Secret of Health

सेहत के रहस्य | Secret of Health..

हमारी अच्छी सेहत – हमारे रोज के आहार और विहार पर निर्भर करती है। जब -जब हम प्रकृति के नियमों को तोड़ते हैं,तभी हम चुनौती की स्थिति में आते हैं,इसलिए किसी भी तरह प्रकृति के नियमों के अनुसार ही अपना जीवन बनाएं।प्रकृति में हर चीज ऊर्जा है।हर चीज समय से ही कार्य करती है। इसलिए समय से सोना- उठना, खाना-पीना जो हमारी जरूरतें हैं,उन्हें समय से पूर्ण करना,हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

हमारे ब्रह्मांड में समान चीजें ही समान चीजों को आकर्षित करती हैं।जैसे,जिस तरह की चीजों को हम फेसबुक या व्हाट्सएप पर देखते हैं, फेसबुक और व्हाट्सएप उसी के सामान की चीजों को हमें भेजने लगता है।

यह निश्चित है,जब भी हमारे जीवन में स्वास्थ्य पर कोई प्रश्नवाचक चिन्ह लगता है, वो कहीं ना कहीं यह दर्शाता है,कि हमने प्रकृति के कुछ नियमों को जरूर तोड़ा है।

हमारा शरीर दरअसल हमारे विचारों का परिणाम है।हमारे विचार और भावनाओं की प्रकृति हमारी शारीरिक स्थिति, तंत्र व क्रियाओं को निर्धारित करती है।

ब्रह्मांड में हम जो चाहते हैं,प्रचुरता से है।जब भी हम ब्रह्मांड की प्रचुरता महसूस करने के लिए अपने दिमाग के दरवाजे खोलते हैं,तब हम रोमांच ,खुशी,आनंद और तमाम अच्छी चीजों को महसूस करते हैं,जो ब्रह्मांड हमें दे सकता है।जैसे अच्छी सेहत, दौलत,स्वभाव, समृद्धि, सफलता, ऐश्वर्य ,अच्छे मित्र ,इत्यादि जो भी चाहिए होते हैं ब्रह्मांड में प्रचुरता से उपलब्ध हैं किसी तरह की कोई कमी नहीं।

हमारे शरीर में सारी चुनौतियों की शुरुआत हमारे विचारों से होती है।जब हम नकारात्मक विचारों को सोचते हैं,तब हमारा शरीर नए-नए विसैले हर्मौंन पैदा करने लगता है।इसलिए हमें अपने विचारों को ही सर्वप्रथम सकारात्मक रखने की जरूरत है,ताकि हमअच्छी सेहत प्राप्त कर सकें,हंसी खुशी भरा जीवन व्यतीत कर सकें।

इस कड़ी में हम सर्वप्रथम प्यार और कृतज्ञता की भावना से जुड़े,जो हमारे जीवन में चमत्कार कर सकती हैं।

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हंसी खुशी इसका सर्वश्रेष्ठ इलाज है | Secret of Health

उपचार के लिए कृतज्ञता की शक्ति,मनचाही चीज पाने के लिए आस्था की शक्ति,और शरीर की किसी भी तरह की बीमारी को दूर करने के लिए हंसी खुशी की शक्ति सर्वोच्च है।

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अच्छे स्वास्थ्य के लिए हंसी खुशी जरूरी

कुछ महीने तक हम मजेदार हंसी खुशी की फिल्मों को देखकर, हंसते- मुस्कुराते रह कर भी स्वस्थ हो सकते हैं।हंसी- सचमुच सर्वश्रेष्ठ उपचार है,हम सभी में एक अंदरूनी शक्ति इस प्रयोग, के तहत काम करती है,जिसे हम आत्म उपचार कहते हैं।

सकारात्मक विचारों पर ही सोच

अच्छी सेहत और पूर्ण रूप से स्वस्थ जीने के लिए हम सिर्फ और सिर्फ अपने विचारों की सकारात्मकता का ध्यान रखें। उन चीजों को बार-बार ना तो सोचे और ना ही अपने मुंह से बार बार बोले,न ही उस पर ध्यान केंद्रित करें जो हम ना चाहते हो,और कमाल की बात यह है, हम उन्हीं बातों को बार-बार मुंह से बोलते हैं,उन्हीं का की चर्चा करते हैं। जबकि प्रकृति का नियम यह है,जो हम स्वास्थ्य के प्रति चाहते हैं उन सकारात्मक बातों को ही हम बार-बार मुंह से बोले, सोचे और चर्चा करें,अपना ध्यान बार-बार हम सिर्फ अच्छी सेहत के विचारों पर ही लगाएं।

हमेशा पूर्णता के विचार ही सोचें

बार-बार अपने मुंह से हम इस बात की घोषणा करें, मैं सिर्फ आदर्श विचार को ही सोचता हूं,सिर्फ आदर्श चीजें ही देखता हूं, सकारात्मक स्वास्थय, मेरी खुद की जिम्मेदारी है।मेरा स्वास्थ्य पूर्ण रूप से मेरे वश में रहता है। इस तरह के विचारों के दृष्टिकोण से बहुत ही कम समय में हमारा शरीर बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है।

सोच कर सोचें और बोलें।

सिर्फ अपनी सोच पर काम करके हम आदर्श सेहत, आदर्श शरीर वजन ,और चिर यौवन को प्राप्त कर सकते हैं। इस कड़ी में हम पूर्णतया, स्वस्थ शरीर की तस्वीर को ही देखें।अपने मुंह से बार-बार इस बात को दोहराएँ – मैं बहुत बढ़िया महसूस कर रहा हूं, मैं बहुत बढ़िया महसूस कर रहा हूं और इस सच को महसूस करें। इस सोच के लिए ब्रह्मांड को संदेश भेजें- और कृतज्ञता जाहिर करें।

कोई चीज असंभव नहीं होती

याद रखें, जिस दुनिया में हम रहते हैं,वहां हर दिन चमत्कार होते हैं। एक ऐसी दुनिया है, जिसमें प्रचूरता की नदियां बह रही है,जहां सारी अच्छी चीजें अभी के अभी हमारे भीतर और बाहर के वातावरण में कथित रूप से विराजमान हैं। हम अपनी जिंदगी स्वयं बदल सकते हैं। हम खुद ही स्वस्थ हो सकते हैं। एक स्वस्थ इंसान ही हंसी खुशी भरा स्वस्थ जीवन जीता है।

हमारे जीवन की सबसे बड़ी चुनौती हमारे स्वस्थ स्वस्थ रहने की है, उसको बड़े उपहार में बदल सकते हैं।हमें सिर्फ और सिर्फ अपनी फ्रीक्वेंसी को बदलना है,यह फ्रीक्वेंसी ही हमारे अंदर अच्छा स्वास्थ्य उत्पन्न कर देगी।

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अपना ध्यान अच्छी सेहत पर केंद्रित रखें।

कुल मिलाकर हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं,उसे ही अपने जीवन में उत्पन्न करते हैं।उसके बारे में बात करना या इसका प्रतिरोध करना भी कुल मिलाकर उसका उत्पन्न करना ही होता है इसलिए स्वस्थ जीवन के लिए हमेशा अच्छे सेहत की ही चर्चा करें। मुंह से सदैव सकारात्मक शब्दों का उच्चारण ही करें।

सकरात्मक चर्चा से अच्छी सेहत

अच्छी स्वास्थ्य की चर्चा से स्वत: ही हम स्वस्थ होने लगते हैं।हमारा मन ऊर्जावान महसूस करने लगता है।इस दुनिया की हर एक चीज विचारों पर ही निर्भर करती है। जिस चीज पर हमारा ध्यान अधिक जाने लगता है। हम उसे आकर्षित करने लगते हैं। इसलिए सिर्फ अच्छी सेहत के लिए कुछ और नहीं करना है सिर्फ खुद को उस अच्छे स्वास्थ्य की सच्चाई का यकीन दिलाना है जिसे हम देखना चाहते हैं।

इसके लिए हम अपनी खुशी पर पूर्ण ध्यान केंद्रित करें।भोजन की सात्विकता,पवित्रता पर ध्यान केंद्रित करें। अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही भोजन ग्रहण करें। स्वाद के लिए भोजन ना खाएं, अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन लें। अपने आसपास हम जो भी देखें उसमें गजब की खुशी महसूस कर ब्रह्मांड को कृतज्ञता का बार बार संदेश दें।

नित्य का २० मिनट का व्यायाम

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नित्य का मात्र 20 मिनट का व्यायाम, हमारे जीवन में चमत्कार कर देता है। इस बीस मिनट के व्यायाम से हमारे सारे अंग सक्रिय हो जाते हैं। मस्तिष्क में रक्त की गतिशीलता बढ़ जाती है। हम चिर काल तक स्वास्थ्य लाभ ले पाते हैं।

हमारे बुजुर्गों ने एक बड़ी ही रहस्य कि बात अति व्यस्त लोगों के लिए कही है जो देखने में भी आती है,कि जिसे व्यायाम के लिए समय नहीं मिलता उसे बीमारी के लिए समय निकालना पड़ता है। और जब हम स्वास्थ्य के नियमों को तोड़कर, धन कमाने मैं अपनी शक्ति लगाते हैं,तब वह जाने अनजाने में हम अपने डॉक्टर के लिए ही कमाते हैं।

पूरा यकींन करें।

हम अपने ब्रह्मांड की शक्तियों पर पुरा यकीन करें, उसे समझें ,उस का आभार प्रकट करें, उसे आशीष दें ,उसकी प्रशंसा करें, उसके लिए सिर्फ अच्छे और अच्छे ही शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दें। इस ब्रह्मांड से हम आशीर्वाद मांगे।अपने अच्छे स्वास्थ्य की आशीष और सुखद जीवन के लिए अपने विचारों द्वारा,अपने स्वास्थ्य का निर्माण करें। प्रसन्नता का अनुभव करें,और खुश रहे। इस स्वस्थ्य शरीर के रहस्य का आप तक पहुंचने के लिए तुरंत ब्रह्मांड का धन्यवाद करें।

जरा हंस भी लो! 

जय श्री कृष्ण

Nirmal Tantia
Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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