World earth day 22 April | विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल

विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल

यह विश्व पृथ्वी दिवस हर वर्ष 22 अप्रैल को सारे विश्व द्वारा पर्यावरण के बचाव के लिए चर्चा कर उसे और संरक्षित करने के तरीकों पर विचार विमर्श करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

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Why is World Earth Day celebrated?

हम सभी मनुष्य जीव-जंतु पेड़-पौधे एक साथ इस धरती पर रहते हैं ,हम सब,हर कोई एक दूसरे के पूरक हैं ,पृथ्वी एक मां के समान है जो सभी पर समान दृष्टि रखती है।पृथ्वी के बिना हम जीवन की परिकल्पना भी नहीं कर सकते हैं। पृथ्वी द्वारा ही हमें जीवित रहने के लिए अन्न जल इत्यादि मिलता है। 

सौर-मंडल के नौ ग्रहों में से पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन है। एक अखंड जैव विविधता है लेकिन आज अंधाधुन पर्यावरण का दोहन  करने के कारण पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में आ गया है जिसे बचाने के लिए प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

यह दिवस अंतरराष्ट्रीय मंच पर अग्रणी रूप से मनाए जाने वाला पर्यावरण कार्यक्रम है पृथ्वी दिवस ब्रह्मांड में  पृथ्वी के अद्वितीय जगह का जश्न मनाने का दिन है।

पृथ्वी ने ही हमें सब कुछ दिया है उसका शुक्रिया अदा करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को पृथ्वी को होने वाले नुकसान  के प्रति जागरूक करना है ताकि हम सब प्राणी इस ग्रह की रक्षा कर सकें। 

पर्यावरण सुरक्षा उपाय को दर्शाने के लिए साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए 22 अप्रैल को पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में हर साल विश्व पृथ्वी दिवस को मनाया जाता है।

History OF Earth Day

पहली बार इसे 1970 में मनाया गया है और उसके बाद से लगभग 192  देशों के द्वारा वैश्विक आधार पर सालाना इस   दिन को मनाने की शुरुआत हुई। पृथ्वी दिवस पर हर साल एक नए विषय को केंद्रित कर के इसका आयोजन किया जाता है।

Theme & Importance

पृथ्वी दिवस एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन है जो मुख्य रूप से पर्यावरण की सुरक्षा पर केंद्रित है 2023 में इस वार्षिक आयोजन की 52 वीं वर्षगांठ है।इसकी  थीम  धरती का पुनः स्थापित करना है जो यह बताता है कि जलवायु परिवर्तन ने  कैसे हमारी प्राकृतिक प्रणाली को  विकृत कर संकट बढ़ाया है और कई घातक बीमारियों के साथ-साथ दुनिया की अर्थव्यवस्था में  दरार को जन्म दिया है। कोरोना महामारी का एक दुखद पल बीत चुका है लेकिन खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है।

महामारी ने सभी को प्रकृति के महत्व का एहसास कराया है प्रकृति ना केवल पूरे मानव समुदाय के जीवन का संरक्षण करती है बल्कि सब कुछ इसी में समाहित है। इस प्रकार प्रकृति को एक नए दृष्टिकोण से देखना हमारा एकमात्र उद्देश्य  बन जाता है और बिगड़ते  पर्यावरण की रक्षा के लिए हम अपनी कुछ कीमती समय का योगदान इस दिन देते हैं।

इस वर्ष पृथ्वी दिवस का आयोजन  22 अप्रैल को किया जाएगा। जलवायु परिवर्तन हमारे  वैश्विक समुदाय के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है और इसे हमारे लालच और अनावश्यक महत्वाकांक्षा से बचाना पर्यावरण के प्रति हमारा पहला कर्तव्य है।

Who is called the father of Earth Day

पृथ्वी दिवस मनाने का इतिहास यह है कि पृथ्वी पर अस्तित्व के प्रति सम्मान,उसे बचाने और मिट्टी वायु और पानी के प्रदूषण पर बढ़ती चिंता को उजागर करने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया गया था। लगभग 140 देशों में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है यह दिन बाहरी प्रदर्शन, मेले,और टेलीविजन कार्यक्रमों द्वारा मनाया जाता है,जो पर्यावरणीय मुद्दों पर केंद्रित है।हर साल 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस की शुरुआत एक अमेरिकी सीनेटर गिलार्ड  नेल्सन ने की थी।

