वनों का हमारे जीवन में महत्व | Vano ka Hamare Jeevan mein Mahatva…

(Vano ka Hamare Jeevan mein Mahatva) खुश रहने के लिए जापान देश में १९८० में इस तकनीक को विकास किया गया समझा गया कि जब हम प्रकृति के अनमोल दो से जंगल में कुछ समय बिताते हैं तो हम अपने आप को तरोताजा हुआ महसूस करते हैं इसके तहत उन्होंने अपने परिवार के साथ जंगल में समय बिताना शुरू किया यूं तो यह हमारे देश में भी हमारे पूर्वजों के द्वारा किया जाता था और जीवन का बाल्यकाल और वृद्धावस्था के लिए तो इन जंगलों में ही समय व्यतीत कर आनंद के साथ दिखाया जाता था

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जंगल में प्रकृति अनमोल धरोहर | Vano ka Hamare Jeevan mein Mahatva

जंगल अपने आप में प्रकृति की वह अनमोल धरोहर हैं जहां पवित्रता शीतलता और आनंद की वर्षा होती है जहां प्रकृति अपने पूर्ण संसाधनों के साथ पूरे तेज में रहती है जिस तरह हम ठंडी फ्रिज में रखने से किसी वस्तु पर अनमोल जीवन दे सकते हैं या उसे ताजा रहने के लिए 10-15 दिन का समय दे सकते हैं उसी तरह जब हम प्रकृति के बीच समय व्यतीत करते हैं तो इससे हमारी उम्र बढ़ जाती है

हमारे मन में चंचलता आती है और हम अपने आपको तरोताजा महसूस करने लगते हैं धीरे-धीरे इस प्रक्रिया में को अन्य देशों ने भी अपनाना शुरू किया है किंतु ऐसा देखने में आता है कि यह हमारे देश से निकली हुई एक परंपरा है जिसे हम भूल चुके हैं किंतु विश्व इसे अपनाने पर ध्यान दे रहा है

प्रकृति की खुशबू का अनुभव

लोग यहां जंगलों में जाकर लकड़ियों के बीच अपना समय व्यतीत करते हैं लकड़ियों पर सोना प्रकृति की खुशबू का अनुभव करना खुले आकाश के बीच आकाश की तेज रोशनी और ऊर्जा के संपर्क में रहकर अपने आपको तरोताजा महसूस करते हैं

इस प्रकृति के अनमोल जंगलों में वे अपने परिवार के साथ खाना-पीना कर आनंदित होते हैं और प्रकृति के बीच समय बिता कर अपने परिवार के साथ अनमोल समय व्यतीत करते हैं

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कुछ देशों में इस तरह झोपड़ी बनाकर भी लोग वहां ठहरते हैं रात गुजारते हैं और आनंदित होते हैं इसी तरह हमारे देश में थी जंगलों में साधु मुनि इसी कुटिया बनाकर रहते थे और अपनी साधना के द्वारा प्रकृति के बीच रहकर समय व्यतीत करते थे और उस परम सत्ता के तेज का अनुभव करते थे

प्रकृति के बीच इन वृक्षों को छूना बंद को खुशी देता है इन को स्पर्श करने से उसकी शक्तियां हमारे शरीर में प्रवेश करती हैं और हमारा मन प्रफुल्लित हो उठता है

जंगलों में परिवार के साथ समय बिताना

इन जंगलों में परिवार के साथ समय बिताना खेलकूद करना एक साथ खाना पीना करना हमें एक दूसरे के समीप लाता है जिससे हम बहुत ही आनंद महसूस करते हैं इस दौरान एक दूसरे की छवि लेना एक दूसरे के साथ हंसने बोलने समय गुजारने का समय मिलता है और हम सब आनंदित हो पाते हैं आज के वर्तमान युग में शहर से बाहर रिसोर्ट का आनंद इस तरह लोग उठा रहे हैं जहां खाने-पीने की पूर्ण व्यवस्था रहने खाने की अच्छी व्यवस्था उन्हें आनंद देती हैं

