मित्र और मित्रता क्या है? | सच्चे मित्र की पहचान | What is friend (bestie) and friendship?

मित्रता मन का माधुर्य है, जीवन का संगीत , रिश्तो की ताकत , खुशियों की बौछार ,इंसानियत का तकाजा, सुरक्षा का रक्षा कवच , चुनौती के समय मददगार और लाइफ इंश्योरेंस , जिंदगी के साथ भी ,और जिंदगी के बाद भी है।

मित्रता यानी दो या दो से अधिक व्यक्तियों में विचार का आदान प्रदान ।मित्रता उनसे होती है जिन से मन मिलता है ,ऊर्जा मिलती है, विचार मिलते हैं, उन्हीं से ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है ।मित्र हमारे जीवन को सफल और खुशनुमा बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। एक सच्चा और बुद्धिमान मित्र हमारे जीवन में खुशियों के रंग भर सकता है।ज्ञानी और बुद्धिमान मित्र जीवन का वरदान होते हैं।

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सच्चे मित्र की पहचान | What is friend and friendship?

मित्रता के रिश्ते को मनुष्य स्वयं  चुनता है।सचमुच सच्चे मित्र का मिलना बहुत ही भाग्यशाली है ।सच्चा मित्र हमसे व्यर्थ बहस नहीं करता,हमारी बातों को सुनकर हमें सही राह दिखाता है।मित्र के साथ हमखुद को निर्भय महसूस करते हैं। सच्चे मित्र दिलों के मिलने से बनते हैं।मित्र के साथ बिना छुपाए हम दिल की सब बातें कर अपने मन को हल्का कर खुश होते हैं। सच्चा मित्र हमारे सुख-दुख के समय हमारा साथ देता है, और हर परिस्थिति में तन, मन और धन से सहयोग करता है।

मित्र हो तो कृष्ण जैसा

सच्चा और बुद्धिमान मित्र अपने मित्र को सच्ची सलाह और परामर्श देकर जीवन में उसे निरंतर आगे बढ़ने की राह दिखाता है।

सच्चा मित्र सलाहकार

धन्य है अर्जुन और कृष्ण की मित्रता

सच्चा मित्र अपने मित्र  के दुख को दूर करने का पूरा प्रयास करता है और  इसके लिए वह अपनी पूरी ताकत के अनुसार उसका हित करता है । सच्चा मित्र अपने मित्र के कार्य को कभी नहीं भूलता।अपने मन की बात सच्चे मित्र से करने से मन हल्का होता है ,और हमें उचित सलाह मिलती है जिससे हमें आगे बढ़ने की जीवन में राह मिलती है और हम खुशी महसूस करते हैं।

सच्चा मित्र हमारी परवाह करता है ,और हमारे जीवन में नए-नए खुशियों के रंग भरता है।सच्चा मित्र इस अनमोल रिश्ते को मान देते हुए प्रतिकूल परिस्थितियों में मित्र से विशेष प्रेम  करता है ।मित्र में कोई गुण हो तो प्रशंसा करके उसे प्रोत्साहित करता है। मित्र के प्रति कुछ गलत हो जाय तो तुरंत माफी  मांग कर भी रिश्तों में मिठास भर प्रसन्न रहता है।

सच्चा मित्र अपने मित्र को नाम लेकर संबोधन करके भी उससे अपना रिश्ता मजबूत करता है।सच्चा मित्र अपने मित्र के दोष को छुपाता है, और गुणों को सबके सामने प्रकट करता है। सच्चा मित्र अपने मित्र की गलती या दोष को उसके सामने ही बताता है, और उसे उसकी गलती को सुधारने के लिए प्रेरित करता है वह मित्र के दोष को दूसरों के सामने व्यकत नहीं करता।

हमारा सच्चा मित्र हमारी चिंता करता है।

सच्ची मित्रता का रिश्ता हमारी चिंता करने के लिए ,हमारी परवाह करने के लिए, हमें प्यार करने के लिए, सहारा देने के लिए ,सलाह देने के लिए, आराम देने के लिए ,होता है।मौज मस्ती और सुख दुख के सभी पलों को साथ में व्यतीत कर इस अनमोल रिश्ते का निर्वाह मित्र के साथ कर हम खूब प्रसन्न होते हैं।

मित्र के साथ उनके घर जाकर या उनको अपने घर बुलाकर हम खुशी का अनुभव कर सकते हैं ।मित्र के साथ भोजन कर भी हम खुशी का अनुभव कर सकते हैं ।मित्रता के रिश्ते में बचपन में उनके साथ खेलना, बाद में विद्या क्षेत्र में मित्रों से सीख लेकर ,फिर व्यवसाय, और जीवन के कैरियर क्षेत्र में सलाह मशवरा ,हमारे जीवन को खुशियों से भरता है।

सच्चा मित्र हम जैसे हैं, वैसे ही हमसे प्रेम करता है, वह हमें बदलना नहीं चाहता। उसके साथ हम अपनी प्रत्येक परीस्तिथि में निर्वाह और व्यवहार कर पाते हैं।

सच्चे मित्र हमें कभी किसी के सामने गिरने नहीं देते ,किसी की नजरों में हमें शर्मिंदा होने नहीं देते ,और हमारे मान का सर्वत्र ध्यान रखते हुए व्यवहार करते हैं, व्यवहार करते हैं।

जो मित्र जीवन में हमें अपना समय देते हैं वह भी बहुत ही कीमती होते हैं उनका हमें सदैव ध्यान रखना चाहिए। आज के युग में अगर कोई अपना समय देता है,वो आपको बहुत प्रेम करता है सदैव ध्यान रखे। यह मित्र चाहे सुख हो अथवा दुख हो चाहे अनुकूल परिस्थिति हो अथवा प्रतिकूल सदैव हमारे साथ खडे रहते हैं।

जीवन की प्रतिकूल परिस्थिति में सच्चे मित्र पर का स्नेह और बढ़ जाता है। वह अपने मित्र का मनोबल बढ़ाता है और उसे समाधान की ओर देखने का सुझाव देता है।

प्रत्येक मनुष्य अपने पसंद का वातावरण और अपने दोस्तों के साथ रहने में बहुत खुशी का अनुभव करता है। लोगों को इकट्ठा करना, सगाई, नाचना गाना, विवाह, पुत्र जन्म या किसी प्रकार की भी खुशियां हो मित्र की उपस्थिति के बिना यह सब ठंडे ही रहते हैं।

क्या क्या मजे कर सकते हैं मित्र के साथ

छोटे-छोटे आयोजन के द्वारा जैसे  संगीत कार्यक्रम छोटी पार्टियां इत्यादि के द्वारा हम मित्रों के साथ अपने जीवन में खुशियों को आमंत्रित कर सकते हैं ।अपने व्यस्त साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान अवकाश के दिन उनके साथ प्रातः काल का भ्रमण कार्यक्रम भी हमें जीवन में आनंद दे सकता है ।इस भ्रमण कार्यक्रम के दौरान दोनों मित्र एक दूसरे से सीखते  हैं।

तुरंत फोन करें

प्रतिकूल परिस्थितियों में अपने आत्मविश्वास से भरे मित्रों से फोन कर भी हम अपने आप में उर्जा भर सकते हैं ।अपने  सच्चे दोस्तों के साथ रेस्तरां में खाना खाना ,उनके साथ फिल्में देखने जाना ,भी आनंद का एक माध्यम हो सकता है ।सच्चे मित्र की सच्ची प्रशंसा करके भी हम प्रसन्नता का अनुभव कर सकते हैं और मित्र को भी करा सकते हैं ।मित्र हमारे जीवन के अनमोल आभूषण की तरह दिखने चाहिए।दिल से उत्पन्न हुआ यह रिश्ता हमारे जीवन में बहुत मायने रखता है क्योंकि इसे हम स्वयं चुनते हैं।

मित्रता हमें इस तरह निभानी चाहिए जैसे करण ने निभाई ।हार सामने स्वच्छ दिखाई दे रही थी फिर भी उसने दुर्योधन का साथ नहीं छोड़ा, और एक मित्रता कृष्ण ने निभाई जिसने शस्त्र नहीं उठाया लेकिन साथ रहकर अपने मित्र की जीत पक्की कर दी। सच्चे मित्र से कभी किसी तरह का छीपाव नहीं रखना चाहिए।

जीवन में मित्र बहुत सारे हो तो बड़े ही सौभाग्य की बात है, किंतु मेरा सुझाव है, मित्र एक ही हो किंतु बहुत ही बुद्धिमान हों, और उसमें ऊपर बताए गए सभी गुण बुद्धिमान हो तो वही सच्चा मित्र हो सकता है।

किसी शायर ने कहा है, क्या जरूरत है बहारों की, क्या जरूरत है चांद सितारों की, एक अच्छा दोस्त हो जिंदगी में तो कहां जरूरत है हजारों की

सच्चा मित्र अनमोल है इस रिश्ते को आभूषण की तरह संभालना चाहिए क्योंकि यह रिश्ता हमारे जीवन को खुशियों के रंग भरने में बहुत ही मायने रखता है। सच्चा मित्र और बुद्धिमान मित्र भगवान का दिया हुआ वरदान ही होता है ,यह रिश्ता अनमोल है ,क्योंकि यह दिल, से पैदा होता है।

मित्र

असली धनवान वही है जिसके पास अच्छी सोच वाला सच्चा दोस्त है। मित्रता जिंदगी में खुशियों की चाबी होती है, हमारे साथ रहने वाला मित्र हमारी जिंदगी को खूबसूरत बना सकता है ।सच्चा मित्र एक दूसरे का हित चाहते हैं ,समृद्धि चाहते हैं, और चुनौती के समय बड़े से बड़ा त्याग करने के लिए भी तैयार रहते है।

सच्चा मित्र।।

Thank you
My friend krishna

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