विचार – अच्छे विचार सुविचार कैसे लाते हैं? | Good thoughts good ideas
किसी माध्यम के द्वारा हमारे मन में उठा हुआ हर विचार कभी ना कभी हकीकत का रूप ले ही लेता है। हमारे विचार हकीकत में बदलने लगते हैं ।
अच्छे विचार सुविचार कैसे लाते हैं? | good thoughts good ideas
मनुष्य के विचार बीज की भांति अनन्त शक्तियों को अपने में समाए होते हैं।और ये बीज अगर अंकुरित हो जायें तो चमत्कार कर सकते हैं।जीवन में प्रगति के पथ पर बढ़ने के लिए अच्छे विचारों की बढ़ोतरी होना बहुत ही जरूरी होता है।
हम केवल अपने विचार को बदल कर अपना भविष्य बदल सकते हैं। हमारे सकारात्मक विचार हमेशा हमें प्रगति की ओर ले जाते हैं ,खुशी की ओर ले जाते हैं। हमारे जीवन को सुंदर बनाते हैं। हमारे विचार हमारी पूंजी हैं।
यह विचार हमारे जीवन की खुशियों में नीव की तरह होते हैं ।हमारे विचार अदृश्य शक्तियों के द्वारा भेजे गई तरंग होती हैं ,जो हमें जीवन में दिशानिर्देश करती है ।विचारों का मतलब वाक्य और शब्द भी है, हमारे विचार सदैव हमारे संगी साथी बनकर हमारे साथ चलते हैं, हमारे मन में रहते हैं और उन्हीं की दिशा निर्देश के अनुसार हमारा मन कार्य करता है।
हर मानव विचारशील प्राणी है अपने जीवन के निर्माण में वास्तुकार है,और विचार के द्वारा वह जिस चीज की कल्पना कर सकता है उसी की वह रचना भी कर सकता है ।अदृश्य शक्तियों द्वारा भेजे गए विचार हमारे मस्तिष्क में बीज का कार्य करते हैं। जैसे विचार रूपी बीज हमारे मस्तिष्क में आते हैं वैसे ही परिणाम आने लगते हैं।
हमारे मन मस्तिष्क पर हर समय विचारों का प्रवाह बना रहता है जिससे इको साउंड की तरह हम कुछ ना कुछ सदैव सोचते रहते हैं और अपने खुद से इन विचारों के बारे में बातें करते हैं फिर उसी पर आगे के लिए योजना बना कर कार्य करने लगते हैं।
हमें विचारों पर बहुत ध्यान देना चाहिए क्यों की वे हमारे शब्द बनते हैं , शब्द हमारी क्रिया ,और क्रिया हमारी आदत बनती है जो चरित्र बन कर हमारी खुशियों का निर्माण करती है।
60,000 से अधिक विचार रोज हमको आते हैं और यही विचार हमारी इच्छा और भावना को जन्म देते हैं और आए हुए विचारों पर हम जो चिंतन करते हैं वही परिवर्तित होकर हमारा भविष्य बनता है ।
उत्तम विचार देह और मन को स्वस्थ रखते हैं और खुशी रूपी तरंगों में परिवर्तित होकर मन मस्तिष्क को खुशियां प्रदान करते हैं।
यह देखा जाता रहा है कि विचार हमारे जीवन में हमारे मित्र का कार्य करते हैं और बोले गए शब्दों को जरा सा विचार कर बोलना या बदल कर उचित शब्दों का प्रयोग करना हमारे मस्तिष्क में आने वाले विचारों को भी प्रभावित करता है।हम जैसे शब्द का उपयोग करते हैं ,उसी के अनुरूप विचारों का प्रवाह हमारे मस्तिष्क में होने लगता है।
इसलिए सदैव हमें वही स्थिति मस्तिस्क मे रखनी है, जो स्थिति हम चाहते हैं। उन्हीं के अनुरूप विचारों का निर्माण मन मस्तिष्क पर करना चाहिए, उन्हीं शब्दों को बोलना चाहिए जो हम होते हुए देखना चाहते हैं।
विचारों और भावनाओं को जो हम सोचते हैं कभी ना कभी हम बोल ही देते हैं और जो हम कभी ना कभी बोल देते हैं कभी ना कभी कर भी बैठते हैं ,,इसीलिए हमें अपने विचार और अपने शब्दों पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। विचार ही भावना में परिवर्तित होते हैं और हमारे जीवन में खुशियों का निर्माण करते हैं।
निरंतर अच्छे विचारों पर चिंतन मनन कर हम अपने जीवन में खुश रह सकते हैं।
विचारों के निर्माण के लिए हमें जीवन में नई नई चीजों को सीखते रहने की आदत बनानी चाहिए।हमें पुस्तक पढ़ने की आदत पर काम करना चाहिए। हमें वही चीजें आंखों से देखनी चाहिए ,कानों से सुननी चाहिए ,जो हम चाहते हैं क्योंकि जो हम देखते हैं , सुनते हैं, वही बीज रूप में परिवर्तित होकर ,हमारे मन रूपी धरातल पर, विचारों में परिवर्तित होते हैं।
हमारी सोच को सही दिशा में ले जाने के लिए हमें सदैव ऐसे संगीसाथी का चयन करना चाहिए जो सकारात्मक विचारों से घिरे रहता हो । जो ज्ञान और शब्द के प्रयोग के महत्व को जानता हो। जो सदैव उचित शब्दों का प्रयोग कर ,सदेव जीवन में आगे बढ़ने के लिए ही प्रयासरत रहते हैं।
हमें जैसे मित्र, शिक्षक ,और धर्मगुरु जीवन में मिलते हैं उसी के आधार पर हमारे विचार और मान्यताएं बनती हैं ये ही हमारे जीवन में हमारे मस्तिष्क को ट्रेन करते हैं ,हम तो बस इनके द्वारा मिले हुए रेडीमेड विचारों को मन में इंस्टॉल करते हैं और उन पर हम कार्य करने लगते हैं।
नित्य का व्यायाम ,प्राणायाम, प्रातः कालीन भ्रमण ,और प्रकृति के साथ जुड़े रहने की हमारी आदत, शुद्ध वायु तत्व में रहने से हमारा शरीर ,मन, मस्तिष्क स्वस्थ रहता है और पवित्र विचारों से घिरा रहता है जो हमें खुशियां देता है।
आज हम जो भी हैं ,जैसे भी हैं ,जहां भी है ,हमारे अतीत में किए हुए विचारों का परिणाम ही है ।हमारा कंट्रोल हमारे सभी वर्तमान के विचारों पर रहता है हमारे वर्तमान के शब्दों पर रहता है। हमारे वर्तमान के शब्द और विचार ही हमारे भविष्य को बदल सकते हैंक्यों की हमारे विचारों और शब्दों के द्वारा ही हमारे मन में खुशी की भावना उत्पन्न होती है और उसी के अनुरूप हमें नए विचार मिलते हैं जो हमें खुशियां देते हैं।
हमें ऐसे शब्दों का चुनाव जीवन में करना चाहिए जो हमें ताकतवर सुखी और समृद्ध बना सकें ।
खुशियों के लिए विचारों को विराम देना या रोकना भी अति आवश्यक है जो हमें मानसिक शांति और पूर्णता देता है।
इन विचारों को विराम देने के लिए हमें परमपिता परमेश्वर का ध्यान करना चाहिए, प्रार्थना करनी चाहिए और उनके जप का सहारा लेना चाहिए। विचारों के विराम के लिए ओम मंत्र अति कारगर सिद्ध होते देखा गया है।
सांसो का प्राणायाम ,योग,व्यायाम के द्वारा हम अपने मन मस्तिष्क के विचारों को निष्क्रिय कर सकते हैं। इस अवस्था पर पहुंच कर हमारा मस्तिष्क आनंद, मानसिक शांति, पूर्ति दायक शरीर ,पूर्ति स्फूर्ति और प्रसन्नता और खुशियों की प्राप्ति करता है।
कुल मिलाकर हमारे पास जो विचार आते हैं, उसके अनुरूप हम सोचते हैं उसी के अनुरूप हम बोलते हैं और जो हम बोलते हैं वही हम बनते हैं और वही हमारी खुशियों का निर्माण करते हैं।
हमारी प्रत्येक स्थिति हमारे पूर्व के किसी विचारों का ही परिणाम होती है। हमें जीवन में सफलता खुशियां हासिल करने के लिए निरंतर अपने शब्द, विचार, और सोच कर काम करना चाहिए।सोच कर ही सोचना चाहिए।जैसा विचार वैसा जीवन ।
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण