kurta कपड़ों का अनोखा राजशाही libas | Importance and Style Tips of Kurta

Kurta एक ऐसा परिधान, जो हमारी संस्कृति, हमारी विरासत, प्रतिष्ठा, को दर्शाता है। यह Kurta अलग सा दिखने वाला परिधान, हमारी संस्कृति और हम मानव के जीवन से कभी अलग नहीं हो सका। इसमें निरंतर सुधार हुआ,और इसके पहनने के तौर तरीके और डिजाइन से, कुर्ते को निरंतर सजाया गया। इसे पहन कर हम बहुत ही आत्मविश्वास का, उत्साह का, अनुभव करते रहे हैं।

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गले से पांव दोनों तरफ ढीला ढाला पहने जाने वाला,अनोखा भारतीय परिधान जिसका नाम रखा गया कुर्ता, जो पहनने में आराम देह,दीखने में लाजवाब , हमारी आन, बान, और, शान बढ़ाता रहा है

Kurta की विभिनता और नई design पहनावे को आकर्षक बनाती| Importance and Style Tips of Kurta

Kurta आजकल हैंडलूम कॉटन, सिल्क, बनारसी, अधि , कैंब्रिक, प्रिंट, तथा विभिन्न तरह के लिनन के कपड़ों से बनने लगा है।इस पर विभिन्न तरह के काम, विभिन्न तरह के बटन का उपयोग, इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं।

Kurta लंबा भी हो सकता है, शार्ट भी हो सकता है ।यह बहुत से डिजाइन और कलर में आजकल उपलब्ध है। आजकल कुर्ता रंग बिरंगे और बहुत से डिजाइन और कटिंग में भी उपलब्ध है। इस परिधान के पहनने से हमारी रौनक में चार चाँद लग जाते हैं, हमारी खूबसूरती में निखार आ जाता है।

कब विशेष मांग

कोई त्यौहार हो ,शादी, जन्मदिन या सालगिरह ,गृह प्रवेश या कोई भी धार्मिक भजन कीर्तन, कथा, धार्मिक अनुष्ठान या कोई पार्टी हो ,हम अपने आप को सजाने के लिए इसी को पहनना पसंद करते हैं क्योंकि यह माहौल को खुशनुमा बना देता है।

Kurta बचपन से पचपन तक को उत्साह के रंग में भरता

युवा पीढ़ी भी इसे पहनना बहुत पसंद करती है , क्यों की हमारे वर्तमान राजनेता, सेलेब्रेटी, और धनी लोग इसे पहनना बहुत पसंद करते हैं। घर के छोटे मेहमान यानी बच्चों में भी यह पहनने के बाद उन्हें उत्साह से भरता है ,उन्हें और आकर्षक बनाता है। घर के वृद्ध और बड़े बुजुर्ग इसे पहनने के बाद अपनी आन बान और शान से हमारे घर के नेतृत्व करने वाले दिखाई देने लगते हैं और हमारे परिवार की शोभा बढ़ाते हैं।

यह एक ऐसा परिधान है जो बचपन से पचपन तक के सभी उम्र के युवक पहन कर आनंदित होते हैं। यह पहनावा सबके ऊपर बहुत ही आकर्षक भी लगता है।

घर के छोटे मेहमान और बुजुर्ग इसे जब धोती के साथ पहनते हैं, तब यह Kurta उनकी शोभा को बढ़ा देता है, उनको यह और आकर्षक बना देता है।

Kurta पहनने से हमारे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, आकर्षण बढ़ता है ,और यह पहनने में बहुत आराम देह होता है।हमारी पहचान कुछ अलग सी दिखायी देने लगती है।

त्यौहार अब Kurta's के संग

जन्म संस्कार हो या विवाह संस्कार कोई भी त्यौहार हो , जब हम Kurta पहनते हैं तभी हमारी रौनक नजर आती है, खुशियां नजर आती है, और हम सब प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। गांधीगिरी हो या मोदी गिरी हो, योगी गिरी ,नेतागिरी या गुंडागर्दी हो यह परिधान उस क्षेत्र में अपनी अलग छबि बनाने में एक जरुरी पहनावा बन गया है।

Kurta अब परिवार परिधान|kurta

Kurta एक ऐसा परिधान है जिसके बिना परिवार के किसी भी उत्सव का आयोजन, अधूरा लगता है । घर परिवार के सभी लोग जब इस परिधान को धारण करते हैं तो यह परिवार की चमक बढ़ा देता है, और इस परिधान को धारण कर जब एक साथ किसी आयोजन में सम्मिलित होते हैं,तो अति प्रसन्नता का माहौल बनता है, उनकी आभा मंडल बढ़ जाती है। उनमें एक दूसरे के प्रति प्रेम आदर्श और अपनापन की भावना भी झलकने लगती है।

यादगार पलों के लिए Kurta

जीवन के वह पल जो हम सदैव यादगार बनाये रखना चाहते हैं ,उसके लिए भी यह परिधान अति आवश्यक सा हो गया है।

Kurta पहनना एक कला है।किस रंग और किस design का कुर्ता कब पहना जाए , इसकी जानकारी हम जानकार डिजाइनर से सलाह कर, चयन करें तो यह हमें और भी आकर्षक बना सकता है।

सदियों से Kurta का प्रयोग cotton kurta with jacket

सदियों से इसका उपयोग विभिन्न प्रांतों और धर्मों के लोग करते आए हैं। कई इसे धोती के साथ , पैंट तथा पजामा के पहनना पसंद करते हैं । Kurta एक स्पेशल परिधान है, किसी स्पेशल के लिए, किसी स्पेशल दिन के लिए, किसी स्पेशल क्षण के लिए।

Kurta और राजनीतिक

हमारे देश के महान नेता महात्मा गांधी ,पंडित नेहरू, और मोदी ऐसे नेता हुए जो इस परिधान को पहन कर हमारी संस्कृति, हमारी भारतीय सभ्यता को विश्व भर में आदर्श और अलग रूप दिया।

गांधीगिरी, नेहरू गिरी, या मोदी गिरी के लिए Kurta और जैकेट अब जरूरी परिधान बन गया है। वर्तमान के राज नेता भी इसे पहनना पसंद करते हैं।

Kurta एक राजनीतिक यूनिफॉर्म भी कहलाता है, जिसे पहनकर नेता , नेतागिरी करते हैं।

खादी की चमक दिखाए, भारत की चमक ,आओ खादी पहने और भारतीय बने।

प्राचीन काल से ही हमारे देश में खादी के हाथ से बुने हुए कपड़ों का कुर्ता चलन रहा है, जिसे लोग पहनना खूब पसंद करते रहे हैं। वर्तमान में भी फिर से इस खादी के कुर्ते की परंपरा आई है, लोग इसे खूब शौक से पहनते हैं। यह हमारे देश के खादी उद्योग को भी को बढ़ावा देता है। इस खादी के कुर्ते की मांग विश्व स्तर पर बढ़ रही है।

Kurta और फिल्म जगत

बॉलीवुड के अभिनेता भी इसे पहनना बहुत पसंद करते हैं, क्योंकि यह उनकी अलग छवि समाज में दर्शाता है।

फिल्मी जगत के लोग, बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री , इस परिधान को शादी या पार्टी के अवसर पर या किसी त्योहार पर पहनकर अलग दिखना पसंद करती है। यह उनकी पेरसोनालिटी में चार चांद लगा देती है, जो उनमें खुशी और आत्मविशवास के रूप में झलकता है, अलग दिखाता है।

फिल्मों में भी इसका उपयोग सदा से होता रहा है।बन ठन कर सज धज कर लोग इस परिधान में अपना प्रदर्शन करते रहे हैं।

Kurta पहनना, और यादगार पल

यह एक ऐतिहासिक परिधान है ,जो सदियों से हमारी सभ्यता में पहना जाता रहा है ।हमारे राजा महाराजा, राजशाही लोग, सदियों से इसे पहनते आए हैं, यह बड़ा ही आकर्षक और लुभावना परिधान सदैव, हमारी ताकत और प्रसन्नता को प्रदर्शित करता रहा है।

जीवन के कुछ अनमोल पलों के लिए कुछ अलग परिधान पहनना हो तो, कुर्ता विशिष्ट परिधान है। कुर्ता, फतवा, कुछ अलगअपनापन,या बस हमारी आदत और पहचान कुर्ता।

Kurta और हमारे पूर्वज

हमारे राजा महाराजा हमारे पूर्वज इस परिधान को पहन कर भारतीय होने का गौरव महसूस करते रहे हैं।

इसे हर धर्म के लोग भारत में पहनना पसंद करते हैं।

बुजर्गों की खास पसंद

बुजुर्ग के लिए तो यह परिधान उनकी चमक को बढ़ा देता है।

कुर्ते के साथ अब जहर कोट, खान सूट , जैकेट पहन कर नया जोश

कुर्ता आजकल विभिन्न डिजाइन और कलर में उपलब्ध रहता है। आजकल इसके ऊपर पहने जाने वाली जैकेट भी अलग अलग कलर और डिजाइन में उपलब्ध है। इसे वर्तमान में युवा वर्ग भी पहनना खूब पसंद करते हैं।

NRI की भी विशेष पसंद

Kurta विदेश में रहने वाले भारतीय भी पहनना खूब पसंद करते हैं,इसका निर्यात भी काफी बढ़ रहा है।

उत्सव और त्योहार अब इसके बिना अपूर्ण!

धार्मिक आयोजन ,भजन संध्या ,कथा आदि आयोजन में सभी प्रधान भक्त गण, या आयोजक एक जैसे कलर और डिजाइन में इस परिधान को पहन कर अति प्रसन्न होते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति में कुछ धर्मों में विवाह के दौरान दूल्हे को धोती और कुर्ता पहनना अनिवार्य है। यह उन्हें उनके धर्म से जुड़े होने, और पूर्वजों के रस्म रिवाज की ओर जुड़े होने का गौरव प्रदान करता है।

किसी भी त्योहार की बात होते ही जैसे हम घर, दुकान ,को सजाने लगते हैं, उसी तरह आजकल त्योहार पर पहनने और सजने के लिए लोग कुर्तों को ही पसंद करने लगे हैं,और अपने आपको तैयार करने के लिए इसी ड्रेस को प्रधानता देने लगे हैं।

सबसे ज्यादा निर्माण कुर्ते का भारत के बंगाल में!

भारत के यूं तो कई शहरों में यह अब तैयार होने लगा है फिर भी यह लेबर सस्ता होने के वजह से यह बंगाल में सबसे ज्यादा बनता है,और बेचा जाता है।यहां से यह बड़ी मात्रा में बांग्लादेश जाकर वहाँ से विभिन्न देशों को निर्यात भी किया जाता है।

इस दिवाली अब कुर्तों के sang|

जय श्री कृष्ण

Thank you

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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