When was the first Earth Day observed

1969 मैं सांता बारबरा कैलिफोर्निया में तेल रिसाव की भारी बर्बादी को देखने के बाद वे इतने आहत हुए कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर इसकी शुरुआत करने का फैसला किया।1970 से 1990 तक यह पूरे विश्व में फैल गया और 1990 से इसे अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में

Around the World Earth Day celebrate

यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे हर साल अरबों लोग मनाते हैं और यह शायद उन कार्यक्रमों में से एक है जिसे सर्वाधिक तौर पर मनाया जाता है वहीं दूसरी और 22 अप्रैल 1970 को पृथ्वी दिवस के आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत को चिन्हित किया।


लगभग 20 लाख अमेरिकी लोगो  ने एक स्वस्थ स्थाई पर्यावरण के लक्ष्य के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। हजारों कॉलेज और विश्वविद्यालय ने पर्यावरण के दूषण के विरुद्ध प्रदर्शनी का आयोजन कर उजागर किया।

हायेज  और उनके पुराने स्टाफ ने बड़े पैमाने पर तट से  तट तक रैली का आयोजन किया हजारों कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने पर्यावरण के दूषण के विरुद्ध प्रदर्शन का आयोजन किया 200 मिलियन लोगों का 141 देशों में आगमन और विश्व स्तर पर पर्यावरण के मुद्दों को उठाकर पृथ्वी दिवस ने 1990 में 22 अप्रैल को पूरी दुनिया में रीसाइक्लिंग के  प्रयासों से उत्साहित किया और रियो डी जेनेरियो में 1992 के संयुक्त राष्ट्र पृथ्वी सम्मेलन के  लिए मार्ग बनाया। 

इस तरह पृथ्वी दिवस अमेरिका और दुनिया में लोकप्रिय साबित  हुआ 1990 में 22 अप्रैल के दिन पूरी दुनिया मैं रीसाइक्लिंग के प्रयासों की सराहना की गई पृथ्वी दिवस के माध्यम से कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्थानीय और वैश्विक नीतियों में हुए बदलावों को आपस में जोड़ सकते हैं


इसलिए 22 अप्रैल को मनाया जाता है पृथ्वी दिवस
22 अप्रैल को ही पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे तथ्य यह है कि सीनेटस नेल्सन ने ऐसी तारीख को चुना जो कॉलेज कैंपस में पर्यावरण  शिक्षण की भागीदारी को अधिकतम कर सके क्योंकि इस समय स्कूल कॉलेज बंद होता है बसंत का महीना होता है कोई और धार्मिक या सरकारी छुट्टी नहीं होती इसलिए उन्हें यह दिन सर्वोत्तम लगा

 क्योंकि इस दिन सभी लोग अपने काम से फुर्सत लेकर इस दिन का जश्न  मना सकते हैं, एक दूसरे को जागरूक कर सकते हैं,इसलिए उन्हें पृथ्वी दिवस के लिए 19 – 25 अप्रैल तक का सप्ताह सर्वोत्तम लगा और अंत में 22 अप्रैल के दिन को सुनिश्चित किया गया।

संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस को हर साल मार्च-  इक्विनोक्स वर्ष का वह समय जब दिन और रात बराबर होता है पर माना जाता है यह अक्सर 20 मार्च होता है।

भारत में ग्रीन जनरेशन अभियान पृथ्वी दिवस पर शुरुआत हुआ जो वैश्विक स्तर पर करवाई और नागरिक भागीदारी पर जोर देता है ताकि नवीकरणीय ऊर्जा के आधार पर कार्बन मुक्त भविष्य  बनाया जा सके जो जीवाश्म इंधन पर  निर्भरता को समाप्त कर देगा।यह  जिम्मेदार टिकाऊ खपत और एक नई हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए व्यक्ति की  प्रतिबंधित  पर भी केंद्रित है

