शांत रहने का अर्थ है अपने मन को काबू में रखना ,अपनी वाणी पर संयम रखना और परिस्थिति को समझते हुए अपनी बात रखना शांत रहने का मतलब उतेजित हुए बिना परिस्थिति को पूरी तरह से समझना और सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं पर चिंतन करते हुए अपना मत देना, फिर निर्णय पर पहुंचना
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कैसे हम शांत रहे
शांत रहने के लिए हमें शांत रहने के तरीकों को जरूर सीखने चाहिए, इनमें कुछ तरीके हमारे तन कुछ तरीके हमारे मन,और कुछ तरीके हमें हमारे व्यवहार के अंतर्गत प्रयोग करने आने चाहिए शांत रहने के लिए हमें स्वयं को ही अपने आप को तैयार करना होता है, अगर हम बाहरी किसी परिस्थिति व्यक्ति या किसी माहौल की वजह से परेशान होते हैं तो इसका मतलब यह है कि हमारे स्वयं के अंदर ही आशांति है अन्यथा हम परेशान या अशांत नहीं हो सकते।
शांत मन के लिए साँसें
हमें अपने मन को शांत रखने के लिए सबसे पहले गहरी सांस लेनी चाहिए। हमें समय-समय पर अपनी सांसों की जांच करनी चाहिए कि कहीं हम छोटी सांस तो नहीं ले रहे। अगर ऐसा नजर आए तो हम मन की शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्राणायाम या प्रातः कालीन भ्रमण करें अपनी सांसों को सही गति प्रदान कर सकते हैं, जिससे हमारा मन शांत रहता है, तब हम खुशी का अनुभव करते हैं।
मिठी नींद
मन की शांति के लिए अगर हम भरपूर नींद लें तो यह हमारे तन और मन दोनों को स्वस्थ रखती है। जब हम अपनी नींद पूरी करते हैं तो इस दौरान हम ब्रह्मांड की शक्तियों से अपने मस्तिष्क की कमजोर हुई शक्तियों को फिर चार्ज करते हैं। इस समय हम ब्रह्मांड के संपर्क में अपने तन मन को ले जाते हैं जिससे हमें आंतरिक शांति की अनुभूति होती है। शांति और सकरात्मकता पर निर्भर रहती है दिन भर की खुशी positivity of the day can be depend on calm and happiness शांत रहने के लिए हमें प्रत्येक परिस्थिति के सकारात्मकता पहलू पर ध्यान देना चाहिए और हमेशा इस बात को मानना चाहिए कि प्रत्येक परिस्थिति का निर्माण हमारे कल्याण के लिए ही होता है
शांत रहने के लिए संग
शांत रहने के लिए हमें सकारात्मक लोगों का संग करना चाहिए और अपने दिमाग और मन को प्रशिक्षण देने के लिए इन सकारात्मक लोगों से सलाह करनी चाहिए इसके लिए हम किसी संत या गुरु के पास भी जा सकते हैं।
शांत रहने के लिए ध्यान Meditation
शांत रहने के लिए हमें ध्यान करना भी आना जरूरी है। इसके लिए हम इस ध्यान क्रिया को भी सीखें। हमें बचपन से 55 तक की उम्र तक हर काम के लिए यही कहा जाता है कि, हमें हर काम ध्यान से करना, ध्यान से कहीं जाना और कमाल की बात है हम सबको अधीकांशतः इस ध्यान के बारे में पता ही नहीं होता। ध्यान हमें जरूर सीखना चाहिए क्योंकि यह मन की शांति के लिए अचूक औषधि स्वरूप भी काम करता है।
मन की शांति के लिए आभार Thank you
शांत रहने के लिए हमें आभार की भावना को प्रकट करना और उसकी आदत डालना जरूरी है। हम कुछ भी करें,या प्राप्त करें तो उसके लिए आभार प्रकट करने से,उससे कई गुना अधिक सामने से हमे मिलने लगता है। इसलिए हमें आभार को प्रकट करना सीखना भी जरूरी है।
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हमारा स्वभाव, हमारा प्रभाव छोड़ने और हमें शांत रखने में अद्भुत भूमिका निभाता है। हम जैसे व्यक्ति के संग अपना समय व्यतीत करते हैं, वैसा ही हमारा स्वभाव और संस्कार भी बनने लगता है, इसलिए अधिक से अधिक हम अच्छे स्वभाव वाले ज्ञानी व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करें।अपने गुरु और सलाहकार के साथ वक्त बिताएं और ज्ञानी व्यक्तियों की बातो को अमल करना सीखें। जैसे-जैसे और जितना हम ज्ञान को ग्रहण करते हैं, वैसे वैसे हम शांत होते चले जाते हैं
अध्यात्म की ओर
जब तक हम अध्यात्म से नहीं जूड़ते तब तक हमारी इस शांति से जान पहचान नहीं हो पाती, इसलिए प्रत्येक मानव होने का यह परम प्रथम उद्देश्य होना चाहिए कि वह आध्यात्मिक हो इससे जुड़े और इसके नियमों को मानते हुए अपने धर्म और कर्तव्य का पालन करें।
इस अध्यात्म से जुड़ते ही उसे अपने पूर्वजों के अभूतपूर्व अनुभव और ज्ञान की जानकारी होती है जिससे वह पूर्ण मानव बन पाता है, जीवन जीने की कला जान पाता है जिससे वह पूरी तरह से शांत और अनुभव के साथ हंसी खुशी भरा जीवन जी पाता है
सुखदायक परिस्थिति का निर्माण
जैसे-जैसे हम शांत होने लगते हैं वैसे वैसे हमारे जीवन में सुखदायक परिस्थितियां बनने लगती है।चारों दिशाओं से जैसे खुशियां बरसने लगती है हम लोगों के चहेंते बनने लगते हैं। हमारे रुके और बिगड़े हुए सभी काम बनने लगते हैं।
शान्ति से भय की निवृति
जब हम शांति की स्थिति में पहुंचते हैं तो हम निर्भय और निश्चिंत होते जाते हैं जिससे हमें खुशी प्राप्त होती है।
Pause या रुकने की आदत
हमें हर हाल में शांत रहना सीखने के लिए एक क्षण के लिए pause होने की आदत या रुकने की आदत को सीखना भी बहुत आवश्यक है। जब हम इस आदत को सीख जाते हैं तो प्रत्येक परिस्थिति को भापने के लिए हमें कुछ क्षण का समय मिल जाता है,जो हमारे हमारी मानसिक शांति को बनाए रखता है।
शांति से प्रभावी निर्णय
शांति के प्रभाव से हमारे निर्णय भी प्रभावी होने लगते हैं। ये हमारे प्रभावी निर्णय ही हमें सुख समृद्धि और सफलता दिलाते हैं। इस तरह शांत रहकर जब हम प्रभावी निर्णय लेते हैं तो हम सामने वाले व्यक्ति के सामने अपनी अच्छे पर्सनैलिटी का प्रभाव भी छोड़ते हैं।
सुखदायक संगीत
अपने मन की शांति के लिए हमें कुछ देर संगीत से जरूर जूड़ना चाहिए, धीमी आवाज में चलता हुआ संगीत हमारे मन की स्थिति पर काफी सकारात्मक प्रभाव डालता है। संगीत हमारे मन मस्तिष्क को आंतरिक योग करा कर हमारे मन को तरो ताजा कर देता है,जिससे हम एक अद्भुत शांति का अनुभव करते है।
क्या मतलब है शांत रहने का
शांत रहने का मतलब है कि हमारी जीवन चर्या शांति से चलती रहे।कहीं भी हमारे मन की अशांति की वजह से हमारी जीवन चर्या में कोई फर्क न पड़े, क्योंकि जब हमारा मन अशांत होता है तब सभी हमारे निर्णय गलत होते हैं, तभी हमारे संबंध बिगड़ते हैं और एक क्षण की अशांति से कई बार वर्षों की बनी बात भी बिगड़ जाती है।
अशांत मन को खुशी नहीं
जब हमारा मन आशांत होता है,तब इस आशांत मन को कहीं भी खुशी नहीं मिलती, इसलिए मन को शांत रखने के लिए शांत मन के लाभ को भी जरूर जानना और सीखना चाहिए।
शांति के विभिन्न नाम
शांत मन के कई पर्यायवाची है जैसे शांत क्वाइट,साइलेंट, स्थिरता इत्यादि जिन सबका एक ही मतलब है हमारा मन शांत रहे, क्योंकि जितना हम शांत रहते हैं उतनी ही हम खुशी का अनुभव करते हैं।
शांति हमारे मन का एक स्वभाव
हम अपने स्वभाव में वर्षों वर्ष रह सकते हैं। शांति हम मनुष्य का स्वभाव है जो हमें परिणाम स्वरूप खुशियां देता है। इस शांति की अवस्था में वर्षों वर्ष रह सकते हैं, कई दिन निकाल सकते हैं और दूसरी ओर हम अशांत मन और अशांति की अवस्था में कुछ क्षण से ज्यादा नहीं टिक पाते।
शांत रहकर हम अपना काम करते रहे अपने लक्ष्य पर चलते रहे, अपने संबंध और व्यवहार को निभाते रहे,इस निश्चिंतता से ही हमें निर्भयता की भी प्राप्त भी हो पाती है और हमारा जीवन हंसी खुशी से चलते रहता है।
शांति के लिए हम क्या क्या करें
इस शांति के लिए हम अपनी एक डायरी जरूर प्रयोग करें। जिसे हम अपनी सपनों की किताब भी कह सकते हैं। अंग्रेजी में इसे हम ड्रीम बुक भी कह सकते हैं।इस डायरी में हम एक आभार सूची बनाएं और इसमें जीवन में छोटी बड़ी मिलने वाली सभी उपलब्धियों के लिए हम ब्रह्मांड को धन्यवाद , थैंक्यू ,और कृतज्ञता का भाव प्रकट कर इस डायरी में नोट लिखें।
शांति के लिए हम अकेले में समय बिताने की भी कला सीखें
इस शांति के लिए महीने में एक या दो दिन अकेले में भी समय बिताने की आदत डालें। शांति के लिए महीने में एक या दो दिन कहीं अकेले बाहर जाकर किसी होटल या रिज़ॉर्ट में ठहर कर समय व्यतीत करें।
हम संगीत को अपना साथी बनाएं
अकेले में समय बिताते वक्त हम मन की शांति के लिए संगीत को अपना साथी बनाएं।कभी-कभी मंद आवाज में संगीत सुनने से हमारा मन उत्साहित होता है और कभी तेज आवाज में सुन कर हमारा मन उत्साहित होता है और इस उत्साह के बाद हम उस शांति को अनुभव करते हैं।
अच्छी पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालें
इस मन की शांति के लिए हम पुस्तक पढ़ने में अपनी रुचि बनाएं पुस्तक पढ़ने से हमारे मस्तिष्क का आंतरिक रक्त प्रवाह उथल-पुथल को हो योग प्राप्त करता है जिससे हमें शांति की अनुभूति होती है। हमें आत्म चिंतन और मन की शांति के लिए नए-नए विचार से जुड़ने का मौका मिलता है इससे हम शांति का अनुभव कर पाते हैं
व्यायाम और प्राणायाम
शांति से स्वस्थ जीवन बिताने के लिए हमे व्यायाम प्राणायाम योगासन को अपनी दैनिक योजना में शामिल करना जरूरी है। खाली समय में हम मालिश करा कर देर तक मिठी नींद सो कर भी शांति को अनुभव कर सकते हैं।
उपवास
शांति के लिए महीने में एक दिन इंटरनेट का उपवास भी जरूर करें इस वक्त हम किसी तरह के सोशल मीडिया को ना देखें अपने फोन से दूर रहे। इस तरह भी हम विशेष शांति का अनुभव कर सकते हैं।
आत्म चिंतन
अकेले में आंखें बंद कर अपने अंदर के विचारों का चिंतन मनन करें। इस दौरान इस बात को देखें कि कैसे विचार हमारे मन के अंदर चलते हैं। इन विचारों का हमारे मन पर कैसा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि जैसा हम सोचते हैं वैसा ही बनते हैं। इन विचारों को रोकना सीखें इन विचारों को रोकने के लिए व्यायाम का सहारा लिया जा सकता है इन विचारों को बदलने के लिए आतम -सुझाव बोले जा सकते हैं,जिसे हम अंग्रेजी में एफर्मेशन भी कहते हैं
प्रकृति का साथ
मन की शांति के लिए हम प्रकृति के बीच जाएं, फूल पत्तों की खुशबू, सूर्य स्नान करें मिट्टी की खुशबू को अनुभव करें।
मन की शांति के लिए हम खूब हंसें
इस शांति के लिए हम हंसते रहें और हंसाने की आदत डालें। इसे आदत स्वरूप डालने के लिए हम हास्य योग भी सीखें
प्रकृति के मुफ्त दिए गए उपहारों में छिपी है शांति
हमेशा याद रखें जो चीज मुफ्त है वह बहुत कीमती है जैसे हवा पानी सांसे प्रकृति की खुशबू, सूर्य की किरने और हंसी इनकी कीमत कोई नहीं आंक सकता।ये हमारे शांत रहने और मन की निश्चिंता के लिए औषधी स्वरूप हमारे जीवन में काम करती है।
शांत रहने के फायदे
शांत रहने से किसी भी तरह का समय आसानी से निकल जाता है और सारी स्थितियां अपने आप स्वत: ही अनुकूल नजर आने लगती है
शांत रहने से हमारी बुद्धि भ्रमित नहीं होती जिससे हमारे ज्ञान की विस्मृति नहीं होती और हमआसानी से हर परिस्थिति पर काबू कर पाते हैं।
उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति की इच्छा बढ़ती जाती है। शरीर कमजोर और मन की गति में तीव्र गति आ जाती है, जिससे अपूर्ण इच्छा से व्यक्ति आशांत रहने लगता है
अंदर की अशांति मन का चैन छीन लेती है। जिससे उस मानव की बुद्धि स्थिर नहीं रहती, एकाग्रता भी उसमें ठहर नहीं पाती। जिसके परिणाम स्वरूप उस व्यक्ति को शांति नही मिलती और उसे सुख भी नही मिल पाता।
आत्मा का आभूषण शांति
इसके लिए हर मानव को स्वयं को आत्मा समझ कर निज स्वभाव को जानना चाहिए तभी शांति मिलती है। उसे परमात्मा या अध्यात्मिक शक्ति से जुड़ कर रहना चाहिए।
शांत रहने के द्वार
हम मानव की ऊर्जा द्वार ऊपर की और से शक्ति लेती है जबकि वृक्ष नीचे की जड़ से ऊर्जा लेते है। जब हम गर्दन के ऊपर वाले मस्तिष्क के नाक कान में मुंह और आँखों के द्वारा प्रकृति शक्ति से ऊर्जा पूरे शरीर को देते हैं तब हम शांति की प्राप्ति कर पाते हैं जिससे हमारा मन खुशी की अनुभूति करता है।
शांति के मंत्र ओम से जुड़े
शांति के लिए हम किसी न किसी मंत्र से जुड़े इन मंत्रों के जपने से हमारी आत्मा मन और मस्तिष्क को स्वत: ही भोजन और दिशा मिलती है जिसके प्रभाव से हम धीरे-धीरे शांत होते जाते हैं।
मन की अशांति की अवस्था में हम निर्णय लेने से बचें
जब हमें हमारा मन अशांत नजर आए तो हम निर्णय लेने से भी बचे क्योंकि इस अशांत अवस्था में हमारे निर्णय सही नहीं हो पाते।
देश के विकास में शांति की भूमिका
किसी भी देश की समृद्धि और विकास दर उस देश के नागरिकों का शांत स्वभाव होने और उस देश में शांति होने पर ही निर्भर करती है। शांति से ही किसी भी देश का व्यापार फलता फूलता है। शांति प्रिय देश को सभी अन्य पड़ोसी देश के लोग भी पसंद करते हैं। इस शांति के प्रभाव से बड़े विनाश होने और युद्ध से भी देश बच जाते हैं, जिससे निरंतर समृद्धि की ओर देश बढ़ता है।युद्ध को आखरी विकल्प मानने वाला देश ही अपनी समृधि को बचा पाता है। वहाँ के नागरिक ही शांति, समृद्धि सफलता यश वैभव और खुशी का अनुभव कर पाते हैं World happiness mission धन्यवाद जय श्री कृष्ण
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं