international day of happiness 2022

International day of happiness 2022

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Table of Contents

१) हमारा शरीर का स्वस्थ रहना हमारे, प्रसन्न रहने के लिए बहुत जरूरी है,इस शरीर के द्वारा ही हम सारे भोग और योग का आनंद ले पाते हैं। इस स्वस्थ शरीर से ही हम जीवन के अनेक भोगों को भोग कर आनंद ले पाते हैं दे। यह शरीर हमारे आत्मा का निवास स्थान भी है।

ऐसा देखने में आता है,जब तक हमारा शरीर स्वस्थ रहता है,तब तक ही जीवन में हम आनंद महसूस कर पाते हैं।हमारे स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। जब हमारा शरीर स्वस्थ रहता है,तभी हमारे मन में जिज्ञासा उत्पन्न होती है।नए-नए विचार आते हैं,नया कुछ प्रयोग करने की इच्छा जागृत होती है, नया कुछ सीखने की इच्छा होती है,जिससे हम प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

यह शरीर आकाश,अग्नि,वायु,जल,और पृथ्वी के तत्वों से बना है,इसलिए इसको स्वस्थ रखने के लिए हमें इन सब स्रोतों, प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ कर रहना,अति आवश्यक है,इसके लिए हम प्रातः काल जब यह सारी शक्तियां सक्रिय रहती है,उस समय हम प्रकृति के बीच अपना समय व्यतीत करें।इस प्रकृति में इस दौरान इन पांचों तत्वों का समन्वय रहता है और और इन शक्तियों से इन तत्वों को ग्रहण कर तत्वों को शरीर में प्रवेश करवाते हैं, तब हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है,और हम हमारा मन भी प्रसन्नता का अनुभव करता है।

इस शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम,योग प्राणायाम,ध्यान,व्यायाम आदि से जुड़ कर रहे,तो इस शरीर का संतुलन खूबसूरती से बना रहता है,जो शरीर को लंबे समय के लिए स्वस्थ रखता है।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए गहरी नींद आना भी अति आवश्यक है इस पर भी हमें ध्यान देने की जरूरत है,क्योंकि जब हम गहरी नींद लेते हैं,तब हमारे शरीर के सभी अंदरूनी तत्व विश्राम प्राप्त करते हैं,और अपनी अंदरूनी अपूर्ण तत्वों की क्षति पूर्ति स्वत ही कर लेते हैं,इससे हमारा शरीर पुनः सक्रिय हो जाता है।

हमारे इस शरीर में भोजन गाड़ी में पेट्रोल की तरह काम करता है,जिस तरह हम गाड़ी में पेट्रोल की जगह अगर कुछ और भर दे तो गाड़ी नहीं चल सकती उसी तरह शरीर में प्राकृतिक भोजन अगर संपूर्ण और नियमित रूप से ना जाए तो शरीर नहीं चल सकता। और ,जैसे गाड़ी में पेट्रोल के साथ अगर कुछ कचरा या अन्य पदार्थ आ जाए तो गाड़ी नहीं चल सकती,उसी तरह इसमें हम भोजन के दौरान इस बात का भी जरूर जरूर ध्यान रखें कि हम अधिक से अधिक प्राकृतिक तत्व ऑक्सीजन युक्त खाद्य पदार्थों का ही उपयोग करें,जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रह सके,और हम प्रसन्नता का अनुभव कर सकें, निरोग रह कर दीर्घायु हो सके। कुल मिलाकर हम किसी भी वस्तु को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ही ग्रहण करें स्वाद के लिए ना करें।

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हमारे जीवन का दूसरा सुख और खुशी हमारे जीवन में धन की गति का निरंतर प्रवाह रहना है।आज के इस आर्थिक युग में सुबह सूर्योदय से लेकर हमें रात्रि शयन तक धन की आवश्यकता रहती है,उसके लिए वह शिक्षा जिससे धन की प्राप्ति निरंतर हो हमें जानना और पढ़ना भी अति आवश्यक है।

इसके लिए हमें इस बात को जानना परम आवश्यक है,कि हम जीवन में शिक्षा के बिना,सरस्वती के बिना लक्ष्मी की प्राप्ति कर पाना असंभव है,इसलिए हम अपनी शिक्षा पर विशेष ध्यान दें।

वर्तमान में शिक्षा प्रणाली के माध्यम से इंटरनेट के युग में हजारों धन कमाने की तरकीब और सुविधाएं उपलब्ध है,जिससे मानव अपने जीवन में आसानी से लक्ष्मी का निकास कर सकता है।

इस धन के प्रवाह से हम अपने जीवन में समृद्धि,उच्च शिक्षा,सफलता और जीवन की सभी आवश्यकता की पूर्ति कर पाते हैं। जिसके प्रभाव से हम अपने जीवन में प्रसन्नता पूर्वक खुशी खुशी अपना जीवन बिता पाते हैं।

जीवन में खुश रहने के लिए हमें बहुत जरूरी है अपने धन को उपार्जन करना सीखना ,और उसे संभालना,उसकी व्यवस्था इस तरह करना ताकि यह धन निरंतर हमारे जीवन में प्रवाहित होता रहे।

इस कड़ी में हमें इस बात को भी सीखने की जरूरत है कि हम उनका,संग करें जिनके जीवन में हम इस तरह धन की निरंतरता दिखाई देती हो।इस संग के प्रभाव से हम उनसे भी बहुत कुछ सीख कर अपने जीवन को उन सिद्धांतों से जोड़कर खुशहाल बना सकते हैं।

जब हम सब स्वस्थ होते हैं ,पैसों की गति बनी रहती है, तब हम अपने परिवार के सदस्य और अपने जीवनसाथी, इष्ट मित्र के साथ हंसी खुशी भरा जीवन, बीता कर, सच्ची खुशी का अनुभव करते हैं।

अपने सुख-दुख को इनके साथ बाँट कर प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।हमारा घर, परिवार और उसके सदस्य गण,गुलदस्ते के फूल की तरह हमें खुशियां देते हैं।हमारे मित्र हमें सुख दुख में राह दिखा कर,हमको खुशी देते हैं।उनके साथ मिलना जुलना खाना-पीना हमें नइ ऊर्जा से भर देता है।

इसी तरह हमारा जीवन साथी, धर्मपत्नी या हमारा पति – हमारे सच्चे दोस्त की तरह जीवन में हमसफर बन कर हमारे जीवन की चुनौतियों को आसान करते हैं। इन सब का प्यार,ही हमें सच्ची खुशियां देता है।

कमाल की बात तो यह देखने में आती है मानव के सभी कर्मों का शुरुआती और अंतिम उद्देश्य खुशी प्राप्त करना ही है, इसलिए हमारी शिक्षा प्रणाली में इस को सिखाने और पढ़ाने की विशेष जरूरत है। इस कड़ी में मैंने अपने जीवन में इस पर एक पुस्तक हैप्पी साइंस को लिखा है।

खुशियां ही खुशियां डॉट कॉम के माध्यम से मैंने खुश रहने के सैकड़ों तरीके बताए हैं।इसे आप पढ़ें और अगर आपको ऐसा महसूस हो यह मानव जाति के कल्याण की है तब इसे इसे और 10 लोगों को बताएं, और पढ़ने के लिए प्रेरित करें।

आत्म निर्भर भारत की ओर

जय श्री कृष्ण

Thank you

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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