खुश रहने के स्वर्णिम सूत्र क्या है खुश रहने के रहस्य क्या है | Points for Happiness

Happiness

खुश रहना क्यों जरूरी है – खुशी हमारी एक मानसिक स्थिति है जब हमारा मस्तिष्क शांति और सुकून को अनुभव करता है खुशी एक भावना है एक रसायन है जो मस्तिष्क में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया होने से निर्माण होती है खुश रहना हमारे लिए इसलिए जरूरी है खुश क्योंकि खुश रहने से हमारा मानसिक और शारीरिक दोनों  स्वास्थ्य अच्छा रहता है

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खुश रहने के स्वर्णिम सूत्र क्या है खुश रहने के रहस्य क्या है

खुश रहना क्यों जरूरी है

खुशी हमारी एक मानसिक स्थिति है जब हमारा मस्तिष्क शांति और सुकून को अनुभव करता है खुशी एक भावना है एक रसायन है जो मस्तिष्क में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया होने से निर्माण होती है खुश रहना हमारे लिए इसलिए जरूरी है खुश क्योंकि खुश रहने से हमारा मानसिक और शारीरिक दोनों  स्वास्थ्य अच्छा रहता है

खुश रहने के स्वर्णिम सूत्र

खुश रहने के लिए सबसे पहले आपको मन की शांति रखनी जरूरी है मन आपका शांत रहे इसके लिए काम
करने की जरूरत है मन की शांति के लिए आपको वयर्थ के विचारों से बचना चाहिए और अपने मन को शांत करने के लिए कुछ क्रियाएं करने की जरूरत है, क्योंकि जब आपका मन शांत रहता है तभी वास्तव में आप खुश रहते हैं, सब कुछ मन की शांति पर ही निर्भर करता है अगर आप शांत रह सकते हैं , यदि आपका मन शांत रह सकता है तो आप भी शांत रह सकते हैं

प्रकृति से दोस्ती

Beauty of Nature gives us happiness

मन की शांति के लिए आपको रोज सुबह सुबह थोड़ी देर प्रकृति के पास जरूर जाना चाहिए वहां पर थोड़ी देर समय बिताना चाहिए,वहां पर थोड़ी देर व्यायाम करना चाहिए थोड़ी देर आपको  प्राणायाम और योग की कोशिश करनी
चाहिए इससे आपके मस्तिष्क में हैप्पी केमिकल्स रिलीज होते हैं जो आपके मन को सुकून और शांति देते हैं इससे आपकी खुशियां बनी रहती है

ध्यान सूत्र से जुड़े

खुश रहने के लिए रोज थोड़ी देर  ध्यान भी करना चाहिए इससे आपका मन शांत होता है और आपका ध्यान एकाग्र होता है इससे आपको सुकून मिलता है।

अतीत की यादों मे खुशिया खोजे

खुश रहने के लिए आपको खुशी के पल को याद करने की भी जरूरत है जब आप ध्यान करते हैं इस अवस्था में आपको विजुलाइज करने की जरूरत है।इस समय आपको ध्यान के दौरान अतीत की कोई घटना जो आपको खुशियां दी हो उसे याद करना है, इस दौरान जो आप भविष्य में चाहते हैं जो आपकी इच्छा है उसे भी आपको याद करना है और इससे आपकी इच्छा भी पूरी होती है और आपके मन को शांति भी मिलती है

चिंता मुक्त मंत्र अपनाये

इसके बाद आपको हमेशा खुश रहने के लिए ध्यान रखना है कि आपको चिंता नहीं करनी है चिंता चिता समान है आपने तो सुना ही है इसलिए आपको चिंता करने से हर संभव बचना है इसके लिए आपको यह बात ध्यान रखनी है कि हर बात आपके वश में नहीं कि हर इच्छा पूरी हो जाए इसलिए इस संसार और यूनिवर्स का नियम है यहां कुछ इच्छाएं पूरी होती है कुछ इच्छाएं पूरी नहीं भी होती इसलिए आपको ध्यान रखना है किसी भी तरह की इच्छा पूर्ति के लिए आपको जिद नहीं करना है जो हो जाए उसी को एक्सेप्ट करना है इस बात को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि इस संसार में कुछ भी आपके वश में नहीं है आप भोजन करते हैं वह भोजन भी पंचतत्व की शक्तियों के द्वारा ही आपके पास पहुंचता है और उसके बाद जब आप खा लेते हैं तो उसको पचाने की जिम्मेवारी भी उसी के हाथ में होती है इसलिए हम सब यहां एकमात्र कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होते,जिस क्षेत्र में आपको चिंता हो रही है उस,क्षेत्र में आपको अपनी पूरी लगन और प्रयास पूरा करने की जरूरत है

माफ करना

इसके बाद मन की शांति और खुशियों के लिए हमेशा माफ करने की आदत रखनी है,आपको ध्यान रखना है हर इंसान अलग है हर इंसान की सोच अलग है और किसी से भी भूल हो सकती है इसलिए आपको माफ करने की आदत रखनी चाहिए इससे आपका हमेशा मन हल्का रहेगा

अतीत को हमेशा ऐसे भूलाना जरूरी है

अतीत की बातों को भुला देना चाहिए किसी भी बात का किसी भी  दुर्घटना या घटना कोई बाद विवाद का आपको चिंतन करने से हमेशा बचना है

घर की सफाई आवश्यक है

इसके बाद आपको हमेशा खुश रहने और मन की शांति के लिए अपने घर को साफ सुथरा रखने की जरूरत है और कोई बहुत ज्यादा खर्च ना भी कर सके तो आप घर के सामान को सुव्यवस्थित रखें साफ सुथरा रखें इससे आपको घर में रहने में आनंद आएगा और घर में अगर आप उचित प्रकाश रखते हैं प्रकाश की व्यवस्था को वहन कर सकते हैं तो इससे भी आपके घर में आपको रहने में आनंद भी आएगा मन में शांति और सुकून रहेगा क्योंकि इस तरह जब घर साफ सुथरा और प्रकाशमान घर रहता है तो इससे हमारा मन वहां रहने को करता है और हम अपने मन में सुकून और शांति को महसूस करते हैं

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सोशल मीडिया और फोन से सावधान

इसके बाद हमको मन की शांति के लिए शुकून के लिए अपने इंटरनेट का प्रयोग अपने मोबाइल फोन का प्रयोग बहुत सोच समझकर करना चाहिए,वर्तमान मे हम किसी भी काम को करते हो और जब भी हम खाली होते हैं तो किसी ना किसी रूप में फोन और इंटरनेट में लग जाते हैं।कुल मिलाकर हमें इस इंटरनेट और फोन के प्रयोग से हमेशा बचना है इसका सीमित और जितना कम से कम हो सके प्रयोग करना है और आपको नियम बनाकर जितनी देर हो अनुशासित तरीके से इसका उपयोग करना है। इस सोशल मीडिया के युग में बार-बार आपको मोबाइल देखने से बचना है और आपको एक नियम के अनुसार ही मोबाइल पर आपके मैसेज देखने चाहिए इससे आपका मानसिक संतुलन बना रहता है और आपके मन की शांति बनी रहती है अगर आप थोड़ी-थोड़ी देर पर हर एक अलग-अलग प्लेटफार्म पर जाकर उसके नोटिफिकेशन को चेक करते हैं तो इससे भी आप मानसिक रूप से थक  जाते हैं आपका मन अशांत हो जाता है और आपकी खुशियों की बत्ती गुल हो जाती है

वर्तमान में जीना सीखें

चिंता के विषय में आपको यह बात भी ध्यान रखनी है आपको हमेशा वर्तमान में जीने की कोशिश करनी है आपको हमेशा वर्तमान का सदुपयोग करना है आपको अतीत और भविष्य की चिंता में हमेशा उलझने से से बचना है

मदद करना भी सीखिए

आपको हमेशा खुश रहने और अपने मन की शांति के लिए जरूरतमंद व्यक्ति जो भी आपके पास आता है उसकी तन मन धन और नहीं तो आप उसको समय देकर उसके साथ खड़े होकर आपको मदद करने की कोशिश करनी चाहिए इस तरह जब आप छोटी-छोटी मदद के लिए सामने वाले व्यक्ति के जीवन,में खड़े रहते हैं उसके पास रहते हैं उसकी,मदद कर पाते हैं इससे आपको मन में सुकून और शांति मिलती है और आप खुश भी रहते हैं।

नींद की पूर्ति और भोजन के फायदे

इसके बाद आपको मन के खुश रहने के राज के तहत यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अपना ख्याल विशेष रूप से रखना चाहिए इसके लिए आपको भरपूर नींद लेनी चाहिए,समय पर ही सोना और समय पर ही उठना चाहिए,अच्छा खाना चाहिए और भूख से हमेशा थोड़ा कम खाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जब आपका शरीर,स्वस्थ रहता है उसे उचित अच्छा आहार मिलता है नियमित आहार मिलता है तो इससे मन शांत रहता है और मन प्रसन्न रहता है मित्र साथियों इस तरह जब आप अपने दैनिक दिनचर्या का ध्यान रखते हैं तो इससे भी आपके मन मस्तिष्क में शांति रहती है यह खुश रहने का एक अद्भुत तरीका आज आपको मैंने बताया है ज्यादातर हम मानव ही जीवन के इन नियमों को तोड़ते हैं बाकी और किसी भी योनि में इन सोने उठने खाने पीने के नियमों को कोई भी योनि में तोड़ता हुआ नजर नहीं आता।

बच्चों से सीखे खुश रहना

इसके बाद अगर हम मन की शांति चाहते हैं तो हमको व्यर्थ में खुश रहने की आदत डालनी चाहिए जब हम व्यर्थ में खुश रहने की आदत डाल लेते हैं तो हमें असली खुशी भी मिल ही जाती है और हम हमेशा निरोग भी रह पाते हैं स्वस्थ रह पाते हैं हमारा मन भी खुश रह पाता है इसे हम अपने छोटे बच्चे से सीख सकते हैं एक छोटा बच्चा दिन भर में कम से कम 60 से 70 बार व्यर्थ में हंसता है और हमेशा उसका जीवन उसका बाल्यकाल हमेशा खुशहाल रहता है।धीरे-धीरे जैसे-जैसे वो बड़ा होता है खुश कम रहने लगता है और उसका आने वाला जीवन उसी तरह और वर्तमान में दुखी रहने की वजह से दुखी रहने लगता है चिंतित रहने लगता है इस तरह हमें बच्चे से सीखना चाहिए कि हमें व्यर्थ मे हसने की आदत पर काम करना चाहिए किसी वजह की वजह से हमें खुश रहने की कोशिश नहीं करनी चाहिए किसी वजह की वजह से अगर खुश रहते हैं तो वो वजह खत्म होते ही हमारी खुशियों की बत्ती भी गुल हो जाती है

सकारात्मक खुशियों का मूल मंत्र है

इसके बाद खुश रहने के राज के तहत सकारात्मकता खुशियों का मूल मंत्र है यह बात आपको समझ लेनी चाहिए इस तरह आपको कुल मिलाकर नकारात्मक विचार नकारात्मक लोगों से हर संभव दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि संग का रंग भी चढ़ता ही है आपको अपने संग का हमेशा ध्यान रखना चाहिए ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए जो आपकी शांति और खुशियों को छीनते हो, आपको अपने संग वालों की वजह से ही विचार मिलते हैं।

सोच कर सोचने की आदत डालें

आपको हमेशा अपने विचारों का भी ध्यान रखना चाहिए नकारात्मक विचार कहीं आपके मस्तिष्क में ना आ रहे हो क्योंकि जैसे विचारों को हम सोचते हैं उसी के अनुकूल हमारा जीवन बनता है इससे हमारा मन भी शांत रहता है और यह खुश रहने का बहुत बड़ा सीक्रेट मैं आपको बता रहा हूं जब आप हर परिस्थिति में सकारात्मकता देखते हैं तो आप आने वाले जीवन में सकारात्मकता को ही आकर्षित करते हैं और सकारात्मक रहना इसलिए भी जरूरी है कि कोई भी परिस्थिति आपके हाथ में नहीं होती और हर असफलता या
नकारात्मक परिस्थिति भी आपके जीवन आपके कल्याण के लिए ही पैदा होती है इसलिए आपको हर समय अपने विचारों का ध्यान रखना चाहिए इसके लिए आप दो-तीन घंटे में एक बार एक दो मिनट भी मेडिटेशन करके अपने विचारों को चेक कर सकते हैं

दूसरों की निंदा और शिकायत से बचना

इसके बाद आपको खुश रहने के लिए हमेशा दूसरों की शिकायतें करने से भी बचना चाहिए एक की बात दूसरे से करना या व्यर्थ की बातें करना किसी की निंदा करना इन सब चीजों से बचना चाहिए इससे आप जिसकी भी निंदा करते हैं जिसके बारे में शिकायत,करते हैं आपके मन पर उसका बुरा प्रभावपड़ता है उससे आप उसकी कमियों को अपने अंदर आकर्षित करते हैं इसलिए आपको अपने जीवन में खुशियां चाहिए तो आपको हर संभव दूसरे की शिकायतें और निंदा करने से भी बचना चाहिए।

दूसरों को बदलने की कोशिश ना करें खुद को बदले

आपको खुश रहने के राज के तहत यह भी जान लेना चाहिए कि इस संसार को बदलना आपके वश की बात नहीं आप स्वयं को बदल सकते हैं पूरी दुनिया को आप नहीं बदल सकते इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि पूरी दुनिया में कारपेट बिछाने से अच्छा है खुद के पैरों में आप चप्पल पहन ले इससे आप खुश भी रहेंगे शांत भी रहेंगे और यह खुश रहने का बहुत बड़ा राज है आप हमेशा अपने आप को ही बदलने की कोशिश करें सामने वाले व्यक्ति को समझने की कोशिश करें वर्तमान में उपजी परिस्थिति को समझने की कोशिश करें और उसके अनुकूल अपने सभी निर्णय ले खुशी हमेशा अंदर से आती है इसके बाद आपको खुश रहने के लिए इस बात को भी जान लेना है कि सच्ची खुशी आपके भीतर ही है आप बाहरी दुनिया में जो खुशियां खोज रहे हैं वहां आपको खुशी नहीं मिलने वाली आपकी खुशी आपकी समझ में है आपके विवेक में है, आपके विचारों में है और आपकी सकारात्मकता में है इसलिए आपको बाहरी दुनिया में शांति संतोष और आनंद खोजने में व्यर्थ का समय और प्रयास नहीं करना चाहिए आपको हमेशा यह बात याद रखनी चाहिए कि खुशियां पाने या प्राप्त करने से अधिक बांटने और देने से हमारे अंदर खुशियां बढ़ती है इसलिए जीवन में जो भी आपको खुशियों के पल मिलते हैं उसे आपको लोगों से साझा करना चाहिए,मुस्कुराना चाहिए लोगों के साथ समय बिताना चाहिए ,उनको गले लगाना चाहिए और हर संभव आपको अपने जीवन में खुशियां स्वयं ही खोजकर अपनानी चाहिए,लानी चाहिए यदि आप अपने जीवन में खुश रहना चाहते हैं तो हमेशा अपने काम की जिम्मेदारी आपको खुद लेनी चाहिए उत्पन्न परिस्थिति में भी आपको दूसरों को बदलने की कोशिश करनी नहीं चाहिए स्वयं को ही बदलने का प्रयास करना चाहिए अपनी गलतियों को ही सुधारने की कोशिश करनी चाहिए

परिवार से मिलती है खुशियां

खुश रहने के लिए आपको सूत्र के रूप में यह भी जान लेना चाहिए कि आपके परिवार के साथ ही अपना समय बिताकर वास्तविक खुशी मिलती है इसलिए आपको एक समय का लंच या डिनर आपके परिवार के साथ करना
चाहिए इससे आपको खुशियां मिलती है और आपको क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए आपको हफ्ते में एक दिन दो से तीन घंटे आप सभी परिवार के सदस्यों को एक साथ बैठकर थोड़ी देर गप्पे लड़ाने चाहिए अपने सुख दुख की बातें करनी चाहिए

मित्रों के साथ समय बिताना

इसके बाद खुश रहने के लिए आपको अपने मित्रों के साथ भी समय बिताने की जरूरत है क्योंकि हमारे मित्र हमारे जीवन में चार्जर की तरह होते हैं इन मित्रों से हम सुख दुख की बातें करते हैं अपने जीवन की चैलेंज और परेशानियों को जब साझा करते हैं इससे हमें सुकून और शांति मिलती है और हमें जीवन में आगे बढ़ने के रास्ते भी मिलते हैं एक दो सच्चे मित्र जरूर बनाने चाहिए जिनके साथ हम अपने मन की बातें अपने मन की दुविधा अपने सुख दुख को साझा कर सके और यह खुश रहने का एक अद्भुत रहस्य है

होने वाली बात हो कर रहेगी

अगर आपके जीवन में टेंशन रहती है चिंता रहती है तो आपको राम चरित मानस की यह चौपाई भी ठीक से समझ लेनी चाहिए कि होई है वही जो राम रची राखा और इस चौपाई के अनुसार आपको समझ लेना चाहिए कि वही होने वाला है जो राम ने रच कर रखा है या जो यूनिवर्स ने रच कर रखा है।

सिर्फ वर्तमान ठीक कर लो

चिंता आपको हमेशा भविष्य के लिए होती है यह बात भी समझ लेनी चाहिए भविष्य आपके हाथ में नहीं आपके हाथ में सिर्फ वर्तमान है आपको अपना भविष्य अगर अच्छा करना है तो आपको अपने वर्तमान को ठीक करना होता है
जो होता है अच्छे के लिए होता है और आपको चिंता ना रहे इसके लिए यह भी ध्यान रखना है जो होता है अच्छे के लिए होता है इस यूनिवर्स की हर घटना कोई ना कोई कल्याण कोई ना कोई हमारे अंदर बड़ा सकारात्मक परिवर्तन होने के लिए ही घटित होती है।

चिंता से सिर्फ तनाव बढ़ता है

यह भी ध्यान रखना है मित्रों और साथियों चिंता करने से कोई समाधान नहीं होता बल्कि हमें मानसिक और शारीरिक थकान होती है और हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है आपको चिंता करने के दौरान यह भी ध्यान रखना है कि हर परिस्थिति में हमारा कल्याण ही छिपा होता है और इस संसार में किसी चीज पर हमारा वश नहीं होता संसार की प्रत्येक परिस्थितियां हमें जागृत करने के लिए आती है हमारी बुद्धि का विकास करने के लिए आती है और किसी ना किसी रूप में हर चिंता की स्थिति में भी हमारा कल्याण ही छिपा होता है

संगीत से जुड़कर खुश रहे

खुश रहने के राज में आपको और बता दूं आपको हमेशा अच्छे संगीत के साथ भी जुड़कर रहना चाहिए अच्छे मेंटर और सलाहकार के वीडियोस से भी खुशी मिलती है, सुकून मिलता हो शांति मिलती है। 

इस तरह मित्रों साथियों मैंने यहां आपको जीवन में खुश रहने के बहुमूल्य राज आपको यहां शेयर किए हैं अगर आपको लगता है वास्तव में ये राज अनमोल है और ये राज सबको जानने चाहिए आने वाली पीढ़ी के लिए तो बहुत ही उपयोगी है तो निश्चित रूप से आपको इस ब्लॉग को शेयर भी करना चाहिए कुल मिला कर समझ लीजिए इस तरह कुल मिलाकर मित्रों और साथियों स्कूल में आप पहले पढ़ते हैं फिर एग्जाम देते हैं और स्कूल की पढ़ाई सिर्फ धन कमाने तक ही सिमट कर रह जाती है  यहाँ मैं उन बातों को शेयर करता हूं जो सारे जीवन आपके काम आने वाली है 

मित्रों और साथियों यह जीवन अनमोल है और आप सब कुछ करके खुश ही रहना चाहते हैं आप जो भी काम
कर रहे हो आपका अंतरिम लक्षय खुश रहना ही है इस बात को कभी ना भूले इसलिए हमेशा खुश रहे

Nirmal Tantia
Nirmal Tantia
मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

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