योग क्या है

योग भगाये रोग

दुनिया भर के चिकित्सक विज्ञानी लंबे समय से औषधीय इलाज के पूरक के रूप में योग (what is yoga)की उपयोगिता और संभावनाओं पर शोध और चिंतन कर रहे हैं। बंगलुरु से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहंस) में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शिवराम वरंबली भी इसमें शामिल है।अपने सहयोगी के साथ डॉक्टर शिवराम भी इस पर अध्ययन कर चुके हैं। उनके अध्ययन से पता चला है कि शिजोफ्रेनिया और अवसाद सहित अन्य मानसिक बीमारियों से पीड़ित मरीजों को योग से काफी आराम मिलता है।

यूएस में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता जैनस के कीकोल्ट ग्लेजर ने भी पाया कि योग की मदद से मेटाबॉलिक डिसऑर्डर से संबंधित कई बीमारियां जैसे टाइप टू डायबिटीज और ओबेसिटी को भी नियंत्रित रखा जा सकता है। इन वैज्ञानिकों ने यह भी पाया है कि नियमित योगाभ्यास से रक्त में कई ऐसे कंपाउंड को नियंत्रण में रखा जा सकता है जो सिस्टमैटिक, इन्फ्लेमेशन से जुड़े हैं, जैसे सिस्टमैटिक इन्फ्लेमेशन हार्ट डिजीज, स्ट्रोक,टाइप टू डायबिटीज, अर्थराइटिस एवं बढ़ती उम्र के साथ उत्पन्न होने वाले अन्य कई रोगों से संबंध है।

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योग का अर्थ

योग का शाब्दिक अर्थ जोड़ने से है और इस क्रिया के दौरान हमारे शारीरिक मानसिक और अंदरूनी सभी नसों को जोड़ने और सुचारू रूप से रक्त परिभ्रमण और मस्तिष्क के छोटे-छोटे नसों को शरीर के छोटी-छोटी कोशिकाओं तक सुचारू रूप से चलाने की व्यवस्था होती है।

योग से क्या लाभ हैं

हमारे देश में कई पीढी से ही तन और मन को संतुलित व दुरुस्त रखने के लिए योग का प्रयोग होता रहा है,लेकिन अब दुनियाभर के वैज्ञानिक भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं और वे मानसिक गड़बड़ियों सहित जीवन शैली से जुड़े कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज में भी कंप्लीमेंट्री थेरेपी के रूप में इसकी भूमिका ढूंढ रहे हैं। वैज्ञानिक मॉलिक्यूलर मेकैनिज्म को समझने की कोशिश कर रहे हैं जिससे शरीर में बदलाव आते हैं। वैज्ञानिक टीम ने यह पाया कि योग से ब्रेन की केमिस्ट्री में कई पॉजिटिव बदलाव आए हैं


योग से हमारे मूड पर प्रभाव
जब हम योग की क्रियाओं को करते हैं तब उसके प्रभाव से जब हमारी उन छोटी-छोटी कोशिकाओं तक रक्त प्रवाह सुचारू रूप से पहुंचता है तो हमारा मन शांत होता है और विश्राम की स्थिति को महसूस करता है जिससे हम खुश रह पाते हैं

योग से बढ़ता है ऑक्सीटॉसिन

अपने अध्ययन में उनकी टीम ने पाया कि सिजोफ्रेनिया के जिन मरीजों ने लगातार चार महीनों तक योगाभ्यास किया उनमें ऑक्सीटॉसिन नामक हार्मोन की ज्यादा मात्रा पाई गई यह हारमोन प्यार और विश्वास की भावना जगाने वाला माना जाता है। जिन लोगों में यह हार्मोन पर्याप्त मात्रा में होता है वह दूसरों के साथ अच्छी तरह बाँडिंग  करने में सक्षम होते हैं। डॉक्टर शिव राम ने कहा “हमने देखा है कि ऐसे मरीजों की सामाजिक समझ की स्किल में काफी सुधार होता है।शिजोफ्रेनिया के मरीज दूसरे लोगों की भावना सही ढंग से समझने में सक्षम नहीं होते इसलिए,सामाजिक परिस्थितियों में वे सही ढंग से प्रतिक्रिया नहीं दे पाते।

योग से इंप्रूव होती है ब्रेन की प्लास्टिसिटी

इंडियन जनरल आफ सायकिएट्री में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक तुलनात्मक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि दवा के साथ-साथ योग का अभ्यास करने वाले मरीजों की स्थिति में कोई शारीरिक गतिविधि न करने वाले या नॉर्मल एक्सरसाइज करने वाले मरीजों की तुलना में 5 गुना ज्यादा इंप्रूवमेंट हुआ।

