भारतीय सिनेमा – सिनेमा क्या है? Naye Daur की कैसे यह पाठ शाला? | what is cinema

मन हमारा हर समय कुछ न कुछ सर्वदा सोचने ,उस पर चिंतन करने में लगा रहता है।मन को सदा कुछ नया या सकारात्मक सोचने, कुछ सीखने के लिए सिनेमा एक प्रभावी माध्यम हो सकता है ।यह समाज को दिखाने के लिए कुछ बताने के लिए दर्पण की तरह होता है।

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सिनेमा का निर्माण सन उन्नीस सौ से चल रहा है और यह निरंतर हमारे जीवन पर प्रभाव डालता है। यह हमारे मन को काफी देर तक नए विचार की ओर लगाए रखता है।इस दौरान हम पहले चल रहे विचारों से मन को अलग कर राहत महसूस कर पाते हैं। सिनेमा से हमारा मन नई परिस्थिति ,नए लोगों से जुड़ कर नए विचारों को आकर्षित करता है।इस दौरान हमारा शरीर इस भागम भाग भरी जिंदगी में कुछ देर विश्राम भी कर पाता है।

मन को हटा कर विश्राम की और ले कर जाता है


हमारी आंखों के द्वारा सबसे ज्यादा हम अपनी उर्जा को खर्च करते हैं, जो हम देखते हैं उस पर हमारा मन कार्यशील हो जाता है जिसकी वजह से हम अतीत की घटना को भूल कर नई विचारधारा को आकर्षित करते हैं और खुशी महसूस करते हैं ।चलचित्र के माध्यम से जो हम देखते हैं उसे हम भूल नहीं पाते और यह मस्तिष्क के धरातल पर यादगार बन जाता है।

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आधुनिक युग में यह मोबाइल और टेलीविजन के माध्यम से हर समय उपलब्ध है ।सिनेमा के चयन में इस बात का ध्यान रखना चाहिए की यह हमारे उदेश्य की ओर प्रेरित करने वाला हो, ज्ञान और ऊर्जा को बढ़ाने वाला हो।इन फिल्मों को देखकर हम ,आनंद और ऊर्जा की प्राप्ति कर सके।

सिनेमा हमारे जीवन में खुशियां लाता है क्योंकि यह संगीत ,विचार ,आवाज का एक मिश्रण है और यह हमारे मन मस्तिष्क मेंनए रसायन को उत्पन्न करता है, जो हमारे मन को खुशियां की तरंगों की और ले जाता है।सिनेमा हमारे मनोरंजन का बहुत ही अच्छा साधन हो सकता है क्यों की यह हमारे मस्तिष्क को नए विचारों द्वारा व्यायाम करा कर नई जोश और ऊर्जा से भरने की ताकत रखता है।

सिनेमा अलग-अलग विषयों परिस्थितियों पर बनाया गया एक नाट्य रूपांतर है जो हमारे जीवन की भी कोई परिस्थिति हो सकती है, और जिसके द्वारा हम बहुत कुछ सीख सकते हैं । यह हमें शिक्षा ,हर्ष ,उल्लास ,प्रेरणा, और मोटिवेशन भी देता है, जिससे हमारे मन मस्तिष्क को खुशियों की तरंग महसूस होती है।


सिनेमा हमारे अवचेतन मन को आकर्षित करता है और हमें आनंद की प्राप्ति कराता है ,यह हमारे मानसिक तनाव को कम करने में यह काफी उपयोगी है।सिनेमा देखने के दौरान हमारा मस्तिष्क कुछ रसायन का स्त्राव करने लगता है जो हमारे मन मस्तिष्क को शांति देता है।

सिनेमा के दौरान मिलने वाली पॉपकॉरन खा कर भी लोग आजकल प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

परिवार, इष्ट मित्र, बंधु या टीम के साथ भी किसी विषय पर शिक्षा देने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है ।आधुनिक युग में सिनेमा का महत्व काफी बढ़ा है, और चाहिए ।अच्छी सिनेमा हमारे जीवन में नया आनंद और प्रेरोना ले कर आती है, हमारे जीवन को मार्गदर्शन दे सकती है ।सिनेमा हमारे ज्ञान को अर्जित करने का माध्यम भी हो सकता है ,एक शिक्षा का रूप भी हो सकता है और हमारे मन मस्तिष्क को खुशियों की ओर ले जाने का माध्यम भी हो सकता है। हम इस बात को नकार नहीं सकते की हमारे दैनिक जीवन में जब हमारा मन मस्तिष्क काफी निराशा महसूस करे तब हम सिनेमा का आनंद ले सकते हैं।

धन्यवाद

जय श्री कृष्ण

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