How working style give success

हर समय खुश रहने के लिए अपने काम में मन लगाना,उसमें आनंद को खोजना,उसके साथ रहना,हर समय खुशियां बनाकर रखता है।बाकी खुशियां तो कुछ समय या घंटों,कुछ हफ्तों या महीनों के लिए होती है,लेकिन अपने काम में मन लगा कर अपने काम को सुंदर स्वरूप दे और भी आकर्षक ढंग से संपन्न कर हम मनुष्य आगे भी बढ़ते है,और खुश भी होते हैं।
काम हमेशा वैसा चुने जिसे करके हमें प्रसन्नता महसूस हो ,हमें आनंद आता हो और हम खुशी-खुशी उसे करें।

काम के दौरान में खुशी मिले सफलता मिले इसके लिए हमें कुछ नियमों पर काम करना होगा काम के दौरान सिर्फ उन्हीं चीजों पर ध्यान केंद्रित करें उन्हीं चीजों को सामने रखें उन्हीं चीजों पर चर्चा करें जो हमें करनी है इसके अलावा बाकी सारे काम अपने बाद में करें। जो काम हमें संपन्न करना है उन्हीं कागजात को और उन्हीं लोगों का संग करें। ये हमें सफलता और खुशियां दोनों देता है और हमें काम में भी आगे बढ़ाता है

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हम अपने काम के प्रति योजना बनाएं किस काम को प्रथम करने से हमारे काम में और चमक आएगी रंग भरेंगे उसे ही प्राथमिकता दें जिस काम को पहले करना है उसे ही सुचारू रूप से करें तभी हमें हमारे काम में सरलता महसूस होती है।

काम के दौरान किसी तरह की चुनौती आए तो उसे टालमटोल किए बिना अगर फौरन समाधान पर काम किया जाए तो उसे तुरंत ही निर्णय लेकर करें।तुरंत निर्णय लेना भी हमें काम के दौरान खुशियां देता है, जिससे आगे का काम हम सरलता से संपनन कर पाते हैं।

अपने काम में सफलता के लिए अपनी जिम्मेदारी से हम दूसरों से काम कराना सीखें ।सब कुछ खुद करने की आदत न रखें और जो काम दूसरे से कराया जा सके वह हम दूसरे से ही कराएं। इससे हमें अपने काम के दौरान अतिरिक्त समय भी मिलता है और हम खुश भी रह पाते हैं।

ऐसा भी देखा जाता है कि काम के दौरान व्यर्थ के चिंतन से, अनावश्यक बातों को सोचने, से भी हम थक जाते हैं। इस समय हमें जागरूक होकर इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हम क्या सोच रहे हैं,और यदि हम व्यर्थ चिंतन करते हुए अपने आप को पाएं तो यह कहने की आदत डालें छोड़ो जाने दो, छोड़ो जाने दो, और अपने काम की ओर ध्यान दें,आराम की ओर ध्यान दें ।अपने शरीर को, अपने मस्तिष्क को आराम देने की योजना बनाएं उस पर अपना ध्यान केंद्रित करें।

अपने शरीर की स्थिति पर ध्यान दें,हम कैसे बैठे हैं। कैसेहम अपने शरीर को आराम दे सकते हैं। इस बात पर हम हम हैं कि कहीं हम ऐसी स्थिति में तो नहीं बैठे हैं जो, दर्द या थकान पैदा कर रहा है

स बात पर भी गौर करें कि कहीं मैं अपने काम को जरूरत से ज्यादा मुश्किल तो नहीं बना रहा हूं। जिस काम या सोच से मेरा लेना देना ही नहीं है उससे तो मैं नहीं जुड़ रहा।इसलिए ध्यान दें जो काम हम करें,जिसमें हमें प्रसन्नता, उर्जा मिले जिससे, हम अपने काम को खुशी खुशी अंजाम दे सकें।

दिन के अंत में इस बात की जांच करें मैं किस कारण से थका हूं ,किस सोच से थका हूं, किस व्यक्ति से मिलकर थका हूं ,और किस दबाव से मैं थका हूं ,और उस पर चिंतन करके उसे खत्म करने की योजना बनाएं।

काम के दौरान इस बात को भी हम सीखें की कहीं आलोचना हुई हो तो वह किस तरह नियंत्रित की जाए। आलोचना अगर सही है तो इस बात को अपने मन को समझाएं कि यह समय का चक्र है,इसे मुझे सहन करना ही होगा और अगर गलत आलोचना की जाए या हो रही हो तो उसे फौरन जवाब दे दे। यह हमारे मनोबल को बढ़ाएगा और हमें प्रसन्नता देगा।व्यर्थ लोगों की बातों पर अधिक न सोचें और अपना काम करने पर ही ध्यान दें।

थोड़ा मुस्कुरा कर ही इस आलोचना को सह ले क्योंकि जो लोग आलोचना करते हैं वे अपनी सोच अपने विचारों को ही प्रकट करते हैं,इसके लिए हमें अपनी खुशियों को दांव पर लगाने की जरूरत नहीं। इसलिए इस बात को मुस्कुरा कर उड़ा दे थोड़ा हंसे और आगे के बारे में सोचें।

इस बात पर भी गौर करें जो काम मैं कर रहा हूं उसे ही करते रहने से 1 साल के बाद मैं कहां रहूंगा 5 साल के बाद में कहां रहूंगा और आने वाले 10 साल के बाद तथा 20 साल के बाद में कहां रहूंगा

Mind set of working system in life

1) action taker :

हम यह भी देखें कि हम एक्शन कितना लते हैं। हम जानते कितना है,इसका उतना महत्व नहीं है बल्कि हम उसको क्रियान्वित कितना करते हैं इसका महत्व होता है, इसलिए हम एक्शन लेने पर ध्यान दें

2) build system:

हम जो भी काम करें वह एक लक्ष्य बनाकर योजनाबद्ध तरीके से करें, तो वह हमारे लिए सफलता दायक परिणाम लेकर आता है इससे हम उस काम को करते हुए भी जीवन का आनंद ले पाते हैं

3) team building:

यह भी देखें कि हम कोई भी काम करते हुए साथ साथ अपनी टीम भी बनाते और बढ़ाते रहें।इससे हम उस काम में फंसते नहीं।हमारा काम भी होते रहता है और हम जीवन का आनंद भी उठा पाते हैं।

4) belive in long term:

काम करते हुए इस बात का भी ध्यान रखें की आगे जिंदगी में इस काम को इस तरह से करते हुए मैं 5 साल बाद कहां रहूंगा और आने वाले 10 साल बाद मैं कहां रहूंगा

5) सेल्फ responsible:

हम जिस भी काम को करे उस काम की जिम्मेदारी स्वयं ले ताकि हमें उस काम को करने के लिए किसी को हमे,याद दिलाने की जरूरत ना पड़े और ना किसी तरह की प्रेरणा की जरूरत हो।

6) solution नजरिया:

हम जिस काम को करें उस काम की सभी चुनौती और उसके समाधान भी हमारे पास होने चाहिए,इस बात का भी हम ध्यान रखें। इस क्षेत्र में काम करने वाले सलाहकारों की टीम बनाते रहे ताकि वक्त वक्त पर उनसे सलाह कर समाधान के साथ आगे बढ़ते रहें

7) selling skill :

 हम जिस क्षेत्र में भी काम करें बेचना जरूर सीखें बेचने की कला जीवन में बड़ा परिणाम दिलाती है

8) leadership:

अपने काम में सफलता प्राप्त करने के लिए हम नेतृत्व क्षमता भी सीखें। किस तरह हम अपने एक गीत खेल इर्द-गिर्द के लोगों से काम करवा सकते हैं यह भी सीखे।

9) flexible इन their work:

हम अपना काम करते हुए सफलता के लिए लक्ष्य को ना बदले बल्कि काम करने की रणनीति को बदलकर सफलता हासिल करें।

10) लक्ष्य:

काम के दौरान हम सिर्फ अपने गोल पर ध्यान रख इधर उधर की बातों में मन को न ले जाकर आगे बढ़ते रहें,इससे हम निरंतर ही सफलता समृद्धि मान सम्मान के साथ अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं

Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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