योग से अवसाद और शोक से राहत

वैज्ञानिक यह भी बताते हैं,डिप्रेशन से पीड़ित जो रोगी योग का अभ्यास करते रहे हैं,उनके ब्रेन की प्लास्टिसिटी इंप्रूव होती है।डिप्रेशन के मरीजों में ग्रीन ड्राइव न्यूरोट्रॉपिक फैक्टर नामक ब्रेन केमिकल कम होता है,जो ब्रेन की प्लास्टिसिटी के लिए जरूरी होता है। अवसाद रोधी दवाओं की तरह ही योग भी कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर घटाता है।

ब्लड प्रोटीन पर योग का असर

यूएस की स्वास्थ्य विज्ञानी कीकोल्ट ग्लेजर और उनकी टीम रक्त में मौजूद दो प्रोटीन– लेप्टिन और एडीपोनेकिटन पर योगाभ्यास के द्वारा अध्ययन कर चुकी है, की योग लेप्टिन इन्फ्लेमेशन बढ़ाता है और योग  एडीपोनेकिटन को दबाने का काम करता है।
इन दोनों प्रोटीन की मात्रा शरीर में ठीक ना हो तो व्यक्ति में मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का खतरा होता है। इन वैज्ञानिकों ने पाया कि नियमित रूप से योगाभ्यास करने वाले मरीजों में यह मात्रा अन्य मरीजों की तुलना में काफी अच्छी होती है,जो बेहतर हेल्थ और प्रोफाइल का संकेत है।
फिजियोलॉजी एंड बिहेवियर जनरल में प्रकाशित इस शोध में लिखा गया है कि योग अभ्यास करने वाले मरीजों में लेप्टिन का स्तर कम और एडीपोनेकिटन का स्तर ज्यादा था

योग से इम्यूनिटी पर प्रभाव

एशियन जनरल ऑफ सायकेट्री मैं प्रकाशित एक रिपोर्ट में बीते 10 साल में इम्यूनिटी पर योग के प्रभाव पर किए गए अध्ययनों की समीक्षा की गई थी।नॉर्वे की यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो में मॉलिक्यूलर बायो साइंस के प्रोफेसर फहरी साटकियोग्लू ने योग और मेडिटेशन के अलावा एक दूसरे एशियाई देशों में प्रचलित ताई ची और की गोंग जैसे अभ्यासो  पर भी फोकस किया। उनका कहना था योगिक और मेडिटेशन अभ्यास रक्त में संचरण करने वाली इम्यून सेल्स के जीन एक्सप्रेशन प्रोफाइल पर सकारात्मक प्रभाव डालते है और यह बदलाव मॉलिक्यूल लेवल पर होता है

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आज योग छोटे शहरों से बड़े महानगरों तक और भारत से लेकर अमेरिका तक शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने का मूल मंत्र बन गया है।इसके लाभ देखते हुए बड़ी संख्या में लोग इसकी ओर आकर्षित हुए लेकिन योग करने से पहले कुछ बातों को जान लेना फायदेमंद होगा

योग से क्या-क्या लाभ होते हैं

  1. योग का अभ्यास सूर्योदय से आधा घंटा पहले या सूर्य उदय से 1 घंटे बाद तक हो। यदि समय का अभाव हो तो सांय काल में भी अभ्यास किया जा सकता है
  2. योग का अभ्यास कभी भी जल्दबाजी में न करें योग का अभ्यास आप जितनी चेतना के साथ करेंगे उतना ही लाभ प्राप्त करेंगे।
  3. गर्भवती एवं रजस्वला स्त्रियों को योग का अभ्यास,योग गुरु के सानिध्य में ही करना चाहिए, समुचित सावधानियों का प्रयोग करते हुए
  4. योग का अभ्यास सामर्थ्य अनुसार ही करें धीरे-धीरे कुछ दिनों में अभ्यास से शरीर में लचीलापन आएगा
  5. योगाभ्यास के समय बातें ना करें ना ही मुंह से सांस लें,जब तक किसी क्रिया को करने के लिए मुंह से सांस लेने के लिए कहा ना जाए।
  6. ढीले वस्त्र पहनकर ही अभ्यास करें
  7. योगाभ्यास के समय शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करें क्योंकि शाकाहारी भोजन पाचन की दृष्टि, प्राकृतिक गुणों की दृष्टि तथा मानवता की दृष्टि से उत्तम है।
  8. जमीन पर कंबल चटाई या कुशासन बिठाकर ही योग करें
  9. योगाभ्यास से 10 मिनट पहले एक से दो गिलास जल का सेवन करें
  10. प्रकृति के बीच योग् ज्यादा फायदेमंद
    फिटनेस के दीवानों व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने वाले लोग में योग और प्राणायाम का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है अधिकांश लोगों को इससे फायदा भी होता है ,लेकिन योग व प्राणायाम बंद कमरे में ना करके प्राकृतिक व जीवंत वातावरण में किया जाए तो इसका लाभ सबसे ज्यादा होता है,ऐसा विशेषज्ञों का मानना है।

इन जगह पर भी योग करें

अमरीका में अटकल गोट योगा प्रचलित है इसमें बकरियों के बीच बैठकर योगाभ्यास किया जाता है।
भारत में कई लोग पार्क उद्यानों गौशालाओं आश्रमों और अभयारण्य में जीवंत माहौल के बीच योगाभ्यास करके सेहत का लाभ उठा रहे हैं

क्या है फिजी योगा

सीजी योग ,फिजियोथैरेपी और योग का फ्यूजन है इसे योग प्रशिक्षक और फिजियोथैरेपिस्ट की निगरानी में किया जाता है मूल रूप से यह रिहैबिलिटेशन योग है इसकी मदद से कमजोर मांस पेशियों को मजबूत करने, कड़ी मांसपेशियों को लचीला बनाने, कठोर व्यायाम से होने वाले नुकसान को ठीक करने और कैलरी की मात्रा घटाने जैसे काम किए जाते हैं। इसमें व्यायाम की तुलना में इंजरी का खतरा कम होता है

कब काम आता है

फर्ज कीजिए कोई व्यक्ति दुर्घटना वश अपना घुटना या कोई और जोड़ तुड़वा बैठे और उसे ठीक होने में 1:30 से 2 महीने का वक्त लग जाए तो उस लंबे वक्त तक निष्क्रिय रहने की वजह से उसका शरीर शिथिल पड़ने लगता है और सही ढंग से हिलना डुलना भूल जाता है ऐसी स्थिति में फिजी योगा काम की चीज साबित हो सकता है,इसकी मदद से शरीर का लचीलापन और मजबूती फिर से लौटाई जा सकती है।

योग से लाभ ही लाभ

योग से हमारा वजन कम होने लगता है हमारी चिंता खत्म होने लगती है, हम खुश रहने लगते हैं,हमारा स्वास्थ्य पूर्णतया अच्छा रहने लगता है,हमारा मन पवित्र होने लगता है,मन में शांति रहने लगती है और हम आसानी से जीवन पर्यंत निरोग रहकर लंबी उम्र प्राप्त करते हैं।

भारतीय योग सारे विश्व में

हमारे देश भारत में अतीत से ही तन और मन को संतुलित व दुरुस्त रखने के लिए योग का प्रयोग होता रहा है,लेकिन अब दुनिया भर के वैज्ञानिक भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं और वे मानसिक गड़बड़ियों सहित जीवनशैली से जुड़ी कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज में भी कोम्प्लीमेंटरी थेरेपी के रूप में इसकी भूमिका ढूंढ रहे हैं। वैज्ञानिक इस मॉलिक्यूलर मेकैनिज्म को समझने की कोशिश कर रहे हैं,जिससे शरीर में बदलाव आते हैं। नीमहंस की वैज्ञानिक टीम ने यह भी पाया कि योग से ब्रेन की केमिस्ट्री में कई पॉजिटिव बदलाव आते हैं।

सबसे अच्छा और महत्व पूर्ण योग

सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण योग प्राणायाम है,और इसे हर मानव को प्रात:और सांय काल के समय एक बार जरूर करना चाहिए आजकल यह प्राणायाम यूट्यूब के माध्यम से आसानी से उपलब्ध है जहां देख कर हम आसानी से सीख कर भी योग कर सकते हैं।

इंटरनेशनल योग दिवस 21 जून

अब इस योग के महत्व को विश्व स्तर पर समझते हुए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूएसए की के शिखर सम्मेलन में 21 जून को योग दिवस के रूप में सारे विश्व में पारित करवाया और सारे विश्व को इस योग के प्रति जागृत किया। आज सारा विश्व योग से जुड़ रहा है और इसके महत्व को जान रहा है
बाकी योग कैसे करना, क्या-क्या तरीके, विधि, और योग की विस्तृत जानकारी आजकल यूट्यूब पर आप बाबा रामदेव के साथ घर बैठे टीवी पर ही सीख सकते हैं
जय श्री कृष्ण
Thank यू 

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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