शब्द – कैसे, हमारे द्वारा बोले हुए शब्द | हमारी खुशियां बनते हैं | Assess your personality by the choice of words
शब्द एक ऐसा रसायन है जो कान के माध्यम से ,शरीर में प्रवेश करता है ,और हमारे मन पर सीधा प्रभाव डालता है। यह रसायन हमारे जीवन में शब्दों के माध्यम से हमारे मन ,मस्तिष्क, को सुख या दुख का प्रवाह भेजता है।
हमारे शब्द यात्रा करते हैं ।यह दो कानों में पहुंचकर धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ते हैं इसलिए शब्दों का प्रयोग बहुत सूझबुझ् कर ही करना चाहिए।
यह एक ऐसी सुरंग है जिनके द्वारा कोई सीधा हमारे हृदय तक पहुंच सकता है, शब्दों के द्वारा ही लोगों को हमारी और हम खींच सकते हैं या खुद से दूर कर सकते हैं।
शब्दों के द्वारा ही हम अपने संबंधों को सुधार या बिगाड़ सकते हैं। शब्दों के द्वारा ही हम बोलते हैं, और शब्दों के माध्यम से ही हम सुनते और समझते हैं।
इसलिए कहा गया है,शब्द संभाल के बोलिए शब्द के हाथ न पैर कहा जाता है, इसलिए इसका उपयोग बहुत ही सूझबूझ से करना चाहिए।
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शब्दों में वह ताकत है जो कभी मिसाइल बन जाती है,और कभी चोट का मरहम बन जाती है।शब्दों की उत्पत्ति और इसके प्रयोग को हमें जानना चाहिए।
सबसे पहले शब्द ब्रह्म के साथ ही सृष्टि की शुरुआत हुई।
एक सामान्य मनुष्य पूरे दिन में 160000 शब्द बोलता है और उसमें से कुछ शब्द निश्चित रूप से सत्य भी होते हैं।
ऐसे शब्दों का चयन करें जो आपको भी शीतलता दे, और सुनने वाले व्यक्ति को भी शीतलता प्रदान करें।
शब्दों का मतलब विचार, स्वभाव ,सोच , और भावना भी है, जो हर मनुष्य अपने सामने वाले व्यक्ति के प्रति अपने मुख से बोलकर व्यक्त करता है।शब्द एक औषधि भी है ,जो बोलकर, व्यक्त कर, किसी से अपने कार्य कराने को प्रोत्साहन देती है।अच्छी, शीतल वाणी से, हमारा मन बहुत शांति और प्रसन्नता का अनुभव करता है जो, यह बोलने और सुनने वाले दोनों के जीवन में प्रसन्नता और खुशियां लाता है।
शब्दों के चयन से हमारे व्यक्तित्व का आंकलन | Assess your personality by the choice of words
शब्द हमारे व्यक्तित्व को भी प्रदर्शित करते हैं । शब्द के द्वारा इंसान का प्रभाव भी जाना जा सकता है।जो समाज में अपने शब्दों का इस्तेमाल सोच समझकर करते हैं वह सदैव प्रसन्न रहते हैं।हमारे शब्द हमारे कर्म भी कहे जा सकते हैं, क्योंकि हमारे द्वारा बोले गए अच्छे और प्रभावशाली शब्द हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। हमारे शब्द और हमारे कार्य एक जैसे होंगे तभी, हमें जीवन में सफलता और खुशियां मिल पाती हैं।
यदि जीवन में लोकप्रिय होना है तो हमें आप और हम शब्द का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए ।
हमारा शरीर सुंदर हो या ना हो किंतु हमारे शब्द सदैव सुंदर होने चाहिए ,क्योंकि इंसान चेहरे भूल जाता है लेकिन शब्द नहीं भूल पाता। शब्द हमारी खुद की कीमत भी बढ़ाता है ।
प्रयोग की कला
शब्दों का इस्तेमाल कब ,किससे और किन शब्दों में,किस शैली में और कितना करना है,जो इसका अनुमान सही लगा पाता है, वही इंसान खुश रह सकता है।
शब्द और हमारे अवचेतन मस्तिष्क की गहरी और सच्ची दोस्ती
शब्द जो हमारे द्वारा बोले जाते हैं ,हमारा अवचेतन मन उन शब्दों को सच करने के काम में लग जाता है ,और उससे जुड़ी शक्तियां ,उससे जुड़े लोग ,हम आकर्षित करने लगते हैं, जो हमारे खुशी का कारण बनती हैं।
ऐसा भी देखा जाता है शब्द के प्रयोग के द्वारा मनुष्य अपनी दुनिया को बदल सकता है।हमारा मन और मस्तिष्क पूरी तरीके से बोले गए शब्दों पर कार्य करता है और उसे पूरा करने में लग जाता है।हमारी सोच ही शब्द के रूप में परिवर्तित होकर मुख पर आती है।
इसी तरह बुद्धिमता से समझदारी ,ज्ञान ,अध्ययन सर्तकता ,अकलमंदी,से शब्द का चयन करके दैनिक जीवन में प्रयोग करें।
शब्दों का खेल
खुश रहना और खुशियां देना ,सब शब्दों का खेल है, जिन्हें हम बोली के द्वारा प्रयोग कर किसी भी इंसान के दिल में प्रवेश कर सकते हैं।
प्रसन्नता के लिए नए-नए शब्दों का प्रयोग कर,हम खुशी और उत्साह का माहौल बना सकते हैं। प्रफुल्लता ,उल्लास, हर्ष, खुशी, जिंदादिली ,सुहावना पन ,उत्साह आदि शब्दों का प्रयोग वातावरण को खुशनुमा बना सकता है। मैं गजब की खुशी महसूस कर रहा हूं। ऐसे वाक्यों का प्रयोग हम खुशी को प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।
उदारता , विपुलता, प्रचुरता, उच्चता, शुभ चिंतन, सहानुभूति ,दया, त्याग का शब्दों का प्रयोग
प्रार्थना पर प्रेम ,चिंतन, समर्पण, गुणगान ,अपनापन, ध्यान, शब्द का प्रयोग।
इस तरह एक ही शब्द पर विभिन्न शब्दों का उपयोग करने से यह खेल भी हो जाता है ,और हमारा अवचेतन मन भी इन शब्दों पर काम करने लगता है ,इसे हम शब्दों की बागवानी भी कह सकते हैं, जिससे हम आनंद और उत्साह का अनुभव करते हैं।
शब्दों को माला में पिरो कर गीत बना सकते हैं
शब्दों के द्वारा हम गीतों को लिखकर ,उसे श्रवण कर कर संगीत के माध्यम से सजाकर खुशी का अनुभव कर सकते हैं।
शब्दों का प्रयोग करके ही हमारे वेद और पुराणों को लिखा गया है ,जिनके माध्यम से हम कथाओं को सुनकर शांति और खुशी का अनुभव करते हैं।
शब्दों में हंसाने की शक्ति।
शब्दों में हमें हंसने और हंसाने की शक्ति भी होती है। शब्दों के द्वारा कुछ चुटकुले या कहानी लिख कर भी हम खुशी प्राप्त कर सकते हैं।