खुशी कैसे मिलती हैं? (khushi kaise milti hai)
कोई भी काम करने के पीछे हमारा वास्तविक उद्देश्य खुशी (khushi)को प्राप्त करना होता है,सच्चाई यह है कि प्रत्येक उद्देश्य के पीछे भी हमारा असली उद्देश्य खुशी प्राप्त करना है।अधिकांश लोग मानते हैं प्रसन्नता,खुशी, सफलता, धन,संबंधों और अच्छे स्वास्थ्य से आते है,लेकिन यह सच नहीं है सफलता, संबंध और स्वास्थ्य हमारी खुशी के कारण हमारे जीवन में आते हैं।
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जाने खुशियों(khushi) से जुड़े कुछ राज
खुशी(khushi) क्यों जरूरी है।
जब हम खुश होते हैं तब हम अपने कार्यस्थल पर सही निर्णय लेते हैं जिससे हमें और अधिक सफलता मिलती है।हम अपने काम में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन देते हैं, जिससे हमें और अधिक पैसे मिलते हैं, हम सब के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं,जिससे हमारे संबंध बेहतर होते हैं, और जब संबंध बेहतर होते हैं तब हम तनाव और चिंता से दूर रहते हैं,तो हमारा स्वास्थ्य भी अपने आप अच्छा हो जाता है। हर सफल व्यक्ति को खुश नहीं देखा गया लेकिन यह जरूर देखा गया कि जो लोग खुश होते हैं उन्हें हमेशा सफलता मिलती है।
खुश(khushi) रहने से मिलती है ओर खुशियां ही खुशियां
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे पास क्या है, क्या नहीं।हम चाहे किसी भी स्थिति में हो सिर्फ खुशी महसूस करके अपने जीवन में हम परिवर्तन ला सकते हैं।इस तरह खुश रहने के दौरान हम देखते हैं कि अचानक हमारी मुलाकात सही लोगों से होने लगती है और हमारी कार्य योजनाएं भी अनुकूल होने लगती है। जब हम खुश होते हैं तो ऐसे लोगों, घटनाओं को आकर्षित करते हैं जो हमें और अधिक खुशियां देते हैं,इसलिए हम अधिक से अधिक खुश होने का प्रयास करें।
खुश रहने से क्या होता है।
खुश रहने से हम और अधिक खुशी को आकर्षित करते हैं। हमारा मन प्रफुल्लित होता है और हम अपने इर्द-गिर्द हर वस्तु के प्रति सकारात्मकता और अच्छी भावना प्रकट करते हैं। खुश (khushi) रहने से हमारा आत्मविश्वास खूब बढा हुआ होता है, हम अपने आप को शक्तिशाली मानने लगते हैं, और अपने मन में नई ऊर्जा शक्ति का निर्माण कर पाते हैं,जिससे हमें सफलता समृद्धि वैभव और खुशियां मिलती है।
खुश रहने से मिलती है प्रचुरता
जब हम खुशी महसूस करते हैं जब हम किसी को प्यार करते हैं किसी की देखभाल करते हैं किसी जरूरतमंद की सहायता करते हैं, हंसते हैं,किसी के साथ अपनी मुस्कान बांटते हैं,जब कोई हमारी प्रशंसा करता है, जब हम जीत हासिल करते हैं,इसलिए हम प्रत्येक कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ दें,प्रसन्न रहें। प्रसन्न रहने से प्रचुरता स्वत: ही हमारे जीवन में आती है।
खुशी चिपकु होती है।
जब हम खुश होते हैं तो हर वो चीज जो हमको खुशी देती है हम से चिपकने लगती है। चाहे वह कोई संबंध हो, सफलता हो या अच्छा स्वास्थ्य हो।इन सबको बदलने के लिए जरूरी है हम अपनी सोच पर काम करें अच्छी,सकारात्मक बातें और,जो हम जीवन में देखना चाहते हो,उसे ही सोचें इस बात को सीखना जरूरी है,जबकि वास्तविकता में हम उन बातों को सोचते हैं जो हम नहीं चाहते इसलिए हम ब्रह्मांड में अधिक से अधिक उन सोच को भेजें। खुशी ही सफलता का शॉर्टकट भी है।
खुशी (khushi) से प्रचुरता और शांति
खुश होने का मतलब जीवन में किसी चीज की भी कमी नहीं होना भी है। जब हमारे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती,तब हमारा मन मस्त रहता है और इस समय हमारा मन अतीत और भविष्य की नहीं सोचता ,ऐसी स्थिति में हमारा मन निश्चित और बिल्कुल शांत होता है, इसे भी हम खुशी की अवस्था कहते हैं। जितना हम वर्तमान में होते हैं, उतनी हम खुशी महसूस करते हैं।
जिंदगी में खुशी पाने के लिए यह जानना जरूरी है।
खुशी आती कहां से है और जाती कहां है इस बारे में अनेक मनोवैज्ञानिक व समाज शास्त्रियों ने लंबा शोधन किया है और वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे, खुशी जहां से आती है वहीं चली भी जाती है खुशियों का संबंध हमारी भावनाओं से है और हमारी भावनाएं हर पल बदलती रहती है। उन्हीं भावनाओं के के अनुसार खुशी भी बढ़ती और घटती रहती है। किसी भी व्यक्ति का पूरे सप्ताह में समान रूप से खुश रह पाना संभव नहीं, इस बात को भी जानने की जरूरत है। जिस प्रकार खुशी के पल स्थाई नहीं रहते उसी तरह दुख भी स्थाई नहीं होते, यह आते और जाते रहते हैं, इसलिए इस में समान और शांति से रहना ही,खुश रहना है।
हंसना जरूरी है।
मनुष्य का मूड हर पल बदलता रहता है मूड के तेजी से बदलने को मूड डिसऑर्डर कहते हैं मुस्कुराहट और हंसी भी हमारे मुड को सुधार सकती हैं। हंसते और मुस्कुराते रहने से इस खुशी की महक को हम अपने इर्द गिर्द भी महकाते हैं जिससे लोग हमारे संग रहना पसंद करते हैं।
खुश रहने के विचार
खुश रहने के लिए अपने मस्तिष्क को हम कुछ सकारात्मक विचारों के द्वारा अपनी वाणी से कुछ सुझाव जरूर दें। इसके लिए प्रातः काल का समय जब हम उठे तो अपने मुंह से यह बात बोले मैं खुश हूं, मैं सकारात्मक विचारों से घिरा रहता हूं, मेरा आत्मविश्वास भरपूर है ,बढ़ता है, बढ़ रहा है मैं भाग्यशाली हूं,मैं हमेशा हर परिस्थिति में खुशी का अनुभव करता हूं। ऐसा निरंतर सिर्फ खुशी के विचार बोलने मात्र से हम खुश रहने लगते हैं।
हमेशा खुशी और ऊर्जा देते हैं हमारे शब्द
हमारे शब्द हमें द्वारा बोले गए शब्द हमारे जीवन में हमको स्वयं को तो खुशी देते ही हैं और जिसके समक्ष हम अपने शब्दों का प्रयोग करते हैं उन्हें भी खुशी मिलती है। जब इन शब्दों के द्वारा हम सकारात्मक शब्दों का प्रयोग कर अपने मन की भावना को ब्रह्मांड में भेजते हैं तब उसके प्रभाव से हमें नए-नए खुशी ब्रह्मांड द्वारा भी तोहफे स्वरूप दी जाती है, जो हमारी खुशी को और बढ़ाती है।
खुश रहने का सबसे आसान तरीका
खुश रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खुशी को जानना सीखना और इसे भी शिक्षा के साथ-साथ पढ़ना कि खुशी कहां कहां मिल सकती है खुश रहने के लिए हमें क्या-क्या करना है और यह सारी खबर हमारी वेबसाइट खुशियां ही खुशियां आपको ब्रह्मांड के सारे अनमोल दूसरों को समेट कर देती है इसे एक बार पढ़ कर जरूर देखें खुश रहने के लिए पढ़ना बहुत जरूरी है कुछ न कुछ ज्ञान की चीजें अगर हम पढ़ ना सके तो जरूर सुने।
हमेशा खुश कैसे रहें।
हमेशा खुश रहने के लिए सबसे अधिक जरूरी कि हम सब उसी काम को करें जो हमको खुशी देता हो, क्योंकि हमारा काम मैं लगा रहना ही हमें हमेशा खुश रख सकता है। इसलिए हम अपने काम से प्यार करें, अपने काम की नई नई तकनीक को अधिक से अधिक सीखें और उसे अपनाएं।अपने काम में नए लोगों को जोड़ें और अपनी टीम बनाने का प्रयास करें इससे हम हमेशा खुश रह सकते हैं।
खुश रहने का राज
खुश रहने के लिए हमारे जीवन में हमारा स्वास्थ्य, हमारे रिश्ते और आदतें इन पर काम करना कदम कदम पर हमें नई नई खुशियां देता है जब हम अपनी अच्छी आदतों बनाने लगते हैं तो ब्रह्मांड हमें परिणाम स्वरूप खुशी के नए नए अवसर प्रदान करता है।
अकेले खुश रहने का राज
अकेले खुश रहने के लिए हमें कुछ न कुछ पढ़ते रहने की आदत जीवन में बनानी चाहिए इस आदत से हम अपने आपको जीवन में कभी भी अकेला महसूस नहीं करते हम हर समय जिसको पढ़ते हैं उसके साथ होते हैं उसके जीवन को हम समझ पाते हैं और हमें दुखी होना नहीं पड़ता।
खुद को कैसे खुश रख सकते हैं।
खुद को खुश रखने के लिए जरूरी है चेहरे पर मुस्कान बना कर रखना, इमानदारी से अपने काम को करना,किसी भी चुनौती की स्थिति में धैर्य धारण रखना, बोलते समय विनम्रता और शिष्टता का ध्यान रखना,अपने समय की कद्र, और मित्रता रखना, खुद को कभी किसी से कम ना आंकना,अपने अंदरूनी मन की स्थिति पर निरंतर काम करना,अपने मन को सजाना,अपने मन को सुंदर बनाने के लिए निरंतर सकारात्मक लोगों का संग करना, और अपने बीते हुए दिन को कागज पर लिखा कर देखना कि हम जो कर रहे हैं वह हमें खुशी दे रहा है, और आगे भी इस तरह काम से खुशी मिलती रहेगी या नहीं।समाज और रिश्तो को हमेशा महत्व देना, अपना भरोसा और अपनी जिम्मेवारी को निभाना,अधिक सुनना कम बोलना,अपनी गलती पर माफी मांगने से पीछे ना हटना,प्रत्येक घटित घटना के लिए शुक्रगुजार होना,ये सब जीवन में संतुलन और खुशी बनाए रखते हैं।
दिन भर खुश रहने का तरीका
दिल भर खुश रहने के लिए सबसे पहले हमें इस बात को जानना जरूरी है कि किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए एक योजना का लिखित रूप में होना जरूरी है। इसके तहत हमें हर समय खुश रहने के लिए अपने दिन भर के योजनाओं को लिखित रूप से रखना चाहिए। हम दिन भर में क्या-क्या करेंगे और किस समय करेंगे, तभी हम दिन भर खुश रह सकते हैं। इसके लिए हमारा दिनभर करने का काम सुनियोजित तरीके से लिखित रूप से हमारे पास होना चाहिए। इससे हमें आलस्य करने का समय नहीं मिलता और ना ही हमें यह सोचना पड़ता है कि अगले पल हम क्या करेंगे और हम आसानी से खुश रह पाते हैं।
खुश रहने का मूल मंत्र क्या है।
खुश रहने का सबसे मूलमंत्र यही है हम खुशी को जाने। खुश रहने के तरीकों को सीखें। प्रतिकूलता और चुनौती को भी जाने। जीवन के लचीलेपन की शक्ति को समझें। अपने मित्रों का चयन बुद्धिमता से करें, अपनी गलत आदतों पर लगाम लगाएं।अपने जीवन का एक दिलचस्प उद्देश्य बनाएं। हमेशा अपने जीवन में प्राप्त वस्तु के लिए कृतज्ञ बने।माता-पिता की बातों को प्रत्यक्ष देव दूत की वाणी की तरह अपने जीवन में महत्व दें। अपने स्वास्थ्य रूपी अनमोल खजाने की देखभाल करें। अपने दिल की बात सुने,और और जीवन में सदैव खुश रहने के लिए अपने काम से प्यार करें।
खुशी कैसे मिलेगी
खुश रहने के लिए हमें अपने जीवन को ऐसे लोगों के साथ बिताना बहुत जरूरी है जो खुश रहते हैं।जो जीवन में खुश दिखाई देते हैं उनके जीवन में वे क्या करते हैं इस बात को जानना सीखना और अपने जीवन में उसे पालन करना हमें खुशी देता है। अगर हम ऐसे लोगों से कुछ सीख पाते हैं तो हमें दुखी होना नहीं पड़ता क्योंकि हम उन लोगों से उन बातों को पहले ही जान जाते हैं जो बातें हमें दुख देती है।
खुशी का मनोविज्ञान
खुश रहने के लिए इस विज्ञान को जानना जरूरी है। इस विज्ञान को जानने के लिए हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब करना और पढ़ना भी बहुत जरूरी है। इससे आपको खुश रहने का अनमोल मनोविज्ञान, और नये नये तरीके की जानकारी मिल सकती है,जो आपके जीवन को बदल कर रख सकती है। हमारी वेबसाइट खुशियां ही खुशियां डॉट कॉम खुश रहने के अनमोल तरीके अपनी वेबसाइट पर आपके लिए मुफ्त में प्रदान कर रही है।हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब करें, पढ़ें और अपने मित्र और रिश्तेदारों को भी इसकी जानकारी दें।
जय श्री कृष्ण
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