संयुक्त परिवार का क्या महत्व है? | संयुक्त परिवार किसे कहते हैं! | What is a joint family called?
संयुक्त परिवार में दो या तीन पीढ़ी के लोगों का एक संग एक घर में रहना या बहुत सी विचारधारा के लोग जब एक साथ एक सामंजस्य बनाकर एक छत के नीचे रहते हैं ,तो उसे संयुक्त परिवार कहा जाता है। इसमें दादा-दादी माता-पिता और अपने स्वयं का भाई और बहन इस परिवार के अंतर्गत आते हैं सारे रिश्ते एक साथ रहकर संयुक्त परिवार में जीवन का आनंद उठाते हैं और प्रसन्न रहते हैं।
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परिवार के साथ रहना खुशियां देता है। What is a joint family called?
परिवार के साथ मिलजुल कर एकजुट होकर रहने से परिवार का हर सदस्य अपने क्षेत्र में आगे बढ़ते चला जाता है निरंतर उसे परिवार के लोगों का सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त होता है और परिवार के सभी सदस्य खुश हो पाते हैं। परिवार का साथ बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि यहाँ सुख और आनंद जीवन में आने से बढ़ जाता है, और दुख जीवन में आने से बंट जाता है।
एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए परिवार अहम भूमिका निभाता है। परिवार से ही इंसान को अपनी मातृभाषा ,अपनी संस्कृति ,और धर्म का ज्ञान होता है। क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इसे कदम कदम पर अपने विचारों का आदान प्रदान करने के लिए साथी की आवश्यकता होती है, परिवार में उसे वह साथी उसके भाई, पिता ,और पत्नी के रूप में प्राप्त हो जाता है जिससे वह खुशी के साथ अपने जीवन को आगे ले जा पाता है।
जानें
हमारा परिवार ही हमें विकसित और संपूर्ण मानव बनाता है हम परिवार के सदस्य एक दूसरे से सीखते हैं।
सिर्फ़ परिवार की फुलवारी में मिलते हैं ये सातों सुख
सब सुखी हैं, पत्नी मधुर भाषण करती है, सभी स्वस्थ हैं, अच्छे मित्र, आज्ञाकारी सेवक, अतिथियों का आना-जाना, पवित्र सुंदर खानपान, और नित्य का सत्संगऔर प्रेम ,ही जीवन में खुशियां लाता है और यही संयुक्त परिवार का लाभ भी है।
एक दूसरे को प्यार करना आता है
संयुक्त परिवार में सभी परिवार के सदस्य एक दूसरे को प्यार बांटते हैं और खुशियां भी उन सभी पर समान रूप से बरसती है।संयुक्त परिवार की महत्वाकांक्षा इसलिए भी बहुत अधिक है क्योंकि इसमें रहने वाले सभी लोगोंको अपनी जिम्मेदारियां समझनी पड़ती हैं और सभी अनुशासन से अपने कर्तव्य को करते हैं और खुश रहते हैं ।
संयुक्त परिवार में सभी एक दूसरे की परवाह भी करते हैं जिससे परिवार में खुशियां छाई रहती है। परिवार का हर सदस्य एक दूसरे की आर्थिक सहायता भी बड़ी तत्परता से करता है और खुशियां निरंतर और आसानी से यहां बनी रहती है।
परिवार में जब हम बुजुर्गों के साथ रहते हैं तब हमें उनका अनुभव भी मिलता है जो हमें जीवन की हर परिस्थिति में समाधान देता है, और हम खुशी से हर निर्णय को ले पाते हैं।संयुक्त परिवार में सभी सदस्य एक दूसरे को अपना प्यार, समय, और खुशियां बांट कर सभी खुश रहते हैं।
बच्चों को दोस्त यहां
बच्चे एक-दूसरेदूसरे के साथ खेल कूद और पढ़ लिख कर अति प्रसन्नता से इस संयुक्त परिवार का आनंद लेते हैं।उनके जीवन का विकास भी खुशी और आनंद से हो पाता है। परिवार के साथ रहकर ही बच्चा संस्कार सीखता है।
परिवार से ही संस्कार
संयुक्त परिवार में घर की स्त्रियां परिवार में रहकर अपने सास, देवरानी और जेठानी के जीवन से बहुत कुछ सीख कर प्रसन्नता से खुशियों के साथ अपना जीवन निर्वाह करती हैं।
आपका परिवार आपका हथियार और कवच
संयुक्त परिवार में किसी भी आपातकाल के दौरान परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर सलाह और सहयोग के द्वारा उस परिस्थिति को समाधान के द्वारा नियंत्रित कर लेते हैं ,जिससे परिवार की खुशियां बनी रहती है ।संयुक्त परिवार में मूलभूत सुविधा भी परिवार के हर सदस्य को हर हालात में मिल पाती है ।इस संयुक्त परिवार के द्वारा खुशियां और आनंद हर परिस्थिति में परिवार का हर सदस्य उठा पाता है।
निर्णय लेना आसान
संयुक्त परिवार में रहने से निर्णय लेना काफी आसान हो जाता है,जिससे परिवार के सभी सदस्य मानसिक शांति का अनुभव करते हैं ,और सभी परिस्थिति में खुशियों का अनुभव करते हैं।
संयुक्त परिवार में रहने से परिवार मेंनित्य ही उत्सव का, खुशियों का ,माहौल बना रहता है जैसे जन्मदिन ,वैवाहिक वर्षगांठ जिससे घर में खुशियां छाई रहती है।नित्य घर में लोगों तथा बाहरी रिश्तेदारों का आना जाना लगा रहता है जिससे घर में खुशियां छाई रहती है।
याद रखें
परिवार के सभी सदस्यों को इस बात को ध्यान रखना चाहिए कभी कोई घटना ,कोई बात, अगर हो भी जाए तो उसे सहन करें उसे अपने मन पर ना लेवे ,इससे उसके जीवन में खुशियां बनी रहती है नहीं तो परिणाम स्वरूप जो इंसान इसे अपने मन पर ले लेता है उसे ही मूल्य चुकाने पड़ते हैं।
समय दें
आजकल के दौर में देखा जाता है परिवार में कोई निमंत्रण होता है, उत्सव होता है, जब किसी को इन खुशियों के समय अपने साथ देखना चाहते हैं तब वह आनाकानी करने लगते हैं ,और उसे टालने का बहाना खोजते हैं,जो उन्हें भविष्य में खुशियों के पिछवाड़े में धकेलने के लिए मजबूर कर देता है। हमें अपने परिवार को हर समय, समय देने के लिए तैयार रहना चाहिए इसके मूल्य को समझना भी चाहिए।हमेशा परिवार प्रथम।
अपने परिवार के सदस्य से कोई मन मुटाव है तो आप खुद माफी मांगे याद रखें माफी मांगना बहुत हिम्मत का काम है। और सॉरी बोलकर कोई इस रिश्ते में छोटा या बड़ा नही होता
प्यार से खत्म करें
ऐसा भी देखा जाता है एक छोटी सी लड़ाई से लोग अपने रिश्ते नाते खत्म कर देते हैं, आना जाना बंद कर देते हैं, बोलना बात करना बंद कर देते हैं ,यह बहुत ही गलत है ।उन्हें यह सोचना चाहिए छोटी सी जिंदगी में जो समय हंस कर निकल जाए, खुशी खुशी निकल जाए वही अपना है बाकी तो इस संसार में चुनौतियां ही नजर आती है।
परिवार उन फूलों से सजे धजे पेड़ों की तरह है जहां फूल लगते हैं खुशबू भी रहती है और तपती धूप में भी यहां छांव मिलती है ।हमारा संयुक्त परिवार विद्यालय की तरह होता है जहां निरंतर सीखते हैं ,यहां सलाहकार भी होते हैं जिससे हम निर्णय ले पाते हैं। हमारा परिवार हमारी ताकत , हमारा सुरक्षा कवच है जहां रहकर परिवार का हर सदस्य शांति का अनुभव करता है। संयुक्त परिवार में परिवार का हर सदस्य अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति हैं लेकिन परिवार के लिए दुनिया आप स्वयं होते हैं इसलिए इस परिवार को बहुत ही महत्व देने की जरूरत है।
हमारा जीवन खुशियों से निकले, इसलिए जीवन भर हम हर प्रयास या कोशिश करते हैं। और मेरा ऐसा मानना है कि संयुक्त परिवार में रहना आपकी इस खुशियों से भरी जिंदगी को यापन करने का अद्भुत माध्यम हो सकता है।
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण