जाने पति अपने पत्नी को खुश रखने की बाते | Know things about husband keeping his wife happy

पुरुष के लिए परम आवश्यक है वह अपनी पत्नी का संरक्षण करें उसके हित के लिए सोचे, अपने कर्तव्य को निभाए, क्योंकि उसकी पत्नी उसकी जीवनसाथी, मित्र और सलाहकार है। उसके जीवन में उसे उनके लक्ष्य पर पहुंचाने के लिए उसकी मददगार है, उनके संरक्षण के बिना पति जीवन में अपने फ्लैट या मकान को घर नही बना पाता,अपने जीवन में खुशियों के रंग नहीं भर सकता । इसलिए अपनी धर्मपत्नी को कतई दासी ना मानकर उसे अपना मित्र माने और यथासंभव उसे प्रसन्न रखने का प्रयास करें।उनके खुश रहने से आप खुद भी खुश रहेंगे।

उन्हें जब आपसे ,आपके परिवार से मान सम्मान मिलता है तब वह खूब प्रसन्न होती हैं।तब वह खूब सज धज कर रहना पसंद करती हैं।सजने और संवरने के बाद हर पत्नी तारीफ के दो शब्द सुनने को आपकी और देखती रहती हैं।

उन्हें भरपूर मान सम्मान दें क्योंकि उन्हें प्यार के साथ आप के मान सम्मान की बहुत ही भूख होती है जो उन्हें प्रसन्नता भी देती है।

पत्नी को आवश्यकता होने पर सेवा करने में भी जरा भी संकोच ना करें। पत्नी के माता-पिता का सदा सम्मान करें। एक नारी ने मां बन कर एक ने हमें मानव शरीर दिया, हमें पाला और बड़ा किया दूसरी नारी ने साथी बन कर अंतिम सांस तक साथ निभाया।पत्नी हमारी हर परिस्थिति में हमारे साथ खड़ी रही।हमारे जीवन में खुशियों के रंग भरती रही।

सदैव याद रखें जैसे आपके लिए पैसा कमाना जरूरी है वैसे ही आपके घर और गृहस्थी को चलाने के लिए पत्नी का आपके जीवन में होना वैसे ही आवश्यक है। आप अगर मोबाइल है तो पत्नी उसकी सिम कार्ड है दोनों की बराबर कीमत है, बराबर स्थान है, आप अपनी पत्नी को कभी अपने से कम की स्थिति पर न आंकें।आपके घर की शोभा आपकी धर्म पत्नी से ही है।जो आपके बच्चों को, आपके माता पिता, आपकी सभी जीवन की चुनौतियों को सरल बनाती है।

पत्नी से सलाह लेकर ही घर से संबंधित किसी भी कार्य का निर्णय ले । पत्नी से अपनी ओर से पूछ कर घर की परिस्थिति के अनुसार पत्नी के इच्छा अनुसार ही अपने सभी निर्णय लेवे।

जो दोनों को प्रसन्नता और मान की अनुभूति कराता है

पत्नी से जाने अनजाने में यदि कोई भूल हो भी जाए तो उसे प्रेम से समझाएं जिससे उसे नीचा नहीं देखना पड़े और उन्हें सरलता से ही क्षमा करे। कोशिश यही करे की पत्नी के मन के प्रतिकूल कोई भी कार्य न करें।

पत्नी को उनकी ऑफिस के कार्य में भी उनकी मदद करें वो आपका और आदर करेंगी

अपनी पत्नी को खुश करना ,उन्हें खुश रखना कोई भी ज्ञान नहीं बल्कि एक कला है जिसे हमें सीखने की जरूरत इस के लिए पत्नी के हर विचारों पर अपनी सहमति देना जरूरी है, किंतु करना वही है जो हमें सही लगता है।

पहल वही बात से करें जो हमारी धर्मपत्नी कहना चाहती हैं, इससे धर्मपत्नी का मनोबल बढ़ता है उसे खुशी महसूस होती है।

अपनी गलती पर सदैव उनसे माफी मांगने के लिए तैयार रहें यह बात सदैव याद रखें माफी आप ही को मांगनी होगी तभी आप अपनी पत्नी को प्रसन्न रख सकते हैं।

मुस्कुराहट आपके चेहरे की सुंदरता बढ़ाने का सबसे अच्छा रास्ता है आप हसेंगे तो सब हसेंगे आपकी पत्नी आपका परिवार सब आपके साथ होगा इसलिए सदैव चेहरे पर प्रसन्नता बनाए रखें जो आपकी पत्नी को भी प्रसन्नता स्वत ही प्रदान करेगा। यह भी याद रखें पत्नी आपकी मुस्कुराहट भरा चेहरा देखने के लिए वे आप की ओर देखती रहती है इंतजार करती रहती है

अपनी पत्नी के कार्यों की प्रशंसा कीजिए इससे आप दोनों प्रसन्न रह पाएंगे।

पत्नी अपने जीवन की जिस समस्या को कहना चाहती है उसे हमें सिर्फ ध्यान पूर्वक सुनकर ही उन्हें खुशियां दे सकते हैं। उस समय आप अन्य किसी कार्य को ना करें उनकी आंखों में आंखें डाल कर उनकी बातों को ध्यान से सुने।

हमारी पत्नी कभी क्रोध भी करे या हमारे ऊपर चिल्लाए भी तो आराम से सुन कर उसे नजर अंदाज कर मुस्कुराते हुए उस पर ध्यान न दें, कुछ क्षणों बाद यही आपको और उनको प्रसन्नता देगा। याद रखें आपके मुंह से सॉरी सुनने के लिए पत्नी के कान इंतजार करते रहते हैं।

उनकी प्रसन्नता के लिए उन्हें कीमती उपहार नहीं बल्कि अपना समय देने का प्रयास करें इससे उन्हें नई ऊर्जा और प्रसन्नता मिलती है।उन्हें कभी अचानक आप तोहफा देते हैं तो यह भी उनको खूब प्रसन्नता देता है।

पत्नी की प्रसन्नता के लिए यह हमेशा याद रखें उनसे धन्यवाद शब्द सुनने की आशा कभी नहीं रखें यह भी उसूल आपके जीवन को सफल खुशनुमा बनाकर रखेगा।

उनकी खुशी के लिए कभी-कभी सरप्राइस गिफ्ट जरूर लेकर जाएं क्योंकि यह सरप्राइज गिफ्ट उन्हें बहुत खुशी देता है इसके अलावा आप कभी कभी गिफ्ट में उन्हें बाहर डिनर खाने की के लिए भी अचानक ले जाकर खुशी दे सकते हैं।

अगर आपको काम करते-करते देर हो रही है तो आपकी धर्मपत्नी की प्रसन्नता के लिए उन्हें फोन करके सूचना दें ,और देर होने का कारण बताएं ऐसे में प्रसन्नता का वे अनुभव करती हैं।

दिनभर में जब अवसर मिले कई बार अपनी धर्मपत्नी को गले से लगाए जो उन्हें और आपको ऊर्जा से भर देगा, और उन्हें विशेष रूप से प्रसन्नता देगा। फोन भी करें ,जो उन्हें यह उनकी अहमियत दिखाएगा। उन्हें मैसेज करें जो उनके मन में आपके प्रति प्रेम का संचार करेगा।

रात को घर लौटने के बाद उनसे उनकी दिनचर्या के बारे में पूछें जो भी उन्हें प्रसन्नता देता है।

कभी-कभी पत्नी यदि खाना बनाने के मूड में ना दीखें तो आप स्वयं रसोई में जाकर खाना बनाएं, या उस दिन होटल से खाना मंगा कर खाने की योजना बनाएंगे तो यह उन्हें बड़ी प्रसन्नता देता है। पत्नी कभी परेशान दिखें तो आप उनके साथ हैं उन्हें इसका एहसास कराएं।

उन्हें प्यार से फूलों का गुलदस्ता दे ,या कभी तोहफा देकर उन्हें सरप्राइज दे जो उन्हें काफी प्रसन्नता दे सकता है।

अपनी पत्नी की प्रसन्नता के लिए सदैव इस बात का ध्यान रखें उनके माता पिता ,भाई, बहन ,किसी की भी निंदा कभी भी ना करें।

समय पर उन्हें यह बताएं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं अपनी पत्नी की मां को भी समय-समय पर यह बात बताएं कि वह उनकी बेटी को कितना प्यार करते हैं और कितना उन पर निर्भर है।

पत्नी का जन्मदिन और सालगिरह कभी भी ना भूलें ।इस दिन को खूबसूरती से मनाने की योजना बनाएं।

विवाह के बाद पत्नी में यदि कोई कमी भी दिखे तो उसके त्याग की बात कभी ना सोचे।

पत्नी पर व्यर्थ का संदेह कभी ना करें उसके द्वारा जाने अनजाने में कोई अपराध बन भी जाए तो उसे क्षमा करें उसे समझाएं यह आप दोनों को और अधिक प्रसन्नता से भर देगा आप दोनों के मन में पुनः एक दूसरे के प्रति आदर भाव भी उत्पन्न होगा।

आठ प्रकार के वियोग में प्रथम वियोग पत्नी के वियोग को दिया गया है क्योंकि पत्नी को खोकर पति बेसहारा हो जाता है वह अपने को अकेला समझने लगता है।देखने में यही आता है की पत्नी पति के सहारे जीवित है किंतु वास्तविकता कुछ और होती है की पत्नी के बिना पति अपना कोई भी काम नहीं कर पाता इसलिए हमें यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए ,हमारे यह रिश्ते कितने भी भले या बुरे हो, एक दूसरे से हमारी विचारों की एकता ना भी हो ,लेकिन जीवन के अंतिम यात्रा तक यह पति पत्नी ही एक दूसरे के साथ होते हैं ,और अपने मां-बाप ,अपने बच्चे सभी अपने अपने जीवन को जीने लगते हैं इन सारे रिश्तों की अपनी अलग राह हो सकती है पर हमारे साथ आखिर तक खड़ी रहने वाले हमारी पत्नी ही होती है इसलिए इनको मान सम्मान और प्यार देना हमारी प्रथम जिम्मेवारी होनी चाहिए।

पत्नी अपने माता पिता ,भाई ,बहन, सहेलियों, को छोड़कर हम पति की सेवा के लिए सारे रिश्तो को भूलाकर हमारे साथ अपना जीवन फिर से शुरू करती है ,और हमारे सभी रिश्ते नाते को स्वीकार करती है तो उन्हें मान सम्मान और प्यार देना हमारी प्रथम जिम्मेदारी होनी चाहिए।

पत्नी जब खाना बनाकर लाती है और हमें खिलाती है इस दौरान वह हमारे खाते रहने के दौरान वहां खड़ी होकर हमारे चेहरे को निहारती रहती है और हमारे उस खाने के प्रति विचारों को जानने के लिए ही वहां खड़ी रहती है और हमारे मुख की ओर निहारती रहती है इस समय अगर हम उसकी प्रशंसा करते हैं तो वह उन्हें बहुत प्रसन्नता देते हैं देता है।

कभी कभी उनके साथ अकेले कहीं पार्क में घूमने जाएं।उन्हें एहसास कराइए की आप के साथ की उन्हें जरूरत है।इस समय अपने शादी के दिनों की चर्चा करें।उनसे पूछें वो उनको और क्या देकर खुशियां दे सकते हैं।

उन्हें कभी कभी अचानक बाहर खानें पर ले जाएं यह उन्हें खूब प्रसन्नता देता है।उन्हें मूवी दिखाने ले जाएं।उनके साथ शॉपिंग पर जाएं।

इस रिश्ते को मान सम्मान देने के लिए एक दूसरे का पूरा विश्वास करें एक दूसरे से प्रति कोई छुपाओ ना करें एक दूसरे के प्रति पूर्ण विश्वास रखें और हर बात को खुलकर एक दूसरे से चर्चा करें यह आप दोनों को खुशियां देता है इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि दोनों ही रिश्ते एक दूसरे के लिए एक बराबर स्थान रखते हैं।ऐसा कुछ आपको यदि उनसे छिपा कर रखना पड़ रहा है तो याद रखें आप कुछ निश्चित ही गलत कर रहे हैं।जहां तक हो सके उन्हें सब बता कर रखें।

दूसरी स्त्रियों से उनकी तुलना या उनकी समानता ना करें उन्हें दूसरी स्त्रियों का को दिखाकर किसी भी बात को ना समझाएं।उनकी सुंदर होने की बात उन्हें या किसी गुण की प्रशंसा कर उन्हें आप खुशियां दे सकते हैं।

उन्हें प्यार आदर सम्मान देकर उन्हें खूब खूब प्रसन्न रखने का प्रयास करें क्यों की जब समय निकल जाता है तब हमें खूब अफसोस करना पड़ता है की काश हम उनकी प्रसननता के लिए यह भी कर देते और वह भी कर देते।क्यों की वही है जो सिर्फ शादी के बाद हमारी खुशी को देखने का इंतजार करती है, और देख कर, अपनी खुशी को उसी में महसूस करती है।

खुशियां देने से ही बढ़ती है

Thank you

Jai sree krisna

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version