हमेशा खुशहाल रहने के rules जाने, अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस 2025 पर क्यों जरूरी है खुश रहना सीखना
साथियों यह जीवन बड़ा ही अनमोल है स्कूलों में वर्तमान में हम पहले पढ़तेहैं फिर परीक्षा देते हैं किंतु हमारे वास्तविक जीवन में उल्टा होता है पहले परीक्षाएं और चुनौतियां आ जाती है और फिर उसका हमें समाधान खोजना पड़ता है।आपका जीवन सुखमय रहे आपका जीवन खुश हाल रहे इसके लिए आपको हमेशा ध्यान रखना है और आपको चिंता से बचना है चिंता चिता समान है आपको चिंता करके अपने इस अनमोल मानव जीवन के समय को नष्ट नहीं करना है क्योंकि हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि मानव जीवन अनमोल है और हमें कुछ बड़े कामों को करने के लिए ही वास्तव में यह अनमोल समय और यह अनमोल मानव जीवन मिला है बड़े भाग्य से हमें यह शरीर मिला है और इसका सदुपयोग ,हमें अपने जीवन,समाज और अपने देश को उठाने के लिए करना है इसलिए आपको किसी भी तरह की,चिंता से हर संभव बचना है और आपको हर हाल में खुश रहने की कोशिश करनी है
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खुश रहने का मूल मंत्र
इसके बाद खुश रहने के नियमों के तहत आपको जान लेना है कि इस जीवन में चुनौतियां आती और जाती रहेंगी सुख और दुख आते और जाते रहेंगे कोई भी परिस्थिति निरंतर टिकने वाली नहीं है इसलिए आपको हमेशा अपने मन में शांति बनाते हुए जो परिस्थिति और स्थिति उत्पन्न हुई है उसमें आपको समान भाव से शांत रहना है और आपको पूरे लगन और मेहनत से अपने कर्म क्षेत्र में टिका रहना है और यही सुखी जीवन का दूसरा नियम है आपको सिर्फ और सिर्फ अपने काम को खूब मन लगाकर करना है और आपको फल और इच्छा तथा परिणाम की ओर ध्यान नहीं देकर हर संभव आपको अपना काम करते रहना है।
द्वेस् से बचना जरूरी
इसके बाद आपको इस जीवन में खुश रहने के लिए नफरत करने से बचना है यह मानव जीवन आपको लोगों से प्रेम करने के लिए मिला है कई बार परिस्थितियों का निर्माण ऐसा हो जाता है कि हमें अपने चाहने वालों से द्वेश हो जाता है उस समय भी आपको हमेशा ध्यान रखना है कि हर मानव एक आत्मा स्वरूप है इसलिए आपको उनसे द्वेष करने से बचना है अगर आप किसी से द्वेष करते हैं तो वास्तविक रूप से आप उस आत्मा और उस आत्मा के रूप में विराजमान आप उस परमात्मा और सृष्टि के मालिक से ही द्वेष करते हैं इसलिए आपको हर हाल में किसी से द्वेष करने नफरत करने से बचना चाहिए।
तुलना करना बंद करें
इसके बाद खुश रहने के लिए आपको इस नियम को भी जान लेना चाहिए कि आपको किसी से भी तुलना करने से जरूर बचना है क्योंकि इस सृष्टि में हर मानव अलग है हर मानव का स्वभाव अलग है हर मानव की सोच अलग है और आप किसी भी मानव को अपनी शक्ति और सामर्थ्य से बदल नहीं सकते यह बात आपको समझ लेनी है इसलिए आपको हर हाल में किसी से भी तुलना करने से बचना है आपको यह समझ लेना है कि ये सभी परमात्मा की ही अलग-अलग कृतियां है और अलग अलग कृतिया अलग-अलग रूप में अलग-अलग तरह के काम कर रही है इस दौरान कुछ आपको खुशियां भी दे रही है कुछ आपको दुख पहुंचा रही है इस तरह आपको अपने मन में सकारात्मक ही सोचना है और इस तरह आपको इस सकारात्मक समझ को अपने अंदर धारण कर हर संभव खश रहना है इससे आपका जीवन भी सुखी रहेगा और आपके मन में खुशियां भी बनी रहेगी शांति और सुकून भी बना रहेगा सब कुछ पूर्व निर्धारित इसके बाद आपको खुश रहने के नियम के तहत यह भी जान लेना है इस सृष्टि में जो कुछ भी घटित होता है वह पूर्व निर्धारित होता है और यूनिवर्स की इच्छा से ही होता है हम सब मानव सिर्फ अपना काम कर सकते हैं और जैसे विचार हमको सृष्टि या यूनिवर्स भेजते हैं उसी के अनुसार हम सभी मानव अपने अपने कामों को करते हैं।
चिंता से नुकसान
हमको हर समय चिंता करने से भी बचना चाहिए क्यों की आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि चिंता चिता समान है और आप चिंता असल में भविष्य के उन ,उन बातों के लिए करते हो जो घटना घटित ही नहीं हुई ,जो इच्छा आपकी पूर्ति हुई नहीं आप उन्हीं विचारों के लिए वास्तव में चिंता करते हो इसलिए आपको हर संभव चिंता करने से बचना चाहिए ।
अपनी दैनिक दिनचर्या

इसके बाद आपको खुश रहने के नियम के तहत जान लेना चाहिए कि आपकी दैनिक दिनचर्या की रूटीन किसी भी तरह ना बिगड़े आपका सोना उठना खाना पीना आपका व्यायाम करना करना प्राणायाम करना आदि, इस तरह कुल मिलाकर आहार और विहार का जो समय है उसी अनुसार आपका सब होना चाहिए जब आपका आहार और विहार समय अनुसार होता है तो हम वास्तव में खुश भी रहते हैं सकारात्मक भी रहते हैं और स्वस्थ भी रहते हैं। हम मानव ही वास्तव में इस सृष्टि में जीने के दैनिक नियमों को तोड़ते हैं इसलिए हमें सुखी जीवन जीने के इस नियम को हमेशा ध्यान रखना है की हमें अपने आहार विहार ,सोना उठना खाना पीना समय से हो,इसका विशेष ध्यान रखना है इससे हमारा मन भी स्वस्थ रहेगा और हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
सुबह-सुबह प्रकृति के साथ
इसके बाद स्वस्थ रहने के नियम के तहत आपको जान लेना है कि हमारा शरीर पंच तत्व से बना है जिसमें अग्नि जल वायु भूमि और आकाश के तत्व से यह शरीर हमारा बना है और इन प्राकृतिक तत्वों से बने होने की वजह से हर संभव प्रकृति से जुड़कर कुछ समय जरूर बिताना चाहिए सुबह के समय अगर हम प्रकृति के साथ थोड़ी देर का समय बिताते हैं तो इससे हम अपने शरीर को पूरी तरह से चार्ज कर लेते हैं क्योंकि उस समय प्रकृति पूरे जोर से सकारात्मकता से अपनी शक्ति से जुड़ी होती है प्रकृति के कण कण में सकारात्मकता और ऊर्जा होती है चारों ओर सकारात्मक वातावरण छाए रहता है इसलिए सुबह सुबह के समय खुश रहने के नियम के तहत आपको प्रकृति के साथ थोड़ी देर जरूर और जरूर जुड़ना चाहिए।
समझ लेना चाहिए खुशी का अर्थ
इसके बाद खुश रहने के नियम के तहत आपको समझ लेना चाहिए कि यह हैप्पीनेस हमारे अंदर की भावना है और हमारी समझ के ऊपर यह निर्भर करती है इसलिए हमें निरंतर समझदार बनने की बुद्धिमान बनने की जरूरत है और इसके लिए हमें निरंतर कुछ ना कुछ सकारात्मक मेंटर के साथ जुड़े रहने की जरूरत है ताकि हम अपने खाली मन को हमेशा नित्य नए विचार और ज्ञान से जोड़कर रख सके,इससे हम जीवन जीने के तरीके भी सीखते हैं और हमारे मन को रोज भोजन मिलता है तो हम खुश रह पाते हैं।
परिवर्तन क्या है, महत्व, और ये होना निश्चित
इसके बाद खुश रहने के लिए आपको हमेशा ध्यान रखना है कि आप दूसरे इंसान को बदल नहीं सकते आप बनी हुई परिस्थिति को बदल नहीं सकते सिर्फ और सिर्फ आप अपने कर्म को अपने कामों को अपनी क्रियाओं को बदल सकते हैं इसलिए आपको दूसरों को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए सिर्फ और सिर्फ अपने काम अपने मन अपनी परिस्थिति और स्थिति को बदलने की कोशिश करके हर संभव खुश रहना चाहिए
सोशल मीडिया और इंटरनेट के प्रभाव से सावधान
उसके बाद सुखी जीवन का नियम यह भी है कि ये सोशल मीडिया और इंटरनेट का युग है यहाँ आपको कम से कम समय अपने इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ जुड़ना चाहिए और बहुत सावधान रहकर जुड़ने की जरूरत है।बहुत जरूरी हो तभी आपको इन सोशल मीडिया के एप्स का प्रयोग करना चाहिए।
आध्यात्म क्या है
इससे जुड़े रहना क्यों जरूरी सुखी जीवन के लिए आपको हमेशा डिवोशन से या अपने भक्ति भाव से जुड़ा रहना भी आवश्यक है इसके लिए आपको प्रातः काल सूर्य भगवान से जुड़कर उनको प्रणाम करने की जरूरत है और सुखी जीवन के लिए आपको भगवान शंकर पर एक लोटा जल चढ़ाने की भी जरूरत है इसके बाद आपके जो भी इष्ट हो उनके नाम संकीर्तन और चैनटिंग से जुड़ना भी सबसे ज्यादा जरूरी है,अगर आप इन नियमों को फॉलो करते हैं और किसी मंत्र को अगर आप चैटिंग करते हैं तो इससे आपका जीवन हमेशा सुखी बना रहता है आपके मन में सकारात्मकता,बनी रहती है शांति बनी रहती है और सकारात्मकता ही वास्तव में खुशियों का मूलमंत्र होता है जितना आप सकारात्मक रहते हैं उतना ही सुकून और शांति महसूस करते हैं उतना ही आपका मन खुश रहता है
शांति में ही खुशियां ही खुशियां
इसके बाद खुश रहने के लिए आपको इस नियम को भी ध्यान रखना है कि शांति में ही वास्तव में हमारी खुशी छिपी है हर संभव इसलिए आपको शांत रहने की जरूरत है इसके लिए आपको कुछ बातों को ध्यान रखना है आपको समय से सोना उठना खाना पीना और व्यर्थ के विचारों से हमेशा बचना है और हमेशा आपके जीवन में शांति बनी रहे इसके लिए आपको अपनी समझ बढ़ानी है आपको अपनी बुद्धि का विकास हो इसके लिए अच्छे-अच्छे मेंटर के ज्ञान को सुनना है और अगर आपको पुस्तक पढ़ने का शौक है तो आपको पुस्तकों को पढ़ने की आदत भी रखनी है कुल मिलाकर सुखी जीवन के ये कुछ अनमोल नियम है जो आपको हमेशा ध्यान रखने हैं हमेशा यह धन रखना है कि आप इन नियमों में खरे उतरे।
धन्यवाद मित्रों और साथियों इस तरह खुश रहने के सूत्र ही मैं अपने इस ब्लॉग राइटिंग के द्वारा आपके पास लेकर आता हूं। मेरे इन विचारों को आप यूट्यूब वीडियो के माध्यम से हंसी खुशी के अड्डे चैनल पर देख और सुन भी सकते हैं।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की आप सभी को शुभकामनाएं