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वनस्पतियों और जीवो को ढालने और पूरी दुनिया गंदगी मुक्त करने के प्रयासों के लिए पृथ्वी दिवस समारोह मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस हमें पृथ्वी पर अन्य जीवित प्राणियों के प्रति हमारा कर्तव्य की याद दिलाता है,क्योंकि केवल हम ही इस धरती पर जीवित नहीं रहते हैं यह धरती सभी जीव जंतु की भी है,

 किंतु हमारी महत्वकांक्षा के कारण आज अंधा धुंध पेड़ कांटे जा रहे हैं जंगलों को समाप्त किया जा रहा है,जिससे कई जीव जंतु पक्षियों का बसेरा छूट गया है और वो लुप्त होते जा रहे हैं।

हमारी आगे बढ़ने की लालसा के कारण औद्योगिक क्षेत्रों के प्रदूषण जैसे गंदा पानी विषैले पदार्थ हानिकारक केमिकल इत्यादि वायु और नदी समुंद्र में मिलकर उन्हें दूषित कर रहे हैं बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों को बनाने की चाहत में स्वच्छ हवा देने वाले पेड़ पौधे की कटाई की जा रही है,जो प्रकृति का दोहन करते हैं।

इस धरती पर जीवित रहने का सभी को अपना अपना हक है किंतु हम एक दूसरे का हक छीनने की कोशिश में लगे हैं। इसलिए पृथ्वी दिवस के माध्यम से लोगों में यह जागरूकता फैलाई जाती है कि हम मानव अपने अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्य को भी समझे। पृथ्वी के प्रति भी हमारा बहुत कर्तव्य है पर्यावरण खनिज जीव जंतुओं को हम हानि ना पहुंचाएं,प्राकृतिक संसाधनों का दोहन ना करें,इसलिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।

पृथ्वी के प्रति हमारा कर्तव्य है उसकी रक्षा करना उसका संरक्षण करना पृथ्वी दिवस का मूल उद्देश्य ही यही है कि पृथ्वी को प्रदूषण से होने वाले खतरे से हम सब बचा सके और उसका सम्मान कर सकें।

पृथ्वी दिवस के कार्यक्रम

दुनिया भर में पृथ्वी दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है लोगों को पृथ्वी पर  हो रहे नुकसानों के प्रति जागरूक किया जाता है।


इस दिन लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरणीय मुद्दों औद्योगिकीकरण वन कटाई आदि पर आधारित भूमिका प्रदर्शित करने के लिए सड़क पार्क और ऑडिटोरियम में कार्यक्रम को आयोजित करते हैं।
पृथ्वी से जुड़े बढ़ते पर्यावरणीय हानि के मुद्दों के विरोध में हजारों कॉलेज विश्वविद्यालय और दूसरे शिक्षणिक  संस्थानों में विद्यार्थी सक्रियता से भाग लेते हैं।


इन कार्यों को करने के लिए देश के विशिष्ट व्यक्तियों उद्योगपतियों को आगे आना जरूरी है

इस दिन लोग का कई कार्य करते हैं जैसे नए पेड़ पौधों को लगाना पौधा
सड़क के किनारे का कचरा उठाना बड़ी-बड़ी नामचीन हस्तियों के द्वारा भी पर्यावरण और पृथ्वी को बचाने का संदेश फैलाया जाता है जिसका मकसद यह होता है कि पृथ्वी की रक्षा की जा सके।

पृथ्वी के संरक्षण की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम
बगीचे के लिए मधुमक्खियों का छत्ता बनाना जरूरी है
पेड़ पौधों पर मधुमक्खियों के छत्ते लगे और उनको संरक्षण मिले ऐसी व्यवस्था हमारे पर्यावरण और हमारी पृथ्वी को सुरक्षित कर सकती है

गौ संरक्षण

इस पृथ्वी की रक्षा के लिए गौ संरक्षण का काम भी बहुत जरूरी है। गाय के गोबर में पृथ्वी को संरक्षण देने की पूर्ण क्षमता है। इसलिए गौ रक्षा भी हर मानव का कर्तव्य बने,क्योंकि यह एक ऐसी मातृशक्ति है जो घास तो खाती है और बदले में हमें अमृत्तुल्य दूध दही अमृत घी मक्खन देती है।

 इस मातृशक्ति का गोमूत्र भी कई बीमारियों से लड़ने में कारगर सिद्ध हुआ है। इसके गोबर से भी पृथ्वी की शक्ति बढ़ती है,यह पृथ्वी और मिट्टी का भोजन स्वरूप गोबर माना जाता है। इतने सारे गौ संरक्षण के लाभ को देखते हुए इस पृथ्वी दिवस पर इस और भी सारे विश्व का ध्यान केंद्रित करना बहुत जरूरी है।


पेट्रोल की जगह इलेक्ट्रिक कार
इस पृथ्वी के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक कार का प्रयोग हो और वातावरण की स्वच्छता के लिए धीरे-धीरे पेट्रोल युक्त गाड़ियां बंद की जाए

रीसाइकिल और फिर से उपयोग में आने वाली चीजों का फिर से इस्तेमाल हो
अधिक से अधिक हम अपने कूड़े कचरे को भी रीसाइकिल करके फिर से प्रयोग में ला सकें इसकी व्यवस्था हो।

जंगली फूलों के पौधे लगाएं

हमारे मोहल्ले के पार्क,हमारे सड़क के दोनों और डिवाइडर के आस पास अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ पौधों और जंगली फूलों को लगाया जाए।उन पेड़ पौधों को लगाया जाए जिससे वातावरण में ऑक्सीजन फैले तो यह पर्यावरण और पृथ्वी की रक्षा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है

प्लास्टिक की निर्भरता को कम करें

हम सब प्लास्टिक की थैलियों को उपयोग करने से बचें इसकी जगह हम जब भी बाजार जाएं अपने साथ घर से कपड़े या जुट के बने बैग का इस्तेमाल करें जिससे पर्यावरण की आसानी से रक्षा हो सकेगी।

जल संरक्षण

जल को सुरक्षित करना ,जल की स्वच्छता, पर किस तरह काम किया जाए इस दिन इस विषय पर भी चर्चा हो।
युवा पीढी को कैसे इनसे जोड़ा जाए


स्कूल और कॉलेज में इस अर्थ दिवस को के शुभ अवसर पर प्रश्नोत्तरी के कार्यक्रम आयोजन किए जाएं,जिस से आने वाली युवा पीढ़ी भी इसके लिए जागरूक हो।आजकल ऑनलाइन एजुकेशन की वजह से सभी स्कूल के फोन ग्रुप्स भी बने होते हैं इस विषय पर इस दिन को मनाने के उद्देश्य से उन फोन ग्रुप पर भी इस विषय पर चर्चा की जा सकती है,प्रश्नोत्तरी के कार्यक्रम आयोजन किया जा सकता है।


युवा पीढ़ी को इस दिन के संदर्भ में एक लेख लिखने का कार्य भी दिया जा सकता है

Role Of Social Media

सोशल मीडिया के इस युग में हर मानव एक मैसेज के द्वारा एक दूसरे को कुछ ना कुछ इस पृथ्वी पर लिखकर भेजें इससे भी हमारे मानवीय स्तर पर इस पृथ्वी के लिए जागरूकता फैलेगी।

पृथ्वी दिवस एक ऐसा दिन है जिसका लक्ष्य लोगों में पृथ्वी के महत्व इसके मुद्दों और समस्याओं के साथ-साथ मानव जाति पर इसके परिणाम के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।आज लाखों लोग जानते हैं कि समाज की भलाई के लिए प्रकृति कितनी महत्वपूर्ण है इसलिए इस दिन वे अपने घरों से निकलते हैं और पौधरोपण,जल स्रोतों को स्वच्छ कर प्रदूषण पर लगाम लगाकर मातृ प्रकृति का सम्मान करते हैं उसका आभार व्यक्त करते हैं।

जब हम पवित्रता स्वच्छता और प्रकृति से दोस्ती बढ़ाते हैं उसे मान सम्मान देते हैं तभी हमारे जीवन में आनंद और सौहार्द बढ़ता है आइए प्रकृति से दोस्ती करें
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण
थैंक्यू
हिंदी ब्लॉगर
निर्मल टाटिया  

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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