International Day of Happiness “Be Kind”
दयालु हम मानव का एक स्वभाव और गुण है। जब यह गुण हमारे अंदर पनपता और बढ़ता है तब हम बिना स्वार्थ के लोगों की मदद करने को तैयार रहते हैं। दयालुता एक तरह का प्रभावशाली दृष्टिकोण भी है जिसमें हम बिना किसी अपेक्षा के सामने वाले की मदद करने के लिए तैयार हो जाते हैं। दयालुता के प्रभाव से मानव दूसरे से किसी तरह की आशा किए बिना,उसके काम को करने को तैयार हो जाता है।
दयालु होना मानव का एक सुखद अनुभव और मन की अवस्था भी है,जिसमें हम अपने पास मौजूद किसी चीज को दूसरों की आवश्यकता पूर्ति के लिए खुशी खुशी देने को तैयार हो जाते हैं। इस दयालुता की भावना को पैसों से नहीं खरीदा जा सकता। दयालु का घर मानव का हृदयहै।
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दयालुता से अच्छी सेहत
यह एक ऐसा मानवीय गुण है जिसके प्रभाव से हमारा शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्वास्थ्य अनुकूल बनते है,जिससे हम लंबी उम्र स्वस्थ जीवन जी पाते हैं। जीवन की खुशियों में सर्वप्रथम हमारा स्वास्थ्य होता है कयोंकि जब हमारा स्वास्थ्य अच्छा होता है तभी हमारा मन शांति और सुकून महसूस करता है।इसलिए या गुण बहुत हम मानव के लिए बहुत महत्व रखता है।
![International Day of Happiness "Be Kind" 224 दयालुता से अच्छी सेहत](https://khushiyanhikhushiyan.com/wp-content/uploads/2023/02/दयालुता-से-अच्छी-सेहत.webp)
दयालु शब्द का अर्थ
दयालु शब्द का अर्थ कल्याण की भावना और सभी की खुशियां और शांति से भी है,जिसमें सिर्फ देने की भावना रहती है। दयालुता के इस धर्म को धारण करने से हमारे सुखद भविस्य का निर्माण होता है।इसे हर मानव विकसित कर सकता है।
दयालुता से क्या होता है
इस दयालुता के प्रभाव से हमारे चेहरे पर सदैव मुस्कान बनी रहती है जो संक्रमण की तरह हमारे इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों में भी फैलती है। दयालुता हम मानव के प्रभाव और औरा को बढ़ा देती है। यह व्यवहार का एक परोपकारी तरीका भी है। इस दयालुता के प्रभाव से हमारे मस्तिष्क में डोपामाइन जैसे खुशियों के रसायन अपने आप बनने लगते हैं,जिससे हम प्रसन्नता का अनुभव करने लगते हैं।इसके प्रभाव से हमारे चेहरे की चमक भी बढ़ जाती है। हम आकर्षित दिखने लगते हैं।
Be kind व्यक्ति की पहचान
![International Day of Happiness "Be Kind" 225 Be kind व्यक्ति की पहचान](https://khushiyanhikhushiyan.com/wp-content/uploads/2023/02/Be-kind-व्यक्ति-की-पहचान.webp)
इस भावना के प्रभाव से हम सब को मान सम्मान देना,हमारी वाणी में विनम्रता और हम आध्यात्मिक की ओर अग्रसर होते हैं। इन सब के प्रभाव से जीवन में खुशीयों का समावेश होने लगता है,और हमारे आसपास खुशियां फैलने लगती है।
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दयालु व्यक्ति के गुण
- दयालु व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति की खुशी को आगे रखकर अपने निर्णय लेते हैं,और योजनाएं बनाते हैं। जिससे पूरे वातावरण में खुशियां करते हैं।
- दयालु व्यक्ति सकारात्मकता का आभूषण पहने रहते हैं और हर परिस्थिति के सकारात्मक पहलू को खोज कर उस पर काम करते हैं।
- दयालु व्यक्ति संतुष्ट और शांत होते हैं और उनके विनम्र स्वभाव के गुण से लोग उनके साथ समय बिताना पसंद करते हैं।
- दयालु व्यक्ति सकारात्मकता फैलाने और प्यार जताने के तरीके को बखूबी जानते हैं। वे प्यार जताने के लिए, व्यक्ति के दुख दर्द को सुनते हैं और अपने सामर्थ्य और शक्ति के अनुसार उसकी तन मन धन से मदद करने को तैयार हो जाते हैं।इस तरह किसी की बातों को गहराई से सुनना भी दोनो को खुशियाँ देता है।
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दयालु होने के लाभ और हानि
इस भावना के तहत व्यक्ति के अंदर देने की भावना बढ़ती है और जब सभी प्राणी देने की भावना से आगे आते हैं तब खुशहाल परिस्थिति का निर्माण स्वयं होता है, वातावरण में अनुकूलता, शांति और सौहार्द का माहौल बनता है। वर्तमान के माहौल में ऐसा देखने में आता है,सभी मानव लेने की भावना से काम करते हैं,जिससे अशांति होती है। देने की भावना से वातावरण में शांति का माहौल बनता है।
इस देने की भावना से वातावरण में मानसिक शांति प्यार और खुशियों का माहौल बनता है। इसके दूसरी ओर सिर्फ लेने की भावना से द्वेष और युद्ध जैसी परिस्थितियां बन जाती है। चूंकि दयालु व्यक्ति मांगने वाले की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं जिससे कई बार कुछ लोग उनका नाजायज फायदा भी उठा लेते हैं ।
दयालुता व्यक्ति का स्वभाव
दयालु व्यक्ति शांत और सकारात्मक होते हैं वे हर परिस्थिति में दूसरे के लाभ को देखते हैं। मिलनसार होना इनके स्वभाव में होता है। ये हर समय मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। यह दूसरों के दोष को न देखकर उनके गुणों को देखकर ही अपने मन में सकारात्मकता बनाए रखते हैं।यह क्षमाशील होते हैं और अपराध करने वाले को भी तुरंत क्षमा कर अभयता प्रदान करते हैं।
![International Day of Happiness "Be Kind" 233 दयालुता व्यक्ति का स्वभाव](https://khushiyanhikhushiyan.com/wp-content/uploads/2023/02/दयालुता-व्यक्ति-का-स्वभाव-transf.webp)
दयालुता पृथ्वी के सभी धर्म का मूल
विश्व के सभी धर्म दयालु होना सिखाते हैं। हर धर्म हम मानव को दयालु होने की प्रेरणा देते हैं। विश्व के सभी धर्म दयालु होने के बिना हमारे मानव जीवन को ही निरर्थक बताते हैं। जब तक यह गुण हमारे अंदर नहीं आता हमारे और पशु के बीच कोई फर्क भी नजर नहीं होता। हम मानव भी पशु तुल्य बनने लगते हैं।
दयालु होने से रिश्तों पर प्रभाव
यह भावना लोगों से हमें जोड़ती है, जिससे हमारे सामाजिक रिश्ते भी अधिक प्रगाढ़ बनने लगते हैं। इसके प्रभाव से जीवन में खुशियां स्थाई रूप से हमारे पास रहने लगती है।
दयालू से विनम्रता की ओर
हमारी यह भावना हमें कई चुनौतियों से उबारने में भी सक्षम होती है क्योंकि इस भावना के कारण हमारा स्वभाव कोमल बन जाता है।हम मीठी वाणी बोलने लगते हैं इससे सामने वाले व्यक्ति मित्रवत हमारा साथ देने के लिए तैयार हो जाते हैं। जब हमारे अंदर दयालुता का भाव बढ़ता है तब हम अपराध करने वालों को भी माफ करके उसके कल्याण की भावना अपने मन में लाने लगते हैं। दयालुता की भावना के प्रभाव से पुष्प स्वरूप हमारी विनम्रता के दो शब्द भी खुशियां फैलाते हैं।
![International Day of Happiness "Be Kind" 234 विनम्रता](https://khushiyanhikhushiyan.com/wp-content/uploads/2023/02/विनम्रता-2.webp)
दयालु स्वभाव से मानसिक स्वास्थ्य
इस दयालुता के प्रभाव से हमारे जीवन में आंतरिक शांति आती है जिससे हम सकारात्मकता और खुशी को अनुभव करते हैं। इसके प्रभाव में हम कई बार धोखा भी खा जाते हैं किंतु यह धोखा भी हमें कहीं ना कहीं शांति देता है क्योंकि हमारी भावनाएं तो सामने वाले व्यक्ति को सुख पहुंचाने की होती है
दयालु कैसे बनें
- दयालुता के विकास के लिए हम रोज एक अच्छा काम करने का संकल्प लें जिसके तहत हम निस्वार्थ भाव से किसी एक व्यक्ति की मदद की आदत बनाएं।
- इसके विकास के लिए हम किसी से कोई सुविधा प्राप्त करें तो उसका आभार प्रकट करने की भी आदत डालें।
- इस गुण के विकास के लिए हमारे पास जब भी कोई व्यक्ति मदद मांगने आए तब हम ऐसा सोचे कि इस ब्रह्मांड और प्रकृति ने मुझे इस काम के लिए चुना है और इसके लिए मन में हर्ष की भावना रखें और उसकी समर्थ के अनुसार मदद जरूर करें।
![International Day of Happiness "Be Kind" 235 दयालु कैसे बनें](https://khushiyanhikhushiyan.com/wp-content/uploads/2023/02/दयालु-कैसे-बनें.webp)
दयालुता मुफ्त कैसे
मीठी वाणी का प्रभाव से हम दयालुता के विस्तार को कर सकते हैं। इसे हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि कई बार हमारे पास किसी तरह की मदद करने का कोई सामर्थ नहीं होता तो हम उस व्यक्ति को धैर्य दे कर मार्ग भी दिखा सकते हैं।इस तरह शब्दों और व्यवहार में दयालुता से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है,और सामने वाला व्यक्ति का मन धैर्य धारण कर शांति महसूस करता है।
मुस्कुराहट की आदत से दयालुता
थोड़ी सी हमारे चेहरे की मुस्कुराहट भी सामने वाले व्यक्ति को राहत दे सकती है जो हमारे और सामने वाले व्यक्ति के तनाव को कम कर सकती है,इसलिए इसे हम थोड़ी मुस्कुराहट से भी मुफ्त फैला सकते हैं।
![International Day of Happiness "Be Kind" 236 मुस्कुराहट](https://khushiyanhikhushiyan.com/wp-content/uploads/2023/02/मुस्कुराहट-1.webp)
दयालु होने के लाभ
- दयालुता का यह गुण हमें ईश्वर की ओर ले जाता है और परम सत्ता से जोड़ता है, जिसके प्रभाव से हमारा आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। हम शांति की और अग्रसर होते हैं।
- हम जो चीज बांटते हैं वही बढ़ती है हम जब दया बांटना शुरू करते हैं तब हमारे जीवन में चारों तरफ से दुआएं आने लगती है जिससे हमारे जीवन में हम सुकून और शांति को महसूस करते हैं।
- दया के प्रभाव से ही सारे संसार की व्यवस्था चलती है कुछ दयावान लोग जो सृष्टि को सिर्फ देने ही देने की भावना रखते हैं उसी से सारी व्यवस्था काम करती है, और प्रकृति भी उन्हीं लोगों को प्रचुरता से और देती है।
- दयालु व्यक्ति संपत्ति की तरह होते हैं उन्हें संभाल कर रखना जरूरी है। ऐसे व्यक्ति से अगर संबंध बना हो तो उसे संभाल कर रखना जरूरी है।
दयालुता का देश और विश्व पर प्रभाव
दयालुता के प्रभाव से शांति का विकास होता है और जहां शांति बढ़ती है वही सकारात्मक सोच प्यार और विकास बढ़ता है।इसलिए इस विषय पर विश्व स्तर पर काम करने की जरूरत है।
जिस देश में इस गुण से सरोबार लोग रहते हैं दूसरे की भावना को कद्र करने वाले होते हैं वहां के लोगों का जीवन बहुत सरल और आसान हो जाता है उनकी प्रगति भी निरंतर होती है। विश्व के बाकी सभी देश उनकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
इस दयालुता के प्रभाव से सारे विश्व में शांति और सौहार्द का माहौल बनता है। पूरी मानवता के लिए यह दयालुता उत्कृष्ट गतिविधि का काम करती है
दया का पर्यायवाची
दया का पर्यायवाची याद होता है जब किसी पर हम दया करते हैं तो वह व्यक्ति हमारी इस आभार और दया को हमेशा याद रखता है।उसे वह लौटाने का हर हाल में प्रयास करता है।
![International Day of Happiness "Be Kind" 237 दयालुता से मानवता](https://khushiyanhikhushiyan.com/wp-content/uploads/2023/02/दयालुता-से-मानवता.webp)
प्रकृति से सीखें
इसी तरह प्रकृति भी सिर्फ देती है और हम मानव जाति पर सिर्फ दया करती है और हमसे कोई अपेक्षा भी नहीं करती। हम मानव को इस प्रकृति से शिक्षा लेनी चाहिए कि हम भी बांटना शुरू करें। प्रकृति अपने लिए अपने पास कुछ भी नहीं रखती और इस ब्रह्मांड के प्राणियों पर खुले हाथों से उन्हें लौटा देती है प्रकृति का यह गुण हमारे लिए सीखने योग्य है। जो हमारे पास हो हम उसका विस्तार करें मानव हित पर लगाएं और मानव कल्याण के लिए हम जिस काम को कर रहे हैं उसी को कर अपने आसपास के माहौल में विशेषकर जहां उसकी कमी दिखाई दे उसे देने के लिए हाथ बढ़ाएं, जिससे खुशियां और फैले। यही दयालुता है।
दयालुता से मानवता
संतुष्ट और शांत होना ही जीवन का सार है इसके लिए हर प्राणी का स्वभाव दयालु बने, देने का बने, हर प्राणी दूसरों के लिए जिए,दूसरों के सुख दुख को अपना माने, क्योंकि इन सब के प्रभाव से ही हमारा मन खुशी का अनुभव करता है इसलिए इस गुण को अपने अंदर हम जरूर विकसित करें
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण