खुशी पर अनमोल विचार | Precious Thoughts on Happiness
खुशियों की परिभाषा हर मानव के लिए अलग-अलग होती है। आज हम खुशी पर अनमोल विचार के बारे में बात करेंगे। (Precious Thoughts on Happiness) हर मानव अलग-अलग चीजों में खुशियां देखता है। खुशी एक यात्रा की तरह है, अपने अचीवमेंट, और लक्ष्य तक पहुंचने के पहले कदम कदम पर हमें हर उन परिस्थिति का आनंद लेना चाहिए जो इस सफर के दौरान मिले ,क्योंकि गोल पर पहुंचने के बाद तो खुशी क्षणिक मिलकर होकर खत्म हो जाती है। इस प्रोसेस के दौरान हम छोटी-छोटी बातों पर खुश रहना सीखें,खुश रहे ,तो यह हमें जीवन भर आनंद देती है।
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खुशी पर अनमोल विचार | Precious Thoughts on Happiness | अपनी तुलना किसी से न करें
हम मानव को उपर ले जाने के काम को करें। समाज और परिवार के लिए कुछ ना कुछ नए-नए काम सेवा हितार्थ करते रहे। इन्हें अपनी कमाई से कुछ ना कुछ सहयोग जरूर करते रहें।
बिना खुशियों के सफलता भी एक बड़ी असफलता:
अगर आप काम करते हैं और इस काम के दौरान अगर आपको खुशी नहीं मिलती तो इसका मतलब ,आपकी सक्सेस भी सैलरी ही है,कोई काम की नहीं क्योंकि इसके मिलने के बावजूद भी आप, इसके लिए कुछ गर्व नहीं कर सकेंगे ,किसी को दिखा नहीं सकेंगे।
खुशी एक यात्रा है। आपके क्लीयर गोल से कामयाबी मिलती है।
यह यात्रा ऐसी है इसमें कामयाबी तभी मिलती है जब हमारे लक्ष्य हमारे गोल क्लियर रहते हैं, हम अपनी मंजिल तक क्लियर कॉल और ज्ञान के बिना नहीं पहुंच सकते। और साफ साफ गोल हमें प्रेरोना और जीवन को आनंद से जीने का उदेश्य देते हैं।
अपने गोल के लिए लगातार कुछ न कुछ जरूर करते रहे:
हैप्पीनेस तक पहुंचने की इस यात्रा पर कुछ न कुछ प्रयास जरूर करते रहे ,तभी हम एक दिन मंजिल पर पहुंच सकेंगे।और इस दिशा में लगातार जुटा रहना ही हमें सफलता दिलाता है।
Silence is hapiness:
सफेद कपड़ों पर दाग की तरह ये दुख हमारे मन पर कुछ विसय – विकार की तरह होते हैं,जीन्हें साफ करना होता है। आंतरिक खुशी हमें शांत स्तिथि में ही मिलती है।
किस परिस्थितियों में मिलती है
शांति, शक्ति, प्यार, आनंद, खुशी, पवित्रता, और इन सब स्थिति में मिलती है,शांति और खुशियाँ।
गाना गायें ।
कुछ धुन गुनगुना कर भी हम खुश हो सकते हैं कुछ गाने या गुनगुनाते रहने से अंदर की नकारात्मकता वाणी के द्वारा बाहर निकल जाती है, और हम प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।
भावनात्मक बुद्धिमता
अपने इमोशनल इंटेलिजेंस पर काम करें। किसी भी तरह का काम – भावना में बहकर ना करें अपनी स्थिति को अपने विवेक के अनुसार देखते हुए निर्णय करें, और आगे बढ़े।self awareness, self management, social awareness पर जुड़ी होती है यह खुशियाँ।
इस पर नियंत्रण के लिए हम चाय, काफी, या किसी तरफ की cafein लेने से बचें। पूरी नींद लें। सकरात्मक बात ही करें। धन्यवाद की भावना हर चीज के लिए रखे।
मुस्कुराये:
चेहरे का आभूषण मुस्कुराना इसको निरंतर अपने जीवन में स्थान दें और मुस्कुरा कर अपना दबाव दूर करें ।कभी-कभी बिना वजह भी मुस्कुराने की आदत डालें। कभी-कभी किसी कॉमेडी मूवी को देखें ,और मुस्कुराने की कोशिश करें ।जब हम यूं ही मुस्कुराने लगते हैं तो हमारा मन स्वत: ही बैलेंस होकर मुस्कुराने की दिशा में चलने लगता है,और हम अच्छी फीलिंग महसूस कर पाते हैं।
सांस गहरी लें:
कुछ समय के लिए शांत रहकर, सांसो पर ध्यान दें ।आती और जाती हुई सांसो पर अपना ध्यान केंद्रित करें, यह भी हमारे मन की स्थिति को तुरंत बदल देता है।
आराम करें:
