खुशी के पल को जानें | know the happy moment | Happiness
वह पल जिस समय हम अपनी असीम ऊर्जा के साथ अपने मन को आनंदित हुआ महसूस कर, अति प्रसन्नता का अनुभव करते हैं, वही खुशी के पल होते हैं।
पल – जिसे हम भुला न पाएँ, जो हमें ऊर्जावान महसूस कराता हो,पल जो हमें अतीत के विचार से मुक्त करे, भविष्य की चुनौती से मुक्त करें,उसे हम खुशी के पल कहते हैं।
खुशी के इस पल में हम अपनी वर्तमान स्थिति में होते हैं,जो हमें सारी स्थितियों को भुलाने के लिए मजबूर करती है।
इन पलों को जीने के लिए, इन पलों को जानना ,और सीखना अति आवश्यक है।
खुशी एक परफ्यूम की तरह है,इसे अपने ऊपर धारण करने से उसकी खुशबू चारों तरफ फैलती है।
खुश रहने और खुशी के पलों के लिए जरूरी है ,अपने समय को खुशनुमा लोगों के साथ साझा करना। उनका संग करना जो हर स्थिति में सकारात्मक रहते हैं प्रसन्न रहते हैं।
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खुशी के पलों को प्राप्त करने के विभिन्न तरीके | know the happy moment
१)अपने परिवार के साथ पिकनिक पर जाने का प्रोग्राम करें।
२)अपने किसी पुराने मित्र को फोन लगाएं और उसे बातें करें।
२)कोई संगीत का आनंद ले।
३)कुछ मनपसंद चीजों की खरीदारी करें।
४)सुबह सुबह उठकर कुछ देर प्रकृति में घूमने जाएं।
५)प्रकृति के पास जाकर वृक्षों को देखें ,उन्हें छुए, उनको गले लगाएं।
६)हरी हरी घास पर पैदल चलें।
७)सुबह उठते ही किसी पीली आकृति की वस्तु को देखें,आप सूर्य को भी देख सकते हैं।
८)हाथ ऊपर करके कुछ देर सिर्फ हाथ के व्यायाम करें। हाथ को विभिन्न मुद्रा में कसरत कराएं।
पेड़ पौधों को छुए,उनसे अपने मन की बातें बताएं उनसे लिपट जाए।
सनबाथ ले सूर्य की रोशनी में 10 से 15 मिनट बिताए।
सुबह-सुबह अपने लिए कुछ अच्छे विचार बोले।
अपने करीबी लोगों की तस्वीर को आस पास लगाएं और उसे देखें।
अचानक खुशी के पल को वापस लाने के लिए कोई चॉकलेट खाएं या अखरोट का सेवन करें। भारत में उपलब्ध कई तरह के चूर्ण भी प्रसन्नता देते हैं।
हर घंटे में कुछ देर बिना वजह भी मुस्कुराए।
अपने माता पिता के साथ पास कुछ देर बैठे।
अपने बच्चों से बातें करें।
कभी-कभी साइकल चलाएं।
कभी-कभी स्विमिंग करें।
किसी पहाड़ी स्थल पर घूमने जाएं,और वहां पर पहाड़ पर चढ़ने और उतरने का आनंद लें।
आसपास के किसी रिसोर्ट में जाकर आनंद लें,प्रकृति के बीच में रहकर समय व्यतीत करें।
कभी-कभी सारे दोस्त रविवार को छुट्टी के दिन पार्क में इकट्ठे होकर, हंसी -मजाक करें।
धर्म पत्नी और बच्चों के साथ अचानक डिनर का प्रोग्राम प्लान करें।
कभी मन में कोई गुफ्तगू चल रही हो तो उसे कागज पर लिख डालें।
महीने में एक बार मूवी देखने जरूर जाएं।
साल में एक दो बार शहर से बाहर घूमने का प्लान करें।
साल में एक दो बार अपने परिवार के साथ कोई सेलिब्रेशन करें,सब को आमंत्रित करें, सब को खिलाएं पिलाएं,और मस्ती करें।
अपने जीवन का उद्देश्य धन के साथ-साथ, रिश्तो को भी कमाने का रखे।
कभी-कभी गौशाला जाकर अपने हाथों से गाय को गुड़ खिलाएं।
कोई अच्छी पुस्तक के एक दो पन्ने जरूर पढ़ें।
कभी-कभी जंगल सफारी करके भी मन को ऊर्जा दी जा सकती है।
अपने मन की किसी भी चुनौती के लिए सलाहकारों से खुलकर प्रश्न करें, चुनौती रह नहीं सकती, टिक नहीं सकती।
आसपास कभी किसी सेमिनार की खबर सुनें,तो उसको अटेंड करने जरूर जाएं।
कभी किसी का निमंत्रण मिले, तो वहां जरूर पहुंचे।
कभी-कभी बोटिंग के लिए जाएं।
ये भी करके खुशी के पलों का लुत्फ़ उठाये।
कभी बारिश में भीगने का आनंद भी ले।
कभी-कभी राम कथा या कृष्ण कथा का भी आनंद ले कर देखें।
खूबसूरत पलों को याद करें।
रोज किसी एक इंसान की प्रशंसा जरूर करें।
किसी फाइव स्टार होटल की लॉबी में जाकर बैठ जाएं।
किसी फाइव स्टार होटल के स्विमिंग पूल पर बैठकर समय व्यतीत करें।
कभी शाम के समय चाय या कॉफी पीने जाएँ, कोफ़ी और सैंडविच खाए।
कभी-कभी ग्रीन टी पिए।
अपने घर अपने मोहल्ले और शहर के स्वच्छता की जिम्मेदारी लें, हमेशा याद रखें जितना हम स्वच्छ वातावरण में रहते हैं उतना उस वातावरण के प्रति हमारा प्यार बढ़ता है हमारा आकर्षण बढ़ता है हमारे मन को उस स्थान पर प्रसन्नता महसूस होती है।
हैप्पी बर्थडे जरूर बनाएं, हैप्पी न्यू ईयर, सब त्योहार को जरूर जरूर मनाएं ।
किसी अजनबी से बातें करें।
कभी-कभी किसी अजनबी की मदद करें।
कभी-कभी कुछ मूर्खों जैसी हरकतें करें।
कभी-कभी फास्टिंग डे मनाए। उस दिन खाली जलीय पदार्थ पिए। जैसे नारियल पानी, जूस आदि।
खुशी के पलों के लिए नए-नए प्रयोग करें।
रोज खुद को सिर्फ 1% ज्यादा खुश रहने के लिए संकल्प लें।
कृतज्ञता और सॉरी जैसे शब्दों का फायदा उठाना सिखे।
अपने जीवन में शिक्षा के बाद भी डायरी जरूर साथ रखें और उस डायरी में अपने जीवन की सब छोटी बड़ी बातें और योजनाओं को लिख कर रखें।
शब्दों की बागवानी करना सीखें। अच्छे शब्दों को अपनी डायरी में अपने मस्तिष्क में जमा रखें और मौका मिलने पर इसका प्रयोग जरूर करें।
अच्छे पलों की भावना के लिए कुछ मनपसंद गीतों को गुनगुनाया भी जा सकता है।
जीवन में सेवा में परमात्मा और खुशियों का निवास है। सेवा के लिए तन मन धन से भी ज्यादा दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। हम सेवा करें जरूरत के समय किसी के काम आए।
कुल मिला कर|
यूं तो गुब्बारे बेचने वाला एक बच्चा गुब्बारे बेचकर खुश होता है, और गुब्बारे खरीदने वाला दूसरा बच्चा गुब्बारे को खरीद कर खुश होता है, इसलिए खुश रहने के लिए हम इस बात को ध्यान रखें कि हम किसी वजह से खुश ना हो,क्योंकि किसी वजह से अगर हम खुश होते हैं तो वह वजह खत्म होने के तुरंत बाद हमारी खुशी भी खत्म हो सकती है। इसलिए हम बेवजह खुश होने की आदत डालें, खुश रहने की आदत डालें।
बेवजह खुश रहने की आदत डालने के लिए, खुशी के पलों को प्राप्त करने के लिए, हम मुस्कुराने की आदत डालें ।मुस्कुराहट जीवन की अमूल्य निधि है। हमारे चेहरे का आभूषण है और मुस्कुराहट का ऐसा प्रभाव है कि यह सारे वातावरण में नई चमक ला देता है। मुस्कुराहट परमात्मा की भाषा भी है। मुस्कान प्रेम की भाषा भी है। मुस्कान औषधि है। मित्रता की भाषा है। दिलों की दूरियों को मिटाने की ताकत रखती है, यह आत्मा की शक्ति है।
याद रखें एक मुस्कुराहट भरे चेहरे को देखने से हमारे चेहरे पर स्वत: ही मुस्कान आने लगती है, इसलिए हर हाल में मुस्कुराए,और मुस्कुराहट का 1 गुण और भी है, कि वह हमसे लेती कुछ नहीं, हमें सिर्फ देती ही देती है ।
जीवन की हर सुबह एक नई जिंदगी लेकर आती है। पशु- पक्षीऔर प्रकृति भी हर नए दिन की शुरुआत करते हैं, उसी तरह क्यों ना हम भी आज से ही उत्साह और उल्लास के साथ नए दिन की शुरुआत करें।अपने आज का स्वागत करें ,यही जीवन है, यही जीवन का सार है, यही मानव के अस्तित्व की सभी विविधता है -वास्तविकता है।यह सिद्धि का वैभव है। भूतकाल हमारा सपना है, भविष्य काल कल्पना है।सुखद और खुश रहना वर्तमान में ही हमारे जीवन का मूल कारण है। अगर किसी काम को करने के लिए हमें खुशी से समझौता करना पड़े तो उसे हम दूर ही रहें।
जरा मुस्कुरा दो भई:-
जय श्री कृष्ण
धन्यवाद
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