Give Respect and Honor to All

सबको आदर और सम्मान देना | Give Respect and Honor to All

खुशी प्राप्त करने का एक अद्भुत तरीका है हम सब को आदर देना सीखे, सबको सम्मान करना सीखें, क्योंकि आदर एक ऐसी अनमोल वस्तु है, जो व्यक्ति को यदि प्राप्त हो तो वह उस व्यक्ति के मन को खुशियों से मालामाल कर देती है।

आदर ऐसी भावना है जो दूसरे को देने या बांटने से परिणाम स्वरूप ,अपने आप लौट कर उसे प्राप्त हो जाती है। इसे बांटने से इसमें वृद्धि होती है।

अनुभव में भी यही आता है यह भावना प्रत्येक मनुष्य को प्यारी लगती है, सबके मन को रोमांचित करती है।

Table of Contents

सबको आदर और सम्मान देना | Give Respect and Honor to All

आदर, सत्कार, मान -सम्मान, मनुष्य के मन की खुशी का मूल आधार है। जैसे हमें अपना मान- सम्मान प्यारा लगता है, उसी प्रकार दुनिया के हर मानव को मान – सम्मान अच्छा लगता है। सभी अपनी खुशी के लिए चाहते हैं ,की सब उसे मान- सम्मान दें।

संसार का हर व्यक्ति समाज में कदम रखते ही मान सम्मान की आशा रखता है ,और चाहता है। सभी चाहते हैं,उसकी भी पूछ हो, क्यूँकि मानव एक सामाजिक प्राणी है। व्यक्ति को जब किसी से स्नेह और मान सम्मान मिलता है, तो वह खुद भी उस आदमी का आदर करने लगता है।

आदर के बीज मानव स्वयं बोता है उसके द्वारा बोए बीज़ से उसके जीवन में खुशी का पेड़ लगता है। खुशियां इधर उधर से हर पल विभिन्न रूप में आती रहती है, जो उसे जीवन भर खुश रखती है। हर मानव अपने दुख सुख के पलों में अपने साथ उस व्यक्ति को देखना चाहता है, जिसके प्रति उसके मन में आदर की भावना होती है।

आदर प्राप्ति की शुरुआत घर से|

हमसे घर पर जो लोग बड़े हो, उनको आदर देने की भावना से इसकी शुरुआत करनी चाहिए। इसकी शुरुआत अपने घर परिवार,माता-पिता, घर के बड़े बुजुर्ग, भाई बहन, से करनी चाहिए। यदि हम यह करते हैं तो हमारे बच्चे भी हमें देखकर सीखते हैं, इसे अपने जीवन में उतारते हैं।उन्हें भी बड़ों का आशीर्वाद मिलता है ,और बड़ों का आशीर्वाद,दुआएं उनके जीवन में सहज रूप से खुशियां ही खुशियां लेकर आती हैं।

दूसरों के द्वारा तुम अपना आधार चाहते हो तो पहले दूसरों का आदर करो।

आदर देने से ही आदर और खुशी मिलती है।

किसी को आदर सम्मान देने से हमको स्वयं ही उससे आदर सत्कार प्राप्त होता है,और यह सत्य है,समाज में आदर सत्कार प्राप्त करने के लिए व्यक्ति, क्या कुछ नहीं करता। इस प्रक्रिया के तहत समाज में समझदार मां बाप अपने बच्चों को सर्वप्रथम यही सिखाते हैं कि वे दूसरों को आदर सत्कार कैसे करें। मां बाप को यह पता होता है समाज में दूसरों को आदर देने से ही आदर मिलता है। अतः वे अपने बच्चों को बड़ों के पैर छूना, उन्हें प्रणाम करना, सिखाते हैं, इससे घर में खुशियों का माहौल अपने आप बनता है।

आदर भावना से खुशी तक की प्रक्रिया।

जब हम किसी को आदर देते हैं, किसी के पैर छूते हैं तो दूसरा व्यक्ति यही सोचता है, कि इसने अपने से बड़ा मुझे समझा है। क्योंकि आदर हमेशा बड़ों का ही किया जाता है, स्वयं को वह व्यक्ति बड़ा समझकर अपने आप में फूला नहीं समाता।वह सोचता है कि जिस व्यक्ति ने मेरा आदर किया है वह भी उसका आदर करे।

क्या मिलता है?

१)इससे,उसे भी प्रतिक्रिया स्वरूप दूसरों को आदर देना पड़ता है। जब व्यक्ति को कोई आदर देता है तो उसकी अंतरात्मा भीतर से प्रसन्न होती है, और आदर के बदले आदर देने को तैयार हो जाती है।
सम्मान की भावना एक दुसरे के प्रति बढ़ने लगती है।

२)दूसरों को आदर देने से नकारात्मक विचार समाप्त हो जाते हैं। सकारात्मक विचारों के श्रेष्ठ तत्व वायुमंडल में फैलने लगते हैं ।सकारात्मक विचारों की ऊर्जा माहौल में खुशी, नयापन, और उत्साह लाती है।

३)इस प्रक्रिया से व्यक्ति के मन के सारे संशय, भ्रम, चिंता, समाप्त होने लगते हैं।वह उत्साह, खुशी,के नए पंखों को महसूस करता है। उसे सर्वत्र फिर से खुशियां ही खुशियां दिखाई देने लगती है।

४)परिवार और समाज के लोगों से आदर मिलने पर व्यक्ति अपने जीवन को सरल, खुशहाल, महसूस करने लगता है। इस आदर सत्कार से लेकर खुशी के पहले तक की पूरी क्रिया मनोवैज्ञानिक होती है।

५)आदर और प्यार करने वाले मनुष्य की आयु ,विद्या, ज्ञान, यश ,और बल स्वयं ही बढ़ते हैं।मनुष्य को इन सब की प्राप्ति होती है तो वह आनंदित होता उसके जीवन में हर पल खुशी प्रवाहित होती रहती है ।

६)अपने से बड़े बुजुर्गों के वचनों का आदर उसे जीवन भर खुशी से भरे रखता है। अपने से बड़े का, अपने से अनुभवी इंसान के वचनों का आदर हमें बहुत सी चुनौतियों में फंसने से बचा लेता है।

सर्वश्रेष्ठ के वचनों का आदर

अपने से बड़ों के वचनों का आदर ही शायद इस पृथ्वी पर धर्म है। क्योंकि हम अपने पूर्वजों की कही हुई बातों को जीवन में मानते हुए ही पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रहे हैं। इसी से पृथ्वी चलती है, इसी से हवाएं बहती है ,इसी से सूर्य तपता है, इसी से इस सृष्टि का संचालन होता है। सारी अदृश्य शक्तियों की व्यवस्था, वचनों के आधार पर ही चलती है।

सभी धर्मों के सद्गुरु के वचन ही हमारे इन धर्म ग्रंथों में लिखे हैं, जिन्हें हम आदर देते हैं, पढ़ते हैं और अपने जीवन में उतारते हैं ,और खुश रहते हैं।

आदर और प्यार को प्राप्त करने के लिए।

१)लोगों को बहस से ना हराएं, वाद विवाद से न हराएं। आदर और प्यार देकर हराने की कला सीखे। सही और सोच समझ कर निर्णय लें, फिर ही अपने विचार रखे।

२)कुछ दिनों के लिए गायब हो जाएँ। कहीं उनसे दूर हो जाएँ।

३)खुद का समान करें।

४)सोच समझ कर बोलें।

५)बोलने और करने में समानता रखिए ।

प्यार और आदर को बताएं और दिखाएं.।।

प्यार एक ऐसी चीज है जिसे भावना द्वारा ही दूसरों को दिया जा सकता है। इसलिए इसे जताकर या बता कर अपने सामने वाले व्यक्ति को खुश करें ,और स्वयं भी खुश रहें।

आदर और प्यार जताने के तरीके।

इसके तहत हम उन्हें गले लगा कर ,हाथ मिलाकर, कंधे पर हाथ रखकर, थपकी देकर ,अपने प्यार को जता सकते हैं ,बता सकते हैं। गले लगाकर भी अपने प्यार को जताएं ,सिर्फ मन ही मन में प्यार की भावना रखने से यह नहीं फैलता। इसके लिए इसे बोलना और प्रदर्शित करना पड़ता है, कि मैं तुमसे प्यार करता हूं, तभी खुशी फैलती है।

सद्गुण और सत्कर्म से आदर सम्मान की प्राप्ति।

जब हम किसी व्यक्ति को आदर, सम्मान देते हैं तो वह व्यक्ति भी आदर सम्मान की भावना देने लगता है ,किंतु यह सम्मान और आदर की भावना उस व्यक्ति में किसी न किसी सद्गुणों के दिखाई देने पर ही,हमें उसकी और आकर्षित करती है ।उसके किसी सत्कर्म की झलक से यह तैयार होती है।

हर मानव इमानदार, वफादार ,मधुर भाषी ,सरलता ,सादगी, शालीनता, विनम्रता, आदि गुणों की ओर आकर्षित होता है। इन गुणों की वजह से ही वह सामने वाले व्यक्ति को आदर देता है। जो व्यक्ति सद्गुन धारण का महत्व जानता है ,उसे ही सबसे आदर मिलता है।

इसी तरह नेक कर्म करने वाले व्यक्ति भी अपने समाज और देश में सम्मान के पात्र बन जाते हैं। आज उन्हीं व्यक्तियों को लोग शीश झुकाते हैं, जो किसी सदगुणों से ओतप्रोत रहते हैं।उनको उनका सत्कर्म ही उन्हें आदर और प्यार दिलाता है ,यश दिलाता है,और इसी वजह से उसे आदर की दृष्टि से देखा जाता है।

आपके लिए समय देने वाला भी महत्वपूर्ण।

आज के इस भागमभाग भरे युग में जिसने हमारे लिए समय दिया, हमारे सुख-दुख में, हमारे जरूरत में,जो हमारे साथ खड़े रहे ,वही प्यार और आदर के पात्र बनते हैं खुशियां सौगात में प्रकृति उन्हें स्वयं देती है।

img 20210907 0356481723064060933394800

जय श्री कृष्ण।।

धन्यवाद।।……

Nirmal Tantia
Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 Secrets of a Happy Life How meditation gives miracle benefits in life 8 Free Ways to Boost Your Mood 10 Habits in Life give time to love, calm, and happiness The 5 key bases of happiness Benefits of Curiosity Achieve your goal in 7 ways Way to look confidence 10 best rules for mentally peace and happiness Student Benefits of mindfulness Practice your mindfulness is important 10 Top benefits of Laughter yoga This is your happier life style Geeta near Vishwa Guru India What is the main knowledge of Gita? 7 way for an instant happiness Happy Teachers day define Happy teacher’s day 5th September Thank you to our teachers on celebration of Teachers day Don’t forget