कुछ समय के लिए रिलैक्स हो कर बैठे, आंखों को बंद करें, मन में आने और जाने वाले विचारों को रोक कर अपना ध्यान दोनों आंखों के बीच केंद्र बिंदु पर केंद्रित करें ,यह में खुशियों की ओर ले जाता है।
हंसते मुस्कुराते ग्रुप में रहें:
ऐसे लोगों का संग करें ,जो हंसते -बोलते हैं और हमारे दुखों का हरण कर लेते हैं।ऐसे लोगों के साथ ही अपना समय व्यतीत करें। उनहें अपने मन की बातों को खोल कर बताएं, उनसे तरह-तरह के प्रश्न करें ,अपनी शंका का समाधान पूछे ,और हर संभव उनसे जुड़े रहे।
गलत आदत को छोड़ें|
अपनी गलत आदतों को पर लगाम लगाएं। यह आदतें ही मन को निचले तल पर धक्का देती है,और हमारे मनोबल को गिराती है। यह आदत हमारे ऊर्जा सतर को निम्न कर देती है।अपनी आदतों पर काम करें अच्छी आदत बनाए, उनसे निरंतर जुड़े। हमारे अंदर के विषय और विकार हमें दुख में डालते है, उनसे बचने का प्रयास करें। अपने जीवन को चेक करें कहीं कोई बुरी आदत आपके अंदर हो तो आप उसे बदल नहीं सकते तो आदत परिवर्तित करें।
कथा से जुड़े:
अगर आपको पसंद है तो आप श्री राम कथा या भागवत कथा का निरंतर श्रवण कर सकते हैं।आजकल ये यूट्यूब पर उपलब्ध है। कुछ देर यहां रहने से मस्तिष्क में आनंद लहर की प्राप्ति होती है। अगर आपका मन कथा श्रवण में ना भी लगे तो इसे यूट्यूब पर चला कर सिर्फ इसके समक्ष 10 मिनट बिताए ।मन अपने आप ही कथा में लगने लगेगा,अगर यह नही कर सकते तो अपने किसी रोल मॉडल के विचार भी आप यूट्यूब पर सुन सकते हैं। इन्हें सुनने से भी मन मस्तिष्क को शांति की प्राप्त होती है।
प्रकृति का संरक्षण करें।
अगर शुद्ध हवा और ऑक्सीजन चाहिए तो वृक्ष और पेड़-पौधों को लगाने पर ध्यान दें, क्योंकि जब तक प्रकृति है, तभी तक हम हैं, हमारा वजूद है, और यह आने वाली पीढ़ी को उपहार है। वृक्ष कितना कुछ हमें देते है ।यह साक्षात भगवान का ही स्वरुप है, भविष्य अगर इंसान का होगा ,तो हरा होगा। हम इंसानों के बचाने की ताकत इस प्रकृति में ही है, और किसी में नहीं। मानो प्रकृति कह रही हो मेरा संरक्षण करो।आइये हम सब संकल्प लें, एक पौधा लगाएं, उसे पेड़ बनने तक फलने -फूलने दे, उसका पोषण करें।
जल का संरक्षण:
जल नहीं तो मानव नहीं। जल की स्वच्छता, इसकी उपलब्धता मानव जाति के लिए काफी महत्व रखती है, जल के बिना एक क्षण भी मानव जीव जंतु जीवित नहीं रह सकते, इसलिए इसका बचाव करना और इसके महत्व को समझना हर मानव को लंबे समय तक सुखमय जीवन दे सकता है।
ऊर्जा का संरक्षण:
ऊर्जा शक्ति के बिना जीवन का कोई अस्तित्व नही। ऊर्जा से ही हम अपने जीवन में विभिन्न साधनों का उपयोग कर पाते हैं हमें ऊर्जा के संरक्षण को समझना चाहिए इसके व्यर्थ दुरुपयोग को संभालना चाहिए ताकि हम लंबे समय तक इस ऊर्जा से लाभ ले सकें।
स्वच्छता को जीवन का हिस्सा मानें:
स्वछता अपने आपमें ऊर्जा, शक्ति, और प्रसन्नता का प्रतीक है। जब हम व्यवस्थित और स्वच्छ माहौल में प्रवेश करते हैं, तब वहां की ऊर्जा हमारे मन को खुशी देती है। हम उस स्थान पर समय बिताना चाहते हैं, उससे जूड़ना चाहते हैं।
वायुमंडल की शुद्धता:
स्वच्छ वायु इंसान को स्वस्थ रखती है ,और हम मानव अपनी जीवनशैली में विभिन्न तरह से स्वच्छ वायुमंडल में समय बिता कर आनंद महसूस करते हैं। हकीकत में हम यात्रा स्वच्छ, वायु और जल के लिए ही करते हैं। इससे हमारा हमारा तन और मन खुशी महसूस करता है।
जीवन से प्यार
इन सबसे जुड़ना इन सब का संरक्षण और इन सब से प्यार अपने जीवन से प्यार ही होता है जब हम इन सब की परवाह करते हैं इनसे आनंद लेना जान जाते हैं इनका महत्व जानते हैं और इन से जुड़ने लगते हैं तब हमें अपने जीवन से अपने आप ही प्यार होने लगता है जीवन का एक मूल्य समझ आता है हम खुश रहने लगते हैं, खुशी हमारे जीवन दस्तक देने लगती है।
जय श्री कृष्ण
Thank you