा जाता है कि कई बार तेज आवाज में अपने पसंदीदा या जोशीले संगीत को सुनने से भी हमारा मूड तुरंत बदल जाता है,और हम खुशी महसूस करते हैं।

Use speaker for surround sound

Meditation:

मेडिटेशन यानी ध्यान की क्रिया दिल,दिमाग और हमारे मूड को सुकून देने के लिए बेहतर क्रिया मानी जा सकती है।इसका प्रयोग हमें जरूर करना चाहिए।इसे करते वक्त सिर्फ इसे पूरी ईमानदारी से करें,तभी इसका हम लाभ ले सकते हैं।ध्यान के दौरान हम आरामदायक मुद्रा में सिर्फ बैठ जाए,शरीर को ढीला छोड़ दें,और अपनी आंखों को बंद करके अपना ध्यान सांसो पर केंद्रित करें। अपनी आती और जाती हुई सांसो को देखें।इस दौरान हम किसी जलते दिए को ध्यान में देख सकते हैं।इस दौरान हम ओम को भी दृष्टि के मध्य या अपने मस्तिष्क के मध्य में देख सकते हैं।इस दौरान हम किसी आवाज पर भी अपने ध्यान को केंद्रित करवा सकते हैं। जैसे मंदिर की घंटी, पक्षियों की आवाजें, बहते जल की आवाजें आदि हो सकती है। इन क्रियाओं से हमारा मूड तुरंत बदल जाता है।

Go to nature and friend ship with tree’s

जब कभी हमें मूड ऑफ की स्थिति में दिखाई दे तब हम मौका मिलते ही उगते सूरज की धूप को शरीर पर ले। प्रकृति के बीच जाएं और सूर्य के प्रकाश में संपर्क साधे, तेज गति में पैदल चलें ,सुबह की सैर करने से एंडोर्फिन नामक हार्मोन का रिसाव तेजी से होता है जो कि हमारे शरीर में खुशियों को बढ़ाता है। हमारे मूड को फौरन ठीक करता है।

Medication :

हमारा भोजन भी हमारे मूड को ठीक करने के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हमेशा याद रखें हमारा फास्ट फूड खाना,हमारे मूड को स्लो करता है,मायूस करता है,हमारी मानसिक ऊर्जा के स्तर को गिरा देता है।इसके लिए हम फास्ट फूड खाने से बचें, भूख से थोड़ा कम खाएं, तली भुनी चिकनी और मीठी चीज को भी खाने से बचें।

क्या खायें | health education:

इस मूड को ठीक रखने के लिए हम ऐसी चीजों को खाएं जो ऑक्सीजन से भरपूर हो जिन में जल की मात्रा प्रचुर हो,जैसे टमाटर,चुकंदर, बारकोली,कॉफी,फली,केला,दूध आदि।

हमारे मूड को ठीक करने के लिए ब्रेड ,सेंडविचेस,nuts आदि भी काफी कारगर हो सकते हैं।

एक बात का हम और ध्यान रखें जब मूड बिगड़ा होतब हम भोजन न करें कुछ देर मूड को नियंत्रित या ठीक होने का इंतजार करेंऔर शांत मन से ही भोजन करें,अपने पसंद का ही भोजन करें।पसंदीदा भोजन करने से भी हमारा मूड तुरंत बदल जाता है ,और हम खुशी महसूस करते हैं।

मूड को तुरंत बदलने के लिए हम डांस का सहारा ले सकते हैं। नृत्य मनुष्य के लिए अनेक दृष्टि से लाभकारी है ,यह शारीरिक और मानसिक थकान से छुटकारा दिलाने में बहुत ही कारीगर है।अच्छी धुन पर कुछ देर थिरक् लेने मात्र से ही ताजगी का संचार अपने मूड और शरीर पर देख सकते हैं। इस therapy को अपनाने से हम चुस्त-दुरुस्त और स्मार्ट भी दिखाई देने लगते हैं। हमारी मांस पेशियां भी व्यवस्थित होती है ,और हमारे मूड में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, क्योंकि इस दौरान पसीने के माध्यम से हमारे शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकलती है,और हम भरपूर आनंद महसूस करते हैं।

Festive mood

Festive मूड वह समय होता है, जब हमारा मूड पूरी तरह से खुशियां मनाने के मूड में रहता है।इस समय हमारा मूड त्योहारों या घर में किसी तरह के उत्सव के आयोजन में होने वाली चीजों की तैयारी के प्रति आकर्षित रहता है। इस समय हमारा मूड प्रकाश, सुंदरता ,विभिन्न प्रकार के पकवान ,गीत, संगीत, नृत्य और अपने नाते रिश्तेदारों के आई कांटेक्ट में रहने की योजना की वजह से बहुत ही प्रसन्न चित्त मूड में रहता है ।

Other mood changer action…

खराब या बिगडे मूड को ठीक करने के लिए तेज चलना, उछलना, कूदना, दौड़ना, साइकिलिंग, टेनिस खेलना, आदि शारीरिक गतिविधियों को भी हम चुन सकते हैं। इस दौरान अगर हम गाड़ी चलाते हैं,तो लॉन्ग ड्राइव पर कहीं दूर स्थान पर जाकर भी मूड ठीक कर सकते हैं।

Loving nature

जो भरपूर प्यार करते हैं उनके पास खुशियों की कमी नहीं होती। खुशियों के खजाने की चाबी प्यार होती है,प्यार शारीरिक और भावनात्मक रूप से हमें एक दूसरे के करीब लाता है। प्यार और आत्मीयता खुशियों की जड़ है ,जितना प्यार हम देते हैं,उतना ही प्यार हम पाते हैं, उतना ही ज्यादा हम तनाव मुक्त होते हैं।आपस के प्यार से खुशी हासिल होती है ,जिनका शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।

अरोमा थेरेपी

तनाव को दूर करने और खुशबू के द्वारा अपने मूड को ठीक करने की तकनीक को हम aromaथेरेपी कहते हैं।इस दौरान मसाज खुशबूदार ऑयल के द्वारा किया जाता है। इससे पूरा शरीर और मूड खिल उठता है।इसके अलावा इस थेरेपी में गर्म तेल द्वारा मालिश करवाते हैं,और ठंडे पानी में खुशबू मिलाकर स्नान किया जाता है। इस थेरेपी के अंदर भाप लेना, फेफड़े और मस्तिष्क को राहत पहुंचाता है। इसके अलावा रूम फ्रेशनर द्वारा खुशबू को फैला कर रखना भी अरोमा थेरेपी का एक हिस्सा माना जाता है,जो हमारे मूड को चेंज करने के लिए थेरेपी का काम करता है।

मस्तिस्क और मन के द्वारा इन क्रियाओं के द्वारा हम खुशबुओं से संबंध बनाते हैं,मनपसंद खुशबू से हमारा मूड ऊर्जा को ग्रहण करता है, जो हमें शांति और सुकूँन का अहसास कराती है।

Color therapy

जब मूड बिगड़ा हो तो कई बार कुछ रंगों को देखने से भी तनाव कम हो जाता है। रंगों में नीला रंग देखने से यह जल्दी प्रभावी होता है इसके अलावा बैंगनी, जामुनी, और पेस्टल शेड्स भी हमें हमारे मुंड को बदलने में काफी कारगर सिद्ध होते हैं।

Close all your social media alerts tone, mobile ring tones:

अपने मूड को ठीक करने के लिए हमें सोशल मीडिया से दूर होना भी कई बार अति आवश्यक होता है ,इसके लिए हम अपने सभी मोबाइल के अलर्ट को बंद करें, क्योंकि यह बार-बार के अलर्ट्स भी हमारे मस्तिष्क की मैं तनाव उत्पन्न करते हैं..।

Cycle therapy:

खुशियों को चुनौतियों के समय अपने साथ रखने के लिए हम समय समय पर अपने आसपास आने जाने के लिए साइकिल का भी प्रयोग कर सकते हैं।साइकिल चलाने से मस्तिष्क शांत होता है,और एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि,एक घंटा साइकिल चलाने से जीवन का अतिरिक्त तनाव भी कम हो जाता है। इसका भरपूर लाभ लेने के लिए साइकिल को हमेशा मध्यम गति से ही चलाएं। साइकिल चलाने से इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है। जिनके पास व्य्यायाम के लिए समय नहीं होता वे आधा घंटा साइकिल चला कर भी इसकी पूर्ति कर सकते हैं।

Immediate result

कुल मिलाकर हमारा मूड हमारीअंदरूनी सोच, या हमारे मन पर किसी बात के स्व चिंतन या गलत चिंतन के प्रभाव या स्व मनगढ़ंत कुछ भविष्य के विचारों पर चिंतन के कारणों पर निर्भर करता है, इसलिए इसको ठीक करने के लिए हम किसी mentor, या गुरु के पास जाएं या किसी बुद्धिमान व्यक्ति के पास जाकर सब चर्चा करें, उसे अपने मन की स्थिति या बातों को बता कर मन हल्का करें, इससे हम अपने मूड को तुरंत ठीक कर पाते हैं।

Hindi blogs for happy life:

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Jai shree krishna

Thank you

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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