हैप्पीनेस क्या है | जीवन में क्यूं जरूरी है happiness| what is, pursuit of happiness:

खुशी मन की  एक अवस्था है।कुछ भी करके खुश रहना ही हर इन्सान का एक उद्देश्य होता है। खुश रहने के लिए हमें खुशी को कैसे प्राप्त करना है  कैसे रहना है, इन के तरीकों को सीखना होगा। इसके लिए सबसे पहले हमें यह जान लेना अति आवश्यक है जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम को हमें स्वयं ही करना पड़ता है ,तभी हम कर पाते हैं स्वस्थ रह पाते हैं उसी तरह खुशी को हासिल करने के लिए हमें स्वयं ही खुश रहना होगा और खुश रहने के तरीकों पर भी स्वयं काम करना होगा तभी हम खुश रह सकेंगे।

खुश रहने के लिए हमें इस बात को जानना भी जरूरी है कि संसार के सामान, सोची हुई वस्तुएं,घर मकान,गाड़ी, हमें खुशियां नहीं दे सकते बल्कि हमारा नजरिया या सोच  उन सामानों के प्रति, उन वस्तुओं के प्रति ,उस संसार की  परिस्थिति के प्रति कैसा है, यह हमें सुख दुख देता है,बाकी तो सब क्षणिक होता है।

अगर आप खुश हैं तो यकीन माने आपके पास संसार की सर्वश्रेष्ठ शक्ति विद्यमान है और आप किसी भी छोटी बड़ी आपदा अथवा कष्ट से विचलित नहीं हो सकते। छोटे-छोटे डरो से हाथापाई करते हुए जिंदगी में आगे बढ़ते रहने वाले इंसान ही इस खुशी को हासिल कर पाते हैं। खुश रहने वाला इंसान ही सदैव रचनात्मक विचारों से उच्च लक्ष्य पर विजई होने का संकल्प करता है और वहां पहुंच पाता है। खुश रहने के लिए सदैव धैर्यवान, आशावान बने रहनाऔर आस्था के साथ जीवन जीने की कला हमें सीखनी चाहिए। हमारी खुशियां ही हमें संघर्ष करने की शक्तियां ,डटे रहने की शक्तियां देती है ,और हम जीवन में कुछ कर पाते हैं और खुश रहने से ही हम अपनी जिम्मेदारियों को निभा पाते हैं।

हम पूर्ण रूप से जिंदा दिल हंसमुख ,मुस्कुराते हुए प्रसन्नता से भरे हों और हमारा जीवन उत्साह और गर्मजोशी के साथ व्यतीत हो, यह हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। जीवन में हंसी खुशी है ,अच्छे लोगों का संग है ,मुस्कुराने की आदत है, मुस्कुराने की वजह है ,तो ही हमारा जीवन हमारा मानव जीवन सफल है।  प्रसन्न व्यक्ति का जीवन एक महोत्सव के समान बन जाता है ,जो उसे जीवन में क्षण क्षण उत्साह, उल्लास और आनंद की प्राप्ति कराता है ।उसके जीवन की सारी कठिनाइयां  आसानी से सरलता में बदल जाती है।

 खुश रहने वाले  जीवन में हारते नही वे जीतते हैंया सीखते हैं।उन्हें पता होता है कि जीवन में सिर्फ खुशियां ही खुशियां है और वे जीत कर भी खुश होते हैं और सीख कर भी  खुश होते हैं।

खुश रहने वाले व्यक्ति सदैव किसी अप्रिय बात पर माफ कर उसे भुला देना चाहते हैं जो  उन्हें मानसिक शांति और प्रसन्नता देता है जो उन्हें आगे के जीवन  पर ध्यान केंद्रित करने के प्रेरणा देता है। उनका सदैव यही प्रयास रहता है, किस तरह आज के दिन को वे आनंद और उल्लास भरा बनाएं और इसके लिए इसी बात की वे कोशिश करते हैं कैसे खुशियों की प्राप्ति हो। अपने जीवन के कष्टों को उपेक्षा कर देते हैं, उन्हें मजाक में उड़ा देते हैं, और किसी भी प्रयास से खुश रहने का संकल्प करते हैं।

 खुश होने के तरीकों को जानने  और जीवन में उतारने  से हम खुश रह सकेंगे। ये  हमारे जीवन में हमारे आस-पास ही होते हैं और जिन्हें हम पहचान नहीं पाते  या उन परअमल नहीं कर पाते।