वे लोग यहां जाकर वृक्षों को छूते हैं और उनकी ऊर्जा को अपने अंदर महसूस करते हैं उनका यह मानना होता है कि यह वृक्ष 100-200 वर्ष से पृथ्वी का के प्रकृति का 7 जो अनमोल संसाधन है इनमें प्रवेश होते हैं वे इन को छूकर उनसे उन साधनों को अपने शरीर में ग्रहण करते हैं

साथ बैठना लकड़ी के घरों के निर्माण में रहना वहां साथ साथ प्राकृतिक ग्रीन टी को पीना भी इन्हें आनंदित करता है

यहां पर वृक्षों को गले लगा कर उनसे ऊर्जा ग्रहण कर आनंद महसूस करते हैं उनका मानना है शरीर इन वृक्षों से लिपट कर उनकी ऊर्जा को अपने अंदर हमारे अंदर भेजता है जिससे हमारा शरीर स्वस्थ होता है

रे इन जंगलों में ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर प्रकृति के बीच हवा भूमि और उनके तत्वों को ग्रहण कर वहां पर अपना समय व्यतीत कर आनंदित होते हैं

 

प्रकृति के बीच थोड़ा हंसना मुस्कुराना ध्यान करना चारों तरफ प्रकृति के संसाधनों के साथ समय व्यतीत करना हमारे मन को प्रफुल्लित करता है

प्रकृति के संसाधनों को अपनी आंखों के द्वारा देखना भी सकारात्मक सोच को प्रकट करता है और हम अपने मन को आनंदित कर पाते हैं

यहां प्रकृति के बीच में सूर्य से ऊर्जा ग्रहण करना सूर्य की किरणों को शरीर पर लेना हमारे अंदर दिव्य शक्तियों को बढ़ाता है

यह प्रकृति के बीच बैठकर प्रकृति को निहारना बहते जल को देखना उसे छूना हमारे मन को शांत करता है

इस तरह प्रकृति को निहारना हमारे मन को शांति देता है

चारों तरफ से क्योंकि छाया वृक्षों की छाया उन वृक्षों के बीच से आती सूर्य की धीमी धीमी किरने भूमिका सहयोग पृथ्वी की अचल शक्तियों के बीच उसकी गोद में बैठ कर प्राणायाम का आनंद हमारे मन मस्तिष्क को ऊर्जावान करता है और हम प्रसन्नता का अनुभव करते हैं

वर्तमान समय में गांवों को भुला चुके हैं

आजकल के वर्तमान समय में हम गांवों को भुला चुके हैं जो हमारे पहले समय के जंगल ही हुआ करते थे आज फिर से गांव में रहना वहां साथ में परिवार के साथ समय बिताना उनके साथ खानपान करना हमें आनंद देता है किंतु इसको हम बुला रहे हैं वर्तमान समय में यही व्यवस्था हम अपने समय को देख बचाने के लिए शहर के बाहर ही रिसोर्ट के रूप में कर रहे हैं

जहां रहने की गांव और जंगलों की तरह ही व्यवस्था खाने पी खेलने कूदने के साधन मोहित वह प्राकृतिक चिकित्सा के लिए मालिश आदि की व्यवस्था नदी और झरनों की जगह स्विमिंग पूल का निर्माण हो रहा है जिसे वर्तमान समय में हम रिसोर्ट के रूप में जानते हैं वहां जाकर भी हम इस तरह का आनंद ले सकते हैं ने के छोटे-बड़े रेस्टोरेंट्स और

इन फॉरेस्ट बाथिंग का नया स्वरूप रिसोर्ट की व्यवस्था जहां खेलने के लिए विभिन्न तरह के आउटडोर गेम और कॉल के जैसे खेलों की भी व्यवस्था हो रही है जहां जाकर हम अपना समय व्यतीत करो अपने मन और शरीर को ऊर्जा दे सकते हैं

रिसोर्ट में ठहरने की आधुनिकतम व्यवस्था हमारे मन को और लुभावना कर देती है जब हम प्रकृति के बीच ऐसी व्यवस्था में अपने शहरी भागमभाग भरी जिंदगी से समय निकालकर दो-तीन दिन व्यतीत करते हैं तो यह एक तरह से हमारी फॉरेस्ट बातें ही हो जाती है जिसके द्वारा हम अपने बल मस्तिष्क और शरीर को ऊंचा दे सकते हैं और प्रसन्नता का अनुभव कर सकते हैं

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Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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