खुशियों (Happiness) के बारे में हमेशा एक बात याद रखना जब भी आप खुशी के बारे में जानोगे,कुछ सीखना चाहोगे तो इसकी शुरुआत आपको अपने अंदर से ही करनी होती है। दूसरों से खुशी लेना तो कुछ वक्त तक आपको खुशी और शांति दे सकता है लेकिन असली खुशी हमको तभी मिलती है जब हम खुद खुश रहने का प्रयास करते हैं और खुश रहते हैं।
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खुशी और शांति का संबंध
खुश रहने की इस कड़ी में अपने मन की शांति पर सबसे पहले ध्यान दें।खुश रहने के लिए हमें सबसे पहले अपने मन की शांति पर काम करें,और अपने जीवन में झांक कर यह देखना होता है किस काम को करने से मन की शांति मिलेगी और कौन-कौन सा काम हमें शांति देता है।इसके बाद ही हम उन आशांत करने वालों का काम को बंद करके ही शांति और खुशी को अनुभव कर सकते हैं।
खुशी और ध्यान का संबंध
इसके अलावा हम खुशी के लिए ध्यान करना, प्राणायाम या कोई जिम आदि कर अपनी, अपने फिजिकल वर्क की आदत पर काम कर सकते हैं। जब हमारा मन शांत होता है तभी हम इस खुशी को अनुभव कर पाते हैं।
आशावादी और लक्ष्य पर ध्यान रखना
हम मानव को खुश रहने के लिए आशावादी होना और कुछ सपने देखना भी बहुत जरूरी है।हमको खुशी तब मिलती है,जब हम अपने सपनों को पूरा करते हैं,और उसे पूरा करने का भिन्न-भिन्न मार्ग अपनाते हैं और इस मार्ग पर नए-नए अनुभव को महसूस करते हैं।अपने इस लक्ष्य पर पहुंचने के लिए हम नए लक्ष्य बनाते हैं उनके लिए कड़ी मेहनत करते हैं।परिणाम के बाद तो हमें खुशी और शांति दोनों मिलती ही है, लेकिन इस यात्रा का आनंद इस यात्रा के दौरान ही मिलता है।
सामाजिक कनेक्शन सोशल कनेक्शन
खुशी के लिए सामाजिक होना भी बहुत जरूरी है अपने परिवार और मित्रों के साथ नियमित समय हम जरूर दें। एक दूसरे की चुनौतियों को सुनने से लेकर एक दूसरे के साथ समाधान और भिन्न-भिन्न सुख-दुख को एक दूसरे को बता कर हम खुश रह सकते हैं सेवा से खुशी सेवा जरूर करें, कुछ देने और करने के लिए हम सब जितना अधिक हो सके निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद की सेवा करें किसी जरूरतमंद की मदद करने से उसकी दुआओं और उसके मन की शांति को देख कर भी हम खुशी महसूस करते हैं
खुशी के लिए खुद से प्यार
खुश रहने के लिए खुद से प्यार करें हम स्वयं जैसे हैं खुद को स्वीकार करें अपने नित्य की आदत पर काम करें।खुद का खूब सम्मान करें अपने लिए समय निकालें हमेशा याद रखें जब हम खुद को प्यार करते हैं तभी हमें खुशी मिलती है।
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खुशी हमारे जीवन का एक बहुत जरूरी हिस्सा है। हम सब चाहते हैं कि हमारा जीवन खुशहाल और खुशीयों भरा हो और चूँकि खुशी एक आदत है जिसको हमें स्वयं को सीखना और सीखने के बाद डालना पड़ता है।
आभार और खुशी
इस कड़ी में हम आभार प्रकट करने की की आदत डालें। इसके लिए सबसे पहले हम अपने दैनिक जीवन में प्राप्त वस्तु संबंध रिश्ते जो कुछ भी हमें प्राप्त हैं उसके लिए रोज आभार प्रकट करने की आदत डालें।इससे हमारे अंदर आभार और सकारात्मकता की भावना आएगी जो हमारी खुशी बनेगी
