Happiness ke liye Kya karein | World Happiness Day 2022
खुशी,प्यार,दया और मन की शांति यह सभी मानव को ईश्वर से मिले अनमोल उपहार हैं।संसार का प्रत्येक मानव अपनी जिंदगी में मन की प्रसन्नता चाहता है। सारे जीवन भर खुश रहना चाहता है, किंतु उसे यह मालूम नहीं होता कि यह खुशियां उन्हें कहां मिलेंगी, किस तरह से वह इसे प्राप्त करें ,और बस अपना सारा जीवन इन बातों को जानने में ही व्यतीत कर देता है, और फिर भी ज्ञान की कमी से इससे वंचित ही रह जाता है।
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हर उम्र में खुशियों के साधन अलग: | Happiness ke liye Kya karein
हम सभी मानव जन्म से लेकर जीवनपर्यंत अलग-अलग उम्र में अलग-अलग तरह के साधनों के द्वारा या माध्यम से खुश होते हैं। यह खुशी किसी के लिए कुछ और किसी के लिए कुछ होती है, किंतु सच्ची खुशी हमें किन साधनों से मिलती है,इसका हमें ज्ञान होना अति आवश्यक है।
What is true meaning of happiness:
निरोगी काया:-
विभिन्न प्रकार की सच्ची खुशियां हमें विभिन्न माध्यमों से मिलती है। सच्ची खुशी जब हम स्वस्थ होते हैं,जब हमारे परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ होते हैं ,प्रसन्न दिखाई देते हैं, तब हमें होती है। सच्ची खुशी हमें अपने परिवार के साथ सभी सुख दुख में साथ रहने से मिलती है। परिवार के साथ रहने से हम अपने जीवन को आराम से,हंसी खुशी बिता पाते हैं।
मां लक्ष्मी की कृपा:
माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा से जीवन हमारा सुख, समृधि, और खुशहाली से चल पाता है। इनकी कृपा के लिए प्रत्येक मानव को निरंतर प्रयासरत अपने कर्मों को पूरी श्रधा से करते रहना चाहिए, माँ लक्ष्मी की कृपा जरूर होती है।
हमारे घर की home maker, गृहिणी://
मधुर भसिनी नारी घर की शोभा होती हैं। ये घर को अपनी मधुर वाणी, और प्यार से घर के प्रत्येक रिश्तों को बांधे रखती है।
अज्ञाकारी पुत्र:
माता पिता की सबसे बड़ी सेवा उनकी आज्ञा का पालन करना होता है। जब पुत्र उनकी आज्ञा के अनुसार कार्य करता है, उनके जीवन के अनुभव का आदर करता है, तब परिवार के सभी रिश्ते प्रसन्नता पूर्वक अपनी जिंदगी हंसी खुशी से बिता पाते हैं।
सुन्दर वास, स्वदेश में वास:
घर सजा हो तो घर में रहने वाले सभी प्राणी आनंद और उत्साह से अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर पर परिवार के साथ ही बिताने का प्रयास करते हैं। एक साथ घर पर सब मिलजुल कर खाना, समय बिताना उनकी खुशी में नित नये रंग भरता है।
संतोष रूपी धन//
यूँ तो लाभ जैसे जैसे बढ़ता है, लोभ भी बढ़ते जाता है, जो कई बार हमारे लिए चुनौती में बदल जाता है। इसलिए अगर हम एक स्थिति तक आर्थिक स्वतंत्रता को प्राप्त कर लें तो हमें संतोष को मित्र बना कर जीवन को हंसी खुशी से जीवन यापन की योजना बना कर, जीवन का आनन्द लेना चाहिए।
आर्थिक स्वतंत्रता , कर्ज मुक्त जीवन:
कर्ज मुक्त इंसान का जीवन ही असल में खुशी से भरा होता है।
Nirmal tantia…..
बहुत सारे सच्चे मित्र//
सच्ची खुशी हमें हमारे सच्चे मित्रों से मिलती है।हम बिना झिझक उनसे सब तरह की अपने मन की बात कर सकते हैं। इन सच्चे मित्रों के साथ रहने से हम अपने पिछले अतीत को भूल जाते हैं, उनके समक्ष अपने मन की सभी बातें रख कर हल्का महसूस करते हैं ।उनके साथ भोजन करना, उनके साथ घूमना ,उनके साथ हंसी मजाक कर हम अपने मन मस्तिष्क को नई ऊर्जा देते हैं।जीवन में जितने हमारे सच्चे मित्र बढ़ते हैं उतनी हमारा hapiness level बढ़ता चला जाता है।
हमारा स्वभाव:|
जब दूसरों को हम अपने स्वभाव द्वारा आकर्षित करने की कला में माहिर हो जाते हैं, तो हमारे मित्र दोस्त बढ़ने लगते हैं,हमारे साथी, और सहयोगी बढ़ते रहते हैं। परिवार में भी सब हमें सब पसंद करने लगते हैं ।तब हम अपने आप को खुशियों से मालामाल महसूस करते हैं। रोज का जीवन के उत्सव में आना जाना हमारे जीवन में इंद्र धनुष के सातों रंगो का निखार लाता है।
प्रकृति का साथ
प्रकृति के साथ जुड़ कर भी हम अपने आप को अद्भुत ऊर्जावान महसूस करते हैं। प्राकृतिक साधन ,जैसे हवा , पानी ,बाग, बगीचों में पक्षियों की आवाज को सुनना शुद्ध ताजा हवा को ग्रहण करना, सूर्य की भीनी भीनी रोशनी से अपने शरीर को स्नान कराना, हमें प्रसन्नता देता है।
परोपकार की भावना, दान|
हम किसी के लिए परोपकार की भावना से जब उसके दुख में उसकी तन मन धन से सहयोग करते हैं तब हमें मन में खुशी मिलती है, हम अपने मन को ऊर्जावान बनाते हैं।
मन में किसी तरह का छल कपट ना रखना , सच्चाई, ईमानदारी और वफादारी से अपना जीवन यापन करना ,मन में किसी के प्रति कभी राग और द्वेष का ना होना कि हमें खुशियां देता है, हमें मानसिक शांति देता है।
दूसरों की उन्नति से मिलने वाली खुशी भी हमें खुशियां देती है। और जब उनकी खुशियों से हमें खुश होने की आदत पड़ जाती है, हम सारा जीवन खुशहाली से बितने लगता है।
अपने कार्य से प्यार करना, अपने कार्य में सदैव लगे रहना, निश्चित रूप से हमें एक ना एक दिन प्रसन्नता देता है ,खुशियां देता है।हम अपने आप में गौरान्वित् महसूस करते हैं।
संत समागम और हरि कथा, सत्संग:-
हमारी खुशी का ग्राफ उस समय खुशी की दौड में शिखर पर होता है, जब हमारा मिलन किसी संत से जीवन में होता है। यह संत हमे सत्संग से जोड़ता है, जिससे हमें धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष चारों की प्राप्ति अपने आप हो जाती है, और खुशियाँ ही खुशियाँ भरा जीवन हमारा हो जाता है।
अच्छा पडौसी, संग|
अच्छा पडौसी हमारे सबसे प्रथम का सुख दुख का साथी होता है। बहुत ही नसीब और सत्कर्म के प्रभाव से हमें सच्चा neibourge मिलता है। हर संभव इनसे अच्छे रिश्ते हमें खुशी देते हैं।
समाज और रिश्तों में खुशी की भावना का विस्तार..
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है ना यह अकेला रह सकता है, न ही अकेला अपने कार्य कर सकता है। जीवन में हर क्षण उसे परिवार और समाज के लोगों की जरूरत sharing aur caring के लिए पड़ती है। इससे चारों तरफ से शुभ भावना ,प्यार की भावना आती है, और सारा समाज, प्रसन्नता और गौरवान्वित महसूस करते हैं। इस सिद्धांत के तहत हमें सबसे अपनेपन की भावना का अधिक से अधिक विस्तार हो, इसका प्रयास करना चाहिए।
खुशी सबकी साझी: सबका अधिकार:
जीवन की खुशी गुलाब ,चमेली, मोगरा, आदि विभिन्न रंग-बिरंगे पुष्पों की सुगंध की तरह होती है। जिस तरह फूलों की सुगंध को कोई एक व्यक्ति अपनी मुट्ठी में बंद कर कैद करके नहीं रख सकता,उसी प्रकार खुशी भी एक व्यक्ति की बंदिशों में कैद करके नहीं रखी जा सकती। खुशी भी चारों तरफ अपने आप ही प्यार और खुशियां जगा देती है, मनुष्य का मन सुमन बनता है और उसे खुशियों की प्राप्ति होती है।मनुष्य का मन जब शांत,सरल और सकारात्मक विचारों से भर जाता है,तभी जिंदगी की असली खुशी, असली सुख मिलता है।
All gift of universe are for all://
धुप की किरणें सबके लिए होती है, बहती हुई हवा सभी जड़ चेतन वस्तु को ऊर्जा देती है, नदी का बहता पानी सभी जीवो की प्यास बुझाता है ,इसके अलावा प्रकृति की सभी वस्तुएं सभी जीव के लिए होती है ,इसी तरह खुशी भी सब की संपत्ति है यह हर मानव के जीवन में समान रूप से बहती है। . …
खुशियां बांटने से बढ़ती है:
खुशियों के जितने भी साधन, जितनी भी भावनाएं हैं ऐसा देखने में आता है उनसे जीवन में निम्न बातें निरंतर बढ़ती चली जाती है। मन का संतोष,शांति, दया,और प्यार।सुख बांटने से बढ़ता नजर आता है। ज्ञान, खुशी,मानसिक आनंद, आत्म क्षमता, आत्मविश्वास,सुविचार पुस्तकों से प्यार, प्रेरणा भरे संदेश ,सम्मान देने की आदत, उत्साह बढ़ाना, शौर्य और परंपरा का क्रम बढ़ाना,सहने के लिए प्रेरित करना ही खुशियों का संचार करता है। …..
अपने आप को खुश और प्रसन्न रखने के अपने रूप , स्वभाव और अपनी ताकत को सर्वोच्च बनाने की दिशा में काम करते रहने से मिलती है, खुशियाँ ही खुशियाँ।….
जय श्री krishna|
Thank you