Where Does Happiness Come From ?
(Where does happiness come from?)खुशी आती कहाँ से है और जाती कहाँ है, इस बारे में अनेक मनोवैज्ञानिक व समाज–शास्त्रियों ने लंबा शोध किया है। वे इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि खुशी जहाँ से आती है, वहीं चली भी जाती है। फिक्र, उलझन, परेशानियाँ – इन सब बातों से हमारा मूड खराब हो जाता है,और खुशियाँ गायब हो जाती हैं। यह कोई नहीं कह सकता,कि मूड किस वजह से और कब खराब हो जाए और खुशियाँ कब गायब हो जाएँ।
Table of Contents
हमेशा सावधान रहें
जब आप बड़ी कामयाबी पाने के लिए तेज रफ्तार में काम करना शुरू करते हैं, तब जान लें कि आप खुशियों के छोटे-छोटे स्टेशनों पर बिना रुके चले जाते हैं।” किंतु इस समय भी हम ध्यान रखें कि हम तेज रफ्तार में भी अपनी छोटी-छोटी खुशियों को जरूर अपनाते रहे और इन्हें कभी भी नजरअंदाज ना करें
खुशियों का संबंध हमारी भावनाओं से है
हमारी भावनाएँ हर पल बदलती रहती हैं।
हमारी सोच और भावना के अनुसार खुशी का स्तर भी घटता-बढ़ता रहता है। कोई भी व्यक्ति पूरे सप्ताह में समान रूप से खुशी नहीं पा सकता है।
किसी दिन खुशी का स्तर 20 प्रतिशत या किसी दिन 80 प्रतिशत भी हो सकता है।बेहतर मूड का सीधा संबंध मूड से है,
फिर भी लोगों ने निराशा को ही जीने का अंदाज बना लिया है
खुशियों के रसायन और उनका प्रभाव
जब मस्तिष्क में डोपामाइन का रिसाव तेजी से होता है, तब सारा शरीर एनर्जी से ओत-प्रोत हो जाता है,जिससे न केवल खुशियाँ बढ़ती हैं, बल्कि सोचने, समझने और याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि यदि डोपामाइन के स्तर को सही-सही मापा जा सके, तो व्यक्ति के खुश रहने के स्तर को भी मापा जा सकता है।
सेरोटोनिन भी खुशी बढ़ानेवाला एक खास तत्त्व है। हमारी जीवन-शैली गड़बड़ होने से सेरोटोनिन के उत्पादन में कमी आ जाती है।सेरोटोनिन डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर्स के उत्पाद को बढ़ावा देता है।
मूड को खुश रखनेवाले हारमोन सेरेटोनिन के निर्माण में सूर्य की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जो लोग धूप में कम निकलते हैं या बिलकुल भी नहीं निकलते हैं, वे काफी चिड़चिड़े, उदास एवं परेशान होते हैं।
जब मस्तिष्क में डोपामाइन का रिसाव तेजी से होता है, तब सारा शरीर एनर्जी से ओत-प्रोत हो जाता है,जिससे न केवल खुशियाँ बढ़ती हैं, बल्कि सोचने, समझने और याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि यदि डोपामाइन के स्तर को सही-सही मापा जा सके, तो व्यक्ति के खुश रहने के स्तर को भी मापा जा सकता है।
सेरोटोनिन भी खुशी बढ़ानेवाला एक खास तत्त्व है। हमारी जीवन-शैली गड़बड़ होने से सेरोटोनिन के उत्पादन में कमी आ जाती है।सेरोटोनिन डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर्स के उत्पाद को बढ़ावा देता है।
मूड को खुश रखनेवाले हारमोन सेरेटोनिन के निर्माण में सूर्य की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जो लोग धूप में कम निकलते हैं या बिलकुल भी नहीं निकलते हैं, वे काफी चिड़चिड़े, उदास एवं परेशान होते हैं।
मुड के परिवर्तन से भी बढ़ती घटती खुशी
मुसकराने और हँसने से हम नाक से ज्यादा साँस लेते हैं और अपने चेहरे की रक्त वाहिनियों को नियंत्रित कर लेते हैं। मुस्कुराने का अभिनय करें कुछ देर में आप खुशी महसूस करने लगेंगे।कई अध्ययनों से इस सिद्धांत को जाना गया है जैसी हमारी भावनाएं होती है हमारा शरीर, उसी प्रकार की भाव भंगिमा बना लेता है
खुशी के लिए ये प्रयोग
कभी-कभी शीशे के सामने खड़े हो और तय करें कि आज मैं चेहरे पर मुस्कान का मेकअप करूंगा और इसे पूरे दिन करके रखूंगा इसके बाद इसका असर दिखाई देगा
इसी तरह खुश रहने के लिए कुछ पढ़ने, चुटकुले पढ़ने,अच्छी किताबें पढ़ें, कॉमेडी फिल्में या कॉमेडी सीरियल देखें इन चीजों से हमारी मुस्कान और खुशी अंदर से निकल कर आती है।
साप्ताहिक खुशी के पल
सप्ताह के शुरू के दिन और आखिरी दिनों में भी खुशियों के सत्तर में बदलाव दिखाई देता है इसके भी कुछ कारण होते हैं।
हम वही काम करें जो हमारा पसंदीदा हो,बहुत पसंद वाले स्थान पर ही काम करें, जहां के लोगों के साथ अपनापन लगे वहां काम करने की योजना बनाएं। सप्ताह के दिन और मूड के बीच भी संबंध होता है लोग गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन अधिक खुश रहते हैं। रविवार, सोमवार और मंगलवार के दिन कुछ कम खुश रहते हैं। बुधवार का दिन सामान्य दिन होता है मजेदार बात यह है कि छुट्टी से लौटने के बाद खुश होने की बजाय उनका मूड थोड़ा गड़बड़ लगने लगता है।
इसे भी पढ़े:-
Adopt These Things, Your Chances of Success Will Increase | अपनायें यह बातें बढ़ जाएगी सफलता की संभावना
पढ़ाई में मन क्यों लगायें पढ़ाई में अगर मन नहीं लगता है तो अपनायें यह बातें बढ़ जाएगी सफलता की संभावना ( Adopt These Things, Your Chances of Success Will
What is Raksha Bandhan | रक्षा बंधन क्या है ?
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई और बहन के पवित्र प्रेम का त्यौहार है यह दो शब्दों से मिलकर बना है,जिसमें रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और बंधन का अर्थ आपसी प्यार
Know The Infinite Powers of Thought | जाने विचार की असीम शक्तियां
विचार क्या है। विचार एक ऊर्जा (एनर्जा) है, जो मनुष्य के अंत: करण,यानी हृदय मे प्रकट होती है। जिस प्रकार मन के विकार से काम, क्रोध, लोभ आदि मनोवेग पैदा
Reality and Importance of Indian Education System
शिक्षा क्या है 84 लाख योनियों में केवल मनुष्य ही विद्यार्थी है, और शिक्षा का अधिकारी है बाकी अन्य तो सब भोग योनी है केवल मनुष्य योनि ही शिक्षा के
Friendship Day | Who is Friend
हमारा मित्र वह होता है जिसके साथ हमारा मन मिलता है,जिसकी आदतें हमसे मिलती है,जिसके साथ समय बिताना,जिसकी आदतें और व्यवहार हमको पसंद आता है।अपने मित्र को हम स्वयम चुनते
The meaning of skill | स्किल का मतलब
स्किल का मतलब (Meaning of Skill ) है, किसी कौशल को कोई व्यक्ति बेहतर तरीके से करने में सक्षम बनता है। किसी काम में विशेष ज्ञान और क्षमता का होना
शादी से भी खुशियों के स्तर में भारी बदलाव और खुशी पैदा
शादी से शरीर में हारमोनल परिवर्तन होता है, जो जीवन में खुशियाँ पैदा करता है।
खुशियाँ पाने के लिए शादी एक अच्छा उपाय बताया गया है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग निराशा में डूबे होते हैं, जिनके अंदर उत्साह खत्म हो गया है, उन्हें शादी कर लेनी चाहिए। शादी के बाद मिलनेवाली खुशी को लेकर भी लोग अनेकों दिनों तक अधिक खुश रह सकते हैं।
खुश रहनेवाले व्यक्तियों में आत्मविश्वास भी अधिक होता है। उनका आत्मविश्वास उन्हें कुछ भी करने के लिए तैयार रखता है, शक्ति देता है
मुस्कुराने का अभिनय करें खुशी अपने आप प्रकट होगी
हम सभी जानते हैं हंसना और खुश रहना कितना लाभकारी होता है और यह हमारे व्यक्तित्व को किस हद तक बदल सकता है, हम अधिकांश व्यक्ति इस ओर ध्यान नहीं देते। खुश रहना या खुशी, किसी व्यक्ति का अपना फैसला होता है, इसके लिए किसी विशेष उपाय की कोई जरूरत नहीं होती इसका मतलब हुआ कि यदि हम फैसला करें कि हम खुश रहेंगे तो हम आसानी से खुश रह सकते हैं।हमारे फैसले को कोई भी नहीं बदल सकता,यदि हम किसी क्षण किसी दिन या किसी समय फैसला लें कि हम खुश रह सकते हैं तो हम आसानी से खुश रह सकते हैं।
खुशियों के लिए खुद की समझ और विवेक की जरूरत
खुशियां खुश रहना इसलिए भी संभव है क्योंकि यह बाहर से लाने वाली कोई सामग्री नहीं है इसे पाने के लिए हमें किसी की मदद की जरूरत नहीं होती यह तो हमारे अंदर से ही आती है जीवन में हम शर्ते हटाकर आसानी से खुश रह सकते हैं।
अगर हम हर समय खुश न भी रह सके कम से कम की सामान्य स्थिति में तो हम खुश रहने का प्रयास करें। सदैव किसी से भी मिले तो हंसते हुए चेहरे के साथ मिले। चेहरे पर हल्की सी मुस्कान हमारे व्यक्तित्व को दूसरों से अलग कर देती है।ऐसे व्यक्ति की हर व्यक्ति प्रशंसा करते हैं। खुश रहने से हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है हम अनुशासन में रहने लगते हैं। खुद के किए वायदे को हम पूरा करने लगते हैं, और अपने लक्ष्य को भी प्राप्त कर पाते हैं
छोटी छोटी चीजों में हम खुशी खोजें खुसी अपने आप प्रकट होने लगेगी
अपने लक्ष्य पर जल्दी पहुंचने के चक्कर में कई बार हम खुशियों को किनारे करने लगते हैं हम खुशी के सामने किसी तरह की कोई दीवार ना खड़ी करें जहां भी खुशी दिखाई दे, लपक कर खुशियां ले, छोटी-छोटी बातों में खुश होना सीखें, खुश रहने के लिए इंतजार ना करें,खुशी को हमारे लक्ष्य तक पहुंचाने का माध्यम बनाएं।
जो भी करें खुश हो कर करें
हम भोजन करें तो भोजन का आनंद लें बारिश में भीगने का आनंद लें, छोटे बच्चों के साथ बातें करते हो तब सिनेमा देख कर खुश हो,खुसी अपने आप प्रकट होने लगेगी।
कुछ नया नया सीखते रहे
जब मस्तिष्क में हम नये विचार, ज्ञान की बातें डालते हैं तो खुशी अंदर से निकलने लगती है।
रूटीन तोड़े कुछ नया करें, नये अनुभव ले, खुशी अपने आप अंदर से आएगी
प्रकृति के साथ समय बिताने से अंदर से खुशी बाहर आती है
पंचतत्व से हमारा शरीर बना है पंचतत्व ही हमारे प्रथम माता पिता होते हैं जाकर अपना कीमती समय व्यतीत करें खुशी अपने आप अंदर से आएगी।
इसी तरह सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों की मदद करें खुशी अपने आप प्रकट होने लगेगी
खुशी मन का विषय है इसलिए हमारा मन जो कहता है उसे हम विवेक और विचार पूर्ण तरीके से सोच कर उस काम को करें तो हमें अंदर से खुशी अपने आप मिलती है।
जय श्री कृष्ण
धन्यवाद