खुश रहने के लिए हपते ,महीने में कोई 1 दिन ऐसा हो जब हम खुद के साथ ,अपने परिवार के साथ हो, उस दिन हमारा उपवास मोबाइल इंटरनेट टीवी और सोशल मीडिया के साथ हो और हम सब साथ रहकर अपने अनुभव को एक दूसरे के साथ शेयर करे।

खुश रहने के लिए हमें अपनी शर्तों पर जीवन जीना छोड़ कर दूसरों की खुशी के लिए अपनी शर्तों को बदलना सीखना होगा।

खुश रहने के लिए हमें हर परिस्थिति मे सकारात्मक सोच बनाए रखना होता है। हमें निरंतर अपने विचारों को मानसिक भोजन देकर ,सकारात्मक विचारों के साथ जोड़ कर रखना होगा । कुल मिलाकर विचारों को नियोजित करना उसी का चिंतन करना जो हमारे लिए अनुकूल हो यह हमें सीखना होगा।हमारे आसपास सब तरह के लोग मौजूद होते हैं, हर तरह की परिस्थिति मौजूद होती है ,किंतु हमें यह बात सीखनी होगी कि हम जिस चीज पर जितना ध्यान देते हैं वही चीज  हम अपने जीवन में आकर्षित करते हैं अतः हमें अपने जीवन में सकारात्मक मनुष्य ,सकारात्मक परिस्थिति की ओर ही ध्यान देना होगा तभी हम प्रसन्न  रह सकते हैं ,खुश रह सकते हैं। हम जिन लोगों जिन परिस्थितियों को बदल नहीं सकते उन्हें हमें स्वीकार करना होगा।

  प्रसन्न  रहने के लिए हमें अपने दिल से  बातों को सोचना होगा ना की बुद्धि से । इसके  लिए प्रथम शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी। ज्यादातर हम मनुष्य अपने जीवन में सप्ताह  के सात वार के बारे में तो जानते हैं उसकी योजना भी हम बनाते हैं किंतु हमें अपने आठवें वार परिवार या परिवार के रिश्तो पर ,परिवार की खुशी पर, ध्यान देना होगा। इसके लिए हमें परिवार के हर रिश्तो को ,उन सबके स्वभाव को,उनकी आदत को  स्वीकार करके स्वयं को भी प्रसन्न रहना होगा और उन्हें भी प्रसन्नता देनी होगी ।हमें हमारी सोच इस तरह बनानी होगी कि हम  सभी परिवार के सदस्य एक साथ बढ़ रहे हैं सब में कुछ ना कुछ कमी है, कुछ न कुछ अच्छाइयां भी है, और हम सब को एक साथ मिलकर रहना है ,एक दूसरे को स्वीकार करना है ,इस आपसी सहयोग से परिवार में खुशियां छाई रहती है ऐसी सोच से परिवार के सभी सदस्यों का जीवन खुशी भरा और सुखमय बना रहता है।जिस प्रकार भोजन की थाली में विभीन्न भोजन की वजह से स्वाद आता है वैसे ही अलग अलग स्वभाव के परिवार की वजह से जीवन में खुशियां आती है रस आता है।

के लिएअपनी खास को खोजें

Search your passion

खुश रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है हम अपनी कला या हुनर को पहचानें या खोजें फिर उस पर निखार लाने के लिए काम करे जो हमें सफलता ,समृद्धि, धन सब कुछ देता है और वो सब हमें खुशियां देती हैं।

खुश रहने के लिए हमें जरूरी है कि हम अपने जीवन के कठिन कार्यों को सबसे पहले पूर्ण करने का प्रयास करें इससे हमारा मन मस्तिष्क प्रसन्न होता है और हम खुश रह पाते हैं।

हमारा हंसमुख स्वभाव स्वयं को भी खुशी देता है और सामने वाले व्यक्ति को भी।सदा खुश रहने के लिए मुस्कुराने की आदत डालनी होगी।

हमेशा खुश रहने के लिए हमेंअपने काम से प्यार करना चाहिए। बाकी सारी खुशियां तो क्षणिक होती है कुछ समय के लिए कुछ महीनों के लिए या कुछ हफ्तों के लिए होती है किंतु अगर हम अपने  काम से प्यार करें तो यह खुशियां चिरस्थाई रहती हैं, सदैव हमारा मन प्रसन्न रहता है और हम खुशियों का अनुभव करते हैं।

Thank you habits

खुश रहने के लिए सबसे पहले हमें जो चीज अदृश्य शक्तियों ने  उपहार स्वरूप हमारे जीवन में दिया है उसके लिए उसका निरंतर धन्यवाद यापन करें।

खुश रहने के लिए हमें अतीत की बातों को, बीती हुई बातों को ,बीते हुए उन अनुभवों, को भूलाना होगा और वर्तमान की स्थिति को ठीक कर  अपने आने वाले भविष्य के लिए वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना होगा ,तभी हम प्रसन्न  रह सकते हैं।

भूटान की पहल पर अमेरिका ने 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस घोषित किया है जो 2013 से मनाया जा रहा है वर्तमान में संसार के 191 देश अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाते हैं ।वर्तमान मे कई देशों ने हैप्पीनेस मंत्रालय भी बनाया है और खुशी ही उन्होंने अपना राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किया है। इन देशों में हंसना और मुस्कुराना आवश्यक किया गया है और इसके तहत वे सेमिनार और व्हाट्सएप ग्रुप भी शुरू कर चुके हैं जिसमें उन्हें हंसना और मुस्कुराना सिखाया जाता है। कई देशों ने हैप्पीनेस मंत्रालय भी बनाए  हैं । वहां  हैप्पीनेस के लिए लाफ्टर ट्रेनर की  डिमांड मांग बढ़ गई है जो हजारों की तादात में हंसना मुस्कुराना सिखा रहे हैं ।

हमारे भारतवर्ष में भी मध्य प्रदेश नामक राज्य ने सर्वप्रथम हैप्पीनेस डिपार्टमेंट खोला है, जो प्रसन्नता और आनंद की प्राप्ति के लिए उत्साहित करने और सकारात्मक वातावरण निर्माण करने में सहयोग करता है। इसके अलावा आईआईटी खड़गपुर में भी सेंटर फॉर हैप्पीनेस स्थापित किया जा रहा है। बिहार के सोनपुर रेलवे स्टेशन को हैप्पीनेस जंक्शन का नाम दिया गया है, यह देश का पहला हैप्पीनेस जंक्शन है इस जंक्शन पर लोग अपने अनुपयोगी सामान छोड़कर जा सकते हैं और कोई भी जरूरतमंद आदमी आकर इस सामान को ले सकता है जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।बांटने से खुशियां बढ़ती है यही हैप्पीनेस जंक्शन की थीम है।

प्रसन्नता कहीं मिलती  नहीं  प्रसन्न  हुआ जाता है प्रसन्नता के लिए हमें अपने सूचियों का क्षेत्र विस्तार करना चाहिए और अपने संपर्क में आने वाली वस्तुओं और लोगों के प्रति मित्रवत रहना चाहिए। जो व्यक्ति हर कार्य को खुशियों से भर कर करता है, संतुलित रहता है और खुश  रह पाता है।

प्रसन्नता दुनिया का सर्वश्रेष्ठ रसायन है इसका निरंतर सेवन करना चाहिए क्योंकि जो खुश रहता है उसके सब दुख दूर हो जाते हैं और उसकी बुद्धि भी स्थिर हो जाती है।

प्रसन्नता और ,खुशियों के लिए हमें यह जान लेना आवश्यक है खुशी हमें कुछ ना कुछ देने में मिलती है लेने में नहीं। इसलिए सदैव देने की आदत बनाएं। अधिक से अधिक देने की आदत बनाएं जितना सामने वाले व्यक्ति ने आप से आशा की हो उससे अधिक ही दें जो लौट कर आपके पास फिर से प्रसन्नता के रूप में अधिक और ब्याज सहित आ जाएगा।

 आध्यात्मिक शक्ति से भी हमें आनंद महसूस होता है। इसलिए निरंतर हमें भजन, कीर्तन, सत्संग, कथा, और सकारात्मक व्यक्तियों का संग करना चाहिए।

खुशियां मन में रोशनी के दीपक के समान होती है जो हमारा आत्मविश्वास  बनाती है ।खुशियां ही मन में अच्छे विचारों को जन्म देती है जो हमें नवीन ऊर्जा देती है। खुश रहने वाला व्यक्ति कभी असफल नहीं होता। सफल पुरुषों की सफलता का राज उनकी प्रसन्न रहने की आदत देखा जाता है।

कुल मिलाकर दूसरों को खुशी देना ही सर्वोत्तम दान, सलाह या खुशी का पड़ाव कहा जा सकता है। सदैव खुश रहने के लिए हमें अपने जीवन में यही प्रयास करना चाहिए कि हम से जुड़े लोगों को हम अधिक से अधिक खुशियां दें ,सुख दें ,तथा दुआएं कमाने का ही प्रयास करें ,जिससे हमारे जीवन में सदैव खुशियों की तरंगे चलती रहती है। धन्यवाद

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version