दुनिया भर में happy शब्द जितना प्रचलन में है, बोला और सुना जाता है उतना अन्य कोई शब्द नहीं है। क्या बालक, क्या युवा, क्या बुजुर्ग,क्या पुरुष, क्या महिला, सभी इस शब्द को धड़ल्ले से प्रयोग करते बोलते और सुनते दिखाई देते हैं स्मार्ट मोबाइल फोन के प्रचलन के बाद से तो Happy शब्द की लोकप्रियता में और भी कई गुना वृद्धि हो गई है।
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हैप्पी शब्द का आदान-प्रदान प्रत्येक खुशी के अवसर, तीज त्यौहार, और विशेष अवसर पर और अधिक बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए हैप्पी बर्थडे,हैप्पी दिवाली, हैप्पी होली, हैप्पी ईद,हैप्पी क्रिसमस, happy new year आदि।
शायद ही कोई मौका ऐसा छुटता है कि किसी खुशी के अवसर पर इस शब्द का उपयोग नहीं किया जाता हो। अब तो प्रतिदिन whatsApp पर रोज ही हैप्पी मंडे, हैप्पी संडे,हैप्पी दीवाली, या हर खुशी के मौके पर यह शब्द पढ़ने को मिलता है ।
इस प्रकार हैप्पी शब्द आज हर पल हर जगह गुंजायमान हो रहा है। इसका सीधा साधा अर्थ है सभी लोग खुश रहना चाहते हैं, खुशी खोज रहे हैं,और खुशी पाने के लिए ही भाग रहे हैं।
क्या लोग वास्तव में हैप्पी हो रहे हैं
प्रश्न यह है कि क्या लोग वास्तव में हैप्पी हो रहे हैं,अथवा इसका प्रदर्शन या दिखावा मात्र कर आत्म संतुष्टि में ही लीन हैं वास्तविकता यह है कि आज हम खुशी की तलाश,खुशी की प्यास बुझाने के लिए सार्थक प्रयास ना करते हुए मृग तृष्णा की तरह इधर-उधर भटक रहे हैं,और बेचैन हो रहे हैं। हमें सूझ नहीं रहा है कि हम क्या करें ताकि खुशी हमारी हम राही बन सके।
खुशी का सटीक ठिकाना
खुशियां पाने के लिए अब और अधिक भटकने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि आपके पास खुशी का ठिकाना बताने वाले ब्लॉग खुशियां ही खुशियां वेबसाइट आपके मोबाइल के माध्यम से आपके हाथ में है। ये आपको बताएगा सच्ची खुशी क्या है। इस खुशी को पाने के विभिन्न माध्यम कौन-कौन से होँगे।
इस गंतव्य तक पहुंचने के लिए मार्ग में आने वाली बाधाओं को कैसे दूर कर उस खुशी के ठिकाने तक पहुंचा जा सकता है।
खुशी मुल्यावान क्यों है सुखी जीवन का रहस्य हर मानव के अंतर्मन में यही कामना होती है कि वह अपने जीवन में अधिकतर खुशियां बटोरे। जीवन के सभी कार्य प्रार्थना
खुशी प्रत्येक मानव के हितार्थ और कल्याण का विषय है,और हर प्राणी जो मानव तन को धारण किए हैं सबके लिए महत्वपूर्ण है इसलिए इस world happiness day को प्रत्येक
दुनिया भर में happy शब्द जितना प्रचलन में है, बोला और सुना जाता है उतना अन्य कोई शब्द नहीं है। क्या बालक, क्या युवा, क्या बुजुर्ग,क्या पुरुष, क्या महिला, सभी
प्राचीन काल से ही लोग खुशियां और प्रसन्नता को परिभाषित करने की कोशिश भी करते रहे हैं।ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में देखें तो प्रसन्नता और खुशी के लिए लिखा गया है सुख, शांति, संतुष्टि का अहसास या प्रदर्शन। इतना सरल सा है प्रसन्नता का अर्थ पर हमने ही इसको बड़ा जटिल और कठिन बना दिया है।
खुशी की खोज में भटकाव
कुछ लोग खुशियां धन दौलत और दुनिया की चीजों में इस खुशी को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, कुछ लोग इसे यश और समृद्धि पाकर चाहते हैं, कुछ लोग इसे सांसारिक रिश्ते में तलाश करते हैं, कुछ लोग इसे सांस्कृतिक गतिविधियां ,शरीर के भोग और दुनिया के मनोरंजन में खोजते हैं।कुछ लोग इसे खेलकूद या अन्य कार्य में भी खोजने का प्रयास करते दिखाई देते हैं।
कुल मिलाकर दुनिया के अधिकांशत्: लोग इस खुशी को इसके सही ठिकाने पर खोज नहीं करते। उनके विचार से प्रसन्नता सुख-सुविधाओं के उपयोग करने में है,जब की सच्चाई यह है की प्रसन्नता दूसरों को देने और उन पर उपकार और दया करने में है। इस खुशी के ज्ञान को सीखकर उसको समझ कर खुश रहने में है, क्योंकि की जब हम किसी को जानते हैं तभी उसका अनुभव कर पाते हैं।
खुशी का उद्देश्य
प्रत्येक मानव का उद्देश्य है सुख और शांति और सुख शांति का समानार्थी शब्द है प्रसन्नता
शब्द जो सुन कर मन में गुद गुदी शुरू
खुशी के अलावा सरलता सहज सुंदर प्रफुल्लित हंसमुख संतुष्ट परमानंद उल्लास मौज-मस्ती विनम्रता हंसी मजाक हर्षित आशावादी दिलेर सकारात्मकता रोमांचित खुशबू शीतल मंद सुगंधित हवा प्रकृति भोजन हंसी नाचना खिलखिलाना बच्चु खेलना घूमना मनोरंजन चहकना संतोष त्यौहार उत्सव आत्मविश्वास किताबें गिफ्ट गले लगाना शादी प्यार मदद दोस्त अवसर वाह, त्यौंहार और हँसी खुशी ऐसे कई शब्द हैं जिनको सुनकर ही खुशी का अनुभव होने लगता है, अंदर गुदगुदी होने लगती है।
खुशी के बिल्कुल पास हम
खुशियां हम मनुष्य के परछाई की तरह है इसके पीछे हम जितना भाग रहे हैं यह हमसे उतनी ही दूर होती जा रही है और हम जहां खड़े हैं वहीं हम जब खड़े होकर इसे आसपास देखते हैं तो हमें अपने पास ही यह खड़ी नजर आती है। धन्यवाद जय श्री कृष्ण
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं