TV कैसे उपयोग करें? जाने TV देखने के फायदे और नुकसान | (tv kaise upyog kare)
हेलो दोस्तों आज हम जाने गे की T V कैसे उपयोग करें? (tv kaise upyog kare ) आज के युग में टेलीविजन विज्ञान का एक अद्भुत आविष्कार है।टेलीविजन ने मनुष्य के जीवन पर पूरी तरह से कब्जा कर रखा है। यह एक ऐसा आविष्कार है,जो बिना रुके निरंतर 24×7 दिन हमारा मनोरंजन,वर्तमान में कर रहा है।
आधुनिक समाज के लिए टेलीविजन एक प्रधानता से जरूरत बन गया है,क्योंकि यहां हर वर्ग के लिए कुछ ना कुछ चैनल और मनोरंजन के साधन आजकल उपलब्ध हैं।इस टेलीविजन के माध्यम से जागरूकता और शिक्षा फैलाने में तो मदद मिलती ही है, किंतु इसको देखने और उपयोग करने के लिए कुछ नियमों को जीवन में जानना बहुत जरूरी है।
टेलीविजन हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालता है।वर्तमान युग में यह हमारे जीवन में हमारे परिवार के सदस्य की तरह हो गया है,जिसके साथ हम अक्सर समय व्यतीत करते हैं।वर्तमान समय में यह हमारे राष्ट्र, समाज और जीवन को जागृत करने का एक सशक्त माध्यम भी है।टेलीविजन के माध्यम से खबरों का आदान-प्रदान सारे विश्व को तुरंत हो जाता है,जिससे हम सब एक दूसरे से जुड़े रहते हैं।टेलीविजन के माध्यम से युवा पीढ़ी का ज्ञान भी काफी हद तक बढ़ रहा है,और युवा होते बच्चे ज्ञान में पहले की तुलना में अधिक तीव्र गति से विकसित हो रहे हैं।ऐसे में कुछ टेलीविजन से जुड़ी बातों और तथ्यों और जानकारियोंको जानना अति आवश्यक है।
इस टेलीविजन की वजह से हमारे जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ा है।हमारे समाज में कई तरह की विकृतियों की रोकथाम की लिए भी लोगों में जागरूकता बड्डी है।वर्तमान समय में यह प्राय: सभी घरों में उपलब्ध है।21 नवंबर को सारे विश्व में यह दिन टेलीविजन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
टेलीविजन हमारे जीवन में मनोरंजन, ज्ञानवर्धक,जानकारी देने वाला,खाली समय व्यतीत कराने का बहुत अच्छा साधन बन गया है,किंतु इसका उपयोग यदि कुछ बातों की सावधानी रखते हुए करें,तो हम समय की बर्बादी,स्वास्थ्य के प्रति सजगता,परिवार और रिश्तो में दूरी,आदि इसके दुष्प्रभाव से बचे रह कर इसका आनंद ले सकते हैं।
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लोक डाउन का यह पक्का साथी
जब सारे विश्व में लॉकडाउन हुआ उस समय भी इस टेलीविजन ने ही सारे विश्व को एकजुट में बांधकर रखा।लोग इस टेलीविजन के माध्यम से ही खाली समय को व्यतीत किए,और खुशी महसूस करते रहे। इस तरह यह चुनौती के समय हमारा सच्चा साथी बना।
इस तरह उपयोगी
टेलीविजन के मनोरंजक प्रोग्राम,हमारे मन को खुशी देते हैं,जिनसे हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।टीवी देखने से खाली समय हमारा आसानी से कट जाता है।हम सारे विश्व की गतिविधियां भी घर बैठे जान जाते हैं।
स्मार्ट T v खरीदें,इससे हम बड़ी स्क्रीन पर यू tube पर अपने पसंद के कार्यक्रम देखें।
किंतु आजकल इसके कुछ फायदे होने के साथ-साथ,हम मानव के लिए अज्ञानता वश,कहीं कहीं यह टीवी विनाशकारी स्वरूप भी बन जाता है।
न्यूज़ सुनें,सिर्फ सूचना रखने को
देश- विदेश, शहर और गांव में होने वाली जो घटना की जानकारी हमें सोशल मीडिया, टेलीविजन, या मोबाइल के माध्यम से मिलती है,उसे हम न्यूज़ कहते हैं। इसका हिंदी शाब्दिक अर्थ समाचार भी है।
आजकल सोशल मीडिया पर टीवी के माध्यम से 24 घंटे खबरों का प्रचार- प्रसार हो रहा है। इसे कैसे देखें और इसके क्या लाभ है, इसे देख कर हम क्या खो रहे,और क्या पा रहे हैं,इस पर चिंतन करना जरूरी है।
समाचार को आजकल, टीवी, इंटरनेट और विभिन्न सोशल मीडिया के द्वारा लोग क्षण-क्षण प्राप्त करते हैं,और कमाल की बात है,लोग इसे जानने के लिए हर समय उत्सुक और बेचैन भी दिखाई देते हैं।वे नये समाचार की खोज में अपने मन ,मस्तिष्क को लगाए रहते हैं।
इन खबरों को जानने के लिए कुछ घरों, ऑफिसों में तो कार्य समय में भी टीवी स्क्रीन चलती रहती है,और वे काम करते-करते बीच में वहां नजर मार कर खबर देखने को जागरूक रहते हैं।
टीवी के माध्यम से जिस तरह हम अपने समय को बर्बाद करते हैं,हमें ध्यान देने की जरूरत है।ऐसा देखा जाता है सुबह से शाम तक की एक ही खबर को कुछ घंटों के बाद बार- बार बार दिखाया जाता है,और हम अपने मस्तिष्क को एक ही खबर से बार बार अवगत कराते रहते हैं और जिसकी वजह से हम अपने समय को बर्बाद करते हैं।
खबरों के द्वारा हमें अपने आपको देश दुनिया की खबर से update रखना आवश्यक है, किंतु हर समय न्यूज को,बार बार सोशल मीडिया के माध्यम से देखना, समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी है ।एक निश्चित समय जो पसंद हो १० मिनट का शतक देख कर हम खुद को update रखें।इसे मनोरंजन का साधन न बनाएं।
TV से खुशियाँ दूर
टीवी मनोरंजन का एक अच्छा साधन भले ही हो पर आमतौर पर ऐसा देखा जा रहा है इससे अनेक लोगों की जिंदगी से खुशियां खो सी गई है।लगातार टीवी देखते रहने से जहां सेहत का नुकसान हो रहा है, वहीं टिवी पर प्रसारित अन्य कार्यक्रम सामाजिक और नैतिक समस्याएं भी पैदा कर रहे हैं।ये कार्य क्रम लोगों की खुशियों को दुख में बदल रहे हैं।अधिक देर तक टीवी देखने से दिल, दिमाग और आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
मंद हो रही मानसिक शक्ति
मस्तिष्क की क्रियाशीलता भी कम होती जा रही है।लोग मानसिक रूप से अवसाद से घिर रहे हैं।
परिवार से दूरी
रोजाना घंटो तक टीवी देखने वाले परिवार के लोग आपस में सही तरीके से बातें भी नहीं कर पाते।उठते बैठते आपस में एक दूसरे को ताने मारते हैं,लगातार बैठे रहने की वजह से वे थके हुए होते हैं।उनके सभी काम अपूर्ण रहते हैं।कोई भी काम उनका सही समय पर नहीं होता।उनका समय व्यर्थ के टीवी कार्यक्रम देख कर ही नष्ट हो जाता है।
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नींद से दूरी
वर्तमान में जिस तरह हम टि वि से जुड़ कर देर रात तक इसके कार्यक्रम को देखते हैं, उससे हमारा मस्तिस्क विश्राम और नींद अच्छी नहीं ले पाता, हम खिन्न से रहते हैं और नींद अच्छी न ले पाने की वजह से मन उदासीन रहता है।
बिल गेट्स मिलियनेयर का अनुभव
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स का कथन है टीवी समय को नष्ट करने का सबसे अच्छा यंत्र है,जो स्वास्थ्य के साथ-साथ खुशियों को भी निगल जाता है। वह इसे डब्बा कहते हैं,और यह भी कहते हैं कि वह इस डब्बे से हमेशा दूर रहते हैं।
घर की महिला पर दुस्प्रभाव
घर की महिलाएं इस टीवी पर सीरियल के द्वारा मनोरंजन कर अपना समय व्यतीत करती हैं,जबकि उन्हें यह मालूम ही नहीं वे किसी के घर का झगड़ा या किसी के घर की चुनौतियां देख कर अपना समय बर्बाद करती हैं,इससे वे अपने मन मस्तिष्क में कई तरह के नकारात्मक विचार को भेजते हैं।वे इस सीरियल को अपने मनोरंजन और अपने नित्य जीवन में स्थान दे कर अपनी व्यर्थ ऊर्जा और समय को नष्ट करती हैं।
क्रिकेट
क्रिकेट भी टीवी के माध्यम से घर-घर में घंटों देखा जाता है,जिसके कारण समय और ऊर्जा की व्यर्थ बर्बादी होती है,सिर्फ दो खिलाड़ी खेलते हैं,बाकी करोड़ों लोग उनहें देखकर अपनी समय और ऊर्जा को नष्ट करते हैं।ऐसा भी देखने में आता है कोई भी विकसित देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, रसिया,इस खेल को नहीं खेलता।
बच्चों का स्वास्थ्य
बच्चों के लिए समय की नियमितता टीवी के लिए रखनी बहुत जरूरी है नहीं तो यह बच्चे टीवी में ही,अपना सारा शिक्षा का समय व्यतीत कर देते हैं।बच्चों के लिए जितना स्क्रीन टाइम कम होता है उतना ही उनके लिए लाभप्रद होता है। वे अब खेल खेलना तो भूल ही रहे हैं।
आँखों पर दुस्प्रभाव
हम मानव की सबसे ज्यादा ऊर्जा आँखों से खर्च होती है।टीवी देखने का सबसे प्रतिकूल प्रभाव हमारी आंखों पर पड़ता है,क्योंकि आंखों के द्वारा रंग बिरंगी किरणो के संग से हमारी आँखें कमजोर होती है।आँखों के द्वारा सबसे ज्यादा हो ऊर्जा व्यय होती है,जो हमारे शरीर को आलस्य और मस्तिष्क को विकृति से भर देती है।
कुल मिला कर
वैज्ञानिक उन्नति के साथ आज मनोरंजन के लिए सस्ते साधन के रूप में टेलीविजन हर घर में उपलब्ध है। वर्तमान समय में आधुनिक धारावाहिक के रूप में प्रतिदिन मनोरंजन कराने वाले कार्यक्रम,बिना वेतन के सेवक की तरह हमारे जीवन में प्रचुरता से उपलब्ध है।हमारे जीवन में आवश्यक वस्तुओं को जुटाने और आज की महंगाई के कारण आज के मानव के लिए टेलीविजन मनोरंजन का उत्कृष्ट साधन बन गया है। टेलीविजन मन को स्थिर करने का साधन और एकाग्रता का अभ्यास है,इसके उपयोग से हृदय नेत्र और कानों की एकता हमारे मन को मनोरंजन देती है, खुशी देती है।
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