Happy daughters day 2022

Happy daughters day 2022 | हमारी बालिकाएं और खुशियां

बालिका दिवस पर समर्पित। इस पवित्र दिन पर आज मेरा मन किया मैं हमारी बालिका के ऊपर कुछ विचार प्रकट करूं।

Table of Contents

बलिकाएं जलयान के समान | Happy daughters day 2022

हमारी बालिकाएं उन जलयान की तरह है जिन्हें कभी ना कभी समुद्र में जाना ही होगा और समुद्र में उन्हें अकेले ही अपनी मंजिल तय करनी होगी ,अतः इनको प्रशिक्षण देना अति आवश्यक है।

निर्णय लेना सिखायें।

उनको प्रबंधन के तरीके जीवन में सिखाना हर पिता का कर्तव्य है, और इस पर हर माता-पिता को कार्य करना चाहिए। जीवन में किस तरह वे खुश रह सकें और अपने जीवन में किस तरह कदम कदम पर निर्णय ले सकें। अपनी सुरक्षा वे किस तरह कर सकें,किस तरह खुश रह सकें इसकी शिक्षा उन्हें हर माता-पिता को देनी चाहिए।

खुद बालिका की मिसाल बनें।

हम बालिकाओं के लिए एक उदाहरण बनें कि उन्हें  हमारे पद चिन्हों पर चलने की प्रेरणा मिले। वे संसार में बुद्धिमान बनें। बालिका जन्म से लेकर अंत तक अपने माता पिता की  बेटियां ही बनी रहती है।

बालिकाएं वैसी ही होती हैं जैसी मां होती है। ऐसा देखा जाता है और हकीकत में हमारी बालिकाएं अपनी मां का ही प्रतिरूप होती है ,क्योंकि वे मानसिक तरंगों से अपनी मां से जुड़ी होती हैं । वे अपनी मां को देखकर , जीवन में बहुत कुछ सीखती हैं जो उन्हें जीवन में आगे का मार्ग दिखाती है।

स्वभाव।

 बालिकाओं के  स्वभाव से सब प्रेम करते हैं ।इस तरह हमें अपनी बालिकाओं के  स्वभाव पर विशेष ध्यान देना सिखाना चाहिए ,जिसके तहत हर समय चेहरे पर मुस्कुराहट बनाकर रखना, सकारात्मक विचारों को हर परिस्थिति में बना कर रखना, अच्छे शब्दों का प्रयोग व्यवहार में करना, यह सब सिखाने की जरूरत है, जो उन्हें आगे के जीवन में खुशियों देती हैं।

चेहरे के आभूषण मुस्कान का महत्व बताएँ।

हमें अपनी बालिकाओं को यह बताना है कि हम मुस्कुराते इसलिए नहीं क्यों कि हम कुछ हैं, बल्कि हम कुछ इसलिए हैं क्योंकि हम मुस्कुराते हैं।हमारी बालिकाएं अपने कान और आंखों के द्वारा हर समय देखती है और सिखती है। इसलिए उनके सामने हम माता पिता को बहुत ही आदर्श और अनुकरणीय जीवन प्रस्तुत करना चाहिए ,जो उनके जीवन को खुशियों से भर सकता है ।

खुश रहने की कला बतानी चाहिए।

उन्हें आत्म नियंत्रण के बारे में भी हमें बताना चाहिए और खुश रहने के लिए उन्हें क्रोध और ईर्ष्या से दूर  रहने का महत्व भी जरूर बताना चाहिए।अपनी बालिकाओं के सामने हर माताओं को यह ध्यान रखना कि अपने पति  या अपने घर के किसी सदस्य या नौकरों पर झुंझलाहट नहीं करें,और यदि कभी झुंझलाहट हो भी जाए तो अपनी बेटी के सामने तो अपनी गलतियों को कबूल करके  उन्हें समझाएं तभी आप नायक बन पाएंगी ,अपनी बेटी की नजर में। परिणाम स्वरूप बालिकाएं भी जीवन में खुश रह  सकेंगी।

केरियर उनके शौक के अनुसार चुनने की आजादी दें।

अपनी बालिकाओं पर हमें अपने निर्णय अपने लक्ष्य नहीं थोपने चाहिए ।बल्कि उन्हें उनके शौक के अनुसार अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि वह खुश रह सके।

घर और बाहर सभी कार्य में आगे रखे।

हमें अपनी बालिकाओं को प्रतिदिन घरेलू कामों में मदद करने के लिए भी प्रोत्साहित  करना चाहिए। उन्हें जीवन की वास्तविकता से अवगत कराना भी बहुत जरूरी है, जैसे बैंक जाना, बिजली का बिल भरना, और अपने घर की सभी जिम्मेदारियां बखूबी निभाना, जो उनके आगे के जीवन को खुशियों से भरता है और वह खुश रह पाती हैं, अपने जीवन का निर्माण कर पाती है।

निर्णय लेने की छुट दें।

हमें उन्हें घर के बाहर कपड़े खरीदने, घर की सामग्रियां खरीदने, और छोटी बड़ी खरीद के लिए भेजना चाहिए ताकि उन में निर्णय लेने की शक्ति का विकास हो सकें।हर पिता  का यह कर्तव्य है कि वह अपनी बालिका के बढ़ते कदमों के पीछे कदम रखें और उन्हें  साहस, आत्मविश्वास, सहायता और सही मार्गदर्शन करें और जब उन्हें जरूरत हो पीछे से सलाह के रूप में उन्हें जीवन के रहस्यों से अवगत कराएं।

शिक्षा के साथ जीवन शिक्षा भी।

शिक्षा समृद्धि का गहना है ।स्कूल और कॉलेज से तो बालिका शिक्षित होती ही हैं। अपनी बालिकाओं को प्यार एवं पैसे से खरीदी जा सकने वाली  शिक्षा तो देना ही चाहिए जो उनसे कभी कोई छीन नहीं सकता, ले नहीं सकता।और शिक्षा भी उन्हें सिखाना बहुत जरूरी है, इससे वे परिणाम स्वरूप सदैव खुशहाल और संपूर्ण बनी रहती है ।

इसके अलावा उन्हें नई कलाओं का विकास और नई नई गुणों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें।

अपनी बालिकाओं को ऐसे मित्रों , ऐसे रिश्तेदारों , ऐसे रिश्तेदार के घरों में भेजें जहां कुछ बेहतर और अलग वातावरण मिले जहां से वे  कुछ सीख सकें तथा उनकी पुत्रियों को भी अपने घर में  निमंत्रण करें जो दोनों को खुशियां देते हैं।

हमें अपनी बालिकाओं को सांसारिक दृष्टि से समझदार बनाना जैसेलोगों को समझने की कला सिखाना, उनके बारे में जानने की कला ,भविष्य में दूर तक देखने के लिए दूर तक सोचने के लिए उनके मस्तिष्क के विचारों को अपने अनुभव द्वारा बांटना, उनके साथ समय बिताकर उन्हें नए-नए  तरीकों को सिखाना हर परिस्थिति में कैसे निपटा जा सकता है उन्हें इसकी शिक्षा देना  उन्हें खुशियों से  भरता है।

अपनी बालिकाओं में ऐसा विश्वास बनाकर रखना चाहिए कि उन्हें हर परिस्थिति ,हर माहौल, हर सुख-दुख, की बातों को वे आपके साथ बिना भय के चर्चा कर सलाह कर निर्णय ले सकें जो उन्हें खुशियां देता है।

पिता क्या करें।

बालिका के साथ ड्राइविंग पर जाएं उन्हें स्कूल कॉलेज या मित्रों के यहां छोड़नेजाएं, इस दौरान उनके साथ रहकर  उनके अनुभवों को पूछें और उनके साथ संवाद करें।अपनी बालिकाओं को छोटे-छोटे दैनिक कार्य में शामिल करें, उन्हें अपने साथ बाजार ले जाए ,उन्हें मोलभाव करना सिखाए परंतु जीवन में अपनी बालिकाओं के प्रति हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह हमें देख रही हैं जब तक हम इमानदार ,सच्चाई, निष्कपटता ,को अपनी आदत नहीं बना लेते हम अपने बालिकाओं के नजर में नायक  नहीं बन सकते इसलिए हमें ऐसे कार्यों का चयन करना चाहिए जिस पर हमारी बालिका हम पर गर्व करें।

उनको सपने देखना और सच करना सिखाएं।

बालिकाओं को हमें प्रकृति की विशाल सुंदरता और सितारों से भरे आकाश आदि के बारे में भी ज्ञान कराना चाहिए।अपनी बालिकाओं को हमें उनके सपनों को साकार करने में प्रोत्साहन देना चाहिए यदि व जीवन में कुछ करना चाहती है कुछ बनना चाहती है जैसे डॉक्टर इंजीनियर पायलट तो हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए ।

खाने की मेज पर एक साथ अपनी बालिका और बालक के साथ बैठकर भोजन करना इस दौरान उनसे बातें करना उन्हें और हमें दोनों को खुशियां देता है।

पिता का व्यवहार अपनी बालिकाओं के प्रति थोड़ा कठोर रहता है परंतु यह सदेव जरूरी नहीं है पर यह कठिन सत्य भी है। अपनी बालिकाओं की छोटी-छोटी भूलों को याद नहीं रखना चाहिए जिससे वह प्रसन्नता और आनंद का अनुभव कर सकें।अपने बच्चों के लिए समय  का निवेश करे ।

जैसे-जैसे बालिकाएं बड़ी होती है, टेलीफोन उनका परम मित्र बन जाता है। उन्हें इसके महत्व को भी बताना चाहिए इसके अतिरिक्त बालिकाओं का ध्यान इस बात पर भी लाएं फोन पर कभी ना खत्म ना होने वाले कार्य ना करें।

बालिकाओं को भोजन पकाने संबंधी महत्वपूर्ण कला को जरूर सिखाना चाहिए तथा उनकी प्रशंसा भी करनी चाहिए क्योंकि यह उनका प्रमुख गुण होता है।

बालिकाओं को प्यार ,अनुशासन,और रिश्ते  के महत्व को भी बताना अति आवश्यक है।

धन  के सही इस्तेमाल,  भूमिका, ,बचत ,निवेश  को भी हमारी बालिकाओं को सीखाने  की आवश्यकता है जो उन्हें निरंतर खुश रख सकती है।

बालिकाओं को प्रश्न पूछने का महत्व भी बताना चाहिए क्योंकि प्रश्न पूछने वाला कुछ मिनटों के लिए ही मूर्ख रहता है परंतु जो   प्रश्न ही नहीं पूछता वह सारे जीवन के लिए मूर्ख रह जाता है इसलिए हमें कोई भी आकांक्षा हो कोई भी प्रश्न हो बेझिझक अपने माता-पिता और मित्रों से पूछना चाहिए जो हमें खुशियां दे सकता है।

हमें  अपनी बालिकाओं को स्वस्थ रहने के लिए नित्य प्राणायाम व्यायाम और योगासन से जुड़े रहने के महत्व को भी सिखाना है ताकि उनका जीवन सदैव खुशियों से भरा रहे ।

मस्तिष्क की सजगता के लिए  पुस्तकों से प्रेम करना ,नई-नई पुस्तकों को पढ़ना ,पढ़ने की आदत का विकास भीअति आवश्यक है।

समय का मोल समझना इस डिजिटल युग में बहुत जरूरी है। टेलीफोन, सोशल मीडिया या टेलीविजन देख कर इस समय को वे अनुशासन से जुड़कर अपने समय को नई-नई कलाओं को सीखने में बिताएं।हमारी बालिका  समय के महत्व को समझ कर उसका उपयोग   कर खुश रह सकती ,है ,कुछ प्राप्त कर सकती है ,कुछ नया कर सकती है,।

नियमित समय पर सोना और उठना उनके लिए किस तरह लाभदायक हो सकता है वह भी महत्व हमारी बालिकाओं को बताने की जरूरत है

हमारी बालिकाओं को सुरक्षा, आत्मरक्षा की शिक्षा देना भी अति आवश्यक है। खतरे से लड़ना, अजनबी से सावधान रहना, किस तरह अपनी सुरक्षा करना किस किस जगह किस तरह के वस्त्र पहनना आदि सिखाना भी   बहुत आवश्यक है जो उन्हें खुशियों से भरता है।

सुरक्षा के लिए झूठ बोलना भी सिखायें।

अपनी सुरक्षा के लिए झूठ बोलना भी  हमें   बालिकाओं को सिखाना जरूरी है।

इस तरह कुल मिलाकर हमारे घर की  बालिकाएं, बेटियां, बहू और बहन के रूप में हमारे जीवन को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।इसके लिए उन्हें विशेष रूप से हमें तैयार करना शिक्षा देना तथा उन शिक्षा तथा गुणों  को भी देना जो उनके जीवन में निरंतर मार्गदर्शन कर सके, जो स्कूल या मित्रों से उन्हें नहीं मिल पाता देना अति आवश्यक है। ये शिक्षा   हम अपनी बालिकाओं को देकर उनके जीवन को आसान बनाते है,खुशियां से  भर सकते हैं।

ये  बालिकाएं दो  परिवारों को जोड़ती है  इसलिए इनको उचित शिक्षा देना अपने स्वयं के जीवन का निर्माण करने की तरह ही है ये बालिका का जीवन हमारे समाज का निर्माण करता है उन्हे भी  खुशी देता है और देश और परिवार को समृद्धि देता है।

  धन्यवाद

जय श्री कृष्ण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Get rich and be happy success it is necessary to be ready to listen Happiness as a goal 10 rules 9 Daily Habits to build up your stamina after 40 year Health Happiness and wellbeing for teenagers What is prayer? Don’t worry be happy? Every child is special Happy marriage anniversary The biggest issue queer teens are facing in India How to stop Overthinking and be happy Which is the powerful prayer time, for Happiness in life What is Good Money quotes, to attract more money 12 top idea how to set your financial Money and others goal for future 8 Diffination and Meaning of rich/and wealthy What are the 10 effective way to communicate? How to Get Rich and Stay Rich and Happy Always 7 simple ways to be happy How to Enjoy Summer Vacation Student