कृतज्ञता का महत्व क्या है? | What is the importance of gratitude ? | कैसे यह हमारे जीवन में खुशियां ला सकती हैं।
जीवन में हम सब मानव सफल होना चाहते हैं। इस सफलता के प्रोसेस में कृतज्ञ रहने का नियम सबसे अहम् है।दूसरों के प्रति धन्यवाद की भावना। हमारी भारतीय सभ्यता में तो हम अग्नि, जल, वायु ,पृथ्वी आकाश इन पंच तत्वों को भी हम आभार स्वरूप ईश्वर मानकर इनकी पूजा करते हैं और धन्यवाद का भाव रखते हैं, सम्मान करते हैं ,क्योंकि इन्हीं तत्वों पर ब्रह्मांड टिका है, और हम स्वयं भी इन्हीं के सहयोग से जिवित रह पाते हैं। कृतज्ञता हमें उस व्यक्ति या वस्तु के प्रति नतमस्तक करती है ,जो हमारे जीवन को सरल बना कर हमें खुशियां देती हैं। यह कृतज्ञता हमारा अहंकार भी खत्म करती है।
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मनुष्य के सभी गुणों में कृतज्ञता सबसे महान गुण ही नहीं ,बल्कि सैकड़ों गुणों की जननी भी है। कृतज्ञता का भाव रखने वाला मनुष्य वृक्ष की जड़ में कृतज्ञता रूपी जल डालता है जिससे, वही वृक्ष तरह तरह के नए-नए फूल – पत्तों से भर जाता है। धन्यवाद से जीवन में खुशियों की नई-नई सुगंध, नए-नए पुष्प और पत्ते स्वयं ही लगने लगते हैं।
कृतज्ञता व्यक्ति की जिंदगी में खुशियां लेकर आती है।
जरूरत के समय या विषम परिस्थिति , चुनौती के समय किसी के द्वारा की गई छोटी सी सहायता, या सेवा के लिए हृदय में उस व्यक्ति के प्रति आदर भाव रखना, और उसके लिए शुक्रिया अदा करना ही कृतज्ञता कहलाता है। यूं तो शुक्रिया का शाब्दिक अर्थ आभार है।
कैसे याद रखें इस भावना को।
आभार के द्वारा हम बड़ी आसानी से अपने सन्मुख व्यक्ति को कृतज्ञता के भाव जाहिर कर अपना ,बना सकते हैं। बार-बार इस आभार की आदत को अपने जीवन में कायम रखने के लिए हम अपने पास अपने साथ कोई ऐसी भी वस्तु रख सकते हैं जो हमें बार-बार इस भावना की याद दिलाए, और तत्काल हम अपने आसपास की किसी भी सामान या संपत्ति का धन्यवाद करें, जो हमारा जीवन आसान बना रही हो।
आप किसी पत्थर या रुमाल को इसके याद रखने के अस्त्र के रूप में रख सकते हैं।
हम हमारे जीवन में जिस चीज के बारे में सोचते हैं ,वही हमें प्राप्त होती है, और कमाल की बात तो यह है जो बात या स्थिति हमें नहीं चाहिए उसके बारे में, हम दिन भर सोचते ,और उस पर ध्यान करते हैं। हमारा अवचेतन मन हम जो सोचते हैं, उसी को सत्य करने में लगा रहता है फिर यह तो आसान सी समझने की बात है ,दिन भर हम उन बातों को सोचें ,और बोलें,उन चीजो के लिए आभार प्रकट करें जो ब्रह्मांड ने हमें इस जीवन में दिया है। सचमुच कमाल हो जायेगा।
कृतज्ञता की भावना हमे हर वो चीज दे सकती है जिसकी हम चाह रखते हों। जिस चीज को प्राप्त करने के विचार हमें आते हो, हम उन विचारों के लिए भी हम ईश्वर या परम शक्ति का धन्यवाद करना शुरू कर दें।
कृतज्ञता का भाव खुशी देने वाला है ,और जो जितना आभारी होता है उसके कल्याण का स्तर भी उतना ही अधिक होता है। आभारी लोग ही खुश नजर आते हैं। आभारी व्यक्ति बड़े ही आकर्षक दिखते हैं ,और उनमें विनम्रता और करुणा का भाव दिखाई देता है।
शुरुआत कैसे करें!!
कृतज्ञता हम उन शक्तियों का करें,जिनकी वजह से यह संसार चलता है। उन वस्तुओं का धन्यवाद करना शुरू कर दें, जो हम सुबह उठते ही अपनी आंख खुलने के बाद, हमें अपने जीवित रहने के लिये जरूरी हो।
बाद में फर्श, जिस पर पांव रखकर चलने के लिए,फिर अपने इस्तेमाल किए जाने वाले टॉयलेट ,ब्रश, पेस्ट ,साबुन,जल आदि का। इस तरह छोटी बड़ी जो जो वस्तुएं हम दिन भर हम उपयोग करते हों उनका धन्यवाद करें।
जिन परिस्थितियों का हम सामना करें, उन सबके लिए भी हम धन्यवाद करते रहे। हमारा जीवन इस क्रिया से धीरे-धीरे खुशियों से भर जाता है।
धन का बहुत बहुत शुक्रिया
हमारे जीवन में जो धन है उसके लिए हम इस ब्रह्मांड का शुक्रिया अदा करना शुरू करें शुक्रिया की भावना से ब्रह्मांड हमें प्रचुरता से और देने लगेगा।
बड़ा वही बनेगा |
बड़ा वही बन सकता है, जो हर समय आभार की भावना को रख पाता है। जो नही है उसकी शिकायत नही, बल्कि जो है उसके प्रति कृतज्ञता की भावना रखनी होगी, और हम देखेंगे, उसकी लिस्ट बढ़ती चली जायगी। हमारे जीवन में प्राप्त चीजों में १०० में से ९५ चीज ब्रह्मांड ने हमे ऐसी दी है जिसके लिए हम आभारी हैं।
Thank you,
कैसे !||
कृतज्ञता मनुष्य की अच्छी नींद के लिए भी एक टॉनिक की तरह बताया गया है । इस पर कई शोध भी हुए हैं ,कि जो व्यक्ति अपनी हर सहायता के लिए आभार व्यक्त करते हैं ,उन्हें बहुत ही प्रभावशाली व्यक्तित्व जाना जाता है, और वे व्यक्ति सकारात्मक विचारों से सदैव ही जुड़े रहते हैं ।
जीवन में शुक्रगुजार होना बहुत जरूरी है ,यह भावना व्यक्ति के अंदर, सम्मान की भावना को,जागृत करती है।आभार व्यक्त करने वाले व्यक्ति अपने जीवन में केवल सफल ही नहीं होते ,वह बहुत ही सुखी और प्रसन्न भी रहते हैं। जीवन में सफलता के लिए, कृतज्ञता व्यक्त करना उन्हें बड़ा बनाता है, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
आभार की आदत जीवन में रहने से मनुष्य और अधिक सहयोग करने की भावना चाहने लगता है ,और अधिक मदद करने के लिए अग्रसर होता है, जो उसकी उन्नति भी निरंतर करवाता है। उसके जीवन में खुशियों के रंग भी भरता है।
किन शक्तियों के धन्यवाद से करें दिन की शुरुआत ?
सृष्टि
जो शक्तियां इस ब्रह्मांड को चलाती है, उन शक्तियों के प्रति कृतज्ञता और आभार हमें प्रचुरता की ओर ले जाता है और यही उन शक्तियों की पूजा है। सही मायने में उन शक्तियों का धन्यवाद ही उनकी प्रार्थना है।
हम जिस क्षण इस सृष्टि के ,इस प्रकृति के बनाए हुए लोगों का, सामान और संपत्ति का धन्यवाद करना शुरू करते हैं, उसी पल से यह प्रकृति, सृष्टि ,यह ब्रह्मांड हमें चार गुना देने लग जाती है । सृष्टि का आभार मानने वालों के ह्रदय में ,खुशियों की भावना, और आत्मविश्वास का भरपूर संचार होने लगता है।
हम इस सृष्टि का मुश्किलों के लिए भी शुक्रिया करें ,चुनौतियों के लिए भी शुक्रिया अदा करें, और यह पूर्ण विश्वास रखें कि यह चुनौती भी हमारे किसी न किसी कल्याण को करने के लिए ही जीवन में आई है,तो यह चुनौती अवसर में बदल जाती है और हमारे कई दुखों को वह समाप्त कर जाती है।
हमारी उन कमियों को दूर करने के लिए ही प्रकृति इन परिस्थिति का निर्माण करती है। जो कार्य हम स्वयं नहीं कर पाते, उन कार्यों को पूरा कराने के लिए प्रकृति इन परिस्थितियों का निर्माण करती है, और उसे परिणाम देती है।
कृतज्ञता को प्रकट करें|
कृतज्ञ अगर हैं तो बता कर उन्हें जाहिर करें। यह आपके और सामने वाले व्यक्ति में चमक लाती है, आभा बढ़ाती है। प्रसन्नता ,समृद्धि, सफलता ,सब कुछ जो हमें चाहिए देती है,यह एक उपहार की तरह हम सबको आनंदित करती है।
उन लोगों का सदैव आभारी होना चाहिए जो हमारे लिए कुछ करते हैं। वे लोग हमारे जीवन के आकर्षक माली की तरह है जो हमारी आत्मा को फूलों की तरह खिलाते हैं,उनमें सुगंध भरते हैं।
हम जिन चीजों का धन्यवाद करने की आदत बना लेते हैं, तो हम खुद को उन चीजों के पास सरलता से पाते हैं
जय श्री कृष्ण…..! (जरा धन्यवाद मुझे भी देना) ||