नया सीखें
कुछ ना कुछ रोज नया जरूर सीखे, रोज कुछ नया सीखने से हमारे मन में नए विचार आने से मस्तिष्क में नए-नए रसायन उत्पन्न होते हैं हम नए लोगों से जुड़ते हैं इससे भी हमें खुशी और शांति मिलती है
संगीत से संबंध
खुश रहने के लिए हम कुछ इंस्ट्रुमेंटल संगीत के यंत्र भी सीख सकते हैं। कला कोई नई कला को भी खुशी के लिए हम सीख सकते हैं। हम माइंडफूलनेस की भी प्रैक्टिस करें यह एक ऐसी टेक्निक है जिसके अंदर हमें वर्तमान में रहना होता है, इसके लिए हम मेरीटनेशन और गहरी सांस तथा योग को अपने जीवन में शामिल करें, इससे हमारे मन में शांति आती है और हम खुशी को अनुभव करते हैं। खुशी का रहस्य
हुए खुशी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन यह एक ऐसा रहस्य और मन का स्वभाव है इसे दिखाया नहीं जा सकता ,इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है
खुशियों के और भी भिन्न-भिन्न तथ्य को जानें
मानसिक खुशी का मतलब है हमारा मन शांत और सुकून से भर जाए। इस मानसिक खुशी के लिए हमें हमारे मन को सुकून और शांति से रखने का प्रयास करना चाहिए।अपने मस्तिष्क को सकारात्मक विचारों से घेरे रखना चाहिए।
भावनात्मक खुशी इस भावनात्मक खुशी से मतलब है हम अपनी भावनाओं को स्वीकार करें अपने रिश्तो को संतुष्ट करें हमारे जीवन का कोई न कोई लक्ष्य हो। हम अपने प्यारे जीवन साथी के साथ प्यार भरी क्वालिटी टाइम को स्पेंड करें। एक दूसरे को अपने मन की भावना बताएं
फिजिकल हैप्पी
इस खुशी का मतलब है हमारा शरीर फिट और ऐसा हो जिस पर हम गर्व करें। इन सब को व्यवस्थित और बैलेंस रखने के लिए हम रोज एक्सरसाइज करें, हेल्दी डाइट लें अपने शरीर में स्ट्रेच करें और खुश रहने का प्रयास करें।
आध्यात्मिक खुशी
आध्यात्मिक खुशी के लिए हम अपने जीवन का मूल्य समझे अपने जीवन में क्या स्वीकार करना है इसको भी जाने आंतरिक खुशी जब आती है तब यह यह परिवर्तन दिखाई देते हैं। हमारा चेहरा खुशी से चमकने लगता है चेहरे पर अजीब सी ऊर्जा की झलक दिखाई देने लगती है। हमारी मुस्कान अंदर से आती दिखाई देती है। हमारा बॉडी लैंग्वेज का स्तर बढ़ जाता है। हमारी वाणी में तेज नजर आता है।
हमारा स्वभाव मजाकिया और सकारात्मक हो जाता है। हम आसपास के लोगों से खुश रहने लगते हैं,उनसे अपने मन की बातें करते हैं और उनसे उनके दिल की बातें भी पूछते हुए दिखाई देते हैं।जब हम खुश होते हैं तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है हम खुद पर विश्वास करने लगते हैं।अपनी कमजोरियों से को दूर करने का प्रयास करते हैं। हमें अपने मजबूती और स्वयं पर गर्व होता है।
जब खुशी आती है तब हमारा कम्युनिकेशन और सोशल संबंध भी तेज गति से बढ़ने लगता है। हम अपने आसपास के लोगों से घुलने मिलने लगते हैं, उनसे बातें करते हैं,उनको अपनी बात बताते हैं और स्वयं को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत करते हैं। जय श्री राधे आपका आभार
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं