साथियों यह जीवन बड़ा ही अनमोल है स्कूलों में वर्तमान में हम पहले पढ़तेहैं फिर परीक्षा देते हैं किंतु हमारे वास्तविक जीवन में उल्टा होता है पहले परीक्षाएं और चुनौतियां
पढ़ाई में मन क्यों लगायें पढ़ाई में अगर मन नहीं लगता है तो अपनायें यह बातें बढ़ जाएगी सफलता की संभावना ( Adopt These Things, Your Chances of Success Will
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई और बहन के पवित्र प्रेम का त्यौहार है यह दो शब्दों से मिलकर बना है,जिसमें रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और बंधन का अर्थ आपसी प्यार
छोटा बनकर और झुक कर अपने काम बनाना उनसे सिखा जा सकता है
जब बुद्धि दिखाने का समय आया तो छोटे हुए और जब बल दिखाने के समय बड़े हुए उनसे सीखना चाहिए
जिन जिन को हनुमान ने राम कथा सुनाई उनका प्रभु राम से जरूर मिलन हुआ
हनुमान जी ने खुद भक्त होने के बावजूद भी स्वयं को छुपाया और प्रभु को ही आगे रखा
हनुमान जी ऐसे कथावाचक हुए जिन्होंने सर्वप्रथम विदेश की भूमि यानी लंका में जाकर कथा सुनाई
हनुमान चलिशा पाठ ५ सुने
हनुमान चालीसा इनसे गुरु दीक्षा लेने का मंत्र है
हनुमान जी ऐसे संत हैं जो प्रभु के दरबार में सीधे जीव को पहुंचाने का सामर्थ रखते हैं
अपने भक्तों को छुड़ाने हनुमान जी स्वयं जाते हैं क्युकि, वे जाने के लिए किसी अन्य देवता की तरह वाहन पर निर्भर नहीं, वे उड़ कर स्वयं तुरंत पहुँच जाते हैं
अस्ट सिधि और नव निधि का वरदान प्राप्त होने की वजह से वे संसार की समस्त सुख – भोग देने का सामर्थ्य रखते हैं
हनुमान को अपने अंतः मन में गुरु बनाएं प्रभु से मिलाप निश्चित हो जाता है
हनुमान चलिशा पाठ ६ सुने
हनुमान चालीसा इनसे गुरु दीक्षा लेने का मंत्र है
हनुमान जी की ताकत उनको याद दिलाने के लिए कवन सो काज कठिन जग माही जो नहीं होय तात तुम पाही ऐसा 7 बार बोल कर अपनी चुनौतियों को उनके सम्मुख रखें
हनुमाजी की ७ परिक्रमा करें
हनुमान जी अपने अमूल्य समय का उपयोग प्रभु का नाम लेकर प्रभु के साथ जुड़ कर रहते हैं क्योंकि नाम में प्रभु स्वयं विराजमान हैं
हनुमान जी की पूँछ पीछे होती है, जिसका अभिप्राय है,उनकी प्रशंसा वहाँ भी होती है, जहाँ वो स्वयं उपस्थित नहीं होते, अर्थात पीछे से होती है
जिनके जिनके जीवन में हनुमानजी आए उन्होंने अपने भक्तों को रामजी से जरूर मिलवाया या राम तक पहुंचाया
जहां जहां हनुमान जी के चरण पड़े वहां वहां रामकथा निश्चित संपन्न हुई
इस कलिकाल में वही साक्षात हनुमान का स्वरूप है जिसका प्रभु के नाम और कथा में प्रेम है,हमें हनुमान को पहचानने की जरूरत है
हनुमान जी के भक्ति करने से मानव जीवन के चारों पुरुषार्थ धर्म अर्थ काम और मोक्ष अपने आप उस मानव को प्राप्त हो जाते हैं आइए 7 बार हम हनुमान जी के परम भक्तों के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं