टेशन को दूर करने के लिए हँसी एक ऐसी दवा है जो शीघ्र ही तन और मन दोनों को स्वस्थ करके स्फूर्ति पैदा करने में सक्षम है।
हंसी की क्यों जरूरत है
हास्य जीवन में आनन्द और उल्लास बिखेरता है, रस धारा छोड़ता है और तनाव दूर करता है। हास्य वह टॉनिक है जो थके मांदे मनुष्य को नई ताजगी प्रदान करता है। हास्य कटुता, मनोमालिन्य एवं सन्देह के कोहरे को काटता है और आपसी कलुषता एवं अविश्वास को समाप्त करता है।
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हास्य क्या है
हास्य हमारा आन्तरिक मन का मैकेनिक है, जो हमें मुफ्त सेवा देता है। वह हमारी मानसिक मशीनरी को अच्छी स्थिति में रखने के लिए उसके निरीक्षण, समायोजन आदि की व्यवस्था करता है। हास्य- परिहास की आदत न केवल तनाव को दूर करती है वरन् हमको हर दिलअजीज और आकर्षक बनाती है।
स्वस्थ जीवन के लिए हास्य क्यों
चिकित्सा विज्ञान अब इस बात को मानने लगा है कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हँसना, परिहास करना बहुत प्रभावी है। यदि आप बीमारी के दौरान हँस सकें तो जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे और अगर स्वस्थ रहकर भी नहीं हँस पाये तो शीघ्र ही स्वास्थ्य खोने लगेगा,बीमारी घेर लेगी। इसीलिए हास्य को स्वास्थ्य प्रदान करने वाली महाऔषधि भी कहा जाता है।
हँसने वाले लोगों का जीवन
हँसने वाले लोग आत्महत्या नहीं करते उन्हें दिल के दौरे नहीं पड़ते, हँसी उनको निर्मल करती है। अतीत के कूड़े कर्कट को झाड़कर एक नई दृष्टि देती है। ज्यादा जीवन्त, ऊर्जावान और सृजनशील बनाती है।
रोग और दर्द निवारक
कोई व्यक्ति यदि किसी ऐसे रोग से पीड़ित है, जिसमें उसे दर्द बहुत ज्यादा होता हो, अगर वह दस मिनट इतना खुलकर हँस ले, कि उसके पेट में हँसते-हँसते बल पड़ जायें तो इससे उसे दो घण्टे की दर्द रहित नींद, हासिल हो सकती है।
हास्य का अर्थ
जानकार् लोग हास्य की तुलना ‘अंदर की जॉगिंग’ से भी करते हैं उनके अनुसार दिन में सौ बार हँसने का अर्थ है कि आपने दस मिनट तक पानी में किश्ती चला दी।हास्य से हृदय के धड़कनों की दर बढ़ जाती है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और शरीर की तमाम मांसपेशियाँ मजबूत हो जाती हैं।
हमारा मित्र वह होता है जिसके साथ हमारा मन मिलता है,जिसकी आदतें हमसे मिलती है,जिसके साथ समय बिताना,जिसकी आदतें और व्यवहार हमको पसंद आता है।अपने मित्र को हम स्वयम चुनते
खुलकर हँसने से एंडोर्फिनस नामक हार्मोन स्रावित होता है जिससे न केवल हमें खुशी मिलती है, बल्कि हमारी सोच भी सकारात्मक बनती है। एंडोर्फिनस बढ़ने से तनाव को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार कार्टिसोल हार्मोन कम हो जाता है।
हास्य से आरोग्य
हँसने पर मांसपेशियों का खिंचाव होता है, रक्तचाप नियंत्रित होता है और रक्त में ज्यादा ऑक्सीजन पहुँचती है।खुलकर हँसना दर्द निवारक का काम करता है। अध्ययन में यह पाया गया कि हँसमुख लोगों में आमतौर पर दर्द निवारण के दवा की आवश्यकता कम ही पड़ती हैं
बच्चों के जीवन से सीखें
हँसी से रोगाणुओं से लड़ने वाली कोशिकाओं का विकास तीव्र गति से होता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
एक अध्ययन के अनुसार 4 साल का बच्चा दिन में औसतन 300 बार हँसता है, लेकिन 40 वर्ष का व्यक्ति मुश्किल से 40 बार । खिलखिलाकर हँसना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
दोस्तों का साथ भी अधिक हास्य प्रदाता
यही नहीं जब हम दोस्तों के साथ होते हैं तो 30 गुना ज्यादा हँसते हैं। लोगों से घुलने-मिलने और हँसने से दिमाग और सोच पर भी सकारात्मक असर पड़ता है यह हंसना हमें स्वस्थ और टेंशन मुक्त रखने में मददगार होता है।
नकारात्मक व्यक्तियों से दूर रहे
उन लोगों को जीवन से निकाल बाहर करें जो जीवन को चीखते-चिल्लाते हुए व्यतीत करते हैं। ध्यान रहे, जो व्यक्ति हँस नहीं सकता, वह प्रसन्न और सुखी भी नहीं रह सकता। हँसते-मुस्कुराते हुए व्यक्ति का न केवल सभी स्वागत करते हैं, अपितु उसके साथ ही रहना चाहते हैं ।
हँसी एक वरदान, तनाव सहित कई समस्याओं का समाधान
हँसी मनुष्य को मिला बहुत बड़ा वरदान है। जब हम हँसते हैं तो न जाने क्या होता है कि मन का पोर पोर खिल उठता है। विज्ञान यह भी कहता है कि हंसी से शरीर का रोम-रोम आनंदित होता है और दिमाग तनावमुक्त हो जाता है।आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में लोग इतने व्यस्त और तनावग्रस्त हैं कि हँसना भूलते जा रहे हैं।
हास्य की आदत डालें
अगर लोग थोड़ा सा खुश रहने और हँसी मजाक की आदत डाल लें तो हर मानव की कई मनोवैज्ञानिक समस्याएँ अपने आप दूर हो जाएंगी। जिन्दगी एक हसीन ख्वाब है, जिसमें जीने की चाह होनी चाहिये,तनाव अपने आप चला जाएगा, सिर्फ हँसने की आदत हमारे अंदर होनी चाहिए।
हँसी का ठहाका तनाव की रामबाण दवा
हँसने से तनाव बहुत जल्दी दूर हो जाता है। दिल के रोगी के लिए स्वस्थ हँसी बहुत फायदेमंद है। हँसने से ब्लडप्रेशर कन्ट्रोल रहता है।-हँसने से शरीर में विभिन्न प्रकार के हार्मोन्स का संचार होता है और ब्लड सर्कुलेशन के सुधार में भी सहायक होता है। हँसने में किसी प्रकार की शर्म या संकोच नहीं करना चाहिए। आप ठहाका मारकर हँसें,क्योंकि हँसी का ठहाक्रा तनाव की रामबाण दवा है।
बढ़ती उम्र के साथ हंसना और जरूरी
हँसी और ठहाके उम्र और समय के साथ बदलते हमारे व्यवहार मे भी जिन्दादिल रखते हैं। हमारे अंदर बचपना बनाए रखते है। आमतौर पर देखने में आता है कि इंसान जैसे-जैसे उम्रदराज होता है, समझदारी और परिपक्वता उसके व्यवहार का हिस्सा बन जाती है,इससे जिन्दगी कभी-कभी बोझिल भी बन जाती है लेकिन जीवन को बोझिल बनाने के बजाय हँसने-हँसाने के मौके तलाश कर जिन्दादिली को जीवंत रखा जा सकता है।यूँ जिन्दगी रो के जिए तो क्या जिए. तलाश लो कुछ बहाने हँसने-हँसाने के लिए।
हास्य के लिए भी कुछ समय जरूर निकालें
जब हम हँसते हैं तो खुद ही नहीं आस-पास का माहौल भी खुशहाल हो जाता है। इसलिए आज की भागमभाग भरी जिन्दगी में कुछ पल निकालकर ठहाके लगाने की अपील डॉक्टर, शिक्षक, योगगुरु सहित घर के बड़े बुजुर्ग तक कर रहे हैं आप भी लगाइए – ठहाके ।
सुबह की सैर के समय हासय
सुबह की सैर करने वाले सामूहिक ठहाका लगाते हैं और इससे थके-हारे फेंफड़ों को ऊर्जा मिलती है।हँसना एक औषधि है। यह औषधि बिना पैसे के मिलती है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। लड़कियों की खूबसूरती का राज भी यही है कि वे पुरुषों से ज्यादा हँसती हैं।
हंसी एक दवा
हँसी शरीर के लिए पेनकिलर की तरह है। हँसी संक्रामक है। आसपास के लोगों को हँसते देख आप भी हँसने लगते हैं।आजकल विटामिन की गोलियाँ असर नहीं कर रही है,तो हँसिए ,अपनी पहचान बनानी है तो मुस्कुराइए। जिंदादिली से जीना है तो ‘प्लीज कीप स्माइल’ । हमारी हंसी भगवान के हस्ताक्षर आपकी मुस्कराहट आपके चेहरे पर भगवान के हस्ताक्षर हैं उसको क्रोध–करके मिटाने या आंसुओं से धोने की कोशिश न करें।
हंसिए – खूब हंसिए क्योंकि
हँसी बिलकुल मुफ्त है, मिलावट का कोई डर नहीं, कोई साइड इफेक्ट नहीं, समय की पाबंदी नहीं ।
अस्पतालों में लाफ्टर थैरेपी
अमेरिका तथा अन्य पश्चिमी देशों के अस्पतालों में भर्ती रोगियों को रोग से जल्दी छुटकारा पाने और रिकवरी हो सके इसलिए हास्य थैरेपी का प्रयोग वहाँ बढ़ता जा रहा है,अब यह स्वीकार कर लिया गया है कि हमारा शरीर खुलकर हँसने पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।
शोध से प्रमाणित
दशकों की शोध के बाद यह भी साबित हो चुका है कि कसरत की तरह हास्य भी तनाव दूर करता है। दर्द को बर्दाश्त करने की क्षमता को बढ़ाता है,और ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है। हृदय की बीट को सही करता है। माँसपेशियों को मजबूत बनाता है,और पेट की गैस को खत्म करता है। दरअसल हास्य 100 बीमारियों की एक दवा है।हृदय की असहनीय पीड़ा का निदान है हंसी। हँसी अपने आप में एक चिकित्सा और टॉनिक है। अगर आप हँसते, दिल खोल लेते अपनों के साथ तो आज दिल को नहीं खोलना पड़ता, औजारों के साथ
हँसी की औषधि में करें स्नान
डॉक्टर होम्स ने एक स्थान पर कहा है- हँसी परमात्मा की दी हुई औषधि है। यह ऐसी औषधि है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को स्नान करना चाहिए।
हँसी की क्रिया के पश्चात् शरीर को वैसी ही ताजगी और स्फूर्ति प्राप्त होती है जैसी गहरी नींद सोने से होती है।हँसी से शरीर के समस्त अंगों का तनाव दूर हो जाता है और समस्त शारीरिक तन्तु ढीले पड़ जाते हैं इससे ताजगी और विश्रांति मिलती है।
प्रसन्नता के साथ हँसी का ठहाका
प्रसन्नता हमारे तनाव को काटती है, चिन्ता को भेदती है, हमें सहज करती है। प्रसन्नता तो प्रेशर कुकर में लगी सिटी की तरह है। जब प्रेशर कुकर में वाष्प का दबाव बढ़ जाता है तो प्रेशर रिलीज करने के लिए सीटी बज जाती है।
अगर सीटी या ढक्कन में कुछ खराबी आ जाए तो अत्यधिक दबाव के कारण कुकर फट भी सकता है। मनुष्य के मन में भरी चिन्ता और तनाव कुकर में भरे हुए प्रेशर की तरह ही हैं। अगर आप प्रसन्नता के साथ हँसी के ठहाके की एक सीटी बजा देंगे तो आप महसूस करेंगे कि भीतर का तनाव कम हो रहा है। धीरे-धीरे तनाव के ढक्कन को खोल दो आप पूरी तरह तनाव मुक्त हो जाएंगे।
हँसी जादू का पिटारा है,खुलते ही गम दुर
हँसने से स्ट्रेस (तनाव) पैदा करने वाले हार्मोन्स का स्त्राव भी कम हो जाता है। यही कारण है कि हँसने-हंसाने वाले लोगों में तनाव का स्तर कम हो जाता है। हमेशा खुश रहना और अपने आसपास के लोगों को खुश रखना भी एक कला है। जिन्दगी को बेहतर और खुशहाल बनाने के लिए हँसना बेहद जरूरी है। हँसी वो जादुई पिटारा है, जिसके खुलते ही सब गम दूर हो जाते हैं। हास्य-विनोद रिश्तों पर पड़ी बर्फ को हटा देता है। हँसी रिश्तों के लिए टॉनिक का काम भी करती है।
तनाव की नाव से उतर कर हँसी के जहाज पर सवार हो जाओ
इंसान को इंसान बना रहना है,तो उसे हमेशा हँसते रहना चाहिए।हँसी भगवान् की देन है।चुटकुले और हँसने-हँसाने के लिएकार्टून छपते हैं, हँसने-हँसाने के लिए
लाफ्टर शो आते हैं, हँसने-हँसाने के लिए
कॉमेडियन होते हैं,अतः आप भी हंसिए।
हँसी और खुशीजीवन की असली संपदा है। जिन्दगी तनाव में बीत रही है। तनाव की नाव से उतरिए और हँसी के हवाई जहाज में चढ़िए
अनमोल हँसी के मोल को न गवाएं व्यर्थ
हँसने-मुस्कुराने के लाभ से पूरी दुनिया को अवगत कराने के लिए हास्य – क्लबों की स्थापना की जा रही है। तनाव और दुःख को दूर करने के लिए हँसी एक दवा का काम करती है जो शीघ्र ही तन और मन दोनों को स्वस्थ करके स्फूर्ति और उमंग पैदा करने में सक्षम होती है। दिल से निकलने वाली हँसी कुछ ही क्षणों में मांसपेशियों को आराम पहुँचाते हुए शारीरिक व मानसिक तनाव से छुटकारा दिलाती है।
यह हकीकत है, स्वस्थ हँसी व्यक्ति को किसी भी परेशानी से उबारने में कारगर होती है साथ ही रिश्तों को भावनात्मक जुड़ाव देकर मजबूती प्रदान करती है। संबंधों को प्रगाढ़ और बेहतर बनाने के लिए आपसी मेल-मिलाप के साथ मिलजुल कर हँसना भी जरूरी है। क्यों की प्रतिदिन के पारस्परिक,क्रियाकलापों में जितनी खिलखिलाहट होगी उतना ही मन स्वस्थ, प्रसन्न, शान्त और उत्साहित होगा ।
अतः अपनी अनमोल हँसी के मोल को व्यर्थ न गवाएं,खुलकर हँसे, और टेंशन से छुटकारा पाएँ।
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं